अजमल जी खुद कह रहे हैकि नव खंड धरती उतम है,तो फिर चंडाल की बात कहां से आई।अगर धरती पर चंडाल के पैर देने से खराब मिधम हो जाती है तो इंद्र भगवान उस धरती पर क्यों बरसते है।चूंकि अजमल जी भगवान से |मिलने हेतु आतुर थे,इसलिए चंडाल शब्द का प्रयोग उन्होने जो सेवक थे उनके लिए किया न कि किसी वर्ग विशेष के लिए।जय अजमल घर अवतार की।
Jai ho sahnto Jai Maharaj cimn Das Ji Maharaj ki Jai ho
Jai ho baba ri sa
Jay baba ri sa ❤❤
Jai baba ri sa
जय सायर लाल री सा
Jai ho sa
Jai baba to
Jai chimandas ji ri
जय सायर सुत भगवान् की जय हो
Jai babari sa. ..
पहले अजमाल द्वारका गया या संत गए।
इस भजन के अनुसार पहले कई बार अजमालजी गये लेकिन आखिर बार संतो के कहने पर उनके साथ गये
अजमल जी खुद कह रहे हैकि नव खंड धरती उतम है,तो फिर चंडाल की बात कहां से आई।अगर धरती पर चंडाल के पैर देने से खराब मिधम हो जाती है तो इंद्र भगवान उस धरती पर क्यों बरसते है।चूंकि अजमल जी भगवान से |मिलने हेतु आतुर थे,इसलिए चंडाल शब्द का प्रयोग उन्होने जो सेवक थे उनके लिए किया न कि किसी वर्ग विशेष के लिए।जय अजमल घर अवतार की।