अबरार काशिफ जी में आपका बहुत बड़ा फैन हूं, आपकी लेखनी का एक एक शब्द अपने आप में इतना सार लिए बैठा है की क्या ही कहना ,,,,,,, आप किसी भी मुशायरे में चार चांद लगाने के लिए अकेले ही काफी है,,,,,, ❤❤
जिन्हें है मौत का डर वो उतर जाएँ, नहीं मालूम कश्ती को किधर जाएँ! चलाने वाला कोई दूसरा ही है,, हमारे साथ मल्लाह बे-हुनर जाएँ!! है अच्छा! ज़िन्दगी है हाथ में उसके, अगर जिंदों के बस में हो तो मर जाएँ! चलो आओ! यूँ जीना सीख लें हम सब, कोई ग़म आ भी जाए तो उभर जाएँ!!! ग़लत क्या है अगर रस्ता सही है तो, जिधर सब जा रहे,हम भी उधर जाएँ!
Bahot Badhiya Abrar Kashif Sahab .Kal Duwa Foundation Imtiyaz Jalil Sahab Member of Parliament Aurangabad Ka Mushayra Mukammal Huva 19 Nov.2022 Aurangabad Maharashtra me Bhai Ko Suna Maza Aagaya .Abrar Bhai Ne Nizamat Bhi Bahot Shandar Ki.
MashaAllah, V.nice, Bahot Umdah Wo Khubsurat Andaaz..e..Bayaan.. URDU hai, jis ka Naam, Hum Jantay hain Meer, Sare Jahan mein Dhoom Humare Zaba'n ki hai... Abrar,Kashif Sahab Salamat rahiye. 🌹🇰🇼🌹🤲
Mere bcho ki ibadat bhi hai isme samil Ghr fakat meri Kmayi se nhi Chlta hai....Heart Touching Lines 👌👍❤❣️Aawaaz Me nrmayi Aagyi thi Abrar bhai ki ye line Jb Bole Mashallah Bakmaal Lajvab 👌👌👍❤❣️
*अल्लाह कितना महान है?* ✍️ *फारूक अब्दुल्लाह नारायण पूरी* वैज्ञानिकों के अनुसार सुर्य पृथ्वी से तेरह लाख गुना बड़ा है। यानी इस तरह की और तेरह लाख पृथ्वियाँ होतीं तो एक सूरज के बराबर हो सकती थीं। ज्ञात हो कि सुर्य सबसे बड़ा ग्रह नहीं है। अल्लाह तआला ने इससे भी बड़े-बड़े ग्रह पैदा किए हैं। एक ग्रह है जिसका नाम है VY Canis Majoris इस ग्रह के संबंध में वैज्ञानिक कहते हैं कि यह सूर्य से भी 9 बिलियन गुना बड़ा है। जरा सोचें के इन बड़े ग्रहों के सामने हम मनुष्यों की स्थिति क्या है। हम कितने छोटे और असहाय हैं। जिस अल्लाह तआला ने इतने बड़े-बड़े ग्रहों की सृष्टि की वह कितना महान होगा!!! समस्त वैज्ञानिकों का शोध केवल एक आसमान और एक जमीन तक सीमित है। अल्लाह तआला ने इसी प्रकार और भी छह आसमान और छह जमीनें पैदा की हैं। उन आसमानों और जमीनों में अल्लाह तआला ने क्या कुछ सृष्टि की है यह उसके अतिरिक्त कोई जानता ही नहीं। कुरान मजीद में अल्लाह तआला फरमाता है: فلا أقسم بما تبصرون وما لا تبصرون (कसम है उन चीजों की जिन्हें तुमने देखा है और उन चीजों की भी जिन्हें तुमने देखा ही नहीं।) [सूरतुल हाक्कह, आयत संख्या 38, 39] निसंदेह जो हमारी दृष्टि से ओझल हैं वह कहीं अधिक हैं। आज तक किसी वैज्ञानिक का रिसर्च इस पृथ्वी वाले प्रथम आसमान के ऊपर तक नहीं पहुंचा। आज तक कोई वैज्ञानिक पहले आसमान को छेद करके दूसरे आसमान तक नहीं पहुंचा। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि मनुष्यों का ज्ञान अल्लाह तआला के ज्ञान के सामने कितना साधारण और तुच्छ है। इसी को अल्लाह तआला ने कुरान मजीद में वर्णन करते हुए कहा है: وما أوتيم من العلم إلا قليلا (तुम्हें जो ज्ञान दिया गया है वह बहुत ही कम है।) [सूरतुल इसरा, आयत संख्या 85] थोड़ा अपने ज्ञान और बुद्धि का प्रयोग करें इन आसमानों और जमीनों में अल्लाह तआला ने कितने जीवों को पैदा किया है, और उनके भोजन की भी कितनी उत्तम व्यवस्था की है। यदि किसी देश के राजा को इन जीवों के भोजन का व्यवस्था भार दिया जाए तो अपनी पूरी सल्तनत और संपूर्ण साम्राज्य बेच कर भी वह एक हफ्ते के लिए भी इनके भोजन की व्यवस्था नहीं कर सकते। थोड़ा सोचें कि अल्लाह का खज़ाना कितना बड़ा है जो जमीन के सृष्टि करने के दिन से लेकर आज तक निरंतर उन्हें भोजन उपलब्ध करा रहा है। *क्या उस अल्लाह के अतिरिक्त भी कोई इबादत और उपासना का योग्य हो सकता है?*
*अल्लाह कितना महान है?* ✍️ *फारूक अब्दुल्लाह नारायण पूरी* वैज्ञानिकों के अनुसार सुर्य पृथ्वी से तेरह लाख गुना बड़ा है। यानी इस तरह की और तेरह लाख पृथ्वियाँ होतीं तो एक सूरज के बराबर हो सकती थीं। ज्ञात हो कि सुर्य सबसे बड़ा ग्रह नहीं है। अल्लाह तआला ने इससे भी बड़े-बड़े ग्रह पैदा किए हैं। एक ग्रह है जिसका नाम है VY Canis Majoris इस ग्रह के संबंध में वैज्ञानिक कहते हैं कि यह सूर्य से भी 9 बिलियन गुना बड़ा है। जरा सोचें के इन बड़े ग्रहों के सामने हम मनुष्यों की स्थिति क्या है। हम कितने छोटे और असहाय हैं। जिस अल्लाह तआला ने इतने बड़े-बड़े ग्रहों की सृष्टि की वह कितना महान होगा!!! समस्त वैज्ञानिकों का शोध केवल एक आसमान और एक जमीन तक सीमित है। अल्लाह तआला ने इसी प्रकार और भी छह आसमान और छह जमीनें पैदा की हैं। उन आसमानों और जमीनों में अल्लाह तआला ने क्या कुछ सृष्टि की है यह उसके अतिरिक्त कोई जानता ही नहीं। कुरान मजीद में अल्लाह तआला फरमाता है: فلا أقسم بما تبصرون وما لا تبصرون (कसम है उन चीजों की जिन्हें तुमने देखा है और उन चीजों की भी जिन्हें तुमने देखा ही नहीं।) [सूरतुल हाक्कह, आयत संख्या 38, 39] निसंदेह जो हमारी दृष्टि से ओझल हैं वह कहीं अधिक हैं। आज तक किसी वैज्ञानिक का रिसर्च इस पृथ्वी वाले प्रथम आसमान के ऊपर तक नहीं पहुंचा। आज तक कोई वैज्ञानिक पहले आसमान को छेद करके दूसरे आसमान तक नहीं पहुंचा। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि मनुष्यों का ज्ञान अल्लाह तआला के ज्ञान के सामने कितना साधारण और तुच्छ है। इसी को अल्लाह तआला ने कुरान मजीद में वर्णन करते हुए कहा है: وما أوتيم من العلم إلا قليلا (तुम्हें जो ज्ञान दिया गया है वह बहुत ही कम है।) [सूरतुल इसरा, आयत संख्या 85] थोड़ा अपने ज्ञान और बुद्धि का प्रयोग करें इन आसमानों और जमीनों में अल्लाह तआला ने कितने जीवों को पैदा किया है, और उनके भोजन की भी कितनी उत्तम व्यवस्था की है। यदि किसी देश के राजा को इन जीवों के भोजन का व्यवस्था भार दिया जाए तो अपनी पूरी सल्तनत और संपूर्ण साम्राज्य बेच कर भी वह एक हफ्ते के लिए भी इनके भोजन की व्यवस्था नहीं कर सकते। थोड़ा सोचें कि अल्लाह का खज़ाना कितना बड़ा है जो जमीन के सृष्टि करने के दिन से लेकर आज तक निरंतर उन्हें भोजन उपलब्ध करा रहा है। *क्या उस अल्लाह के अतिरिक्त भी कोई इबादत और उपासना का योग्य हो सकता है?*
मिरे रब की मुझ पर इनायत हुई कहूँ भी तो कैसे इबादत हुई हक़ीक़त हुई जैसे मुझ पर अयाँ क़लम बन गया है ख़ुदा की ज़बाँ मुख़ातिब है बंदे से परवरदिगार तू हुस्न-ए-चमन तू ही रंग-ए-बहार तू मेराज-ए-फ़न तू ही फ़न का सिंघार मुसव्विर हूँ मैं तू मिरा शाहकार ये सुब्हें ये शामें ये दिन और रात ये रंगीन दिलकश हसीं काएनात कि हूर-ओ-मलाइक वो जिन्नात में किया है तुझे अशरफ़-उल-मख़्लुक़ात मिरी अज़्मतों का हवाला है तू तू ही रौशनी है उजाला है तू फ़रिश्तों से सज्दा भी करवा दिया कि तेरे लिए मैं ने क्या न किया ये दुनिया जहाँ बज़्म-आराईयाँ ये महफ़िल ये मेले ये तन्हाइयाँ फ़लक का तुझे शामियाना दिया ज़मीं पर तुझे आब-ओ-दाना दिया मिले आबशारों से भी हौसले पहाड़ों में तुझ को दिए रास्ते ये पानी हवा और ये शम्स-ओ-क़मर ये मौज-ए-रवाँ ये किनारा भँवर ये शाख़ों पे ग़ुंचे चटख़्ते हुए फ़लक पे सितारे चमकते हुए ये सब्ज़े ये फूलों-भरी क्यारियाँ ये पंछी ये उड़ती हुई तितलियाँ ये शो'ला ये शबनम ये मिट्टी ये संग ये झरनों के बजते हुए जल-तरंग ये झीलों में हँसते हुए से कँवल ये धरती पे मौसम की लिक्खी ग़ज़ल ये सर्दी ये गर्मी ये बारिश ये धूप ये चेहरा ये क़द और ये रंग-रूप दरिंदों चरिन्दों पे क़ाबू दिया तुझे भाई दे कर के बाज़ू दिया बहन दी तुझे और शरीक-ए-सफ़र ये रिश्ते ये नाते घराना ये घर कि औलाद भी दी दिए वालदैन अलिफ़ लाम मीम काफ़ और ऐन ग़ैन ये अक़्ल-ओ-ज़हानत शुऊ'र-ओ-नज़र ये बस्ती ये सहरा ये ख़ुश्की ये तर और इस पर किताब-ए-हिदायत भी दी नबी भी उतारे शरीअ'त भी दी ग़रज़ कि सभी कुछ है तेरे लिए बता क्या किया तू ने मेरे लिए
ابرار صاحب نے اپنی شاعری میں اللہ تعالیٰ کی کبریائی و بندوں پر احسانات کو پر اثر انداز میں پیش کرکے عقل مند بندوں کو اسکی مکمل بندگی اختیار کر نے کی دعوت دی ہے اور وہ جو اللہ پر ایمان نہیں رکھتے ایمان لے آئیں
Nabi ki inaayat se bande bane Nabi hum tere dar par woh kar jayenge jidar bi nazar jayegi apki Bas insaan hi insaan nazar ayenge Na hoga koi chota na koi bada Bas hoga harek afzal khara Barsega tera har kisi par hi noor Na hoga Nabi koi tujse hi durr Har ghar mein honge roshan charag Sabi jaag jayenge hogi na raat Muskraton ki duniya banegi missal Hum karke jayenge asa kammal Hum tera diya tujko LAUTAYEGE Hum insaan ke bande kahlayege
میاں ابرار بھائی اپ کے کس کس شعر کی تعریف کی جائے
بفضل خدا اپ کی تمام شاعری جو ہم نے اب تک سنی بے مثال ھے
اللہ اپ جیسے لوگوں کو سلامت رکھے
❤❤❤❤❤❤
فین ہو گی آپ کی میں کیا کمال کا لکھتے ہیں اور کیا ہی کمال کا اندازے بیاں ہے واللّٰہ کمال است
میرے بچوں کی عبادت بھی ہے اس میں شامل
گھر فقط میری کمائی سے نہیں چلتا ہے
ماشااللہ ماشااللہ محترم ایک ایک شعر اپ کا بے مثال
अबरार काशिफ जी में आपका बहुत बड़ा फैन हूं, आपकी लेखनी का एक एक शब्द अपने आप में इतना सार लिए बैठा है की क्या ही कहना ,,,,,,, आप किसी भी मुशायरे में चार चांद लगाने के लिए अकेले ही काफी है,,,,,, ❤❤
Masha allahu akbar
Mere bachchon ki ibadat bhi hai ismein shaamil. Ghar faqat meri kamayi se nahi chalta hai. Absolutly devine poetry. Love from Bangalore
छछछछततछतततछछचतछछछतणचछणछचचतछछ
छ
छमज्ञणचचछ
छ
Very very nice .❤❤😂
Bahut gehra hai ye sher
Mere bacho ki ibadat bhi hai isme shamil
Ghar faqat meri kamai se nahi chalta hai
Bahut gehra
He's Legend (ماشاءالله) 💫
Abrar Kashif bhai, Love from PK
ماشاءاللہ۔ بہت دلکش اور خوبصورت انداز بیاں۔ لاجواب، بے مثال۔ بیشک اردو دنیا کی سب خوبصورت زبان ھے۔ ابرار کاشف صاحب کو گلہائے عقیدت و سلام۔🤲🌹🇰🇼🌹الکویت
समुंदरों को मालुम है हमारे मिजाज
कि हम तो पहला कदम ही भंवर मे रखते हैं........ बहुत अच्छा कहा अबरार भाई मुबारक हो
یہ راہ عشق ہے اس میں قدم ایسے ہی اٹھتے ہیں
محبت سوچنے والوں کے بس کی بات تھوڑی ہے
ما شاء اللہ بہت خوب بہت خوب
Abrar bhai mashaallah Iqbal sir ki duay apko mili hi itna khoobsurat aur lajavab andaz
میرے بچوں کی عبادت بھی ہے اس میں شامل
گھر فقط میری کمائی سے نہیں چلتا ہے
واہ واہ واہ.... کیا کہنے.... بہت خوب.... 💐
Abrar kasif ki ye nazm sun ke iman taza ho jata hai all paak inko sehato afiyat se rakhen
खुदा की कसम दिल ही जीत लिया
बता क्या किया तूने मेरे लिए
SubhanAllah, MashaAllah, Aaj ki Kamyaab,Shaan-daar Mushairay ke Liye, Nazim..e..Mushaira Aur Dubai ko, Kubsurat URDU Zuba'n ka Salam..
( KUWAIT 🇰🇼 الکویت )
سبحان اللّٰہ ۔۔۔کمال کہا ابرار کاشف صاحب واہ واہ
Abrar kashif sahib zindabaad zindabaad zindabad Aap apni misaal khud hi hai ALLAH apki umardraaz kare aameen aameen
Mashala weldone to excellent kashuf imran bahi weldone bahot khoob
Great naat bar bar sunne ka Mann karta he alif lam meem ......
जिन्हें है मौत का डर वो उतर जाएँ,
नहीं मालूम कश्ती को किधर जाएँ!
चलाने वाला कोई दूसरा ही है,,
हमारे साथ मल्लाह बे-हुनर जाएँ!!
है अच्छा! ज़िन्दगी है हाथ में उसके,
अगर जिंदों के बस में हो तो मर जाएँ!
चलो आओ! यूँ जीना सीख लें हम सब,
कोई ग़म आ भी जाए तो उभर जाएँ!!!
ग़लत क्या है अगर रस्ता सही है तो,
जिधर सब जा रहे,हम भी उधर जाएँ!
After listerning I'm speechless. Wat a poetry.
Kamal ki shairi hy .jitni ta'areef karun kam hy .masha allah.
Mam Rehna Khurshida Sahiba g, ap k Pas wqt ho Tu please mujy bhe time dain , in sha Allah ap ko poetry Achi lgy gii 💞
Wahe guru ji...
Subhan Allah...
Bahot Badhiya Abrar Kashif Sahab .Kal Duwa Foundation Imtiyaz Jalil Sahab Member of Parliament Aurangabad Ka Mushayra Mukammal Huva 19 Nov.2022 Aurangabad Maharashtra me Bhai Ko Suna Maza Aagaya .Abrar Bhai Ne Nizamat Bhi Bahot Shandar Ki.
Brother mera bhi ngo hai
Aap ka number dedo
watched it on repeat for overa a 50 times so far, never feeling bored with this master piece
i love poetry because this is my life😍🤩🤗
I m addicted with ur poetry ❤❤❤❤
Bhot ghari hai aap ki kalam Abrar Bhai ❤❤❤❤❤. Allah bless you olwas
Ohh my goodness😮, he's super talented , from head to toe ❤❤bundles of love from Pakistan ❤
Mashaallah bahut bahut bahut mubarak hmai bachcho ki surat dekh ke ghar se niklta hu
MashaAllah, V.nice, Bahot Umdah Wo Khubsurat Andaaz..e..Bayaan..
URDU hai, jis ka Naam, Hum Jantay hain Meer, Sare Jahan mein Dhoom Humare Zaba'n ki hai...
Abrar,Kashif Sahab Salamat rahiye. 🌹🇰🇼🌹🤲
Masha allaha bahut badia. Dil ko hilakar rakh diya
Abrar sends love ❤️❤️❤️❤️ from swat kpk Pakistan to abrar Kashif
Mere bcho ki ibadat bhi hai isme samil Ghr fakat meri Kmayi se nhi Chlta hai....Heart Touching Lines 👌👍❤❣️Aawaaz Me nrmayi Aagyi thi Abrar bhai ki ye line Jb Bole Mashallah Bakmaal Lajvab 👌👌👍❤❣️
Legend as tehzeeb hafi is clapping on this
Màshaallah bhut pyara parhtee he bhtreen..❤
Ma Sha Allah great poet, great expression, impressive lyrics. Stay more Blessed Sir and all suffering Humanity.
NeKmohmd
th-cam.com/video/O7sP1aId1e0/w-d-xo.html
th-cam.com/video/wKWjZ2oHvJs/w-d-xo.html
2l
Ameen And Same
Feeling proud Abrar sir after know that you are from Amrawati 💓💓💓💓💓
He is from India?
@@saleemsallu7596 Amrawati is a very famous and important city of India
th-cam.com/video/wKWjZ2oHvJs/w-d-xo.html
I know
@@saleemsallu7596 yes
Wah..... abrar bhai bahut khoob... bahut umdah.. lajawaab... kamal kar diya bhai.. zindabaad... zindabaad
Abrar sahib representing and explaining the real purpose of creation of the world.
Love from Multan.
Bata kya Kiya tone mere liye
Kamal ki shayeri
Masha allah
کیا کہنے جناب ابرار صاحب ۔۔۔۔
Khuda ka sawal ? Ek ek line Dil chu gaya❤
Religion islam ki full meaning aik nazam my nichilor kya bat hy ❤
Wah waah kya baat hai, SubhanAllah❤❤❤❤❤
Main tery khawb wapis kr raha hoon
Meri aankhon main gunjaesh nahin hy!
❤Bohat khoob❤
❤ Kashif Abrar❤
Masha Allah kya khub kha. alhamdulillah
Bhot khubsurat. Wah kya sharayi kahi hai, lazawaap
Ultimate Abrar Kashif Sahab.... Mubarak Baad ❤️❤️
MashaAllah great poet. Respect from Pakistan
Masterpiece, amazing 😍🇮🇹🍁
"Mohabbat faisla krti hai pehle Chand lamho me ,
Jahan pr Ishq ho waha socha nhi jata "
Beshaq ,Alhumduillah , Subhanallah Dil choo liya
Masha Allah🌹 Bhut khubsurat alfaz o andaz hai khuda salamat rakhe
Love , from Haryana India 🇮🇳
ناز کر رہی ہے زمین اور آسمان
تیری شاعری پہ ہم کو ہے ناز
Kya shayari hai sir I love your heart touching shayari
Please meri poetry visit krain 🙏🤝🙏
दर्द-ए-मोहब्बत, दर्द-ए-जुदाई दोनों को एकसाथ मिला,
तू भी तन्हा, मैं भी तन्हा आ इस बात पर हाँथ मिला.....
*अल्लाह कितना महान है?*
✍️ *फारूक अब्दुल्लाह नारायण पूरी*
वैज्ञानिकों के अनुसार सुर्य पृथ्वी से तेरह लाख गुना बड़ा है। यानी इस तरह की और तेरह लाख पृथ्वियाँ होतीं तो एक सूरज के बराबर हो सकती थीं।
ज्ञात हो कि सुर्य सबसे बड़ा ग्रह नहीं है। अल्लाह तआला ने इससे भी बड़े-बड़े ग्रह पैदा किए हैं। एक ग्रह है जिसका नाम है VY Canis Majoris
इस ग्रह के संबंध में वैज्ञानिक कहते हैं कि यह सूर्य से भी 9 बिलियन गुना बड़ा है।
जरा सोचें के इन बड़े ग्रहों के सामने हम मनुष्यों की स्थिति क्या है। हम कितने छोटे और असहाय हैं। जिस अल्लाह तआला ने इतने बड़े-बड़े ग्रहों की सृष्टि की वह कितना महान होगा!!!
समस्त वैज्ञानिकों का शोध केवल एक आसमान और एक जमीन तक सीमित है। अल्लाह तआला ने इसी प्रकार और भी छह आसमान और छह जमीनें पैदा की हैं। उन आसमानों और जमीनों में अल्लाह तआला ने क्या कुछ सृष्टि की है यह उसके अतिरिक्त कोई जानता ही नहीं।
कुरान मजीद में अल्लाह तआला फरमाता है:
فلا أقسم بما تبصرون وما لا تبصرون
(कसम है उन चीजों की जिन्हें तुमने देखा है और उन चीजों की भी जिन्हें तुमने देखा ही नहीं।) [सूरतुल हाक्कह, आयत संख्या 38, 39]
निसंदेह जो हमारी दृष्टि से ओझल हैं वह कहीं अधिक हैं।
आज तक किसी वैज्ञानिक का रिसर्च इस पृथ्वी वाले प्रथम आसमान के ऊपर तक नहीं पहुंचा।
आज तक कोई वैज्ञानिक पहले आसमान को छेद करके दूसरे आसमान तक नहीं पहुंचा। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि मनुष्यों का ज्ञान अल्लाह तआला के ज्ञान के सामने कितना साधारण और तुच्छ है। इसी को अल्लाह तआला ने कुरान मजीद में वर्णन करते हुए कहा है: وما أوتيم من العلم إلا قليلا (तुम्हें जो ज्ञान दिया गया है वह बहुत ही कम है।) [सूरतुल इसरा, आयत संख्या 85]
थोड़ा अपने ज्ञान और बुद्धि का प्रयोग करें इन आसमानों और जमीनों में अल्लाह तआला ने कितने जीवों को पैदा किया है, और उनके भोजन की भी कितनी उत्तम व्यवस्था की है। यदि किसी देश के राजा को इन जीवों के भोजन का व्यवस्था भार दिया जाए तो अपनी पूरी सल्तनत और संपूर्ण साम्राज्य बेच कर भी वह एक हफ्ते के लिए भी इनके भोजन की व्यवस्था नहीं कर सकते।
थोड़ा सोचें कि अल्लाह का खज़ाना कितना बड़ा है जो जमीन के सृष्टि करने के दिन से लेकर आज तक निरंतर उन्हें भोजन उपलब्ध करा रहा है।
*क्या उस अल्लाह के अतिरिक्त भी कोई इबादत और उपासना का योग्य हो सकता है?*
Waqai Lazawab 😍 ❤❤❤MashaAllah
❤❤❤Nihayat hi umdah❤❤
سبحان اللہ لاجواب کلام اللہ ربالعزت آپ کو خوب مقبولیت عطاء فرمائے آمین، سنجیو کانت عرف صادق لکھنؤ ❤❤❤
Abrar Kashif Dil se support dil se ❤❤❤❤❤
अद्भुत शायरी .... Abrar sir ... 🙏❤
th-cam.com/video/wKWjZ2oHvJs/w-d-xo.html
*अल्लाह कितना महान है?*
✍️ *फारूक अब्दुल्लाह नारायण पूरी*
वैज्ञानिकों के अनुसार सुर्य पृथ्वी से तेरह लाख गुना बड़ा है। यानी इस तरह की और तेरह लाख पृथ्वियाँ होतीं तो एक सूरज के बराबर हो सकती थीं।
ज्ञात हो कि सुर्य सबसे बड़ा ग्रह नहीं है। अल्लाह तआला ने इससे भी बड़े-बड़े ग्रह पैदा किए हैं। एक ग्रह है जिसका नाम है VY Canis Majoris
इस ग्रह के संबंध में वैज्ञानिक कहते हैं कि यह सूर्य से भी 9 बिलियन गुना बड़ा है।
जरा सोचें के इन बड़े ग्रहों के सामने हम मनुष्यों की स्थिति क्या है। हम कितने छोटे और असहाय हैं। जिस अल्लाह तआला ने इतने बड़े-बड़े ग्रहों की सृष्टि की वह कितना महान होगा!!!
समस्त वैज्ञानिकों का शोध केवल एक आसमान और एक जमीन तक सीमित है। अल्लाह तआला ने इसी प्रकार और भी छह आसमान और छह जमीनें पैदा की हैं। उन आसमानों और जमीनों में अल्लाह तआला ने क्या कुछ सृष्टि की है यह उसके अतिरिक्त कोई जानता ही नहीं।
कुरान मजीद में अल्लाह तआला फरमाता है:
فلا أقسم بما تبصرون وما لا تبصرون
(कसम है उन चीजों की जिन्हें तुमने देखा है और उन चीजों की भी जिन्हें तुमने देखा ही नहीं।) [सूरतुल हाक्कह, आयत संख्या 38, 39]
निसंदेह जो हमारी दृष्टि से ओझल हैं वह कहीं अधिक हैं।
आज तक किसी वैज्ञानिक का रिसर्च इस पृथ्वी वाले प्रथम आसमान के ऊपर तक नहीं पहुंचा।
आज तक कोई वैज्ञानिक पहले आसमान को छेद करके दूसरे आसमान तक नहीं पहुंचा। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि मनुष्यों का ज्ञान अल्लाह तआला के ज्ञान के सामने कितना साधारण और तुच्छ है। इसी को अल्लाह तआला ने कुरान मजीद में वर्णन करते हुए कहा है: وما أوتيم من العلم إلا قليلا (तुम्हें जो ज्ञान दिया गया है वह बहुत ही कम है।) [सूरतुल इसरा, आयत संख्या 85]
थोड़ा अपने ज्ञान और बुद्धि का प्रयोग करें इन आसमानों और जमीनों में अल्लाह तआला ने कितने जीवों को पैदा किया है, और उनके भोजन की भी कितनी उत्तम व्यवस्था की है। यदि किसी देश के राजा को इन जीवों के भोजन का व्यवस्था भार दिया जाए तो अपनी पूरी सल्तनत और संपूर्ण साम्राज्य बेच कर भी वह एक हफ्ते के लिए भी इनके भोजन की व्यवस्था नहीं कर सकते।
थोड़ा सोचें कि अल्लाह का खज़ाना कितना बड़ा है जो जमीन के सृष्टि करने के दिन से लेकर आज तक निरंतर उन्हें भोजन उपलब्ध करा रहा है।
*क्या उस अल्लाह के अतिरिक्त भी कोई इबादत और उपासना का योग्य हो सकता है?*
Very good 👍i appreciate you this is what islam motto
Love from Pakistan barakallah feek
Great poet
Allah salamat rakkhe
Love ❤️❤️❤️❤️
From. India
मिरे रब की मुझ पर इनायत हुई
कहूँ भी तो कैसे इबादत हुई
हक़ीक़त हुई जैसे मुझ पर अयाँ
क़लम बन गया है ख़ुदा की ज़बाँ
मुख़ातिब है बंदे से परवरदिगार
तू हुस्न-ए-चमन तू ही रंग-ए-बहार
तू मेराज-ए-फ़न तू ही फ़न का सिंघार
मुसव्विर हूँ मैं तू मिरा शाहकार
ये सुब्हें ये शामें ये दिन और रात
ये रंगीन दिलकश हसीं काएनात
कि हूर-ओ-मलाइक वो जिन्नात में
किया है तुझे अशरफ़-उल-मख़्लुक़ात
मिरी अज़्मतों का हवाला है तू
तू ही रौशनी है उजाला है तू
फ़रिश्तों से सज्दा भी करवा दिया
कि तेरे लिए मैं ने क्या न किया
ये दुनिया जहाँ बज़्म-आराईयाँ
ये महफ़िल ये मेले ये तन्हाइयाँ
फ़लक का तुझे शामियाना दिया
ज़मीं पर तुझे आब-ओ-दाना दिया
मिले आबशारों से भी हौसले
पहाड़ों में तुझ को दिए रास्ते
ये पानी हवा और ये शम्स-ओ-क़मर
ये मौज-ए-रवाँ ये किनारा भँवर
ये शाख़ों पे ग़ुंचे चटख़्ते हुए
फ़लक पे सितारे चमकते हुए
ये सब्ज़े ये फूलों-भरी क्यारियाँ
ये पंछी ये उड़ती हुई तितलियाँ
ये शो'ला ये शबनम ये मिट्टी ये संग
ये झरनों के बजते हुए जल-तरंग
ये झीलों में हँसते हुए से कँवल
ये धरती पे मौसम की लिक्खी ग़ज़ल
ये सर्दी ये गर्मी ये बारिश ये धूप
ये चेहरा ये क़द और ये रंग-रूप
दरिंदों चरिन्दों पे क़ाबू दिया
तुझे भाई दे कर के बाज़ू दिया
बहन दी तुझे और शरीक-ए-सफ़र
ये रिश्ते ये नाते घराना ये घर
कि औलाद भी दी दिए वालदैन
अलिफ़ लाम मीम काफ़ और ऐन ग़ैन
ये अक़्ल-ओ-ज़हानत शुऊ'र-ओ-नज़र
ये बस्ती ये सहरा ये ख़ुश्की ये तर
और इस पर किताब-ए-हिदायत भी दी
नबी भी उतारे शरीअ'त भी दी
ग़रज़ कि सभी कुछ है तेरे लिए
बता क्या किया तू ने मेरे लिए
Mashaallah abrar bhai AAP hamare Amravati ka gurur ho
Abrar kashif is very awesome and extraordinary poet
واہ کیا خوبصورت غزل ہے
MaShaAllah, Great poet. God bless you.
Abrar sab amazing MashaAllah
Lots of love Ibrar sb ❤❤❤❤ from islamabad Pakistan ❤❤❤❤❤❤❤❤❤ 🇵🇰 ❤❤❤❤❤
خوب صورت اشعار.. دکھی لہجہ
Kya baat hai Abrar Sahab👌👌👍
Allah ne aapko khas nawaza he. Subhannallah Dil me uterte hain ek ek lafz.
His voice as he crying by 💜 heart
th-cam.com/video/O7sP1aId1e0/w-d-xo.html
سمندروں کو بھی معلوم ہے ہمارامزاج
کہ ہم تو پہلا قدم ہی بھور میں رکھتے ہیں
اللہ اپ کو سلامت رکھے اپ کی عمر میں خیر و برکت عطا فرمائے
Or ham shukar bhi nahi aada karte.. alhamdulillah..
Masha Allah Very beautiful video.
Hats off to you Sir.
Nice video good 👍👍👍👍👍👍👍👍
Bahot khub Abrar kashif sahab masallah
Khuda ne diya jo
Kya lautayega
Tu khudgarz hai
Kaya samaz payega
Yahan tu aya hai kyun
Kaya manzil teri
Yehi hai teri
Teri zindagi
HINDUSTANI😊😊❤
ابرار صاحب نے اپنی شاعری میں اللہ تعالیٰ کی کبریائی و بندوں پر احسانات کو پر اثر انداز میں پیش کرکے عقل مند بندوں کو اسکی مکمل بندگی اختیار کر نے کی دعوت دی ہے اور وہ جو اللہ پر ایمان نہیں رکھتے ایمان لے آئیں
بے شک جی، ابرار بھائی کی بہت بڑی کاوش ہے... سلامت رہیں
آمین
غیر مسلم اشعار سنتے ہیں۔ سچائی بھی سمجھ میں آتی ہے۔ لیکن ایمان نہیں لاتے۔ کیوں کہ ہدایت صرف اللہ ہی کی طرف سے مل سکتی ہے۔
लाजवाब....शुक्रगुज़ार हैं खुदा के..दिल से शुक्रगुज़ार
Nabi ki inaayat se bande bane
Nabi hum tere dar par woh kar jayenge jidar bi nazar jayegi apki
Bas insaan hi insaan nazar ayenge
Na hoga koi chota na koi bada
Bas hoga harek afzal khara
Barsega tera har kisi par hi noor
Na hoga Nabi koi tujse hi durr
Har ghar mein honge roshan charag
Sabi jaag jayenge hogi na raat
Muskraton ki duniya banegi missal
Hum karke jayenge asa kammal
Hum tera diya tujko LAUTAYEGE
Hum insaan ke bande kahlayege
After listening your nazam I want to request you to remember me in your duaayen.
th-cam.com/video/wKWjZ2oHvJs/w-d-xo.html
Mashallah
God Bless you @Abrar Bhai
Bahut khoob andaz bahut achha h aur aapke shayri me manvi gahrai h ham aapke mushayre bahut sunte
Great abrar bhai mashallah mubarak from KBT GROUP OF HYDERABAD DUBAI ❤
Har har mahadev kya shairy h jai maatadi❤
Chagaye Abrar bhai aap chagaye wah wah 👏💐
Best lines with best behind reaction of Tehzeeb Hafi 🔥😃
MashaAllah JazakAllahu khaer 🕋☝❤
Masha Allah۔۔i love۔۔Abrar kashif brothar
Wah wah wah wah 👌.. superb.. amazing..
Bhai bha Abrar bhai Apki shayri aap bemishal
Aj aapki shayri Hamne live suni Apne sahar Etawah me 21/12/2024
Jese me God k samne Beth kr best poem sun rha hu, salute you sir 🫡🫡🫡🫡
Abrar khasif jesa shayar sayad hi ho naye sayaro mai ❤
Abrar,Bai,Ki,Awaz,Buhot,Pasand,Hai,Mashallha
شاندار شاعری