इंशाअल्लाह बहुत जल्दी बदायूँ में सय्यद शजर अली साहब का प्रोग्राम रखेंगे, हम लोग भी इस फ़ितने वाले दौर में मौलाईयत का काम कर रहे हैं अल्हम्दुलिल्लाह,, हम अली के बच्चों का सदक़ा खाते हैं।
बदायूँ मे एक मुकद्दस घराना है और उस दर से भी अहले बैत अले सलाम की अफज़लियत पता चलेगी,हमारे पीर वो मुर्शिद ने हामको अहले बैत का मकाम किया है ये कई साल पहले ही बताया है इसलिए कल भी हाम अहले बैत के गुलाम थे और आज भी है और मरते दम तक रहेंगे और उनका डँका बजायेंगे अहले बैत की अफज़लियत वही बता सकता है जो असल मे अल्ला के वली है, किसी मौलवी मुल्ले को पूछोगे तो आज के दौर मे सब के सब मौलवी मुल्ले आला बने हुए है और आला मुल्ले किसकी पैरवी कर रहे है दुश्मने अहले बैत की इब्लिसि नसल की और ये सब के सब आला वाले है,और जो भी गधेे आला की पैरवी करते है वो भी इब्लिसि नसल के कुत्ते है
इंशाअल्लाह बहुत जल्दी बदायूँ में सय्यद शजर अली साहब का प्रोग्राम रखेंगे, हम लोग भी इस फ़ितने वाले दौर में मौलाईयत का काम कर रहे हैं अल्हम्दुलिल्लाह,, हम अली के बच्चों का सदक़ा खाते हैं।
मौलाई कौन सी किताब मे है कोई फिरका मौलाई नहीं है
@@Fikr_E_Ala_Hazrat
कोंसे किताब मे लिखा है मसल्के आला हजरत का मसलक
बदायूँ मे एक मुकद्दस घराना है और उस दर से भी अहले बैत अले सलाम की अफज़लियत पता चलेगी,हमारे पीर वो मुर्शिद ने हामको अहले बैत का मकाम किया है ये कई साल पहले ही बताया है इसलिए कल भी हाम अहले बैत के गुलाम थे और आज भी है और मरते दम तक रहेंगे और उनका डँका बजायेंगे अहले बैत की अफज़लियत वही बता सकता है जो असल मे अल्ला के वली है, किसी मौलवी मुल्ले को पूछोगे तो आज के दौर मे सब के सब मौलवी मुल्ले आला बने हुए है और आला मुल्ले किसकी पैरवी कर रहे है दुश्मने अहले बैत की इब्लिसि नसल की और ये सब के सब आला वाले है,और जो भी गधेे आला की पैरवी करते है वो भी इब्लिसि नसल के कुत्ते है
Jis kitab me maslak e aala hazrat hai usi kitab me molaiyat bhi hai@@Fikr_E_Ala_Hazrat