Very very wonderful speech very very talented pravachn sa Prem sahab bandagi tarkik bichar pragya purn krantikari bichar thank you very much satguru sahab
फिर करने को है। दीन दुखियों की सेवा और अपने से कमजोरों पर रहम क्या भावे बदरी क्या भावे गया। कह कबीर सुनो भाई साधो सबसे बड़ी दया। जीवों पर दया करो। तभी तो प्रभु की दया कृपा बरसेगी।
इस संसार में बल्कि हिंदुस्तान में धर्म कमाई का सबसे बढ़िया धंधा है। जहां भी लगा लो। चल जाता है। क्योंकि हिंदुस्तान में मूर्खों की कोई कमी नहीं। ग़ालिब ने सही कहा था कि एक ढूंढो हजार मिल जाएंगे।
लगता है कबीर पंथी भी कहीं हद तक एक संप्रदाय का हिस्से बनकर रह गए हैं। जैसे संप्रदाय लकीर का फकीर। ये भी लकीर के फकीर हो गए हैं। रटा रटाया इमला। धर्म यानि सत्य यानी परमेश्वर। इमला से मिलता है।
द्रौपदी के चीरहरण का किस्सा सुनाने के लिए कबीर साहेब ने गद्दी सौंपी थी या कहा था। कबीर साहब ने आपको किसी महान कार्य के लिए भेजा है कि लोगों को नाम कि महिमा सुनाओ। बताओ नाम की महिमा। कैसी महिमा करता है। और किन पर करता है।
Very very wonderful speech very very talented pravachn sa Prem sahab bandagi tarkik bichar pragya purn krantikari bichar thank you very much satguru sahab
Param pujya adarneey great krantikari satguru abhay sahab Ji ke charno me sat sat Koti Koti naman vandan karta hoon sa Prem sahab bandagi karta hoon
फिर करने को है। दीन दुखियों की सेवा और अपने से कमजोरों पर रहम क्या भावे बदरी क्या भावे गया। कह कबीर सुनो भाई साधो सबसे बड़ी दया। जीवों पर दया करो। तभी तो प्रभु की दया कृपा बरसेगी।
इस संसार में बल्कि हिंदुस्तान में धर्म कमाई का सबसे बढ़िया धंधा है। जहां भी लगा लो। चल जाता है। क्योंकि हिंदुस्तान में मूर्खों की कोई कमी नहीं। ग़ालिब ने सही कहा था कि एक ढूंढो हजार मिल जाएंगे।
कोई कबीर के नाम पर कोई रैदास के नाम पर कोई बुद्ध के नाम पर। सब अपनी अपनी दुकानदारी चला रहे हैं।
लगता है कबीर पंथी भी कहीं हद तक एक संप्रदाय का हिस्से बनकर रह गए हैं। जैसे संप्रदाय लकीर का फकीर। ये भी लकीर के फकीर हो गए हैं। रटा रटाया इमला। धर्म यानि सत्य यानी परमेश्वर। इमला से मिलता है।
महाराज जी। एक बात बताइए कि इन्सान की परिभाषा क्या है। इन्सान किसे कहते हैं। पहचान। कैसे पहचानें।
द्रौपदी के चीरहरण का किस्सा सुनाने के लिए कबीर साहेब ने गद्दी सौंपी थी या कहा था। कबीर साहब ने आपको किसी महान कार्य के लिए भेजा है कि लोगों को नाम कि महिमा सुनाओ। बताओ नाम की महिमा। कैसी महिमा करता है। और किन पर करता है।
पहले अपने मां-बाप की सेवा तो कर लो जिन्होंने तुम्हें अपने खून से सींचकर पाला है। क्या वो भगवान नहीं हैं।
अपने मां बाप के खून का कर्ज अदा करो।
Kan khol kar soon lo