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The Story Of Zero | शून्य का खोज | Proof Of Zero | Mathematics
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- เผยแพร่เมื่อ 27 มิ.ย. 2024
- The Story Of Zero | शून्य का खोज | Proof Of Zero | Mathematics #हिस्ट्रीत्व
माफीनामा : वीडियो में बौद्ध मंदिर के जगह विष्णु मंदिर कह दिया है
Your Queries :
zero ki khoj kisne kiya tha
shunya ki khoj kisne kiya
शून्य का रहस्य
शून्य की खोज
शून्य का सबूत
शिलालेख पाली भाषा ,यानी वौध कालीन नागार्जुन ने ही शून्य खोजा ।
पहिले दुसरी शताव्दि मे हि नागर्जुन ने शुन्यवाद कि अवधारणा दे चुके है ।
भारत में शून्य का आविष्कार नालंदा विश्वविद्यालय में सबसे पहले हुआ
नागार्जुन रसायन विद्या में निष्णात थे... गंधक, पारद, लौह, ताम्र , स्वर्ण आदि धातुओं से रसौषधियां बनाना अपने शिष्यों को सिखाते थे
Yah ek Buddh Mandir hai or pali prakrit Bhasa me likha hua hai ❤Namo Buddhay ❤
जितने मर्जी झूठ बोल लो ।अब पोल खुल गई है । फर्जी धर्म खड़ा करके मलाई चाट रहे थे और अब सच सामने आ रहा है तो फर्जी वीडीओ बना कर बेवकूफ बना रहे हो ।
वीडियो में क्या फर्जी है बता दीजिये ताकि मैं उसे सुधार सकूँ
@@JeremyKachhap सबूत क्या दिखाया है । देवनागरी संस्कृत लिपि बोली है । देवनागरी लिपि कब आई है ।100 ,150 साल हुए हैं उर्दू फारसी से देवनागरी लिपि बने हुए और संस्कृत कहा है कागज़ पर लिखा हुआ दिखा दिया । कोई सबूत हो शिलालेख हो ताम्रपत्र हो जहा लिखा मिला हो । सबूत प्रूफ क्या होता है ये देखने के लिए Rational + World या science + journey को देखो ।
दूसरों को फर्जी बताने वालों का कोन सा मजहब और अवधरना है, अपनी पहचान छुपावो मत ।
@@rameshviews2771 मुख पुत्रो 😂😂😂
@@JeremyKachhapब्राहमी प्राकृत भाषा को सुधार कर के संस्कृत भाषा बनाया है नालंदा को जलाने के बाद
Gapod mat Maro jankari nahee hai wo budh vihar hai or wahan jitne v devi devta hai wo sab budh virast ki aamant hai
जो स्रोत से मैंने लिया है वहां जो बताया गया है वो मैंने किया
Very Good Video.
Ye pali bhasha me hai, Bodhon ki hai pali bhasha, pali se hi sanskrit ghadi gai hai
Namo buddhay Jay Bheem yah to Puri gatod Katha hai
Vah budhist di khoj hey aur kisi ki nahi
It's TRUE but zero was invented thousands and thousands years back when the Brahmand and speed was created by our Muni Rishis which mentioned in Bed.
शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की तो, महाभारत में अठारह अक्षौहिणी सेना की गणना कैसे हुई। लगभग नौ लाख वर्ष पहले राजा जनक के इतिहास में आता है कि उन्होंने बहुत बार ऋषि याज्ञवल्क्य को सौ सौ व हजार गाय दान में दी। सृष्टि के आदि में ईश्वरीय ज्ञान वेदों में गणित विद्या और शून्य का उल्लेख है। मनुस्मृति में भी गणना का विवरण है जो मनु आदि राजा हुए।
सभी महाकाव्य, पुराण, रामायण, महाभारत ११ ईस्वी से- १२ ईशवी मे लिखा गया है।
Kyonki unhone number system wale 0 ki khoj ki thi isse pehle ginti shloko mai likhi jati thiii
नौ लाख साल पहले राजा जनक का इतिहास कोणसी लीपी का इस्तेमाल करके लिखा गया है इसका प्रमाण दिखाइऐ
Gravity is their but reserch was done by Mr.Newton all instruments used in Mahabharata works by gravity
देवनागरी लिपि कब से शुरू हुई , कृपया स्पष्ट करें
Murtiyan bhi dikhaiye tatha pali bhasha mein hai shunya ki khoj ashok kal mein hua tha
गल्प हाक रहा है भोजदेव राजा बौद्ध राजा थे ।
गणना के अंको से ही जीरो अभिलिखित हैं। चाहे काल कोई भी रहा हो।
Shunya is invented by Ven.Nagarjuna the Buddhist acharya.
Namo Budhay jai bhim jai Bharat
It is not a vishnu mandir. It is a bodhist place.
Ye saboot bouddhisto ka hai.
Kyo galat itihas bata rahe ho 0 ka invention Buddhists aacharya nagarjuna ne ki thi
नागार्जुन रसायन विद्या में निष्णात थे... गंधक, पारद, लौह, ताम्र , स्वर्ण आदि धातुओं से रसौषधियां बनाना अपने शिष्यों को सिखाते थे
नागार्जुन रसायन विद्या में निष्णात थे... गंधक, पारद, लौह, ताम्र , स्वर्ण आदि धातुओं से रसौषधियां बनाना अपने शिष्यों को सिखाते थे
इतिहास तो आर्यभट्ट का बात करता है पर
Buddhist se to shuny jikar ved m thi ab btea
@@JeremyKachhap अरे आर्यभट ने जीरो दी है तो महाभारत में 100 कोरव कोन बता दिया । रामायण को 5000 हज़ार साल पुराना कहते हो ।उनको जीरो कैसे पता चली । ग्रंथो मे रावण के 10 सर लिखा है । आर्य भट्ट ने जीरो अब बताई है तो रावण के 10 सर कैसे गिने गए ।
बहुत फोकनाड कहनी सुनाते हो। सम्राट अशोक का शिलालेख सासाराम (बिहार) में मीला है उसमें अशोक ने 256 रातें महल से बाहर बीताई थी उस समय दशमलव की खोज नहीं हुई थी। 256को 200506 इस तरह से लिखा हे ।
Eh Buddhist mandir ka photo hai
Discription में माफीनामा है
ये खुद भ्रमित हैं।जो लिखावट मिली है क्या वह संस्कृत में है।क्या ये नागरी लिपि में है।पहले इसको आप समझो।गलत इतिहास मत बताओ भाई।
अगर आर्यभटने शून्य की खोज की तो
१६,५०,०००साल पहले रामायणमे रावण के दश सिर कैसे गिने थे। हनुमानजी युध्द मे मरे हुवे वानरों की गिनती कैसे करते थे?
५००० साल पहले महाभारत मे १८ अक्षौहिणी सेना की गिनती शून्य के सिवा कैसे संभव थी।
जीरो की तो बाद में कागज कब बना था कौन सी शताब्दी मेंबनाता
Sar galat Itihaas padha rahe ho kripya Sahi Itihaas padhao aapko To Kuchh Jankari Bhi Nahin Hai
ज़ीरो का अविष्कार बौद्ध लोगो समण परंपरा मे बौद्ध समय से सिंधु घाटी के लेख के समय से ही है सच्चाई यही है अशोक के शिलालेख पढ़ लो
Santan hi mahsamudra hai baki sab chhoti moti nadiyan .sanatan sanskriti mai hi deshavatar huye aur unme antim avtar buddha bhagwan ! .To Budhism bhi isee parampara ka hissa hai , isase hutker nahi .
ये संस्कृत लिपी नही ये ब्राह्मी लिपी है, जो पाली की लिपी है देवानागरी कही दिखाई नही देता. आवालोक्तीश्वर को विष्णू रूपांतर किया विष्णू fruad है.
Q jhutha fek kar desh ko gumrah kar dushprachar kar raha hai. Desh Ko isliye murkh bana raha hai.
Kya jhutt hai
आपको अधुरा ज्ञान है देवनागरी लिपि कब से लिखी जानी शुरू हुई संस्कृत तो शुरुआत बौद्भिस्टो ने शुरु की आप हेव्नसाग की बुक पढी जो सातवी सदी मे नालंदा मे विधार्थी था
Do you have any proof of vishnu in 9th century. If not then why this bakvas.
Ye silalekh Pallibhasa ka he, ye boudh math thha, iss math ko euresian arjya (aaj ka brahman) jabran kabja karke budh ko bishnu banaa dia,
kyo hindu hindu kar raha.hai nagarjuna ne khoj ki tab to desh budhist tha hindu nam abhi abhi mogal kal me diya.vah bhi budh vihar hai mandir ka.itihas asi ke pas hai shekado kitabome mila
ठेस पहुंचना मकसद नहीं था
पूरी की पूरी गपोर गाथा है शिलालेख पर धम्म लिपि और भाषा पाली प्राकृत है l शून्यवाद बौद्धों की है l
galat mat batao dhor aur pado
पूरी रिपोर्ट झूठी है सुने ही नहीं पाली भाषा मेंअंको को की गणना तथागत बुद्ध से शुरू हुई है देश के प्रथम भाषा पाली है और द्रविड़ भाषाहै
Galat
Aap galat itihas bata rahe hain.usme dham lipi likhahua hai. Itna vevkoof mat banayiye.
Bak bak kr rha h orginal scriptures dikha na ,bolna evidence nhi hota , language pali pakit h jo budhism ki h
, क्या ठीक है भाई सब गड़बड़ बोल रहे हो आज से रामायण काल में ही जीरो की खोज हो चुकीथी क्योंकि रावण के10 सर थे और आप कहते हैं कि आर्यभट्ट ने जीरो की खोज की थी आप झूठ या रामायण जय श्री श्याम
Kyonki unhone number system wale 0 ki khoj ki thi isse pehle ginti shloko mai likhi jati thiii
झूठा इतिहास है काल्पनिक पात्र है आर्यभट्ट यहां सब कुछ बुद्धिजम का ही है
Yah ek Baudh mandir hai kyo jhuth bolte ho
Bakabas
बकवास है।
Bakwas