कृष्ण अवतार बाबा रामदेव जी की जन्मपत्री (भाग-2) मेघवंशी संत शिरोमणी चिमनदास जी महाराज /रामदेवजी भजन

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  • เผยแพร่เมื่อ 8 ม.ค. 2025
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ความคิดเห็น • 13

  • @kewalram3715
    @kewalram3715 2 หลายเดือนก่อน +1

    Jai ho sahnto Jai Maharaj cimn Das Ji Maharaj ki Jai ho

  • @kewalram3715
    @kewalram3715 2 หลายเดือนก่อน +1

    Jai ho baba ri sa

  • @DurgarammegwalDurgaram-yx4lx
    @DurgarammegwalDurgaram-yx4lx 10 หลายเดือนก่อน +2

    Jay baba ri sa ❤❤

  • @lunaramparihar8105
    @lunaramparihar8105 4 ปีที่แล้ว +3

    जय सायर लाल री सा

  • @motijaipal9309
    @motijaipal9309 4 ปีที่แล้ว +2

    जय सायर सुत भगवान् की जय हो

  • @mangililawatmangi7413
    @mangililawatmangi7413 3 ปีที่แล้ว +3

    पहले अजमाल द्वारका गया या संत गए।

    • @npsrajasthanimusic5921
      @npsrajasthanimusic5921  3 ปีที่แล้ว

      इस भजन के अनुसार पहले कई बार अजमालजी गये लेकिन आखिर बार संतो के कहने पर उनके साथ गये

    • @Comedianvines218
      @Comedianvines218 3 ปีที่แล้ว

      अजमल जी खुद कह रहे हैकि नव खंड धरती उतम है,तो फिर चंडाल की बात कहां से आई।अगर धरती पर चंडाल के पैर देने से खराब मिधम हो जाती है तो इंद्र भगवान उस धरती पर क्यों बरसते है।चूंकि अजमल जी भगवान से |मिलने हेतु आतुर थे,इसलिए चंडाल शब्द का प्रयोग उन्होने जो सेवक थे उनके लिए किया न कि किसी वर्ग विशेष के लिए।जय अजमल घर अवतार की।