हिन्दू भाई संभलो आज पूरे विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही है जिनकी शरण में आकर ही मानव कल्याण की प्राप्ति हो सकती है । समस्त विश्व से निवेदन है की बिना देर किए पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना जीवन कल्याण कराएं।
आज पूरे विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं, जिनकी शरण में आकर ही मानव कल्याण की प्राप्ति हो सकती है। समस्त विश्व से निवेदन है कि बिना देर किए पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को समझे और स्वीकार करें और अपने मानव जीवन को सफल बनाएं ।
#हिन्दू_भाई_संभलो 🍀देवकीनंदन जी का यह कहना है कि जन्म मरण कभी समाप्त नहीं हो सकता है। श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 15 श्लोक 4- "ततः, पदम्, तत्, परिमार्गितव्यम्, यस्मिन्, गताः, न, निवर्तन्ति, भूयः, तम्, एव्, च, आद्यम्, पुरुषम्, प्रपद्ये, यतः, प्रवृत्तिः, प्रसृता, पुराणी।।" Hindu Bhai Dhokhe Mein
🍀देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। #हिन्दू_भाई_संभलो #HinduBhai_Dhokhe_Mein #Hindu #Hinduism #HinduTemple #Hindiquotes #Sanatani #SanatanDharma #SantRampalJiMaharaj #BhagavadGita
संत रामपाल जी महाराज के दिव्य आध्यात्मिक प्रवचनों को सुनने से लोग मांस खाने की बुरी आदत को छोड़ देते हैं, जो बदले में उनके जीवन से बुरे कर्मों का बोझ हटा देता है। संत रामपाल जी महाराज मानवता की मिसाल कायम कर रहे हैं। मांस मछली खात है, सुरापान से हेत। ते नर नरक ही जाएंगे, माता पिता समेत।।
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। #hindus #hindustan #sanatan #india #hindurashtra #trending #hindutva #viralreels #krishna #hindudharma #HinduBhai_Dhokhe_Mein #SaintRampalJiQuotes #SantRampalJiQuotes #SantRampalJiMaharaj #SaintRampalJi
#हिन्दू_भाई_संभलो सभी सन्त ब्रह्मा, विष्णु, महेश और अन्य सभी देवी देवताओं की भक्ति के विषय में बताते हैं। जबकि सन्त रामपाल जी महाराज ने एक सही तरीका और सही भक्ति से लोगों को अवगत कराया है। Hindu Bhai Dhokhe Mein
हिन्दू भाई संभलो Hindu Bhai Dhokhe Mein Sant Rampal ji Maharaj is the only Guru who can give us true knowledge of God and lead us to salvation. Sant Rampal Ji Maharaj
संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान के अतिरिक्त अन्य संतों का जो भी ज्ञान है उसका कोई आधार नहीं है ना कोई प्रमाण है! अन्य धर्मगुरु जगत समाज को मनमानी साधना, पूजा विधि बताते हैं जैसे व्रत रखना, पितर पूजा, श्राद्ध निकालना, आदि सभी क्रियाएं जिनका श्रीमद्भागवत गीता में मना किया गया है।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है। सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
🍀देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो।
हिन्दू भाई संभलो बस करो मूर्ख बनाना बस करो* अनिरुद्धाचार्य जी का कहना है कि बिना नाम जाप के ही साधक की मुक्ति हो जाएगी। संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में लिखा है "ओम् क्रतो स्मर, क्लिबे स्मर, कृतुम् स्मर।" अर्थात् ओम् नाम का जाप कार्य करते-करते कर, विशेष तड़फ के साथ तथा मानव जीवन का मुख्य कर्तव्य मानकर जाप कर। यही प्रमाण गीता अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में भी है जिसमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! तू युद्ध भी कर, मेरा स्मरण भी कर।
संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित किया है कि गीता एवं वेद, मानव सभ्यता के लिए परमात्मा का विधान व संविधान प्रकट करते हैं। जिनसे हमें सृष्टि के रचयिता परमात्मा के बारे में जानकारी मिलती है। एक तरह से कहें तो गीता व वेद हमारे लिए संविधान एवं अंतिम प्रमाण हैं। यही निर्देश गीता अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में दिया गया है। साथ ही साथ पूर्ण मोक्षप्राप्ति के लिए सतगुरु से दीक्षित होना भी अनिवार्य है क्योंकि रामजी, कृष्णजी, नानकदेव जी जैसे महान पुरुषों ने भी गुरु धारण किया तो बिना सतगुरु के वर्तमान समय में कैसे आध्यात्मिक रहस्यों का भेद पाया जा सकता है।
#हिन्दू_भाई_संभलो हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित कि है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में "व्रज" शब्द अर्थ आना किया है। जबकि ये देखिए संस्कृत हिन्दी शब्द कोश इसमे साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। यानि अर्जुन तू केवल उस परमात्मा कि शरण में जा। वो परमात्मा कौन है। इस सवाल को छिपाने के लिए धर्म गुरुओ ने व्रज शब्द का मतलब ही गलत कर दिया। ये हमारे साथ धोखा है।
आज पुरे विश्व में तत्व दर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज जी है जिन्होंने मानव समाज को सत् भक्ति विभिन्न धर्मो के शास्त्रों के आधार पर बताई है जो 101 प्रसेंट सटीक और सत्य है
#हिन्दू_भाई_संभलो देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। Hindu Bhai Dhokhe Mein
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे तो कष्ट नहीं आएंगे और भक्त का जीवन सुखी हो जाएगा।
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा* कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है। जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47) वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16) #hindus #hindustan #sanatan #india #hindurashtra #trending #hindutva #viralreels #krishna #hindudharma #HinduBhai_Dhokhe_Mein #SaintRampalJiQuotes #SantRampalJiQuotes #SantRampalJiMaharaj #SaintRampalJi
हिन्दू भाई संभलो संत रामपाल जी महाराज ही विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं जो शास्त्रों के आधार पर ज्ञान प्रदान कर रहे हैं एक बार आप भी उनकी शरण में आकर सत्य भक्ति प्राप्त करे
हिन्दू भाई संभलो 🍀ईसाई धर्म के पादरी तथा मुस्लिम धर्म के काजी, मौलवी कहते हैं कि गॉड/अल्लाह निराकार/बैचून है। जबकि अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज बाइबल, तौरेत, कुरान आदि से प्रमाणित करके बताते हैं कि परमात्मा ने मनुष्य को अपने ही स्वरुप में बनाया, 6 दिन में सृष्टि रची तथा सातवें दिन तख्त/सिंहासन पर विराजमान हुए, अर्थात् परमात्मा/अल्लाह साकार है, मनुष्य जैसे स्वरूप में है।
🍀हिंदुओं के साथ धोखा राधास्वामी, जय गुरुदेव, निरंकारी आदि पंथ तथा आसाराम, राम रहीम, देवकीनंदन, अनिरुद्ध आचार्य, इत्यादि संत कहते हैं कि पाप कर्म तो भोगना ही पड़ेगा। जबकि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 से प्रमाणित करके बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा पाप कर्म को भी काट देता है।
हिन्दू भाई संभलो संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि हमारे पवित्र सद्ग्रंथ 📚यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15, अध्याय 5 मंत्र 1, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 1 सूक्त 31 मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 86 मंत्र 26-27 से स्पष्ट है
सभी दुखों का निवारण केवल संत रामपाल जी महाराज जी कर सकते हैं क्योंकि वह ही पूरी पृथ्वी पर केवल एकमात्र पूर्ण संत है जिनके अनुसार भक्ति साधना करने से हमें बहुत से सुख मिल रहे हैं
संत रामपाल जी महाराज की सत्य भक्ति से जन्म मरण का नही बल्कि सभी पापों व सभी दुखों निवारण होती है। सत्य भक्ति करके हमें पूर्ण मोक्ष कि प्राप्ति होती है।
इस ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही पूर्ण संत हैं ,संत रामपाल जी महाराज जो शास्त्रानुसार भक्ति करते हैं और करवाते हैं। सत्यज्ञान व मोक्ष मार्ग प्राप्त करने हेतु अविलंब शरण ग्रहण कर नाम दीक्षा लेकर भक्ति करें और अपने जीवन को सफल बनाएं।
🍀🍀🍀देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। हिन्दू भाई संभलो✅️✅️✅️✅️
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। हिन्दू भाई संभलो
हिन्दू भाई संभलो 🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है। संभलो हिन्दू भाइयों।
हिन्दू भाई संभलोबस करो मूर्ख बनाना बस करो* अनिरुद्धाचार्य जी मन मुखी साधना बताते हैं। जब कि संत रामपाल जी महाराज जी ने स्पष्ट किया है की मनमुखी भक्ति से कोई लाभ नहीं होता। गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में गीता बोलने वाले काल ब्रह्म ने कहा है कि मनमुखी साधना बिलकुल भी लाभदायक नहीं हैं। गीता अध्याय 16 श्लोक 23 यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्नोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् ॥ जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है। 🍀हिंदुओं से धोखा अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि किसी भी भक्ति साधना से पाप नहीं कट सकते। संत रामपाल जी महाराज ने गीता जी में प्रमाणित किया है कि पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से और उसको भोग लगाकर बचे हुए अन्न को खाने से साधक पाप मुक्त हो जाता है। गीता अध्याय 3 श्लोक 13 यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः। भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात्।।हिन्दू धोखे में* अनिरुद्धाचार्य जी का मानना है कि भगवान साकार भी है और निराकार भी है। संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि हमारे पवित्र सद्ग्रंथ यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15, अध्याय 5 मंत्र 1, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 1 सूक्त 31 मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 86 मंत्र 26-27 से स्पष्ट है कि परमात्मा मानव सदृश्य साकार है जोकि द्यूलोक अर्थात सतलोक के तीसरे पृष्ठ पर सिंहासन पर विराजमान है, वह राजा के समान दर्शनीय है। 🍀*बस करो मूर्ख बनाना बस करो* अनिरुद्धाचार्य जी का कहना है कि बिना नाम जाप के ही साधक की मुक्ति हो जाएगी। संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में लिखा है "ओम् क्रतो स्मर, क्लिबे स्मर, कृतुम् स्मर।" अर्थात् ओम् नाम का जाप कार्य करते-करते कर, विशेष तड़फ के साथ तथा मानव जीवन का मुख्य कर्तव्य मानकर जाप कर। यही प्रमाण गीता अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में भी है जिसमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! तू युद्ध भी कर, मेरा स्मरण भी कर।
हिन्दू भाई संभलो 🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है। संभलो हिन्दू भाइयों।
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है। जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47) वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
.....श्री बृजलाल पाण्डे से श्री नानक जी ने पूछा आप कहते हो कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने बोला तथा श्री कृष्ण जी ही श्री विष्णु अवतार हैं। श्री विष्णु जी अजन्मा, सर्वेश्वर, अविनाशी हैं। इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। आप यह भी कहते हो कि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव है। यही त्रिगुण माया है। परन्तु गीता ज्ञान दाता प्रभु (1). गीता अध्याय 2 श्लोक 12 में तथा (2). अध्याय 4 श्लोक 5 में अपने आप को नाशवान कह रहा है कि मेरे तो जन्म तथा मृत्यु होते हैं तथा ( 3). अध्याय 15 श्लोक 4 तथा (4). अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने को कह रहा है तथा उसी की साधना से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष संभव है। मैं (गीता ज्ञान दाता) भी उसी की शरण में हूँ। (5). गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता प्रभु कह रहा है कि जिनका ज्ञान त्रिगुण माया के द्वारा हरा जा चुका है। भावार्थ है कि जो साधक तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करते हैं। इनसे अन्य प्रभु की साधना नहीं करते। जिनकी बुद्धि इन्हीं तक सीमित है वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले, मूर्ख मुझे नहीं भजते। उपरोक्त तीनों प्रभुओं (गुणों) की पूजा मना है। फिर गीता ज्ञान दाता ब्रह्म (काल) (6). अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना को (अनुत्तमाम्) अति घटिया कह रहा है। इसलिए गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि पूर्ण मोक्ष तथा परम शान्ति के लिए उस परमेश्वर की शरण में जा, (7). गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में प्रमाण है कि उसके लिए किसी तत्वदर्शी संत की खोज कर। मैं उस परमात्मा के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं रखता। उसी तत्वदृष्टा संत द्वारा बताए ज्ञान अनुसार उस परमेश्वर की भक्ति कर। यही प्रश्न परमेश्वर कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी से बेई दरिया के किनारे किया था। जिस तत्वज्ञान को समझ कर तथा कबीर परमेश्वर के सतपुरुष रूप में सतलोक (सच्चखण्ड) में तथा धाणक रूप में बनारस (काशी में) दर्शन करके समर्पण करके तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह 🙏
हिन्दू भाई संभलो 🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है। संभलो हिन्दू भाइयों।
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। ❤❤❤❤🙋🙋🙋👏👏👏
संत रामपाल जी एक ऐसा सच्चा संत है जो विश्व में विजय ला सकता है और विश्व को कल्याण कर सकता है हमें मोक्ष दिला सकता है संत रामपाल जी महाराज ही हमारा पूर्ण ब्रह्म है
True Guru Sant Rampal Ji Maharaj गीता अध्याय ७ श्लोक १८ मा गीता ज्ञानदाता भगवानले आफ्नो गति (साधना/मुक्ति) लाई अनुत्तम भनेका छन्। गीता अध्याय ७ श्लोक १८: - उदाराः, सर्वे, एव, एते, ज्ञानी, तु, आत्मा, एव, मे, मतम्, आस्थितः, सः, हि, युक्तात्मा, माम्, एव, अनुत्तमाम्, गतिम्।।१८।। नेपालीमा शब्दानुवाद: - (हि) किनकि (मे) मेरो (मतम्) विचारमा (एते) यी (सर्वे, एव) सबै नै (ज्ञानी) ज्ञानी (आत्मा) आत्मा (उदाराः) उदार छन् (तु) तर (सः) त्यो (माम्) ममा (एव) नै (युक्तात्मा) लीन आत्मा (अनुत्तमाम्) मेरो अति घटिया (गतिम्) मुक्तिमा (एव) नै (आस्थितः) आश्रित छन्। नेपालीमा वाक्य अनुवाद: - किनकि मेरो विचारमा यी सबै नै ज्ञानी आत्मा उदार छन् तर त्यो जो ममा नै लीन भएको आत्मा छ त्यो मेरो अति घटिया मुक्तिमा आश्रित छ।
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सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है। जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47) वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
हिन्दू भाई संभलो केवल संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु हैं जो सभी धर्मों के शास्त्रों से सत्य भक्ति बताते हैं जिनके मूल मंत्रों से बड़े से बड़ा रोग समाप्त होकर सर्व सुख मिलते हैं।
लोग हमें कहते हैं कि तुम छोटा मुंह बड़ी बातें करते हो, अब सच्चाई को छोटे मुंह से कह लो या बड़े मुंह से सच्चाई सच्चाई ही है सतगुरु रामपाल जी महाराज तत्वदर्शी संत ❤️
हिन्दू धमर्गुरू व प्रचारक आचार्य, शंकराचार्य तथा गीता मनीषी गीता ज्ञान देने वाले (जिसे ये श्री विष्णु का अवतार श्री कृष्ण कहते हैं) को अविनाशी बताते हैं। कहते हैं इनका जन्म-मृत्यु नहीं होता। इनके कोई माता-पिता नहीं। आप देखें स्वयं (गीता अध्याय 2 श्लोक 12) हे अर्जुन! ऐसा नहीं है कि मैं-तू तथा ये सब राजा व सैनिक पहले नहीं थे या आगे नहीं होंगे। अर्थात मैं (गीता ज्ञान दाता) तू (अर्जुन) तथा ये सब सैनिक आदि-आदि सब पहले भी जन्मे थे, आगे भी जन्मेंगे। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जीहिन्दू भाई संभलो
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। Sant Rampal Ji Maharaj
.....श्री बृजलाल पाण्डे से श्री नानक जी ने पूछा आप कहते हो कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने बोला तथा श्री कृष्ण जी ही श्री विष्णु अवतार हैं। श्री विष्णु जी अजन्मा, सर्वेश्वर, अविनाशी हैं। इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। आप यह भी कहते हो कि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव है। यही त्रिगुण माया है। परन्तु गीता ज्ञान दाता प्रभु (1). गीता अध्याय 2 श्लोक 12 में तथा (2). अध्याय 4 श्लोक 5 में अपने आप को नाशवान कह रहा है कि मेरे तो जन्म तथा मृत्यु होते हैं तथा ( 3). अध्याय 15 श्लोक 4 तथा (4). अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने को कह रहा है तथा उसी की साधना से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष संभव है। मैं (गीता ज्ञान दाता) भी उसी की शरण में हूँ। (5). गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता प्रभु कह रहा है कि जिनका ज्ञान त्रिगुण माया के द्वारा हरा जा चुका है। भावार्थ है कि जो साधक तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करते हैं। इनसे अन्य प्रभु की साधना नहीं करते। जिनकी बुद्धि इन्हीं तक सीमित है वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले, मूर्ख मुझे नहीं भजते। उपरोक्त तीनों प्रभुओं (गुणों) की पूजा मना है। फिर गीता ज्ञान दाता ब्रह्म (काल) (6). अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना को (अनुत्तमाम्) अति घटिया कह रहा है। इसलिए गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि पूर्ण मोक्ष तथा परम शान्ति के लिए उस परमेश्वर की शरण में जा, (7). गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में प्रमाण है कि उसके लिए किसी तत्वदर्शी संत की खोज कर। मैं उस परमात्मा के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं रखता। उसी तत्वदृष्टा संत द्वारा बताए ज्ञान अनुसार उस परमेश्वर की भक्ति कर। यही प्रश्न परमेश्वर कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी से बेई दरिया के किनारे किया था। जिस तत्वज्ञान को समझ कर तथा कबीर परमेश्वर के सतपुरुष रूप में सतलोक (सच्चखण्ड) में तथा धाणक रूप में बनारस (काशी में) दर्शन करके समर्पण करके तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह 🙏
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। हिन्दू भाई संभलो
भक्त समाज को प्रदान किया मनमुखी ज्ञान स्वघोषित धर्मगुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने सार्वजनिक मंच से यह स्वीकारा है कि उन्होंने गीता आदि धर्मग्रंथों का अध्ययन नहीं किया है और नाहीं उनके कोई गुरु हैं। जबकि संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित किया है कि गीता एवं वेद, मानव सभ्यता के लिए परमात्मा का विधान व संविधान प्रकट करते हैं। जिनसे हमें सृष्टि के रचयिता परमात्मा के बारे में जानकारी मिलती है। एक तरह से कहें तो गीता व वेद हमारे लिए संविधान एवं अंतिम प्रमाण हैं। यही निर्देश गीता अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में दिया गया है। साथ ही साथ पूर्ण मोक्षप्राप्ति के लिए सतगुरु से दीक्षित होना भी अनिवार्य है क्योंकि रामजी, कृष्णजी, नानकदेव जी जैसे महान पुरुषों ने भी गुरु धारण किया तो बिना सतगुरु के वर्तमान समय में कैसे आध्यात्मिक रहस्यों का भेद पाया जा सकता है।
कथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं , हठयोग करने को कहते हैं जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना हठयोग करने को मना किया है। 🌺🌺🌺🌺 संभलों हिन्दू भाइयों। हिन्दू भाई संभलो
हिंदुओ जागो भाइयों संत रामपाल जी महाराज धरती पर एकमात्र तत्वदर्शी संत है जिनके पास तत्वज्ञान है परमात्मा धरती पर आए हुए हैं संत रामपाल जी महाराज का नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाए
हिन्दू भाई संभलो केवल संत रामपाल जी महाराज इस संसार में पूर्ण संत है जो सभी कासन से छुटकारा दिला सकते हैं यदि विश्वास ना हो तो एक बार अवश्य उनकी शरण में जाए।
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे तो कष्ट नहीं आएंगे और भक्त का जीवन सुखी हो जाएगा।
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। हिन्दू भाई संभलो
हिन्दू भाई संभलो । मूर्ख बनाना बंद करो।अब आपकी दाल नहीं गलने वाली। पढ़ा लिखा समाज है। आपको उस परमेश्वर की जानकारी तक नहीं है जो मुक्तिदाता है। फिर आपके पास नाम कहां से आया। जो नाम जाप आप करवाते हो ये नर्क में लेकर जाएगा। क्यों कि पवित्र शास्त्र गीताजी में लिखा है कि मनमाना मंत्र जाप करने वालों को ना सुख शांति होगी और ना ही परम गति यानि मुक्ति होगी । अर्थात सबसे बड़ा धोखा।
हिन्दू भाई संभलो 🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है। संभलो हिन्दू भाइयों।
श्री राधे राधे 🙏 श्री राधे राधे 🙏 श्री राधे राधे 🙏 श्री सदगुरुदेव भगवान आपके श्री चरण कमलों में मेरा साष्टांग दंडवत कोटि-कोटि नमन है 🙏 प्रियाकांत जू सरकार की जय 🙏 श्री राधे राधे 🙏 श्री राधे राधे 🙏 श्री राधे राधे 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏❤❤❤❤❤❤❤❤
हिन्दू भाई संभलो हालांकि हमारे पवित्र शास्त्रों में व्रत करना कहीं नहीं लिखा है बल्कि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में मना किया है इस समय संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के अनुसार भक्ति बता रहे हैं और शास्त्रों को टीवी पर खोल खोल कर दिखा रहे हैं एक बार अवश्य सुने संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग Sadhana TV Channel At 7:30 pm
हिन्दू भाई संभलो देवकीनंदन जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे तो कष्ट नहीं आएंगे और भक्त का जीवन सुखी हो जाएगा।
हिन्दू भाई संभलो 🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है। संभलो हिन्दू भाइयों।
हिन्दू_भाई_संभलो देवकीनंदन जी का यह कहना है कि जन्म मरण कभी समाप्त नहीं हो सकता है। श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 15 श्लोक 4,अध्याय 15 के श्लोक 17 गीता के इन उपरोक्त श्लोकों से संत रामपाल जी महाराज ने यह स्पष्ट किया है कि उत्तम पुरुष परमेश्वर की भक्ति करने वाले भक्तजन कभी भी संसार में लौट कर नहीं आते अर्थात उनका जन्म मृत्यु हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। Hindu Bhai Dhokhe Mein
#हिन्दू_भाई_संभलो अन्य धर्मगुरु जो भी मंत्र जाप बताते हैं जैसे हरे राम, राम राम, राधे राधे, कृष्णा-कृष्णा, हरि ॐ तत् सत्, ॐ नमः शिवाय, ॐ भगवते वासुदेवाय नम; मृत्युंजय जाप आदि मंत्र हमारे पवित्र शास्त्रों में प्रमाणित नहीं है। ये सब शास्त्रविरुद्ध व मनमाना आचरण होने से व्यर्थ है। जिस कारण से हमें कोई लाभ, सुख-शांति प्राप्त नहीं हो सकती है और ना ही हमारा पूर्ण मोक्ष हो सकता है। Hindu Bhai Dhokhe Mein
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं जो शास्त्रों के बताए अनुसार तीन समय की भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को देते हैं जिससे उन्हें सर्व सुख मिलता है तथा उनका मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है।🙏🙏
हिन्दू भाई संभलो हिन्दू धमर्गुरू व प्रचारक आचार्य, शंकराचार्य तथा गीता मनीषी गीता ज्ञान देने वाले (जिसे ये श्री विष्णु का अवतार श्री कृष्ण कहते हैं) को अविनाशी बताते हैं। कहते हैं इनका जन्म-मृत्यु नहीं होता। इनके कोई माता-पिता नहीं। आप देखें स्वयं (गीता अध्याय 2 श्लोक 12) हे अर्जुन! ऐसा नहीं है कि मैं-तू तथा ये सब राजा व सैनिक पहले नहीं थे या आगे नहीं होंगे। अर्थात मैं (गीता ज्ञान दाता) तू (अर्जुन) तथा ये सब सैनिक आदि-आदि सब पहले भी जन्मे थे, आगे भी जन्मेंगे। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
हिन्दू भाई संभलो तत्वज्ञान ज्ञान के अभाव में हम अपने शास्त्रों के विरुद्ध मनमुखी साधनाओं में निर्थक प्रयत्न करते हैं। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदत्त सतभक्ति और तत्वज्ञान से ही पूर्ण मोक्ष सम्भव है।
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं। हिन्दू भाई अब तो संभलो। हिन्दू भाई संभलो
आज तक हमें श्राद्ध करना और पितर पूजा करना मोक्ष की क्रिया बताया जा रहा था। लेकिन गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में श्राद्ध और पिंड आदि कर्मकांड को गलत बताया है। मार्कन्डेय पुराण में भी पितर पूजा को मूर्खों की साधना कहा है। तो फिर ये साधना क्यों कारवाई जा रही है। संभलो हिन्दू भाइयों।हिन्दू भाई संभलो
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है। जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47) वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा* कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है। जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47) वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16) #hindus #hindustan #sanatan #india #hindurashtra #trending #hindutva #viralreels #krishna #hindudharma #HinduBhai_Dhokhe_Mein #SaintRampalJiQuotes #SantRampalJiQuotes #SantRampalJiMaharaj #SaintRampalJi
हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित की है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में "व्रज" शब्द का अर्थ आना किया है। जबकि संस्कृत हिन्दी शब्द कोश में साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। यानि अर्जुन तू केवल उस परमात्मा कि शरण में जा। वो परमात्मा कौन है। इस सवाल को छिपाने के लिए धर्म गुरुओ ने व्रज शब्द का मतलब ही गलत कर दिया। ये हमारे साथ धोखा है। #hindus #hindustan #sanatan #india #hindurashtra #trending #hindutva #viralreels #krishna #hindudharma #HinduBhai_Dhokhe_Mein #SaintRampalJiQuotes #SantRampalJiQuotes #SantRampalJiMaharaj #SaintRampalJi
हिन्दू_भाई_संभलो संत रामपाल जी महाराज जी ने स्पष्ट किया है की मनमुखी भक्ति से कोई लाभ नहीं होता। गीता अध्याय 16 श्लोक 23 यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्नोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् ॥ जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है। Hindu Bhai Dhokhe Mein
विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं जो गीता चारों वेद और 18 पूरान से प्रमाणित ज्ञान बताते हैं जिससे नाम दीक्षा लेकर भक्ति करने से हमारे पाप कर्म कटते हैं जिससे रोग नाश होता है और हमे सूख मिलना प्रारंभ हो जाता है
पुष्पा दासीं, हिन्दू भाई संभलो, केवल संत रामपाल जी महाराज जी इस पृथ्वी पर पूर्ण संत जो शस्त्र आधारित ज्ञान दें रहें हैं। जिसके कारण बहुत से लाभ मिल रहें हैं।
हिन्दू भाई संभलो पूरे विश्व में केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं, जो सत्संग में सभी वेदों शास्त्रों को खोल खोल कर बताते हैं, और शास्त्रों के अनुसार भक्ति करवाते है जिससे मानव के सब दुःख दूर हो जाते हैं मोक्ष प्राप्त होता हैं।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य • पूरे विश्व को बुराईयों से मुक्त करके शांति स्थापित करना और आपसी भाईचारा कायम करना है। • धरती स्वर्ग समान बने, हर इंसान सुखी हो। • सतभक्ति प्रदान कर सर्व मानव समाज को अंधविश्वास और पाखंडवाद से मुक्ति दिलाना है। संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “धरती ऊपर स्वर्ग” इस पुस्तक को अवश्य पढें।
सत रामपाल जी महाराज की सत्य भक्ति से जन्म मरण का नही बल्कि सभी पापों व सभी दुखों निवारण होती है। सत्य भक्ति करके हमे पूणे मोक्ष कि प्राप्ति होती हैं। 🙏🙏🙏
हिन्दू भाई संभलो सनातन धर्म महान है आदि सनातन धर्म के अनुसार हमें पूर्ण परमेश्वर कबीर देव की भक्ति करनी चाहिए जिससे हमारे सभी कार्य सिद्ध होंगे एवं प्राणी मोक्ष को प्राप्त होगा। श्रीमद् भागवत गीता के अध्याय 18 का शोक 66 में यही प्रमाण है कि उस परमेश्वर की शरण में जा जिससे परम मोक्ष तथा सदा ही सुख शांति को प्राप्त होगा।
गीता जी के अध्याय 17 श्लोक 23 में ओम् तत् सत् मन्त्रों की सद् भाक्ति शास्त्रो अनुसार करने से मनुष्य को मोक्ष प्राप्ति होती है जे हमारे सद् ग्रन्थों में वर्णित है 🙏🏻
🎧सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान हमे ज्ञान कराता है इस लोक और परलोक दोनों के सुख की। मानव शरीर एक ब्रह्मांड के समान होता है और इसी ब्रह्मांड से रास्ता खुलता है मोक्ष का। लेकिन यह रास्ता कैसा है इससे होकर कैसे जाया जाएगा यह केवल तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज ही बता सके हैं।
देवकीननदन कहते है कृष्ण जी ही पूर्ण परमात्मा है संत रामपाल जी महाराज जी ने हमारे शास्त्रो बताया कबीर पूर्ण परमात्मा है वो परमात्मा जो impossible ko possible change kardete hain #हिन्दू भाई संभलो#
हिन्दू भाई संभलो गीता अध्याय 16 श्लोक 23 #HinduBhai_Dhokhe_Mein जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है। Sant Rampal Ji Maharaj
सतभक्ति करने से मानव जीवन सफल हो जाता है। परिवार में किसी प्रकार की बुराई नहीं रहती। परमात्मा की कृपा सदा बनी रहती है।
हिन्दू भाई संभलो
आज पूरे विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही है जिनकी शरण में आकर ही मानव कल्याण की प्राप्ति हो सकती है । समस्त विश्व से निवेदन है की बिना देर किए पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को समझे और उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना जीवन कल्याण कराएं।
आज पूरे विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं, जिनकी शरण में आकर ही मानव कल्याण की प्राप्ति हो सकती है। समस्त विश्व से निवेदन है कि बिना देर किए पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को समझे और स्वीकार करें और अपने मानव जीवन को सफल बनाएं ।
#हिन्दू_भाई_संभलो
🍀देवकीनंदन जी का यह कहना है कि जन्म मरण कभी समाप्त नहीं हो सकता है।
श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 15 श्लोक 4-
"ततः, पदम्, तत्, परिमार्गितव्यम्, यस्मिन्, गताः, न, निवर्तन्ति, भूयः,
तम्, एव्, च, आद्यम्, पुरुषम्, प्रपद्ये, यतः, प्रवृत्तिः, प्रसृता, पुराणी।।"
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हिन्दू भाई संभलो
🍀देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
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संत रामपाल जी महाराज के दिव्य आध्यात्मिक प्रवचनों को सुनने से लोग मांस खाने की बुरी आदत को छोड़ देते हैं, जो बदले में उनके जीवन से बुरे कर्मों का बोझ हटा देता है। संत रामपाल जी महाराज मानवता की मिसाल कायम कर रहे हैं।
मांस मछली खात है, सुरापान से हेत।
ते नर नरक ही जाएंगे, माता पिता समेत।।
Hindu bhai Sambhal lo Sant Rampal Ji Maharaj ke dwara aadhyatmik charchaon ko sunkar bahut se Logon Ne mans khana Chhod Diya
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
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हिन्दू भाई संभलो
विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज जी सही ज्ञान बताते हैं
संत रामपाल जी महाराज की बताई सतभक्ति से आज लाखों परिवार रोगों से मुक्त होकर सुखी जीवन जी रहे है।
True Guru Sant Rampal Ji
#हिन्दू_भाई_संभलो
सभी सन्त ब्रह्मा, विष्णु, महेश और अन्य सभी देवी देवताओं की भक्ति के विषय में बताते हैं। जबकि सन्त रामपाल जी महाराज ने एक सही तरीका और सही भक्ति से लोगों को अवगत कराया है।
Hindu Bhai Dhokhe Mein
Brat Karna Gita ji manakiya hai
हिन्दू भाई संभलो
Hindu Bhai Dhokhe Mein
Sant Rampal ji Maharaj is the only Guru who can give us true knowledge of God and lead us to salvation.
Sant Rampal Ji Maharaj
संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान के अतिरिक्त अन्य संतों का जो भी ज्ञान है उसका कोई आधार नहीं है ना कोई प्रमाण है! अन्य धर्मगुरु जगत समाज को मनमानी साधना, पूजा विधि बताते हैं जैसे व्रत रखना, पितर पूजा, श्राद्ध निकालना, आदि सभी क्रियाएं जिनका श्रीमद्भागवत गीता में मना किया गया है।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।
सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
पूरे विश्व में संत रामपाल महाराज जी है जो शास्त्र के अनुकूल संत भक्ति देते हैं और जिससे मनुष्य का कल्याण होता है जिससे मनुष्य को लाभ मिलता है
हिन्दू भाई संभलो
संत रामपाल जी महाराज जी विश्व में एकमात्र ऐसे संत हैं जो बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक करने में सक्षम है और सत्य भक्ति भी प्रदान करते हैं l
🍀देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
हिन्दू भाई संभलो
बस करो मूर्ख बनाना बस करो*
अनिरुद्धाचार्य जी का कहना है कि बिना नाम जाप के ही साधक की मुक्ति हो जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में लिखा है "ओम् क्रतो स्मर, क्लिबे स्मर, कृतुम् स्मर।" अर्थात् ओम् नाम का जाप कार्य करते-करते कर, विशेष तड़फ के साथ तथा मानव जीवन का मुख्य कर्तव्य मानकर जाप कर। यही प्रमाण गीता अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में भी है जिसमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! तू युद्ध भी कर, मेरा स्मरण भी कर।
संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित किया है कि गीता एवं वेद, मानव सभ्यता के लिए परमात्मा का विधान व संविधान प्रकट करते हैं। जिनसे हमें सृष्टि के रचयिता परमात्मा के बारे में जानकारी मिलती है। एक तरह से कहें तो गीता व वेद हमारे लिए संविधान एवं अंतिम प्रमाण हैं। यही निर्देश गीता अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में दिया गया है।
साथ ही साथ पूर्ण मोक्षप्राप्ति के लिए सतगुरु से दीक्षित होना भी अनिवार्य है क्योंकि रामजी, कृष्णजी, नानकदेव जी जैसे महान पुरुषों ने भी गुरु धारण किया तो बिना सतगुरु के वर्तमान समय में कैसे आध्यात्मिक रहस्यों का भेद पाया जा सकता है।
#हिन्दू_भाई_संभलो
हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित कि है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में "व्रज" शब्द अर्थ आना किया है। जबकि ये देखिए संस्कृत हिन्दी शब्द कोश इसमे साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। यानि अर्जुन तू केवल उस परमात्मा कि शरण में जा। वो परमात्मा कौन है। इस सवाल को छिपाने के लिए धर्म गुरुओ ने व्रज शब्द का मतलब ही गलत कर दिया। ये हमारे साथ धोखा है।
Jay Shri Radhey Krishna Bhagwan Ki Jay 🌺🌹🌸🙏🏻🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
आज पुरे विश्व में तत्व दर्शी संत केवल संत रामपाल जी महाराज जी है जिन्होंने मानव समाज को सत् भक्ति विभिन्न धर्मो के शास्त्रों के आधार पर बताई है जो 101 प्रसेंट सटीक और सत्य है
राम नाम की लूट है , लूट सके तो लूट ।
अन्त समय पछताएगा , प्राण जाएगा छूट ।
#हिन्दू_भाई_संभलो
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
Hindu Bhai Dhokhe Mein
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे तो कष्ट नहीं आएंगे और भक्त का जीवन सुखी हो जाएगा।
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा*
कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है।
जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47)
वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
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हिन्दू भाई संभलो
संत रामपाल जी महाराज ही विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं जो शास्त्रों के आधार पर ज्ञान प्रदान कर रहे हैं एक बार आप भी उनकी शरण में आकर सत्य भक्ति प्राप्त करे
राधे राधे गुरुजी राधे राधे मेरे बड़े भैया राधे राधे मेरे पिता परमेश्वर प्रियाकांत जू सरकार की कृपा आप पर सदा सदा सदा बनी रहे
हिन्दू भाई संभलो
🍀ईसाई धर्म के पादरी तथा मुस्लिम धर्म के काजी, मौलवी कहते हैं कि गॉड/अल्लाह निराकार/बैचून है। जबकि अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज बाइबल, तौरेत, कुरान आदि से प्रमाणित करके बताते हैं कि परमात्मा ने मनुष्य को अपने ही स्वरुप में बनाया, 6 दिन में सृष्टि रची तथा सातवें दिन तख्त/सिंहासन पर विराजमान हुए, अर्थात् परमात्मा/अल्लाह साकार है, मनुष्य जैसे स्वरूप में है।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ऐसा सत्य ज्ञान प्रदान कर रहे हैं जिसके द्वारा हम आने वाले संकटों से बच सकते हैं
केवल सन्त रामपाल जी महाराज इस संसार मे पूर्ण संत है जो सभी कष्टों से छुटकारा दिला सकते है। यदि विश्वास न हो तो एक बार अवश्य उनकी शरण मे जायें।
हिन्दू भाई संभलो
🍀हिंदुओं के साथ धोखा
राधास्वामी, जय गुरुदेव, निरंकारी आदि पंथ तथा आसाराम, राम रहीम, देवकीनंदन, अनिरुद्ध आचार्य, इत्यादि संत कहते हैं कि पाप कर्म तो भोगना ही पड़ेगा।
जबकि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 से प्रमाणित करके बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा पाप कर्म को भी काट देता है।
विश्व में. केवल. संत रामपाल जी महाराज ही. सच्चा ज्ञान दे रहे. है
कबीर, एक साधे सब सधे, सब साधे सब जाव।।
माली सिंचे मूल को, फलै फूलै अघाय।।
काल डरे करतार से , जय जय जय जगदीश।
जौरा जौरी झाड़ती , पग रज डारै शीश।
हिन्दू भाई संभलो
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि हमारे पवित्र सद्ग्रंथ 📚यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15, अध्याय 5 मंत्र 1, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 1 सूक्त 31 मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 86 मंत्र 26-27 से स्पष्ट है
सभी दुखों का निवारण केवल संत रामपाल जी महाराज जी कर सकते हैं क्योंकि वह ही पूरी पृथ्वी पर केवल एकमात्र पूर्ण संत है जिनके अनुसार भक्ति साधना करने से हमें बहुत से सुख मिल रहे हैं
संत रामपाल जी महाराज की सत्य भक्ति से जन्म मरण का नही बल्कि सभी पापों व सभी दुखों निवारण होती है। सत्य भक्ति करके हमें पूर्ण मोक्ष कि प्राप्ति होती है।
पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज एकमात्र ऐसे संत हैं जो हमारे धर्म शास्त्रों में वर्णित विधि से भक्ति बताते हैं
सभी दुखों का निवारण केवल संत रामपाल जी महाराज ही कर सकते हैं क्योंकि पूरी पृथ्वी पर वही एकमात्र पूर्ण संत है
सभी समस्याओं का समाधान आज विश्व में संत रामपाल जी महाराज ही कर सकते हैं आज पुरे विश्व में मात्र एक ही संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण
संत है जी
संत रामपाल जी महाराज जी ही पूरी दुनिया में एकमात्र पूर्ण संत ❤
इस संसार में केवल संत रामपाल जी एक पूर्ण संत है सत भक्ति देकर मोक्ष करते हैं
हिन्दू भाई संभलो
परम संत रामपाल जी महाराज सतभक्ति लाए हैं जिससे कैंसर जैसे असाध्य रोग भी मिट जाते हैं।इस सतभक्ति का कोई विकल्प नहीं है।
इस ब्रह्माण्ड में सिर्फ एक ही पूर्ण संत हैं ,संत रामपाल जी महाराज जो शास्त्रानुसार भक्ति करते हैं और करवाते हैं। सत्यज्ञान व मोक्ष मार्ग प्राप्त करने हेतु अविलंब शरण ग्रहण कर नाम दीक्षा लेकर भक्ति करें और अपने जीवन को सफल बनाएं।
पूरे विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज है जो जीवन मरण से छुटकारा दिला सकते संत भक्ति से
🍀🍀🍀देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
हिन्दू भाई संभलो✅️✅️✅️✅️
सही कहा है आपने जी
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
हिन्दू भाई संभलो
हिन्दू भाई संभलो
🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है।
संभलो हिन्दू भाइयों।
ऐसा यह संसार है जैसे सेमल फूल ।
दिन दस के व्यवहार में झूठे रंग न भूल।।
वस्तु कहां खोजत कहां, किस विधि लागे हाथ।
एक पलक में पाइयो, भेदी ले लो साथ ।।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे ❤❤❤🎉
राधे राधे🙏🙏🙏
हिन्दू भाई संभलोबस करो मूर्ख बनाना बस करो*
अनिरुद्धाचार्य जी मन मुखी साधना बताते हैं।
जब कि संत रामपाल जी महाराज जी ने स्पष्ट किया है की मनमुखी भक्ति से कोई लाभ नहीं होता।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में गीता बोलने वाले काल ब्रह्म ने कहा है कि मनमुखी साधना बिलकुल भी लाभदायक नहीं हैं।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23
यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्नोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् ॥
जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है।
🍀हिंदुओं से धोखा
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि किसी भी भक्ति साधना से पाप नहीं कट सकते।
संत रामपाल जी महाराज ने गीता जी में प्रमाणित किया है कि पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से और उसको भोग लगाकर बचे हुए अन्न को खाने से साधक पाप मुक्त हो जाता है।
गीता अध्याय 3 श्लोक 13
यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः।
भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात्।।हिन्दू धोखे में*
अनिरुद्धाचार्य जी का मानना है कि भगवान साकार भी है और निराकार भी है।
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि हमारे पवित्र सद्ग्रंथ यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15, अध्याय 5 मंत्र 1, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 1 सूक्त 31 मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 86 मंत्र 26-27 से स्पष्ट है कि परमात्मा मानव सदृश्य साकार है जोकि द्यूलोक अर्थात सतलोक के तीसरे पृष्ठ पर सिंहासन पर विराजमान है, वह राजा के समान दर्शनीय है।
🍀*बस करो मूर्ख बनाना बस करो*
अनिरुद्धाचार्य जी का कहना है कि बिना नाम जाप के ही साधक की मुक्ति हो जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में लिखा है "ओम् क्रतो स्मर, क्लिबे स्मर, कृतुम् स्मर।" अर्थात् ओम् नाम का जाप कार्य करते-करते कर, विशेष तड़फ के साथ तथा मानव जीवन का मुख्य कर्तव्य मानकर जाप कर। यही प्रमाण गीता अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में भी है जिसमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! तू युद्ध भी कर, मेरा स्मरण भी कर।
हिन्दू भाई संभलो
🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है।
संभलो हिन्दू भाइयों।
जय श्री राधे 🙏 जय हो गुरु देव 🙏 चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏🌹💐
2:36
Radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा
कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है।
जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47)
वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
.....श्री बृजलाल पाण्डे से श्री नानक जी ने पूछा आप कहते हो कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने बोला तथा श्री कृष्ण जी ही श्री विष्णु अवतार हैं। श्री विष्णु जी अजन्मा, सर्वेश्वर, अविनाशी हैं। इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। आप यह भी कहते हो कि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव है। यही त्रिगुण माया है। परन्तु गीता ज्ञान दाता प्रभु (1). गीता अध्याय 2 श्लोक 12 में तथा (2). अध्याय 4 श्लोक 5 में अपने आप को नाशवान कह रहा है कि मेरे तो जन्म तथा मृत्यु होते हैं तथा ( 3). अध्याय 15 श्लोक 4 तथा (4). अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने को कह रहा है तथा उसी की साधना से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष संभव है। मैं (गीता ज्ञान दाता) भी उसी की शरण में हूँ। (5). गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता प्रभु कह रहा है कि जिनका ज्ञान त्रिगुण माया के द्वारा हरा जा चुका है। भावार्थ है कि जो साधक तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करते हैं। इनसे अन्य प्रभु की साधना नहीं करते। जिनकी बुद्धि इन्हीं तक सीमित है वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले, मूर्ख मुझे नहीं भजते। उपरोक्त तीनों प्रभुओं (गुणों) की पूजा मना है। फिर गीता ज्ञान दाता ब्रह्म (काल) (6). अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना को (अनुत्तमाम्) अति घटिया कह रहा है। इसलिए गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि पूर्ण मोक्ष तथा परम शान्ति के लिए उस परमेश्वर की शरण में जा, (7). गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में प्रमाण है कि उसके लिए किसी तत्वदर्शी संत की खोज कर। मैं उस परमात्मा के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं रखता। उसी तत्वदृष्टा संत द्वारा बताए ज्ञान अनुसार उस परमेश्वर की भक्ति कर। यही प्रश्न परमेश्वर कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी से बेई दरिया के किनारे किया था। जिस तत्वज्ञान को समझ कर तथा कबीर परमेश्वर के सतपुरुष रूप में सतलोक (सच्चखण्ड) में तथा धाणक रूप में बनारस (काशी में) दर्शन करके समर्पण करके तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह 🙏
हिन्दू भाई संभलो
🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है।
संभलो हिन्दू भाइयों।
जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे 🙏🌺🌹
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
❤❤❤❤🙋🙋🙋👏👏👏
संत रामपाल जी एक ऐसा सच्चा संत है जो विश्व में विजय ला सकता है और विश्व को कल्याण कर सकता है हमें मोक्ष दिला सकता है संत रामपाल जी महाराज ही हमारा पूर्ण ब्रह्म है
True Spiritual Knowledge Given by Saint Rampal Ji Maharaj Ji
सत साहेब बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज भगवान जी की जय हो
🙏🙏🌹🌹🌸🌸सत साहिब जी बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज भगवान जी की हो l🙏🙏🌹🌹🌸🌸
राधे राधे गुरु जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
True Guru Sant Rampal Ji Maharaj
गीता अध्याय ७ श्लोक १८ मा गीता ज्ञानदाता भगवानले आफ्नो गति (साधना/मुक्ति) लाई अनुत्तम भनेका छन्।
गीता अध्याय ७ श्लोक १८: -
उदाराः, सर्वे, एव, एते, ज्ञानी, तु, आत्मा, एव, मे, मतम्,
आस्थितः, सः, हि, युक्तात्मा, माम्, एव, अनुत्तमाम्, गतिम्।।१८।।
नेपालीमा शब्दानुवाद: -
(हि) किनकि (मे) मेरो (मतम्) विचारमा (एते) यी (सर्वे, एव) सबै नै (ज्ञानी) ज्ञानी (आत्मा) आत्मा (उदाराः) उदार छन् (तु) तर (सः) त्यो (माम्) ममा (एव) नै (युक्तात्मा) लीन आत्मा (अनुत्तमाम्) मेरो अति घटिया (गतिम्) मुक्तिमा (एव) नै (आस्थितः) आश्रित छन्।
नेपालीमा वाक्य अनुवाद: - किनकि मेरो विचारमा यी सबै नै ज्ञानी आत्मा उदार छन् तर त्यो जो ममा नै लीन भएको आत्मा छ त्यो मेरो अति घटिया मुक्तिमा आश्रित छ।
पुरे विश्व में सच्चा सतगुरु संत रामपाल जी महाराज है जो चारों वेद 18 पुराण खोलकर सच्चाई सामने आए हैं और वह तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज है
श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है।
संभलो हिन्दू भाइयों।
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राधे राधे गुरू जी गोविन्द भगवान के श्री चरणों मे कोटि कोटि नमन राधे शयाम गुरू जी आपको भी सफला एकादशी की हार्दिक शुभकामनाये 👏👏👏👏👏
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा
कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है।
जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47)
वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
Sant Rampalji Maharaj ji is the real god in this world.🌎🌍❤❤
केवल संत रामपाल जी महाराज ही सच्चा गुरु हैं।
हिन्दू भाई संभलो
केवल संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु हैं जो सभी धर्मों के शास्त्रों से सत्य भक्ति बताते हैं जिनके मूल मंत्रों से बड़े से बड़ा रोग समाप्त होकर सर्व सुख मिलते हैं।
राधे राधे 💞💞🌿🌹🌿👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
समाज सुधारक सन्त रामपालजी महाराज
पूर्ण गुरु से नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहते हुए आजीवन सत भक्ति करने से ही सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिलता है।🙏
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है👏
लोग हमें कहते हैं कि तुम छोटा मुंह बड़ी बातें करते हो, अब सच्चाई को छोटे मुंह से कह लो या बड़े मुंह से सच्चाई सच्चाई ही है सतगुरु रामपाल जी महाराज तत्वदर्शी संत
❤️
जय हो मेरे गुरु देव कोटि कोटि नमन करते हैं🙏🙏 जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे कृष्णा जी🙏🙏🙏🌹🌹
हिन्दू धमर्गुरू व प्रचारक आचार्य, शंकराचार्य तथा गीता मनीषी गीता ज्ञान देने वाले (जिसे ये श्री विष्णु का अवतार श्री कृष्ण कहते हैं) को अविनाशी बताते हैं। कहते हैं इनका जन्म-मृत्यु नहीं होता।
इनके कोई माता-पिता नहीं।
आप देखें स्वयं (गीता अध्याय 2 श्लोक 12)
हे अर्जुन! ऐसा नहीं है कि मैं-तू तथा ये सब राजा व सैनिक पहले नहीं थे या आगे नहीं होंगे। अर्थात मैं (गीता ज्ञान दाता) तू (अर्जुन) तथा ये सब सैनिक आदि-आदि सब पहले भी जन्मे थे, आगे भी जन्मेंगे।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जीहिन्दू भाई संभलो
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
Sant Rampal Ji Maharaj
.....श्री बृजलाल पाण्डे से श्री नानक जी ने पूछा आप कहते हो कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने बोला तथा श्री कृष्ण जी ही श्री विष्णु अवतार हैं। श्री विष्णु जी अजन्मा, सर्वेश्वर, अविनाशी हैं। इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। आप यह भी कहते हो कि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव है। यही त्रिगुण माया है। परन्तु गीता ज्ञान दाता प्रभु (1). गीता अध्याय 2 श्लोक 12 में तथा (2). अध्याय 4 श्लोक 5 में अपने आप को नाशवान कह रहा है कि मेरे तो जन्म तथा मृत्यु होते हैं तथा ( 3). अध्याय 15 श्लोक 4 तथा (4). अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने को कह रहा है तथा उसी की साधना से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष संभव है। मैं (गीता ज्ञान दाता) भी उसी की शरण में हूँ। (5). गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता प्रभु कह रहा है कि जिनका ज्ञान त्रिगुण माया के द्वारा हरा जा चुका है। भावार्थ है कि जो साधक तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करते हैं। इनसे अन्य प्रभु की साधना नहीं करते। जिनकी बुद्धि इन्हीं तक सीमित है वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले, मूर्ख मुझे नहीं भजते। उपरोक्त तीनों प्रभुओं (गुणों) की पूजा मना है। फिर गीता ज्ञान दाता ब्रह्म (काल) (6). अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना को (अनुत्तमाम्) अति घटिया कह रहा है। इसलिए गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि पूर्ण मोक्ष तथा परम शान्ति के लिए उस परमेश्वर की शरण में जा, (7). गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में प्रमाण है कि उसके लिए किसी तत्वदर्शी संत की खोज कर। मैं उस परमात्मा के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं रखता। उसी तत्वदृष्टा संत द्वारा बताए ज्ञान अनुसार उस परमेश्वर की भक्ति कर। यही प्रश्न परमेश्वर कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी से बेई दरिया के किनारे किया था। जिस तत्वज्ञान को समझ कर तथा कबीर परमेश्वर के सतपुरुष रूप में सतलोक (सच्चखण्ड) में तथा धाणक रूप में बनारस (काशी में) दर्शन करके समर्पण करके तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह 🙏
Radhe Radhe guru ji aapko or aapke parbachno ko koti koti naman 🙏🙏🙏🙏🙏
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
हिन्दू भाई संभलो
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Satguru BhagwanKe Charno Me Koti Koti Sastang Parnam Ji Guru Ji ❤❤❤❤❤
भक्त समाज को प्रदान किया मनमुखी ज्ञान
स्वघोषित धर्मगुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने सार्वजनिक मंच से यह स्वीकारा है कि उन्होंने गीता आदि धर्मग्रंथों का अध्ययन नहीं किया है और नाहीं उनके कोई गुरु हैं।
जबकि संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित किया है कि गीता एवं वेद, मानव सभ्यता के लिए परमात्मा का विधान व संविधान प्रकट करते हैं। जिनसे हमें सृष्टि के रचयिता परमात्मा के बारे में जानकारी मिलती है। एक तरह से कहें तो गीता व वेद हमारे लिए संविधान एवं अंतिम प्रमाण हैं। यही निर्देश गीता अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में दिया गया है।
साथ ही साथ पूर्ण मोक्षप्राप्ति के लिए सतगुरु से दीक्षित होना भी अनिवार्य है क्योंकि रामजी, कृष्णजी, नानकदेव जी जैसे महान पुरुषों ने भी गुरु धारण किया तो बिना सतगुरु के वर्तमान समय में कैसे आध्यात्मिक रहस्यों का भेद पाया जा सकता है।
कथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं , हठयोग करने को कहते हैं जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना हठयोग करने को मना किया है। 🌺🌺🌺🌺
संभलों हिन्दू भाइयों।
हिन्दू भाई संभलो
हिन्दू भाई संभलो
The real satguru is sant Rampal Ji Maharaj who gives complete spiritual knowledge according to our holy books
हिंदुओ जागो भाइयों
संत रामपाल जी महाराज धरती पर एकमात्र तत्वदर्शी संत है जिनके पास तत्वज्ञान है परमात्मा धरती पर आए हुए हैं संत रामपाल जी महाराज का नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाए
राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे राधे-राधे
Radhe radhe mere guru ji maharaj
हिन्दू भाई संभलो
केवल संत रामपाल जी महाराज इस संसार में पूर्ण संत है जो सभी कासन से छुटकारा दिला सकते हैं यदि विश्वास ना हो तो एक बार अवश्य उनकी शरण में जाए।
गुरुजी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम राधे राधे राधे राधे ❤
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे तो कष्ट नहीं आएंगे और भक्त का जीवन सुखी हो जाएगा।
Anmol satsang
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
हिन्दू भाई संभलो
Right
राधे राधे पूज्य गुरुदेव के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏
हिन्दू भाई संभलो ।
मूर्ख बनाना बंद करो।अब आपकी दाल नहीं गलने वाली। पढ़ा लिखा समाज है।
आपको उस परमेश्वर की जानकारी तक नहीं है जो मुक्तिदाता है। फिर आपके पास नाम कहां से आया। जो नाम जाप आप करवाते हो ये नर्क में लेकर जाएगा। क्यों कि पवित्र शास्त्र गीताजी में लिखा है कि मनमाना मंत्र जाप करने वालों को ना सुख शांति होगी और ना ही परम गति यानि मुक्ति होगी । अर्थात सबसे बड़ा धोखा।
हिन्दू भाई संभलो
🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है।
संभलो हिन्दू भाइयों।
श्री राधे राधे 🙏 श्री राधे राधे 🙏 श्री राधे राधे 🙏 श्री सदगुरुदेव भगवान आपके श्री चरण कमलों में मेरा साष्टांग दंडवत कोटि-कोटि नमन है 🙏 प्रियाकांत जू सरकार की जय 🙏 श्री राधे राधे 🙏 श्री राधे राधे 🙏 श्री राधे राधे 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏❤❤❤❤❤❤❤❤
हिन्दू भाई संभलो
हालांकि हमारे पवित्र शास्त्रों में व्रत करना कहीं नहीं लिखा है बल्कि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में मना किया है इस समय संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र ऐसे संत हैं जो शास्त्रों के अनुसार भक्ति बता रहे हैं और शास्त्रों को टीवी पर खोल खोल कर दिखा रहे हैं एक बार अवश्य सुने संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग Sadhana TV Channel At 7:30 pm
Radhey Radhey Guru ji 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
❤ राधे राधे राधे राधे राधे
❤❤❤🎉🎉🎉🎉 श्री राधे राधे मेरे पूज्य श्री गुरू जी आपको चारनो में कोटि-कोटि प्रणाम जय जय श्री राधे जय जय राम 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
हिन्दू भाई संभलो
देवकीनंदन जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे तो कष्ट नहीं आएंगे और भक्त का जीवन सुखी हो जाएगा।
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हिन्दू भाई संभलो
🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है।
संभलो हिन्दू भाइयों।
हिन्दू_भाई_संभलो
देवकीनंदन जी का यह कहना है कि जन्म मरण कभी समाप्त नहीं हो सकता है।
श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 15 श्लोक 4,अध्याय 15 के श्लोक 17
गीता के इन उपरोक्त श्लोकों से संत रामपाल जी महाराज ने यह स्पष्ट किया है कि उत्तम पुरुष परमेश्वर की भक्ति करने वाले भक्तजन कभी भी संसार में लौट कर नहीं आते अर्थात उनका जन्म मृत्यु हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।
Hindu Bhai Dhokhe Mein
केवल संत रामपाल जी महाराज भगवान हैं तथा हमें सयत्लोक लेने आए हैं।।🌹🌹💯💯
🍁केवल संत रामपाल जी महाराज इस संसार में पूर्ण संत है जो सभी कष्टो से छुटकारा दिला सकते हैं ।यदि विश्वास ना हो तो उनकी शरण में जाकर देख सकते हैं।
जय जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे कृष्णा कोटि कोटि साधुवाद गुरुदेव भगवान् 🙏🙏🙏🙏👍👍🚩🚩🚩
राधे कृष्णा🙏🙏 जी🙏🙏🌹🌹
जय जय श्री राधे कृष्णा🙏🥰
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे ❤
जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे ❤❤
#हिन्दू_भाई_संभलो
अन्य धर्मगुरु जो भी मंत्र जाप बताते हैं जैसे हरे राम, राम राम, राधे राधे, कृष्णा-कृष्णा, हरि ॐ तत् सत्, ॐ नमः शिवाय, ॐ भगवते वासुदेवाय नम; मृत्युंजय जाप आदि मंत्र हमारे पवित्र शास्त्रों में प्रमाणित नहीं है। ये सब शास्त्रविरुद्ध व मनमाना आचरण होने से व्यर्थ है। जिस कारण से हमें कोई लाभ, सुख-शांति प्राप्त नहीं हो सकती है और ना ही हमारा पूर्ण मोक्ष हो सकता है।
Hindu Bhai Dhokhe Mein
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र सच्चे सतगुरु हैं जो शास्त्रों के बताए अनुसार तीन समय की भक्ति एवं तीन प्रकार के मंत्र जाप अपने साधकों को देते हैं जिससे उन्हें सर्व सुख मिलता है तथा उनका मोक्ष का मार्ग भी आसान हो जाता है।🙏🙏
कबीर,एक साधे सब सधे,सब साधे सब जाव ।
माली सिंचे मूल को,फलै फूलों अघाया।।🌹
हिन्दू भाई संभलो
विश्व गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण विश्व में एकमात्र पूर्ण संत है। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Radhe Radhe Guru ji ❤️🙏🌷🙏
हिन्दू भाई संभलो
हिन्दू धमर्गुरू व प्रचारक आचार्य, शंकराचार्य तथा गीता मनीषी गीता ज्ञान देने वाले (जिसे ये श्री विष्णु का अवतार श्री कृष्ण कहते हैं) को अविनाशी बताते हैं। कहते हैं इनका जन्म-मृत्यु नहीं होता।
इनके कोई माता-पिता नहीं।
आप देखें स्वयं (गीता अध्याय 2 श्लोक 12)
हे अर्जुन! ऐसा नहीं है कि मैं-तू तथा ये सब राजा व सैनिक पहले नहीं थे या आगे नहीं होंगे। अर्थात मैं (गीता ज्ञान दाता) तू (अर्जुन) तथा ये सब सैनिक आदि-आदि सब पहले भी जन्मे थे, आगे भी जन्मेंगे।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
हिन्दू भाई संभलो
तत्वज्ञान ज्ञान के अभाव में हम अपने शास्त्रों के विरुद्ध
मनमुखी साधनाओं में निर्थक प्रयत्न करते हैं।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदत्त सतभक्ति और तत्वज्ञान से ही पूर्ण मोक्ष सम्भव है।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे कृष्णा जी गुरू जी आपके चरणों में कोटि कोटि नमन🙇♀️
देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
हिन्दू भाई संभलो
राधे राधे जी आप सभी को सत्य सनातन धर्म की जय हो ऊं नमो भगवते वासुदेवाय राधे राधे बोलना पडेगा ❤
आज तक हमें श्राद्ध करना और पितर पूजा करना मोक्ष की क्रिया बताया जा रहा था। लेकिन गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में श्राद्ध और पिंड आदि कर्मकांड को गलत बताया है। मार्कन्डेय पुराण में भी पितर पूजा को मूर्खों की साधना कहा है। तो फिर ये साधना क्यों कारवाई जा रही है। संभलो हिन्दू भाइयों।हिन्दू भाई संभलो
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा
कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है।
जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47)
वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
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सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा*
कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है।
जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47)
वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
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हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित की है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में "व्रज" शब्द का अर्थ आना किया है। जबकि संस्कृत हिन्दी शब्द कोश में साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। यानि अर्जुन तू केवल उस परमात्मा कि शरण में जा। वो परमात्मा कौन है। इस सवाल को छिपाने के लिए धर्म गुरुओ ने व्रज शब्द का मतलब ही गलत कर दिया। ये हमारे साथ धोखा है।
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हिन्दू_भाई_संभलो
संत रामपाल जी महाराज जी ने स्पष्ट किया है की मनमुखी भक्ति से कोई लाभ नहीं होता।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23
यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्नोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् ॥
जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है।
Hindu Bhai Dhokhe Mein
विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं जो गीता चारों वेद और 18 पूरान से प्रमाणित ज्ञान बताते हैं जिससे नाम दीक्षा लेकर भक्ति करने से हमारे पाप कर्म कटते हैं जिससे रोग नाश होता है और हमे सूख मिलना प्रारंभ हो जाता है
Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Maharaj ki Jay Ho
संत रामपाल जी महाराज जी के द्वारा शास्त्र प्रमाणित ज्ञान का प्रसार हो रहा है। इसलिए अविलम्ब आए अपने मानव जीवन का कल्याण कराएं सतभक्ति करके।
Radhe Radhe
पूर्ण परमात्मा की भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी दे रहें हैं
Radhe radhe pujya shri gurudev bhagwan ji aapke shri charno me mera koti koti pranam aur aapko safla ekadashi ki hardik shubhechha 🙏🙏👏👏💐💐🌹🌹
हिन्दू भाई संभलो
पूरे विश्व में सच्चा गुरु संत रामपाल जी महाराज जी है
Radhe krishna
पुष्पा दासीं,
हिन्दू भाई संभलो,
केवल संत रामपाल जी महाराज जी इस पृथ्वी पर पूर्ण संत जो शस्त्र आधारित ज्ञान दें रहें हैं। जिसके कारण बहुत से लाभ मिल रहें हैं।
Sant Rampal Ji Maharaj ji ki batai sat bhakti se aaj lakhon Parivar roog se mukt hokar sukhi jivan ji rahe hain
Jai guru Dev Ji radhe radhe guru Dev Ji 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹❤️🙏🙏🌹🌹♥️🌹🙏🌹🙏
राधे राधे राधे राधे राधे मां
हिन्दू भाई संभलो
पूरे विश्व में केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं, जो सत्संग में सभी वेदों शास्त्रों को खोल खोल कर बताते हैं, और शास्त्रों के अनुसार भक्ति करवाते है जिससे मानव के सब दुःख दूर हो जाते हैं मोक्ष प्राप्त होता हैं।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य
• पूरे विश्व को बुराईयों से मुक्त करके शांति स्थापित करना और आपसी भाईचारा कायम करना है।
• धरती स्वर्ग समान बने, हर इंसान सुखी हो।
• सतभक्ति प्रदान कर सर्व मानव समाज को अंधविश्वास और पाखंडवाद से मुक्ति दिलाना है।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “धरती ऊपर स्वर्ग” इस पुस्तक को अवश्य पढें।
जगद्गुरु संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में सत्य ज्ञान दे रहे हैं वही एक संत है मूल मंत्र देखें अपने निजी घर का पता बता रहे हैं
सत साहेब जी
कबीर, ऊंची कोठी सुंदर नारी, सतनाम बिना बाजी हारी।
कहे कबीर अंत की बारी, जैसे हाथ झाड़ कर चला जुआरी।।
Radhe radhe radhe.shree radhe. Shree Gurudev ji.meharajjiko.neman radhe shyam ..
जय श्री कृष्ण राधे राधे 🪔🪔🕉️🕉️🕉️🙏🙏
सत रामपाल जी महाराज की सत्य भक्ति से जन्म मरण का नही बल्कि सभी पापों व सभी दुखों निवारण होती है। सत्य भक्ति करके हमे पूणे मोक्ष कि प्राप्ति होती हैं। 🙏🙏🙏
हिन्दू भाई संभलो
सनातन धर्म महान है
आदि सनातन धर्म के अनुसार हमें पूर्ण परमेश्वर कबीर देव की भक्ति करनी चाहिए जिससे हमारे सभी कार्य सिद्ध होंगे एवं प्राणी मोक्ष को प्राप्त होगा। श्रीमद् भागवत गीता के अध्याय 18 का शोक 66 में यही प्रमाण है कि उस परमेश्वर की शरण में जा जिससे परम मोक्ष तथा सदा ही सुख शांति को प्राप्त होगा।
संत रामपाल जी महाराज ही विश्व मे एक मात्र सच्चे संत हे
गीता जी के अध्याय 17 श्लोक 23 में ओम् तत् सत् मन्त्रों की सद् भाक्ति शास्त्रो अनुसार करने से मनुष्य को मोक्ष प्राप्ति होती है जे हमारे सद् ग्रन्थों में वर्णित है 🙏🏻
🎧सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान हमे ज्ञान कराता है इस लोक और परलोक दोनों के सुख की। मानव शरीर एक ब्रह्मांड के समान होता है और इसी ब्रह्मांड से रास्ता खुलता है मोक्ष का। लेकिन यह रास्ता कैसा है इससे होकर कैसे जाया जाएगा यह केवल तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज ही बता सके हैं।
देवकीननदन कहते है
कृष्ण जी ही पूर्ण परमात्मा है
संत रामपाल जी महाराज जी ने हमारे शास्त्रो बताया कबीर पूर्ण परमात्मा है वो परमात्मा जो impossible ko possible change kardete hain
#हिन्दू भाई संभलो#
Radhe Radhe 🙏🏻
हिन्दू भाई संभलो
गीता अध्याय 16 श्लोक 23
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जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है।
Sant Rampal Ji Maharaj