बात है सन् १९७०-७१ की है। विदेशिया के जनक भिखारी ठाकुर के अवसान के दो-चार महीने पहले की, जब मैंने उन्हें बहुत नजदीक से देखा था। वह नाच का जमाना था। नाच किसी भी शैली का हो, हमारे यहाँ नाच ही कहा जाता था। बारात में नाच आवश्यक ही नहीं अनिवार्य माना जाता था। दो रात की बारात हुआ करती थी। ऐसे में दो रात तथा एक पूरा दिन लोग नाच का आनंद लेते थे। जिसके घर बारात आई होती, वह पूरा परिवार बारातियों को खिलाने-पिलाने में व्यस्त रहता। लेकिन उस गाँव के लोग ही नहीं, आसपास की गाँवों के लोग भी दो रात और पूरा दिन नाच का मजा लेते थे। कई बार तो हर गांव में बारात और हर बारात में नाच। यहाँ तक कि कई बार एक ही गाँव में दो तीन बारातें आतीं। गर्मी के दिनों में लोग फुर्सत में रहते थे और नाच का खूब मजा लेते थे। खाली समय में लोग नाच की ही बातें किया करते थे। नाच की अच्छी मंडलियों की शोहरत बहुत दूर दूर तक रहती थी। ऐसी मंडलियों में सर्वोपरि नाम था भिखारी ठाकुर का। हमारे इलाके में भिखारी ठाकुर का नाच शायद ही किसी ने देखा हो। लेकिन कोई ऐसा न था जो भिखारी ठाकुर का नाम न जानता हो। हमारे बचपन में भिखारी ठाकुर एक मिथ थे। आज भी है। ७०-७१ के किसी महीने में अचानक यह पता चला कि मेरे गाँव (गोरया घाट, जिला देवरिया, उ प्र) के उत्तर तरफ नदी के उस पार बघड़ा गाँव में फलाँ तारीख को भिखारी ठाकुर का नाच होने वाला है। वह शादी का मौसम नहीं था। इतना मुझे याद है। उस गाँव के बड़े जमींदार थे देवता राय। उन्हीं के घर में एक बच्चे का मुंडन संस्कार था। उसी के उत्सव में उन्होंने भिखारी ठाकुर के नाच का आयोजन किया था। आप कल्पना नहीं कर सकते कि यह बात बहुत दूर-दूर तक जंगल की आग की तरह फैल गई थी। पचीसों तीसों मील दूर के या उससे भी अधिक दूर के बहुत से लोग हमारे आस-पास के गाँवों में अपने रिश्तेदारों के यहाँ एक दो दिन पहले ही आकर जम गए थे। सोचिए जरा कैसी उत्तेजना रही होगी उस समय! मेरी उम्र १७-१८ वर्ष की थी। उस जमाने के हिसाब से यह उम्र बच्चों की उम्र थी। इलाके में जैसी हलचल थी, उसको देखते हुए हमारी चिंता यह थी कि उस अपार भीड़ में हम नाच कैसे देख पाएँगे! नाच सामान्यतः ९-१० बजे रात को शुरू हुआ करता था। ऐसे में हम तीन मित्रों ने तय किया कि हम शाम को ही मंच के नजदीक पंडाल में पहुंच जाएँगे। हमने किया भी वही। लगभग ४ घंटे पहले हम पंडाल में मंच के पास पहुँच गए। परंतु वहाँ पहुँचने के बाद हमें एक धक्का सा लगा। जिसकी कल्पना हमने कर रखी थी, ऐसा कुछ न था। भीड़ की तो बात ही क्या, गांव के और घर परिवार के दस-पाँच लोगों के सिवाय वहाँ और कोई दिख नहीं रहा था। मंच की सजावट चल रही थी। हम पांडाल में मंच से थोड़ी दूरी पर बैठकर नाच शुरू होने का इंतजार करने लगे। धीरे-धीरे लोग आने लगे। भीड़ बड़ी तेजी से बढ़ने लगी। हम तो बहुत खुश और निश्चिंत थे कि मंच के पास हम पहुंच गए हैं। परंतु दो घंटे के बाद धीरे धीरे ऐसी भीड़ उमड़ी कि भीड़ को देखकर हम आतंकित हो उठे।उस जमाने में हर व्यक्ति के हाथ में लाठी होती थी। लोग लाठी को मर्द का सिंगार मानते थे। लोग खेत में जाएँ या अन्यत्र कहीं, सामान्यता हाथ में लाठी जरूर होती। पीछे मुड़कर देखने पर सिर्फ लाठी ही लाठी दिखाई पड़ती थी। बाद में आने वाले झुंड बनाकर हू हू करकेे आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। एक अजीब अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जगह कम थी भीड़ ज्यादा थी। घर की महिलाएँ भी नाच देख सकें, इसलिए राय साहब ने घर के सामने ही अहाते में नाच का आयोजन किया था। उसी माहौल के बीच स्त्री वेश में सजे धजे नाच के सात आठ नर्तक मंच पर उपस्थित हुए। प्रार्थना करने के लिए। तभी मंच की दूसरी तरफ से दो लोगों का सहारा लेकर भिखारी ठाकुर मंच पर आए। लंबा किंतु उम्र के कारण जर्जर शरीर। सिर पर बड़ी सी पगड़ी। उन्हें खुद खड़ा रहने में कठिनाई थी। दोनों तरफ से दो आदमी उन्हें पकड़े हुए थे। भीड़ में सन्नाटा छा गया। उसी बीच भिखारी ठाकुर ने भारी आवाज में बोलना शुरू किया - राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम खातो में राम पिअतो में राम उठतो में राम बइठतो में राम राम राम राम राम राम राम राम। ऐसा ही और कुछ बोलकर उन्होंने लोगों को थोड़ा संबोधन किया। फिर वे लोग उन्हें मंच से उतार ले गए। वह स्मृति आज भी ताजी है।
कोटी कोटी प्रणाम एवं श्रद्धा सुमन स्व भिखारी ठाकुर जी को और सारण के पवित्र भूमि को,जिसने भिखारी ठाकुर और डा राजेन्द्र प्रसाद जैसे विभुतियों को पैदा किया। स्व भिखारी ठाकुर जी को भी भारत रत्न का सम्मान मिलना चाहिए। शत- शत नमन,जय हो भिखारी ठाकुर बाबाजी।
तैयब साहब आपको बहुत बहुत धन्यवाद। हमें बहुत खुशी हुई कि हमारे जिला के विद्वान ने भीखारी ठाकुर के कीर्ति को इतना सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है। विभागाध्यक्ष रसायन विज्ञान, एस वी एम सीवान।
Bahut Hi sunder writer the dada bhikhRi thakur ji mere bihar Rajya ke Shan. Man samman hai aap ki lekhani ko namaskar Mai vijay kavi ji jogeshwari Mumbai
सबसे पहले तो कला के धनी स्वर्गीय भिखारी जी को मेरा सत सत नमन और प्रणाम🙏🙏💐 आज यह वीडियो देख कर पता चलता है कि उस ज़माने में इतना कम साधन होने के बावजूद वो अपने कला से कैसे लोगो को मोहित कर अपने पास बैठने को मजबूर कर देते थे। यह खूसूरत वीडियो हमलोगो के समूख रखने के लिए दिल से आभार , इससे बहुत से कलाकार को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।😊 #बहुत धन्यवाद😊😊💐
ये सुनकर कितना गर्व और आश्चर्य होता है कि उनका अपने आप में कितना बड़ा व्यक्तित्व था जो कि खुद actor,director,author,poet,singer,producer सच में वो god gifted ही थे। जिनको स्थिति देखकर पल भर में उसे एक सुर लय में उतार देना आज के फूहड़पन भरी फिल्मों की औकात से बाहर है
भिखारी ठाकुर जी के जीवन परिचय एक थाती है भोजपुरी संस्कृति के गीत व नौटंकी के एक कोहिनूर हीरा है लेकिन अब कहाँ देखने को मिलता उल्टे उसमे फिल्मो का फूहड़पन आगया
आज के कलाकारों को भिखारी ठाकुर से सीख लेनी चाहिए। जिन्होंने। भोजपुरी को एक आयाम दिया। आज उसी आयाम को। अपने गंदे। प्रस्तुति से गंदा कर रहे हैं। जय हो भिखारी। शत शत नमन।
नमस्कार माफ कीजिए पूरा कॉमेंट नहीं हुआ कुछ गलत भी हो गया मैं यही कहूंगा भरत शर्मा जी से मनोज तिवारी जी से कल्पना पटवारी जी से मेरी प्रार्थना है कि आप सभी मिलकर के बिहार सरकार से आग्रह करें ताकि भिखारी ठाकुर कि गांव का विकास हो और भिखारी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए यह मेरी अनुनय विनाया है भरत शर्मा जी मनोज तिवारी जी कल्पना पटवारी जी और बाकी जितने स्टार हैं यूपी बिहार के जिन्होंने भिखारी ठाकुर जी की विदेशिया लोकगीत को जीवित रखा है उसमें सबसे ज्यादा योगदान भरत शर्मा व्यास जी का है मैं इन से आग्रह करता हूं कि बिहार सरकार से और भारत सरकार से आगरा करें और भिखारी ठाकुर जी को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करें
Durbhagya ki itne mahapurus ki gaon ki halat bhahut kharab hai, bhagwan ka bhahut bhahut Dhaynwad ki mai unke gaon se hi hu. Aaj bhi unke gaon me road nahi hai, gaon me ek Aara Chapra pul bana lekin bihar sarkar ne kisi aur ke naam pe iska naam rakh diya
भारतीय संस्कृति की परम्पराओं की रक्षा करने के लिए समर्पित होकर खुश होकर मानव जीवन को सुखमय बनाने के मननिय भिखारी ठाकुर ने समाज को बांटने से बचाया ऐसे महापुरुष को नमन करते हैं
अभी भी हमारे समाज में बहुत ही कुरीतियां है जिसे हमलोग को मिलकर समाप्त करना है बहुत ही अच्छा काम किए भिखारी ठाकुर जी ने जो समाज को सही आइना दिखाया अभी भी हमारे समाज में विधवा विवाह को लेकर बहुत कुरीतियां है
युगपुरुष युग दृष्टा युग निर्माता यशस्वी प्रधानमंत्री जी प्रातः स्मरणीय परम भोजपुरी के भगवान भिखारी ठाकुर जी की मरणोपरांत भारत रत्न का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर जय बिहार जय बिहारी को सम्मानित करें अनंत कोटि कोटि स्नेहिल याचना अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी के संस्थापक डॉक्टर उमाकांत सिंह प्रार्थना करते हैं महामहिम महोदय भारत सरकार नई दिल्ली से
निर्मल चरित्र , कर्म वीर, दूर दर्शी भोजपुरी कलाकार आदरणीय श्री भिखारी ठाकुर जी को सादर प्रणाम!आप सदैव लोक रुप में बिराजते है ये हम कलाकार अनुभव करते हैं
Bahut badhiya sir bahut Sundar.. Sar mujhe aapse Milana hai kuchh aisi hi kahani e Mere dimag mein hai hai Jo main Chahta Hun apni kahani Ko duniya ke samne Lana chahta hun aapse Milana. main aapse kaise milu mujhe bataiye please..
BIKHARI THAKUR k name par bhojpuriya samaj ko AWARD K NAME rakhna chahiye ,jaishe BOLLYWOOD K Dada sahab falke puruskar Diya jata hai ,jai ho bihari baba
बात है सन् १९७०-७१ की है। विदेशिया के जनक भिखारी ठाकुर के अवसान के दो-चार महीने पहले की, जब मैंने उन्हें बहुत नजदीक से देखा था। वह नाच का जमाना था। नाच किसी भी शैली का हो, हमारे यहाँ नाच ही कहा जाता था। बारात में नाच आवश्यक ही नहीं अनिवार्य माना जाता था। दो रात की बारात हुआ करती थी। ऐसे में दो रात तथा एक पूरा दिन लोग नाच का आनंद लेते थे। जिसके घर बारात आई होती, वह पूरा परिवार बारातियों को खिलाने-पिलाने में व्यस्त रहता। लेकिन उस गाँव के लोग ही नहीं, आसपास की गाँवों के लोग भी दो रात और पूरा दिन नाच का मजा लेते थे। कई बार तो हर गांव में बारात और हर बारात में नाच। यहाँ तक कि कई बार एक ही गाँव में दो तीन बारातें आतीं। गर्मी के दिनों में लोग फुर्सत में रहते थे और नाच का खूब मजा लेते थे। खाली समय में लोग नाच की ही बातें किया करते थे। नाच की अच्छी मंडलियों की शोहरत बहुत दूर दूर तक रहती थी।
ऐसी मंडलियों में सर्वोपरि नाम था भिखारी ठाकुर का। हमारे इलाके में भिखारी ठाकुर का नाच शायद ही किसी ने देखा हो। लेकिन कोई ऐसा न था जो भिखारी ठाकुर का नाम न जानता हो। हमारे बचपन में भिखारी ठाकुर एक मिथ थे। आज भी है।
७०-७१ के किसी महीने में अचानक यह पता चला कि मेरे गाँव (गोरया घाट, जिला देवरिया, उ प्र) के उत्तर तरफ नदी के उस पार बघड़ा गाँव में फलाँ तारीख को भिखारी ठाकुर का नाच होने वाला है। वह शादी का मौसम नहीं था। इतना मुझे याद है। उस गाँव के बड़े जमींदार थे देवता राय। उन्हीं के घर में एक बच्चे का मुंडन संस्कार था। उसी के उत्सव में उन्होंने भिखारी ठाकुर के नाच का आयोजन किया था।
आप कल्पना नहीं कर सकते कि यह बात बहुत दूर-दूर तक जंगल की आग की तरह फैल गई थी। पचीसों तीसों मील दूर के या उससे भी अधिक दूर के बहुत से लोग हमारे आस-पास के गाँवों में अपने रिश्तेदारों के यहाँ एक दो दिन पहले ही आकर जम गए थे।
सोचिए जरा कैसी उत्तेजना रही होगी उस समय! मेरी उम्र १७-१८ वर्ष की थी। उस जमाने के हिसाब से यह उम्र बच्चों की उम्र थी। इलाके में जैसी हलचल थी, उसको देखते हुए हमारी चिंता यह थी कि उस अपार भीड़ में हम नाच कैसे देख पाएँगे!
नाच सामान्यतः ९-१० बजे रात को शुरू हुआ करता था। ऐसे में हम तीन मित्रों ने तय किया कि हम शाम को ही मंच के नजदीक पंडाल में पहुंच जाएँगे। हमने किया भी वही। लगभग ४ घंटे पहले हम पंडाल में मंच के पास पहुँच गए। परंतु वहाँ पहुँचने के बाद हमें एक धक्का सा लगा। जिसकी कल्पना हमने कर रखी थी, ऐसा कुछ न था। भीड़ की तो बात ही क्या, गांव के और घर परिवार के दस-पाँच लोगों के सिवाय वहाँ और कोई दिख नहीं रहा था। मंच की सजावट चल रही थी। हम पांडाल में मंच से थोड़ी दूरी पर बैठकर नाच शुरू होने का इंतजार करने लगे।
धीरे-धीरे लोग आने लगे। भीड़ बड़ी तेजी से बढ़ने लगी। हम तो बहुत खुश और निश्चिंत थे कि मंच के पास हम पहुंच गए हैं। परंतु दो घंटे के बाद धीरे धीरे ऐसी भीड़ उमड़ी कि भीड़ को देखकर हम आतंकित हो उठे।उस जमाने में हर व्यक्ति के हाथ में लाठी होती थी। लोग लाठी को मर्द का सिंगार मानते थे। लोग खेत में जाएँ या अन्यत्र कहीं, सामान्यता हाथ में लाठी जरूर होती।
पीछे मुड़कर देखने पर सिर्फ लाठी ही लाठी दिखाई पड़ती थी। बाद में आने वाले झुंड बनाकर हू हू करकेे आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। एक अजीब अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
जगह कम थी भीड़ ज्यादा थी। घर की महिलाएँ भी नाच देख सकें, इसलिए राय साहब ने घर के सामने ही अहाते में नाच का आयोजन किया था। उसी माहौल के बीच स्त्री वेश में सजे धजे नाच के सात आठ नर्तक मंच पर उपस्थित हुए। प्रार्थना करने के लिए। तभी मंच की दूसरी तरफ से दो लोगों का सहारा लेकर भिखारी ठाकुर मंच पर आए। लंबा किंतु उम्र के कारण जर्जर शरीर। सिर पर बड़ी सी पगड़ी। उन्हें खुद खड़ा रहने में कठिनाई थी। दोनों तरफ से दो आदमी उन्हें पकड़े हुए थे। भीड़ में सन्नाटा छा गया।
उसी बीच भिखारी ठाकुर ने भारी आवाज में बोलना शुरू किया -
राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम
खातो में राम
पिअतो में राम
उठतो में राम
बइठतो में राम
राम राम राम राम राम राम राम।
ऐसा ही और कुछ बोलकर उन्होंने लोगों को थोड़ा संबोधन किया।
फिर वे लोग उन्हें मंच से उतार ले गए।
वह स्मृति आज भी ताजी है।
जी सादर प्रणाम!आपका यह संस्मरण प्रमाण है! आपकी चित्रात्मक प्रस्तुति ने अभिभूत कर दिया! धन्यवाद!
Beaut dhanwed
Adbhut
अति उत्तम और धन्यवाद आप और आपके टीम का जिन्होंने यूट्यूब पर इस वीडियो के माध्यम से आज के लोगों को भिखारी जी के बारे में बताया
कोटी कोटी प्रणाम एवं श्रद्धा सुमन स्व भिखारी ठाकुर जी को और सारण के पवित्र भूमि को,जिसने भिखारी ठाकुर और डा राजेन्द्र प्रसाद जैसे विभुतियों को पैदा किया। स्व भिखारी ठाकुर जी को भी भारत रत्न का सम्मान मिलना चाहिए। शत- शत नमन,जय हो भिखारी ठाकुर बाबाजी।
भिखारी ठाकुर जी युग पुरुस महान कलाकार गीतकार थे इनके जैसा ना कोई हुआ है ना होगा बिहार सरकार इनके नाम से पुरस्कार नये कलाकार को देना चाहिए
Bhojpurii Atists must be honoured with Bhikhari Thakur Award.
परम पूजनीय गीत गायन के क्षेत्र स्वर्गीय श्री भिखारी ठाकुर जी सदा अमर रहेंगे।।,,,,,,,,
Saaaaaaaaaaaasaaaawaaaaaaa
Aasaaaaa
Aaaaaaaaaaaaaaa
Aaaaa
Aa
मै फिल्मे भी यू टूब पर पूरी नही देखता..लेकिन यह विडियो पुरा देखा दिल से..नमन् भिखारी दादा
PLAYED THE
भीखारी ठाकुर जी के सभी गाने बहुत ही सुन्दर है एक दम दिल खुश कर देता है
.
आपने जो, ये सारी जानकारी हम लोगो के बिच, प्रस्तुत करने के लिए ।
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
तैयब साहब आपको बहुत बहुत धन्यवाद। हमें बहुत खुशी हुई कि हमारे जिला के विद्वान ने भीखारी ठाकुर के कीर्ति को इतना सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है। विभागाध्यक्ष रसायन विज्ञान, एस वी एम सीवान।
मेरे बाबा जी को कोटि कोटि प्रणाम भिखारी ठाकुर जी जैसा कोई हो नही सकेगा
भीखारी ठाकुर जी को कोटी कोटी नमन है ऐसे ही समाज सुधारक इस जुग मे जरूरत है
Yes
A legend born in a century....He deserved more...A national treasure
000ppp0p0
Respcted bhikhari was aalegend parson I think and trust he is alwse with us in drumatic culture
भिखारी ठाकुर जी का जिवन का कहानी सुनके बहुत आछा लागल सुक्रिया भिखारी ठाकुर जी को कोटी कोटी नमन (राजु ठाकुर गोपालगंज)
tuntun Kumar pandit
Raju Thakur o
नमन है ये पुत्र को जो अपने नाटक से समाज और देश को बदला।
Thankyuveryverydevoloment
कोटि कोटि प्रणाम। ऐसे महान विभूति को जिन्होंने भोजपुरी का परचम लहराया।
भिखारी जी जैसा धनी नहीं देखा।🙏🙏
Mom
Bahut khub...aapne bhojpuri ki virasat ko jiwit rakhne ki koshish ki h..iske liye dhanyavad
अद्भुत और विलक्ष्ण।
कुतुब पुर का नाम भिखारी जी के नाम पर होना चाहिए।
आज जब स्व.श्री भिखारी ठाकुर के लिखे गीत सुनता पढ़ता हूँ तो भाव विभोर होने से कोई रोक नहीं सकता।
सदा अमर रहे ।
Tqwoww वा oiewwweeewewtwqeqqtyoweoqwoeweeoq roeteooqqoowoqqoqw वावी को y et qyyyrryryqryreryeyqe
@@s.n.sharmasharma17 e
Eiiiie E
Tt
Bahut Hi sunder writer the dada bhikhRi thakur ji mere bihar Rajya ke Shan. Man samman hai aap ki lekhani ko namaskar Mai vijay kavi ji jogeshwari Mumbai
आप जैसे महानुभाव से भोजपुरी सहित ये राज्य भी गौरवान्वित होता है!! आप को कोटी कोटी नमन करता हूँ!!
Qp
शत शत नमन ऐसे कलाकार को जो समाज की अच्छाई बुराई को अपने नाटक के मंच के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने की कोशिश की
बहुत अच्छा लगा है थैंक्स पुरी टीम को, पुरानी संस्कृति को जिंदा रखा है,
Ye video ko dekhkar hmare purani Sanskriti or gaon k parives ko jine ka mouka mila. dhanyabad jisne v ye video bnaya.
बहुत जबरदस्त जानकारी प्रदान करने वाले साक्षी जी को सादर अभिवादन एवं शुभकामनाएं
सबसे पहले तो कला के धनी स्वर्गीय भिखारी जी को मेरा सत सत नमन और प्रणाम🙏🙏💐 आज यह वीडियो देख कर पता चलता है कि उस ज़माने में इतना कम साधन होने के बावजूद वो अपने कला से कैसे लोगो को मोहित कर अपने पास बैठने को मजबूर कर देते थे।
यह खूसूरत वीडियो हमलोगो के समूख रखने के लिए दिल से आभार , इससे बहुत से कलाकार को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।😊
#बहुत धन्यवाद😊😊💐
ये सुनकर कितना गर्व और आश्चर्य होता है कि उनका अपने आप में कितना बड़ा व्यक्तित्व था जो कि खुद actor,director,author,poet,singer,producer सच में वो god gifted ही थे। जिनको स्थिति देखकर पल भर में उसे एक सुर लय में उतार देना आज के फूहड़पन भरी फिल्मों की औकात से बाहर है
बहुत सुंदर डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है।धन्यवाद
,भिखारी ठाकूर को कोटो कोटो प्रणाम हमारे समाज का नाम रोशन किया ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
भिखारी ठाकुर जी के जीवन परिचय एक थाती है भोजपुरी संस्कृति के गीत व नौटंकी के एक कोहिनूर हीरा है लेकिन अब कहाँ देखने को मिलता उल्टे उसमे फिल्मो का फूहड़पन आगया
m.aajtak.in/
AajTak: Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News ...
m.aajtak.in/
AajTak: Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News ...
K
Ab Bhikhari Thakur ji jaisa Sangeet kalakar Duniya main Koi Nahin hoga Bhikhari Thakur Ji ko main Pranam karta hun Madhya Pradesh Singrauli ki or se
भिखारी ठाकुर को नमन 🙏🌷🙏. सुन्दर प्रस्तुति .
V very nice sair
Humari ankhy Nam ho gay ki humara purwaj aise thy
Aaj hum kya kar rahy hi unhai ka Santan hi hum
आज के कलाकारों को भिखारी ठाकुर से सीख लेनी चाहिए। जिन्होंने। भोजपुरी को एक आयाम दिया। आज उसी आयाम को। अपने गंदे। प्रस्तुति से गंदा कर रहे हैं। जय हो भिखारी। शत शत नमन।
Ye to apna men ek inqalab hai
भोजपुरी सम्राट स्वर्गीय श्री भिखारी ठाकुर को भारत रत्न अवश्य मिलना चाहिए
Thanks for this amazing film 🙏
बहुत ही अच्छा लगता हैं भिखारी ठाकुर साहब के गाना
नमस्कार माफ कीजिए पूरा कॉमेंट नहीं हुआ कुछ गलत भी हो गया मैं यही कहूंगा भरत शर्मा जी से मनोज तिवारी जी से कल्पना पटवारी जी से मेरी प्रार्थना है कि आप सभी मिलकर के बिहार सरकार से आग्रह करें ताकि भिखारी ठाकुर कि गांव का विकास हो और भिखारी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए यह मेरी अनुनय विनाया है भरत शर्मा जी मनोज तिवारी जी कल्पना पटवारी जी और बाकी जितने स्टार हैं यूपी बिहार के जिन्होंने भिखारी ठाकुर जी की विदेशिया लोकगीत को जीवित रखा है उसमें सबसे ज्यादा योगदान भरत शर्मा व्यास जी का है मैं इन से आग्रह करता हूं कि बिहार सरकार से और भारत सरकार से आगरा करें और भिखारी ठाकुर जी को भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करें
Durbhagya ki itne mahapurus ki gaon ki halat bhahut kharab hai, bhagwan ka bhahut bhahut Dhaynwad ki mai unke gaon se hi hu. Aaj bhi unke gaon me road nahi hai, gaon me ek Aara Chapra pul bana lekin bihar sarkar ne kisi aur ke naam pe iska naam rakh diya
Thanks Sakshi Communication.....Bhikhari Thakur apne aap me ek yug means era the. Koti koti abhar
वाह सुन्दर प्रस्तुति, भिखारी जी के जीवन के बारे में...
Humy ghamand hi ki Hume aisy logo ka wansaj hai
Humary traf se baar baar pranam apny par dada g ko
Dhnywad sir
Apne hme awgt krara 🙏bhojpuri ke nirmata bikhari thakur ji ke bare me
Sat sat naman respected Mr.Bhikharo Thakur ji ,jai sain,savita,thakur samaj
भोजपुरी के भगवान स्वर्गीय राय बहादुर भिखारी ठाकुर जी को सत सत नमन जिनके कालजयी रचनाओं से समाज को एक नई दिशा मिलती है।
Y o.
..
abhay anand
सुपर भीखारी चाचा जी आप को मेरा तरफ से बहुत बहुत सारे धन्यवाद🙏💕
ये प्रस्तुती मझे बहुत अच्छी लगी Iधन्यवाद ।
भारतीय संस्कृति की परम्पराओं की रक्षा करने के लिए समर्पित होकर खुश होकर मानव जीवन को सुखमय बनाने के मननिय भिखारी ठाकुर ने समाज को बांटने से बचाया ऐसे महापुरुष को नमन करते हैं
Bahut achhe purani yaade or GAO ki yaade taja ho gyi.
कृपया इन्हें हमारे नाई जाति के शिरोमणि परम पूज्य श्री भिखारी ठाकुर जी महाराज कहा जाए
सही कहा
Aise log kisi Jati bishesh nahi balki har kisi ke hote Hain
@@rkp9893 सही बात है
भिखारी बाबा के सात सात प्रणाम बा । उहा के गांव के नाम कुतुबपुर से भिखारी पुर कर देवे के चाही।
भिखारी ठाकुर एवं नाई समाज की जय । यह समाज वास्तव मेअत्यधिक सम्मान का हकदार है।
Dr. PRAMOD Kumar
अस़लील कलकरो को जूते मरो सलो को
@@ramprakashkushwaha813 kaun aslil hai bhai
@@ramprakashkushwaha813 kon h aalil h kya janta h Tu
भोजपुरी के शेक्सपीअर को कोटि कोटि नमन
अभी भी हमारे समाज में बहुत ही कुरीतियां है जिसे हमलोग को मिलकर समाप्त करना है बहुत ही अच्छा काम किए भिखारी ठाकुर जी ने जो समाज को सही आइना दिखाया अभी भी हमारे समाज में विधवा विवाह को लेकर बहुत कुरीतियां है
भोजपुरी नायक
भोजपुरी की पहचान
भिखारी ठाकुर जी को शत् शत् नमन
भिखारी ठाकुर जी के जन्मस्थली में सड़क नही होंना बिहार की तौहीनी है।
Yes ur right
बहुत बहुत बधाई, चाचा भिखारी ठाकुर जी
भोजपुरी के निव भिखारी दादा 🙏
देश की संस्कृति को याद कराता है भिखारी ठाकुर की कृति।
जय हो भिखारी जी
Legend of bhojpuri art and culture
Discovery channel walo ne bhi yesi documentary nahi banai hogi jaisi aapne banai hai.
Bahut bahut dhanwad.
Yasi hi aap aage banate rahen.
भिखारी ठाकुर भोजपुरिया का भगवान को कोटि कोटि नमन करताहूँ गायक संजय दीवाना
The
Jay ho bhikhari thakur ji ki jay ho
RUDRA GOLD भोजपुरी
.
भिखारी ठाकुर जी की सीन को देखकर निरहुआ दिनेश लाल यादव जी ने परदेसिया फिल्म बनाई है अब पता चला इस सीन से बना है परदेसिया फिल्म भोजपुरी
Bishram Kumar BN
716 लोगों ने नापसंद किया है ये वही लोग है जो अपने इतिहास को भुला दिया है।
ये अपने पडो़सी की औलाद हैं
युगपुरुष युग दृष्टा युग निर्माता यशस्वी प्रधानमंत्री जी प्रातः स्मरणीय परम भोजपुरी के भगवान भिखारी ठाकुर जी की मरणोपरांत भारत रत्न का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर जय बिहार जय बिहारी को सम्मानित करें अनंत कोटि कोटि स्नेहिल याचना अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी के संस्थापक डॉक्टर उमाकांत सिंह प्रार्थना करते हैं महामहिम महोदय भारत सरकार नई दिल्ली से
😭
Had Bhikhari Thakur not been of Nai Samaj, he would have been honoured with Bharat Ratna without wasting time. I salute him with great respect.
बहुत ही शानदार प्रस्तुति
अभी तक भारत रत्न नहीं मिलना एक दुर्भाग्य की बात है 😭
I don't understand why Nitish Kumar is getting late in giving award.
😢😢😢😢😢😢
Prérrrr&😊@@prakashsharma3110
सूत्रधार भिखारी ठाकुर को सश्रद्ध नमन
Bhikhari thakur ji ke jai ho Nandlal Paswan chakki bisheswr dera
Dil ko chu gya bhikhari bhagawan ji ka biopic thanks jo bhi banaya is vedio ko thank you mai pappu yadav zila chhapra bihar
निर्मल चरित्र , कर्म वीर, दूर दर्शी भोजपुरी कलाकार आदरणीय श्री भिखारी ठाकुर जी को सादर प्रणाम!आप सदैव लोक रुप में बिराजते है ये हम कलाकार अनुभव करते हैं
अगर सच में बिहार समाज की शान है तो सभी बिहार वासियों को मिलकर भारत रत्न की मांग करना चाहिए ❤️ 🙏
Thank you sir ! इसी तरह श्री भिखारी ठाकुर जी के प्रस्तुतियों को explore करिए 🙏
Dil bhar gaya.thank u very much.
Jai Bhikhari Jai Bihar Jai Hind
सविता समाज के महानायक को कोटि-कोटि नमन् ।
Bahut khub 2020 me like thoko
।। भोजपुरिया धड़कन समाज चाचा भिखारी ठाकुर युग पुरुष को कोटी कोटी नमन चरण स्पर्श।।
,💜🙏💜🙏💜🙏
Jabardast Prastuti!
मन बिभोर हो जाता है ये इतिहास सुनके
Ye mere dadu ke dadu the I miss you
Takurji Ko sat sat pranam
assam ke bhojpuri yuva ko bhikhari thakur ji ke darshan ho gaye... dhanyabad
MUKESH SHAH to be
hotsaxe
bedeo
yes
Thank you sir for this vedio...it's my honour to born that village
तूसी great हो भिखारी ठाकुर
Good birar apna ❤❤
Bahut badhiya sir bahut Sundar..
Sar mujhe aapse Milana hai kuchh aisi hi kahani e Mere dimag mein hai hai Jo main Chahta Hun apni kahani Ko duniya ke samne Lana chahta hun aapse Milana. main aapse kaise milu mujhe bataiye please..
Legend of bhojpuri director editor singer artist etc...🙏
जय हो भजपुरी माटी को सत् सत् नमन करते हैं
BIKHARI THAKUR k name par bhojpuriya samaj ko AWARD K NAME rakhna chahiye ,jaishe BOLLYWOOD K Dada sahab falke puruskar Diya jata hai ,jai ho bihari baba
Dadu ji ko mera sat sat naman and dadu ka job no. 1 tha 🌞🌞🌞🌞
Great presentation of Cultural Heritage of Bihar
bhikhari thakur dada ji k naman ..bahut miss kartanai san
ye dekh ke apane gaav aur samaaj ki yaaden taja ho gai...
हृदय के तूल रेला इ धुन अरु गलती संस्कृति।
जय हो भोजपुरी के भिखारी ठाकुर तोहार जय हो
ये था हमारा बिहार संगीत के मामले में
I salute this man for bhojpuri culture and art and thinking super, natural man
बहुत अहम धरोहर❤️
Bhojpuri ke sachitra varnan ke liye bahut bahut dhanyabad.
Bhikhari thakur amar rahe Street play walo ko is vidha se seekhana chahiye.
Bhihare baba par aaur video banaiy sir bahut aacha hai
जय भिखारी ठाकुर अब भी नाई समाज पिछडा हुआ है
Inka programme 1971 me singheswar me huwa tha