बहुत ही सही सवाल है सर जी । भरमार बहूंक भले ही चलता होगा अब के समय में लेकिन उससे लगातार फायरिंग नहीं हो सकता उसको लोड करने टाइम लगता है इनको बोलो कि लगातार फायरिंग करके दिखाएं भरमार से 🙏🙏🙏 इस बंदूक को पहले के समय में जंगल क्षेत्र के लोग बड़े जानवरों को डराने के लिए रखते थे ।। में भी आदिवासी हूं हम भी बस्तर से आते हैं और हमारे दादा दादी लोग हमको यही बता रहे हैं कि भरमार बंदूक बहुत ज्यादा आवाज करता था जिससे बड़े जानवर भाग जाते थे ।। ये लोग आदिवासियों के ऊपर बहुत ज्यादा अत्याचार कर रहे हैं 🙏🙏🙏
ना कभी नक्सली खत्म होंगे, ना ही कभी निर्दोष आदिवासी को न्याय मिलेगा, सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री तक तो आदिवासी ही कुर्सी पर बैठे है लेकिन क्या ?किए है ये तो राजनीति का एक इच्छा है इसे बस कायम रखना है।
सरकार आते रहेंगे जाते रहेंगे बेगुनाह आदिवासी के हत्या इन लोग करते रहेंगे और आम लोगो को नक्सली बताते रहेंगे क्या बीतता होगा उनके घर वालो छोटे छोटे बच्चों के ऊपर कब तक चलता रहेगा नक्सल पुलिस का खेल।जय हो विकास भाई तेरा जो इन बेगुनाहो का आवाज़ संसद तक पहुचा 🙏
एक ही बंदूक को कई मुठभेड में दिखाते हैं ये पुलिस वाले असली मुठभेड तो कभी होती ही नही निर्दोष गांव वालों को घर से पकड़ कर ले जाकर उन्हें फर्जी तरीके से इनकाउंटर कर दिया जाता है और उसे मुठभेड बता दिया जाता है भ्रष्ट पुलिस प्रशासन
फोर्स प्राइवेट गाड़ी करके जा रहे थे तब नक्सली हमला हुआ जिसमे 10जवान और एक ड्राइवर जो प्राइवेट था 10जवान को एक एक करोड़ मिला और ड्राइवर के परिवार को सिर्फ दुःख मिला था क्या यह सही है ऐसे bato ko front me lao
jab aapke channel par 5 k tha tab sse mai dekh rha hu sir, maine tsb v kha tha aaj v keh rha hu ki sarkar ko aapko as advisor appoint krna chahea sir , Naxal par aapka Knowledge bhaut jabardast hai
एक ही गाँव के कुछ लोग नक्सली हो जाते हैं, कुछ पुलिस में चले जाते हैं, कुछ गाँव में ही काम करते हैं. मुठभेड़ में जो मरते हैं वो ग्रामीण ही भरते हैं 🤔🙋🏻♂️
Vikas Tiwari ji aapka Patra patrkarita Ko Dil se Salam hai. Aur Chhattisgarh ko aap sudharne mein Lage hue hain aapke Jaise patrakaar Chhattisgarh ko nai Disha nai unchai ki or le ja raha hai humne pahle aise kabhi nahin dekha hai
जो नेता भरमार बंदूक पर सवाल कर रहे हैं ना जब इनको जगदलपुर से सुकमा जाना होता है तब जब तक रोड पर फोर्स नही लगती इनको जाने की हिम्मत नही होती ।अगर ऐसा है तो इतने सारे फोर्स लेके क्यु चलते हो
मुझे लगता है कि माओवादी चाहकर भी अधिक समय तक छत्तीसगढ़ में नहीं रह सकते, वे अब उन जगहों पर अपना प्रभाव नहीं फैला सकते, आपने उन जगहों पर माओवादियों और पुलिस की दिल दहला देने वाली मौतें देखी हैं, आपने ज़मीनी स्तर पर रिपोर्ट की है. और निर्दोष आदिवासी लोगों पर भी अत्याचार किया गया है लेकिन अब ऐसा लगता है कि आपको वो दिल दहला देने वाले वीडियो बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन जगहों पर लंबे समय से बहुत सारी चीजें हो चुकी हैंजो काला बादल छाया हुआ था, वह धीरे-धीरे छंट रहा है और कुछ दिनों बाद वह छंट जाएगा, तभी आप प्रशासन तक यह बात पहुंचाएंगे कि आदिवासियों की तकलीफों को कैसे सुधारा जा सकता है। तिवारी जी, मेरा आपसे अनुरोध है कि आप माओवादियों के अंतिम छोर पर एक बंदूकधारी कॉमरेड का साक्षात्कार लें😊😊😊😊😊😊
भरमार पर सवाल करने वाले को झीरम कांड पर भी विचार करने चाहिए,,, की इतने बड़े बड़े नेता लोग भरमार का कैसे शिकार हुए,,, एक साथ 76 जवान,12 जवान और कितने सुरक्षा जवान विभिन्न घटना में भरमार से कैसे शहीद हुए,,, चिंतनीय क्युकी भरमार तो चलते नहीं
देश आदिवासी समाज के साथ ऐसा व्यवहार कर रहा हैं, जैसे यह देश उनका है ही नहीं। इस देश की कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका को आदिवासी समाज से कोई संवेदना नहीं है। मामला बहुत ही गम्भीर है। सरकार चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की। दोनों एक ही हैं।
🙏सर हमारे पुलिस जवानो के पास रिकर्ड में पुरे नक्सली का पुरी लिस्ट हैं क्या होगा तो फिर वो नक्सली कहा के हैं उनके परिजनों को सपर्क करके उनकी इच्छा और राय जानने की कोशिश कर लेनी चाहिए लगता हैं सर 🙏
पहले जमाने में जंगल बहुत हुआ।करती थी जंगली जानवरों का खतरा बहुत हुआ करता था आदिवासी अपनी गाव की बचाव के लिए भरमार। बंदूक रखते थे अभी भी आदिवासी घरों में भरमार बंदूक मौजूद है जिसका उपयोग पूर्वज के पहचान के रूप में पूजा घर में पूजे जाते हैं कियो की गांव समाज बसाने में अहम योगदान रहा है
पत्रकार महोदय जी, कोयली बेड़ा क्षेत्र में, महिलाओं के साथ सुबह सुबह चावल लेकर घर जा रहे थे उन्हें फोर्स कुछ दूर हमारे साथ चलो कहकर ले गए और मार दिए,आप यहां जाकर रिपोर्टिंग क्यों नहीं करते हैं?
बहुत ही सही सवाल है सर जी । भरमार बहूंक भले ही चलता होगा अब के समय में लेकिन उससे लगातार फायरिंग नहीं हो सकता उसको लोड करने टाइम लगता है इनको बोलो कि लगातार फायरिंग करके दिखाएं भरमार से 🙏🙏🙏 इस बंदूक को पहले के समय में जंगल क्षेत्र के लोग बड़े जानवरों को डराने के लिए रखते थे ।। में भी आदिवासी हूं हम भी बस्तर से आते हैं और हमारे दादा दादी लोग हमको यही बता रहे हैं कि भरमार बंदूक बहुत ज्यादा आवाज करता था जिससे बड़े जानवर भाग जाते थे ।। ये लोग आदिवासियों के ऊपर बहुत ज्यादा अत्याचार कर रहे हैं 🙏🙏🙏
Bilkul sahi kaha apne. Adiwasi ko hamesha dabaya jata h mamla koi v Q na ho.
बहुत बढ़िया मुद्दा है तिवारी साहब जी
इस बात को और तेज गति प्रदान करें
मेरे ख्याल से आप छत्तीसगढ़ के नम्बर वन रिपोर्टर हैं
आपका प्यार है ये
Pyaar nhi Such hai ye❤😊
Sach ko sach aur jhuth ko jhuth...
Dhakad reporter..
आप आदिवासियों के आवाज बन गए हैं दादा।
भाई इसके जैसा कोई रिपोर्ट, नही है❤❤❤
नेताजी ने भरमार बन्दूक के बारे पूछा यह कहानी सही है । विधान सभा में सही सवाल उठाने के लिए धन्यवाद । सबूत बताने के लिए सब कुछ जुटा रहे है ।
आप का सवाल 100% सहि है बिकाश सर😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮
100% सही बोल रहे है आप के जज्बात को सलाम 🙏🙏👍
आपके जैसी पत्रकारिता कोई कर ही नहीं सकता तिवारी भैया ❤❤❤
ना कभी नक्सली खत्म होंगे, ना ही कभी निर्दोष आदिवासी को न्याय मिलेगा, सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री तक तो आदिवासी ही कुर्सी पर बैठे है लेकिन क्या ?किए है ये तो राजनीति का एक इच्छा है इसे बस कायम रखना है।
सही बात है भैया ❤ नाम को सार्वजनिक किया जाना ही उचित होगा
बहुत सुंदर रिपोर्टिंग तिवारी जी 🥰🙏 मैं कवर्धा से हूं भईया जी।🙏
धन्यवाद सर जी
@@BastarTalkies😍❤
सरकार आते रहेंगे जाते रहेंगे बेगुनाह आदिवासी के हत्या इन लोग करते रहेंगे और आम लोगो को नक्सली बताते रहेंगे क्या बीतता होगा उनके घर वालो छोटे छोटे बच्चों के ऊपर कब तक चलता रहेगा नक्सल पुलिस का खेल।जय हो विकास भाई तेरा जो इन बेगुनाहो का आवाज़ संसद तक पहुचा 🙏
सर आप बहुत अच्छे इंसान व पत्रकार है, आप जमीनी स्तर पर विशेषकर आदिवासियों के हित में कार्य करते हैं,,, आपकी जितनी तारीफ की जय उतनी कम है, ❤
Best news reporter …Jo sachchhi patrakari ke sath sach tak pahuchane ka prayas kiye hai 👍👍👍👍🙏🙏🙏❤️
आपकी पत्रकारिता को सलाम तिवारी सर जी, बहुत सुंदर रिपोर्टिंग ❤
मेरा सबसे फेवरेट पत्रकार आप सुधीर चौधरी से भी अच्छे पत्रकार है.. वो लोग तो ac room मे बैठ कर रिपोर्टिंग करते h
तिहाड़ी
एक ही बंदूक को कई मुठभेड में दिखाते हैं ये पुलिस वाले
असली मुठभेड तो कभी होती ही नही
निर्दोष गांव वालों को घर से पकड़ कर ले जाकर उन्हें फर्जी तरीके से इनकाउंटर कर दिया जाता है
और उसे मुठभेड बता दिया जाता है
भ्रष्ट पुलिस प्रशासन
ऐ आप कैसे कह सकते हैं आप गये है आपको लगता है कि एक तरह की एक ही बंदूक है ईनके पास एक तरह से बहुत बंदूक है
पुलिस है तो छत्तीसगढ़ सुरक्षित है
मंगल यादवजी सही काॅमेन्ट किए है ।
100 %✓bilkul sahi bole bhai
😊😊😊😊
बिल्कुल सही पत्रकारिता।।। ❤
बहुत बढ़िया आपने कहा है भैया...सच बात है अगर संदेह के नाम से अगर लोगो का नाम दर्ज है तो सूची सार्वजनिक होना चाहिए👍
Bahut sundar ripoting
धन्यवाद
बात सही है जांच होनी चाहिए🙏🙏🙏
फोर्स प्राइवेट गाड़ी करके जा रहे थे तब नक्सली हमला हुआ जिसमे 10जवान और एक ड्राइवर जो प्राइवेट था 10जवान को एक एक करोड़ मिला और ड्राइवर के परिवार को सिर्फ दुःख मिला था क्या यह सही है ऐसे bato ko front me lao
अंधा कानून है साहब,,,
Good reporting thiwari sir, charandas congress leader ka saval sahi hi
बहुत बढ़िया कवरिंग विकास भैया...
आज तक जितना भी बंदूक जपत हुआ है उसकी कॉउंटिंग हो और टोटल एक साथ देखा जाये
too uske bad hisab barabar ? 😜.
बिल्कुल जायज सवाल है।इन्हे आपकी विडिओ देखनी चाहिए।
Bahut hi sahi laga sun k .proud of subscriber of baster talkies.sach ki aawaj utaho tiwari ji ❤
Jabardast lakhma dadi
बिल्कुल जांच हो आदिवासी के हक के लिए
Shandar Tiwari Ji, बहुत शानदार रिपोर्टिंग
Tivari ji shi hai
Aapka ripoting
Sahi bat hai sir ji esa bat rakna अनिवार्य है
बिलकुल सही सवाल है सर जी
आप बिलकुल सही बोल रहे हो सर
वाह भईया आपको देख कर ये लगा की कोई है जो बस्तर का आवाज है ❤
मेरे को लगता है हिंदुस्तान के अंदर पोलीस डिपार्टमेंट बंद कर देना चाहिए और वो काम मीडिया वाले और नेताजी लोगो को देना चाहिये
आप ने बहुत सही कहा भाई साहब
आपका आवाज शैली हाव भाव समय के साथ रिपोर्टिंग क्या कहना ❤
धन्यवाद सर
सब खाने वाले ठेकेदार बने हुए है गरीब का कोई नही सोचता जय हिन्द
लाल सलाम ❤
❤
कांग्रेस✋ like karo❤
कवासी लखमा जी भले ही अनपढ हैं लेकिन जहां भी बोलतें हैं "बवाल"" मचा देतें हैं। नारा लगवा देतें हैं।
साफ साफ सीधे- सीधे yaise hi famous ni h..
Good job sir ji 👍👍 your right ji 👍👍👍
jab aapke channel par 5 k tha tab sse mai dekh rha hu sir, maine tsb v kha tha aaj v keh rha hu ki sarkar ko aapko as advisor appoint krna chahea sir , Naxal par aapka Knowledge bhaut jabardast hai
Bhut badhiya news sir
You are good Reporter Tewari ji 🙏
Bahut sundar bhaiya
Sahi bat press acha question kiye h
एक ही गाँव के कुछ लोग नक्सली हो जाते हैं, कुछ पुलिस में चले जाते हैं, कुछ गाँव में ही काम करते हैं. मुठभेड़ में जो मरते हैं वो ग्रामीण ही भरते हैं 🤔🙋🏻♂️
बस्तर टाकिज चेनल सही रिपोर्टिग सही
जानकारी देने वाला चेनल है ।
माओवादी के साथ जो जन मिलिस्या केडर के सदस्य होते है वो भरमार बंदूक ही रखते है तिवारी सर
Vikas Tiwari ji aapka Patra patrkarita Ko Dil se Salam hai. Aur Chhattisgarh ko aap sudharne mein Lage hue hain aapke Jaise patrakaar Chhattisgarh ko nai Disha nai unchai ki or le ja raha hai humne pahle aise kabhi nahin dekha hai
Good information sir
You r great tiwari sir
जो नेता भरमार बंदूक पर सवाल कर रहे हैं ना जब इनको जगदलपुर से सुकमा जाना होता है तब जब तक रोड पर फोर्स नही लगती इनको जाने की हिम्मत नही होती ।अगर ऐसा है तो इतने सारे फोर्स लेके क्यु चलते हो
Bilkul sir ji aap ne sabhi bola jhancha karni chahiye
Bahut achha bhaiya jo sahi hai use dikha rhe hai koi bhi naxal sona chandi nhi pahn ta hai nirdos logon ko bhi mar de rhe hai❤❤❤❤
मुझे लगता है कि माओवादी चाहकर भी अधिक समय तक छत्तीसगढ़ में नहीं रह सकते, वे अब उन जगहों पर अपना प्रभाव नहीं फैला सकते, आपने उन जगहों पर माओवादियों और पुलिस की दिल दहला देने वाली मौतें देखी हैं, आपने ज़मीनी स्तर पर रिपोर्ट की है. और निर्दोष आदिवासी लोगों पर भी अत्याचार किया गया है लेकिन अब ऐसा लगता है कि आपको वो दिल दहला देने वाले वीडियो बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन जगहों पर लंबे समय से बहुत सारी चीजें हो चुकी हैंजो काला बादल छाया हुआ था, वह धीरे-धीरे छंट रहा है और कुछ दिनों बाद वह छंट जाएगा, तभी आप प्रशासन तक यह बात पहुंचाएंगे कि आदिवासियों की तकलीफों को कैसे सुधारा जा सकता है।
तिवारी जी, मेरा आपसे अनुरोध है कि आप माओवादियों के अंतिम छोर पर एक बंदूकधारी कॉमरेड का साक्षात्कार लें😊😊😊😊😊😊
भरमार पर सवाल करने वाले को झीरम कांड पर भी विचार करने चाहिए,,, की इतने बड़े बड़े नेता लोग भरमार का कैसे शिकार हुए,,, एक साथ 76 जवान,12 जवान और कितने सुरक्षा जवान विभिन्न घटना में भरमार से कैसे शहीद हुए,,, चिंतनीय क्युकी भरमार तो चलते नहीं
दल गत राजनीति की शिकार आम आदिवासी।
देश आदिवासी समाज के साथ ऐसा व्यवहार कर रहा हैं, जैसे यह देश उनका है ही नहीं।
इस देश की कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका को आदिवासी समाज से कोई संवेदना नहीं है। मामला बहुत ही गम्भीर है।
सरकार चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की। दोनों एक ही हैं।
सवाल बिल्कुल जायज है
Red salute bhai ji sat shri akal punjab sey
मंगल यादवजी ने सही काॅमेंट किए है ।
Ur good paji
🙏सर हमारे पुलिस जवानो के पास रिकर्ड में पुरे नक्सली का पुरी लिस्ट हैं क्या होगा तो फिर वो नक्सली कहा के हैं उनके परिजनों को सपर्क करके उनकी इच्छा और राय जानने की कोशिश कर लेनी चाहिए लगता हैं सर 🙏
Red salute tiwari sahib ji Punjab sey
माओवादियो के नाम व उन पर कितना ईनाम घोषित है सूची जारी कर प्रकाशित व सार्वजनिक करना चाहिए ।
इनाम भी जनता के बीच दिया जाना चाहिए
Nice reporting Tiwari ji ❤
धन्यवाद सर
Very good news
bahut badhiya bhaiya ji jai hind
जय हिंद
आपकी मेहनत रंग ल रही है तिवारी जी ❤
सबसे पहले तो जिले वार उनकी सूची जिलो मे जारी किया जाये।
Very good point, nobody earlier dared to point out
Reporter ho to yesa..... good job sir ji
पहले जमाने में जंगल बहुत हुआ।करती थी जंगली जानवरों का खतरा बहुत हुआ करता था आदिवासी अपनी गाव की बचाव के लिए भरमार। बंदूक रखते थे अभी भी आदिवासी घरों में भरमार बंदूक मौजूद है जिसका उपयोग पूर्वज के पहचान के रूप में पूजा घर में पूजे जाते हैं कियो की गांव समाज बसाने में अहम योगदान रहा है
Sahi kaha hai
नेता प्रतिपक्ष जी का सवाल करना सही है
जब तक आदिवासी आदिवासियों को नही समझे तब तक कुछ नही हो सकता आदिवासियों का
Right now
मेरे फेव्हरेट पत्रकार रवीश कुमार..और राणू तिवारी...
धन्यवाद सर
रेबीज देश के दीमक
😂वाह पता भी कुछ की रवीश का भाई कांग्रेस के टिकिट से चुनाव लड़ता है 😂फिर निष्पक्ष कैसे होगा 😂झूठ बोल रहा तो कर लो यूट्यूब मे सर्च
रवीश जो एक एजेंडा लेके चलता है।इसलिए उसे चेनल से निकाल कर बाहर फेक दिया
कोन रवीश जो रात दिन मोदी मोदी होता है।नोकरी तो गई कब की रास्ते पर आगया।फिर भी कुछ नही बदला लगता है।सब पागल खाने में ही जा कर खत्म होगा।
💯Right 😭😭😭
भिलाई के कल दास डेहरिया के घर में एन आई की टीम ने डेविस दी है क्या है मामला बस्तर टॉकीज से समझने की कोशिश करेंगे कोई बेगुनाह पीस ना जाए
अच्छा लग रहा था सवाल जवाब ये लखमा आकर चिल्लाने लग गया
❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉
Niche sari video puri kro sar
tiwari bhaiya jaise patrakaar chattisgarh ki shaan hai ,,,🫡🫡🫡🫡🫡🫡
आपका प्यार है ये तो
सवाल उठना स्वाभाविक है क्योंकि भरमार बंदूक से ऑटोमेटिक,Ak 47, वैपन का मुकाबला 6 घंटे तक कैसे कर सकते हैं?
Bil kul sahi he
Sahi baat
इतना ही शक है भरमार पर तो समर्पित नक्सलियों से पूछा जाए की भरमार होती है या नहीं नक्सलियों के पास
Jay hind tiwari sir ji
मेरा भी सवाल है
जब भरमार बन्दुक चलता नहीं तो इसे लेके घूमते क्यों है? ये सवाल इसलिए कि बहुत से फाइल फोटो मे भारमार बन्दुक ही देखने मिलती है.
Bhut pratakch roop se reporting.
तिवारी जी बस्तर में और बहुत सारे मुद्दे हैं उस पर क्यों बात नहीं
विकास भईया 👍
जब ये रायफल चलने योग्य नही है तो अपना जवान शहीद कैसे हो रहे ?
जवान जब असली मुठभेड़ होती है तब घायल और शहीद होते हैं।
बीजेपी तो एवी एम से जीता हुआ पार्टी है और कर भी किया कर सकता है
पहला comment sir
धन्यवाद सर
आपका रिपोटिंग का कोई जवाब नही ईंतजार करते रहता हुं
पत्रकार महोदय जी, कोयली बेड़ा क्षेत्र में, महिलाओं के साथ सुबह सुबह चावल लेकर घर जा रहे थे उन्हें फोर्स कुछ दूर हमारे साथ चलो कहकर ले गए और मार दिए,आप यहां जाकर रिपोर्टिंग क्यों नहीं करते हैं?
Thank you sarkar adivasi people ko Mohra bana rahe hai
वो मुद्दे छोड़ दो सर ये क्यों नहीं बोल रहे हो की जो जवान ऑपरेशन मे जाते है उनका जोखिम भते क्यों नहीं बढ़ रहा है आप इसका जिक्र क्यों नहीं कर रहे हो