अनूठे दस्तावेज़! तीर्थ पुरोहित पंडित परीक्षित जी की पोथियां-------
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- เผยแพร่เมื่อ 11 ก.ย. 2024
- तीर्थ पुरोहित पंडित परीक्षित जी के पास अपने यजमानों का 400 वर्ष से अधिक पुराना रिकॉर्ड उपलब्ध है। पंडित परीक्षित जी से हमने मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि हमारे यह देव ग्रंथ / धर्म ग्रंथ उच्चतम न्यायालय में भी प्रामाणिक हैं। पूरब, पश्चिम, और उत्तर दिशाओं के निवासी हमारे यजमान हरिद्वार आते हैं और अपने परिजनों के नाम लिखाते हैं। दक्षिण भारतीय लोग हरिद्वार बहुत कम आते हैं उसका कारण पंडित जी ने बताया कि उनके लिए बनारस सुलभ है।
बद्रीनाथ, केदारनाथ, हरिद्वार, बनारस सहित अनेकों तीर्थ स्थलों पर तीर्थ पुरोहित अपने यजमानों का पीढ़ी दर पीढ़ी रिकॉर्ड सुरक्षित रखते हैं। आपके पास 400 साल पुराना इतिहास है। बहुत परिश्रम से यह पोथियां तैयार की जाती हैं। इन पोथियों पर लिखने के लिए पहले स्याही भी तीर्थ पुरोहित घर में ही तैयार करते थे और कलम से लेखन का कार्य होता था। इन पोथियों पर यजमान भी यदि अपनी तरफ से कुछ लिखना चाहते थे तो वह अपना मंतव्य भी अंकित करते थे। इन पोथियों की सुरक्षा व्यवस्था भी उच्च कोटि की है। पंडित जी ने हमें 1920 में गुजरांवाला से लाई गई आलमारी दिखाई; जिसका एक दरवाजा 25 से 30 किलो का है। इस आलमारी की साफ सफाई में भी कम से कम 15 लोगों की जरूरत होती है। आलमारी में बहुत से गुप्त ताले हैं जिनको हर कोई नहीं खोल सकता है। पंडित जी ने बताया कि उनके यजमान विभिन्न स्थानों से आते हैं। दक्षिण भारत को छोड़कर शेष भारत के विभिन्न राज्यों से भी उनके यजमान आते हैं।
पंडित जी ने बताया कि यद्यपि बहुत सारे तीर्थों पर यजमानों का लेखा-जोखा रखा जाता है लेकिन हरिद्वार में सबसे पुराने ग्रंथ हैं। परीक्षित जी ने बताया कि यह पोथियां हमारे खेत हैं, यही हमारी उपज हैं। इनकी सुरक्षा और लेखन का कार्य हम बहुत परिश्रम और आत्मीयता के साथ करते हैं। परीक्षित जी ने बताया कि उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा का मुख्य स्थान हरिद्वार ही है। हरिद्वार हरि और हर अर्थात बद्रीनाथ और केदारनाथ का द्वार है। तीर्थ पुरोहित परीक्षित जी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी, महामहिम राज्यपाल और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य जी के मार्गदर्शन में चार धाम यात्रा के सफल संचालन के लिए शुभकामनाएं दीं।
तीर्थ पुरोहित "पंडित परीक्षित जी" ज्वालापुर, हरिद्वार के रहने वाले हैं और नाई घाट (हर की पैड़ी), हरिद्वार में लाल झंडे वाले के नाम से प्रसिद्ध हैं। हंसमुख व्यक्तित्व के धनी, प्रबुद्ध, तीर्थ पुरोहित पंडित परीक्षित जी मधुर कंठ के स्वामी, मां गंगा के परम् भक्त और यजमानों का हित चाहने वाले हैं। पंडित परीक्षित जी को नमन, वंदन और अभिनंदन। अधिक जानकारी के लिए आइए! तीर्थ पुरोहित परीक्षित जी से साक्षात्कार करते हैं। यूट्यूब लिंक - • अनूठे दस्तावेज़! तीर्थ ...
यूट्यूब चैनल लिंक -
/ @ajgramin5721
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आपका मित्र
जगदीश ग्रामीण
शिक्षक
इंटर कॉलेज नागणी,
टिहरी गढ़वाल।
चैनल को सब्सक्राइब करके स्नेह बनाए रखिएगा दोस्तों!
जो हिंदू धर्म पर विश्वास नहीं करते उसके मुंह पर जोरदार तमाचा है यह सबूत ❤❤ जय हो पंडितजी 🙏🙏
जी। सत्य
Logo kee bhavna dekh kar bade kushi hee. Sab ko naman
नमन
पंडित जी का संपर्क सूत्र-
9760128989
पूरा साक्षात्कार देखकर कमेंट व शेयर कीजिएगा
. Guruji kya online payment ki suvidha hai Ghar baithe Apne purvajon Ka vanshavali mil jaaye.
Radhe Radhe 🙏
जी।
@@kdaclasses6869 जी
पंडितजी का नंबर दिजीये plz.....
महाराष्ट्र पुणे जिल्हा की भी है क्या?
पंडी जी हम झारखण्ड से है पता नही मेरा कुल का कभी पींड दान हुआ की नहीं मुझे पता नहीं है तो क्या करना होगा जय गंगा मैया
आप हरिद्वार आइए। हर की पैड़ी पर मिलिए। आपकी जिज्ञासा का समाधान किया जाएगा।
❤❤
Bihar patna ka v pata chal dkta hai
Pandit je ka whatsapp nambar mel sakta hy please 🙏
🎉
पोथियों में पुरखे और तीर्थ पुरोहित पं• परीक्षित!
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400 वर्ष का इतिहास अर्थात हमारे पुरखों का विवरण संजो कर रखना, उसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाना, सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करना सरल काम नहीं होता है दोस्तों। यह पोथियां हमें अपने पुरखों की याद दिलाती हैं।
100 साल से अधिक पुरानी अलमारी और उसमें भी अनेक गुप्त ताले हैं; जिनका रहस्य कोई और नहीं जान सकता है। इन पोथियों को तीर्थ पुरोहित अपने खेत और अपनी उपज समझ कर देखभाल करते हैं।
यह पोथियां प्रामाणिक ग्रंथ माने जाते हैं; जो कि सर्वोच्च न्यायालय में भी मान्य हैं। पंडित परीक्षित जी ने बताया कि हरिद्वार 'हरि और हर" का प्रवेश द्वार है।
चार धाम यात्रा की कुशलता के लिए पंडित जी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी, महामहिम राज्यपाल और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य जी के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए सभी के कल्याण की कामना करते हैं। हर की पैड़ी हरिद्वार में नाई घाट पर पंडित परीक्षित जी लाल झंडे वाले के नाम से मशहूर हैं।
मां गंगा के अनन्य भक्त, हंसमुख व्यक्तित्व के धनी, कोमल कंठ वाले विद्वान तीर्थ पुरोहित परीक्षित जी से हमें बहुत सी जानकारी प्राप्त हुई। दक्षिण भारत के लोग हरिद्वार क्यों नहीं आते हैं, हरिद्वार के यह धर्म ग्रंथ कितने पुराने हैं, किन - किन क्षेत्रों से यजमान हरिद्वार आते हैं, उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा का शुभारंभ पहले हरिद्वार से ही क्यों होता था, वास्तविक दान क्या है, सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों को क्या करना चाहिए, पितृ दोष से कैसे बचा जाता है------- आदि विभिन्न मुद्दों पर पंडित परीक्षित जी ने सटीक जानकारी उपलब्ध कराई है।
पंडित परीक्षित जी को नमन, वंदन और अभिनंदन। अधिक जानकारी के लिए आइए वीडियो देखते हैं।
अरे पूरे विडीयो में पंडित जी का नम्बर भी तो बता देने की क्रपा करते .... 🙏🙏
पिथौरागढ़ जिले की कितनी पोथिया है
यजमानों के हिसाब से हैं जी
गोरखपुर का भी कुछ रिकॉर्ड होगा पंडितजी
Mo . Phone par bhi puchtach kar sakte hai kya .aapne purvjo k bare me.....krupaya mo.n. ya koi contact no. Dijiye ....
जी। मोबाइल फोन पर भी संपर्क किया जा सकता है।