निसन्देह आपके कमेंट, like, dislike मेरे लिए काफी महत्व रखते है हर एक शब्द एक नवीन विचारधारा नवीन तकनीक प्रदान करता है ओर साथ साथ उत्साह भी प्रदान करता है। साथ बनाये रखियेगा। धन्यवाद👏👏👏👏👏👏
10 mint ka bhi time milta h to aapko yaad karta hu sir kyu ki mujhe pata h ye 10 mint jaya karne ki vajah se kyu na aapke video dekh lu.. Kyu ki ye 10 mint har confuse dur kar dets h..shandar Thank u again🙏
मेरा पढ़ाया एक के भी असर करता है तो मानो पढ़ाया गया सार्थक सिद्घ हो गया। माता रानी से यही विनती है कि आप सबके सपने पूर्ण हो इसमे छोटा सा उत्प्रेरक हम भी सिद्ध हो 💐💐💐
[ईश्वर सगुण भी है, और निर्गुण भी] प्रश्न―परमेश्वर सगुण है, वा निर्गुण? उत्तर―दोनों प्रकार [का] है। प्रश्न―भला, एक मियान में दो तलवारें कभी रह सकती हैं? एक पदार्थ में सगुणता और निर्गुणता कैसे रह सकती हैं? उत्तर―जैसे जड़ के 'रूप'-आदि गुण हैं और चेतन के 'ज्ञान'-आदि गुण जड़ में नहीं हैं, वैसे चेतन में 'इच्छा'-आदि गुण हैं और जड़ के 'रूप'-आदि गुण नहीं हैं। इसलिये ‘यद् गुणैः सह वर्त्तमानं तत्सगुणम्’ 'गुणेभ्यो यन्निर्गतं पृथग्भूतं तन्निर्गुणम्’=जो गुणों से सहित वह 'सगुण' और जो गुणों से रहित वह 'निर्गुण' कहाता है। अपने-अपने स्वाभाविक गुणों से सहित और दूसरे विरोधी के गुणों से रहित होने से सब पदार्थ सगुण और निर्गुण हैं। कोई भी ऐसा पदार्थ नहीं है कि जिसमें केवल सगुणता वा केवल निर्गुणता हो, किन्तु एक में ही सगुणता और निर्गुणता सदा रहती है। वैसे ही परमेश्वर अपने अनन्त ज्ञान-बल-आदि गुणों से सहित होने से 'सगुण' और 'रूप'-आदि जड़ के तथा द्वेष-दुःख-आदि जीव के गुणों से पृथक् होने से 'निर्गुण' कहाता है। [निराकार को निर्गुण और साकार को सगुण कहना ठीक नहीं] प्रश्न―संसार में निराकार को निर्गुण और साकार को सगुण कहते हैं। अर्थात् जब परमेश्वर जन्म नहीं लेता, तब 'निर्गुण' और जब अवतार लेता है, तब 'सगुण' कहाता है। उत्तर―यह कल्पना केवल अज्ञानियों और अविद्वानों की है। जिनको विद्या नहीं होती, वे पशु के समान यथा-तथा बर्ड़ाया करते हैं। जैसे सन्निपात-ज्वरयुक्त मनुष्य अण्ड-बण्ड बकता है, अविद्वानों के कहे वा लेख को वैसे ही व्यर्थ समझना चाहिये। शेष आगे.....free सत्यार्थप्रकाश Whatsapp 94 130 20 130
निसन्देह आपके कमेंट, like, dislike मेरे लिए काफी महत्व रखते है हर एक शब्द एक नवीन विचारधारा नवीन तकनीक प्रदान करता है ओर साथ साथ उत्साह भी प्रदान करता है। साथ बनाये रखियेगा।
धन्यवाद👏👏👏👏👏👏
Ji sir
sir plz provide notes inany case ..
paid bhi chalenge
Good work 👍 sir ji
Very helpful for students ☺️❤️
Superb content sir ji 🙏
Aapka bhut bhut aabhaar
ॐ शम्भू महायती शिवगोरक्षनाथायः नमों नमः
जय हों संत जम्भेश्वर भगवान
जय हों सिद्ध जसनाथ जी महाराज
🙏🔱❤️🌹🙏🔱❤️🌹
Bahut badiya guru ji
Bhot hi saandhar class guru ji
Jordar
Excellent h class sir ji❤❤
Nice trickss
Excellent
Sir 😊👌👌
Thanks 👍 sir, nice
Thanks ji
Bahut accha tha bhaiya
Sandaar trick
thank you so much
Super
Nice class sir
बहुत अच्छा
superb class sir
Superb sir ji
👍👍
👏👏👍🤲
❤
👌👌👌👌
Thank सर
Suberb👌👌👌✌️✌️✌️
Verygood 👌
Thank you🙏💕
Bhut hi umda trick 🤗🤗
Wahhh...... wahhhh.....🥳🥳🥳🥳🥳🥳
Gjb sir ji
Nice trick
Shandaar 👍
Very nice
Thnx a lot for easy trick
Very nice 👍👌
Trick bhi shamdaar🙏🙏👌
Good work 👍 sir
बहुत अच्छा सर ❤❤
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🎂
Gurudev 🤗
Bhot bdia sir ji
Thanks
Nice sir ji
Nice vedio🙏🙏🙏
Thanku sir..🙏🙏🙏🙏
Good 🙏🙏🙏🙏
Bhut bdhia trick sir ji 🙏
👍
.. 🙏🏼..
Thanks Guruji pranam 🙏🙏🙏🙏
Thnx sir bilkul bi yaad nhi horha tha ye
बहुत ही शानदार सर जी
Thank deenu💐
Super s upper sir ji
Bahut khub 👍🏻👍🏻
Supar sir
Bhot bdiya sirji
👌👌
Iske liye me kl hi soch rha tha ki aapko bolu iske liye..aur aapne aaj krwa hi diya. 😍😘👌👌
😊😊😊😊
Wah sir maja aa gaya pad kr thanks sir
🙏🙏🙏
✍️✍️😊🥀
वा sir ji 🔥🔥🔥
Good tricks guru ji 🙏🙏🙏🙏
निरंजन हरी लाल गूदड़ संत पर आते
Jordaar Gurudev
😃😃 thanku sir !!
Sir you are great sir aapke baare m bolne k liye bhut kuch h per kaise bolu samajh nahi aata aap hamare liye god ho 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Thank u sir ji...
Super sir ji 🙏
10 mint ka bhi time milta h to aapko yaad karta hu sir kyu ki mujhe pata h ye 10 mint jaya karne ki vajah se kyu na aapke video dekh lu..
Kyu ki ye 10 mint har confuse dur kar dets h..shandar
Thank u again🙏
Thanks ji😊😊😊😊💐💐💐
Very good class..
बहुत बढ़िया प्रयास
Waah guru ji maan gaye apko Waah Dil se ThanKyou apki Mehnat ko I love You so much
thank jee😊😊😊💐💐
Superb sirji🙏
आपका दिल से बेहद आभार 🥰
Sir ji vadhy yantr v tat vadhy yantr ki bhi trik btana please
TH-cam pr video bnaya hua h naa
Very nice class sir bas aapka aashivaad chahiye police me merit me nhi huaa bas gurudev ab teacher me ho jaye
Thank you sir jiii 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sir es topic me hmesa se hi confusion rhti thi.. Aaj hr ek line yd ho gyi sir... Thnk you sir ji🙏🙏
मेरा पढ़ाया एक के भी असर करता है तो मानो पढ़ाया गया सार्थक सिद्घ हो गया।
माता रानी से यही विनती है कि आप सबके सपने पूर्ण हो इसमे छोटा सा उत्प्रेरक हम भी सिद्ध हो 💐💐💐
Helpfull in Reet 2021
जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है
Exam time me bachhe bde video nhi dekh paate h or na hi smjh pate h aapke short or trick wale videos kaafi helpful hote h ..... thankyou sir
बस यही सोचकर ये डाल रहा हु
ताकि एग्जाम में कंफ्यूज न करे सभी को
👏👏👏
Shandar class.... 👌👌👌👌👍👍👍👍👍
Bhut achhi trick btai h sir ji..,es trick se bhut help ho jati h..... samvidhan ke article yaad krne ki koi trick btaye....🙏🏻
Bhut bdiya trick gurudev....ye sbse important topoik me se ak h.
👍👍🙏🙏
Great sirjii 👌👌😘😘Thanks sirji 🙏🙏🙏
Easy and simple tricks lane k liye bahut bahut dhnayawad sir
Waw sir ji very interesting 👌👌🥰🥰
घनानंद और बिहारी कैसे कवि हैं सर please btaye
Gjjjb sir ji 🙏🙏👌👌👌
Sir aap sagun Santo k name bataoo please class 12th k
2nd view..😀😀
Bhut hi badiya sir lokdevata ka bhi vidiyo bnnana sir
Nyc video sir ji 🤩✌️
जय महाकाल
बहुत हि अच्छी ट्रिक सर 🙏
Proud of you sir 👍👍👍..
[ईश्वर सगुण भी है, और निर्गुण भी]
प्रश्न―परमेश्वर सगुण है, वा निर्गुण?
उत्तर―दोनों प्रकार [का] है।
प्रश्न―भला, एक मियान में दो तलवारें कभी रह सकती हैं? एक पदार्थ में सगुणता और निर्गुणता कैसे रह सकती हैं?
उत्तर―जैसे जड़ के 'रूप'-आदि गुण हैं और चेतन के 'ज्ञान'-आदि गुण जड़ में नहीं हैं, वैसे चेतन में 'इच्छा'-आदि गुण हैं और जड़ के 'रूप'-आदि गुण नहीं हैं। इसलिये ‘यद् गुणैः सह वर्त्तमानं तत्सगुणम्’ 'गुणेभ्यो यन्निर्गतं पृथग्भूतं तन्निर्गुणम्’=जो गुणों से सहित वह 'सगुण' और जो गुणों से रहित वह 'निर्गुण' कहाता है। अपने-अपने स्वाभाविक गुणों से सहित और दूसरे विरोधी के गुणों से रहित होने से सब पदार्थ सगुण और निर्गुण हैं। कोई भी ऐसा पदार्थ नहीं है कि जिसमें केवल सगुणता वा केवल निर्गुणता हो, किन्तु एक में ही सगुणता और निर्गुणता सदा रहती है। वैसे ही परमेश्वर अपने अनन्त ज्ञान-बल-आदि गुणों से सहित होने से 'सगुण' और 'रूप'-आदि जड़ के तथा द्वेष-दुःख-आदि जीव के गुणों से पृथक् होने से 'निर्गुण' कहाता है।
[निराकार को निर्गुण और साकार को सगुण कहना ठीक नहीं]
प्रश्न―संसार में निराकार को निर्गुण और साकार को सगुण कहते हैं। अर्थात् जब परमेश्वर जन्म नहीं लेता, तब 'निर्गुण' और जब अवतार लेता है, तब 'सगुण' कहाता है।
उत्तर―यह कल्पना केवल अज्ञानियों और अविद्वानों की है। जिनको विद्या नहीं होती, वे पशु के समान यथा-तथा बर्ड़ाया करते हैं। जैसे सन्निपात-ज्वरयुक्त मनुष्य अण्ड-बण्ड बकता है, अविद्वानों के कहे वा लेख को वैसे ही व्यर्थ समझना चाहिये।
शेष आगे.....free
सत्यार्थप्रकाश
Whatsapp 94 130 20 130
AAP kaha se ho sir