Hanuman Chalisa at Triveni Ghat, Rishikesh

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  • เผยแพร่เมื่อ 4 ต.ค. 2024
  • Hanuman Chalisa was sung at Triveni Ghat, Rishikesh during evening Ganga aarati. Lyrics below in Hindi
    Singer: Vijender Verma। Co-Singer: Ashish
    Tabla Player: Naveen Sharma
    Do visit Triveni Ghat, Rishikesh at the time of sunset for the live experience of beautiful Ganga aarati, Bhajans and Sankirtan.
    For live darshan of everyday Ganga aarathi at Triveni ghat, Rishikesh, do subscribe to channel ‪@rishikeshtrivenighatlivemu8651‬
    Original video from channel ‪@rishikeshtrivenighatlivemu8651‬
    Link to original video: www.youtube.co...
    श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
    बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार।।
    जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
    राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
    महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
    कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
    हाथ वज्र और ध्वजा विराजे। कांधे मूंज जनेउ साजे।।
    शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
    विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
    प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
    सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
    भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।
    लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुवीर हरषि उर लाये।।
    रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
    सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
    सनकादिक ब्रम्हादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहींसा।।
    जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहां ते।।
    तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाये राज पद दीन्हा।।
    तुम्हरो मंत्र विभीषण माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
    जुग सहस्र योजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
    प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
    दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
    राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
    सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।।
    आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
    भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै।।
    नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
    संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
    सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा।।
    और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै।।
    चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
    साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।।
    अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।
    राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
    तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।
    अंत काल रघुवर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।
    और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्व सुख करई।।
    संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
    जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
    जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बन्दि महा सुख होई।।
    जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
    तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महा डेरा।।
    पवनतनय संकट हर, मंगल मूरति रूप।
    राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
    #hanumanchalisa #trivenighat #rishikesh #gangaaarti #jaishreeram

ความคิดเห็น • 1

  • @seemakalle433
    @seemakalle433 7 หลายเดือนก่อน +1

    🙏🙏🙏🙏🙏