द्रव्यसंग्रह # 01, 02, 03 | मंगलाचरण | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी
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- เผยแพร่เมื่อ 6 ก.พ. 2025
- मुनि श्री प्रणम्य सागर जी द्वारा द्रव्यसंग्रह , की वाचना गाथा नंबर # 01, 02, 03
1 मंगलाचरण.
जीवमजीवं दव्वं जिणवरवसहेण जेण णिद्दिट्ठं ।
देविंदविंदवंदं वंदे तं सव्वदा सिरसा ॥ 1 ॥
गाथा भावार्थ - मैं ( आचार्य नेमिचन्द्र ) जिनवरों में प्रधान तीर्थंकर भगवान , जिन्होंने जीव और अजीव द्रव्यों का निरूपण किया एवं जो इन्द्रों के समूह से वंदित हैं , उनको सदा मस्तक झुका कर नमस्कार करता हूँ ।
INVOCATION
1 . I (Acarya Nemichandra ) make obeisance humble , always by bowing my head , to that supreme Lord Jina ( Victor ) who has expounded the reality of substances ( dravyas) - souls (jival) and non - souls (ajiva ) - and who is worshipped by the congregation of the lords ( Indras ) of celestial beings (devas) .
2 जीव द्रव्य का कथन.
जीवो उवओगमओ अमुत्ति कत्ता सदेहपरिमाणो ।
भोत्ता संसारत्थो सिद्धो सो विस्ससोड्ढगदि ॥ 2 ॥
गाथा भावार्थ - जो उपयोगमय है , अमूर्त है , कर्ता है , निज शरीर के बराबर है , भोक्ता है , संसार में स्थित है , सिद्ध है और स्वभाव से ऊर्ध्वगमन करने वाला है , वह जीव है ।
2 . Jiva is characterized by consciousness ( cetana ) that is concomitant with upayoga - perception ( darsana ) and knowledge ( jnana ) , is incorporeal ( amurta ) , a causal agent ( karta ) , coextensive with the body , enjoyer of the fruits of karmas ( bhokta ) , having the world as its abode, emancipated ( Siddha ), and of the nature of darting upwards .
3 नयों की विवक्षा से जीव का लक्षण
तिक्काले चदुपाणा इंदियबलमाउ आणपाणो य ।
ववहारा सो जीवो णिच्छयणयदो दु चेदणा जस्स ॥ 3 ॥
गाथा भावार्थ - व्यवहारनय से तीन काल में इन्द्रिय , बल , आयु और प्राणापान ( उच्छ्वास - नि:श्वास ) इन चारों प्राणों को जो धारण करता है वह जीव है और निश्चयनय से जिसके चेतना है वह जीव है ।
3 . From the empirical or phenomenal point of view ( vyavahāra naya ) , that which is living at present , will continue to live in the future , and was living in the past , through its four principles of organism [ pranas - strength (bala prana ) , senses ( indriya prana ) , duration of age (ayuh prana ) , and respiration ( ucchvasa-nihsvasa prana)] , is the jiva . From the transcendental or noumenal point of view ( niscaya naya ) , that which has consciousness is the jiva .
Date : 2019-10-17
Gatha : 01-03
Granth : Dravyasangreh
Pravachan : Muni Shri Pranamya Sagar Ji
गुरुचरणों में बारंबार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु 🙏💖🙏💖🙏💖
नमोस्तु गुरुवर नमोस्तु गुरुवर नमोस्तु गुरुवर 🙏🙏🙏
नमोस्तु गुरुदेव 🙏🙏
Namostu bhagvan
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु महाराज जी 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Namostu gurudev namostu namostu 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🏻 ओं अर्हं नमः। 🙏🏻
🙏🏻 णमो लोए सव्वसाहूणं। 🙏🏻
🙏🏻 Helpful n Useful 🙏🏻
🙏🏻 Thank U! So Very Much for Sharing 🙏🏻
🙏🏻 Jai Jinendra n Uttam Kshama! 🙏🏻
Jai Bharat! 🇮🇳 🙏🏻
(2023 Jan 19 Wed 11:00 OnW Whl C)
Sat sat नमन
Namostu maharaj shree
Namostumaharaji
हे प्रभु आपके द्वि चरण में णमोत्थू
Namostu guru🙏🙏🙏
NAMOSTU NAMOSTU NAMOSTU GURUDEV 🙏🙏🙏
वृषभ= श्रेष्ठ, जिनवर वृषभ = तीर्थंकर, वृंद = समूह
जीव और अजीव द्रव्य का कथन करनेवाले, देवेंद्रो के समूह से वंदनीय तीर्थंकर भगवान जिनवर वृषभ को नमस्कार करता हूं।
☺️☺️🙏🙏 simple and interesting explanation
Mamta lad namostu gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏
Barambaar namostu namostu namostu munishri ko
Namostu maharajshri
Jsca
नामोस्तु गुरूदेव.............आपके चरनो मे कोटी कोटी नमन
Namostu gurudev Manisha Jain mumbai
🙏❤🕉🙏
Anita Chhaya Jain Namostu gurudev
Namostu Gurudev 🙏🙏
न मोस्तु गुरुवर 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 बहुत सुन्दर तरीका समझाने का🙏🏻
गुरुवर को बारंबार त्रिकाल नमोस्तु 🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut sunder samjhaya
नमोस्तु गुरु वर। नमोस्तु गुरु वर
गुरुदेव के श्री चरणों में बारंबार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु
कोटि कोटि नमोस्तु मुनिश्री
नमोस्तु मेरे गुरूवर
Namostu Namostu
कोटि-कोटि नमन गुरु देव
Namostu guruver
Namostu mharaji
, नमोस्तु गुरुदेव
णमौस्थु गूरुवर,कौटिश:नमन्
Anantobar namostu
Very nicely explained
नमोस्तु गुरूवर
Namostu Muni ver
नम़ोस्तु गुरुदेव
नमोऽस्तु गुरुवर
Namastu guravar
namostu gurudev
नमोस्तु गुरुदेव
आपके चरणों में कोटिशः नमन व वन्दन
Namostu Gurudev
नमोस्तु गुरुवर
👏👏👏
शत शत नमन गुरुभग्वन 🙏
Namostu maharaj ji
Bahut hei sunder samjhaya
नमोस्तु गुरुदेव
नमोस्तु गुरु देव
उषाकिरण गोधा परिवार
Beautifully explained 🙏
Shat Shat Naman Gurudev🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
जीव द्रव्य के ९ लक्षण:
जीव द्रव्य जीव, उपयोगमय, अमूर्तिक, कर्ता, भोक्ता, देह प्रमाण, संसारी, सिद्ध, स्वभाव से ऊर्ध्व गमन करनेवाला इन ९ लक्षणोंवाला होता है।
निश्चय से जीव चेतना मात्र है।
प्राण:
व्यवहार से जीव के मूल ४ प्राण होते है श्वास, आयु, बल, इंद्रिय प्राण होते है। ... इंद्रियां ५ (स्पर्श, रस, गंध, वर्ण, कर्ण) और बल ३ (मन, वचन, काय) होते है सो श्वास और आयु के साथ जीव के प्राण १० हो सकते है। ... १ से ५ इंद्रिय जीवों के क्रम से ४, ६, ७, ८, ९\१० प्राण होते है। ... सैनी (मन सहित ५ इंद्रिय) जीव के १० प्राण और असैनी (मन रहित ५ इंद्रिय) जीव के ९ प्राण होते है।
अरिहंत भगवान जी के भी मात्र ४ प्राण होते है श्वास, आयु, वचन बल और काय बल। ... अरिहंत अवस्था में शरीर रहता है पर इंद्रिय ज्ञान नहीं होता so इंद्रियों का काम नहीं रहता भले परम औदारिक शरीर हो। ... अरिहंत आत्मा से सब जानते देखते है सो उनके मन और इंद्रियों का काम नहीं रहता। ... दिव्यध्वनि की अपेक्षा वचन बल होता है।
निश्चय से जीव चेतना प्राणों से जीता था, जीता है और हमेशा जीता रहेगा।
(२०२३ फेब ०२ गुरुवार ०२:४५ से ०३:३६)
Hi
MERA MAN SE ,BACHAN SE, OR KAY SE TRIVAR NAMOSTU NAMOSTU NAMOSTU GURUDEV
SANJAY JAIN VILLAGE AND POST JARKHI TUNDLA DISTT FIROZABAD
HAMARA BHI KABHI ESA PUNYA JAGE KI MAHARJ SHREE KEJARKHI GAON MAI BHI CHARAN PADE.
YAHA PER DO JINMANDIR HAI .YAHA KA BHI SUDHAR HO JAYE .
Can someone send me the Google Docs link where the PDF of pravachan are been kept and also various links to various questions, quizzes etc.?
Namostu maharj g kya katantra ke videos ha?
Papar hal karna he
Iske bad ki gatha nhi ha kya
Dravya sangrah ki saare pravachan: Dravyasangreh | द्रव्यसंग्रह: th-cam.com/play/PLORe5EDfN6SpZPPjcR0x1qgXlQGpj37kn.html
द्रव्य संग्रह बहुत अच्छी तरह से समझ में आया है
नमोस्तु महाराजजी प्राकृत भाषा में बहुत सरल तरीके से समझाया
नमोस्तु गुरुवर नमोस्तु गुरुवर नमोस्तु गुरुवर 🙏🙏🙏
Namostu Bhagwan
Namostu bhagvan
नमोस्तु गुरू देव
Namostu Guruvar 🙏🙏
नमोस्तु गुरुवर
Anita Chhaya Jain Namostu gurudev
Namostu guruver
🙏🙏🙏
Kodi kodi Namostu Namostu Gurudev
Namostu gurudev 🙏🙏🙏
नमोस्तु गुरुवर
Namostu guruver
namostu Gurudev
Namostu gurudev
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namostu gurudev
Namostu Gurudev
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Namostu gurudev
Namostu gurudev
Namostu gurudev