आप सबकी प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत बहुत आभार। सुनीता नाम से कई साथी इसे चित्रकार सुनीता की आवाज़ समझ रहे हैं। लेकिन ये किसी समय की विख्यात लोक गायिका सुनीता मीणा हैं जो कि गंगापुर के पास बग़ौती गांव की हैं।
रसिया बहुत लंबे अरसे के बाद सुनने को मिले हैं... सुनीता जी की आवाज़ ने चार चांद लगा दिए हैं गीतों में... रसिया दंगल बंद कराना समाज की लोक संस्कृति की बहुत बड़ी क्षति है। दुःख होता है समाज का महिला कलाकारो के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैए को देखकर... महिला सुड्डा और रसिया वापिस शुरू करने चाहिए अन्यथा आदिवासी तबके में एक संदेश जाएगा कि मीणा समुदाय महिला विरोधी हैं इस तरह से रोक लगाकर। लोक गायिका समाज की धरोहर है लेकिन तथाकथित समाजसेवीयो इनका चारित्रिक हरण करके इन पर रोक लगाकर लोक संस्कृति का बड़ा महत्व खो दिया है।
नेताओं की प्रशंसा में या उनके काले कारनामों पर? प्रशंसा की जा सके ऐसे नेता तो कहीं दिखाई नहीं देते। काले कारनामे उनके जग जाहिर हैं। फिर भी आपका सुझाव इस ओर ध्यान देने को प्रेरित करता है कि हम उन परिस्थितियों को जरूर बयान करें, जिनमें हम फंसे हुए हैं।
सुनीता जी को बहुत-बहुत बधाई आपने रसिया अच्छा गाया है
O k very nice sunita aap ki bhasa koyl ki aawj se bhi madhur h
शुक्रिया।
O l very nice👍👏
Thank you.
Bahut khoob.
शुक्रिया।
Bahut sundar
शुक्रिया।
मधुर आवाज😊 शुभकामनाएं
पूर्ण उतार-चढ़ाव के साथ रामरसिया की भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए बधाई सुनीता जी
ये सुनीता गंगापुर के पास बागौती गांव की लोकगायिका हैं।
@@banjaranamaklaya4182 achchha
फिर से चालू कीजिए ... महिला रामरसिया
@@tatubalram8252 शुक्रिया भाई, चैनल तक आने के लिए। राम रसिया बिल्कुल चालू होना चाहिए। आपके विचार से पूरी सहमति है।
Bhai Sunita ji ki or video nhi h kya
बहुत शानदार हमें हमारा बचपन याद आ गया इस रसिया रसिया को सुनकर ye hmare gav ki hi bhn ji h
कौनसा गांव है। क्या सुनीता जी कहीं पढ़ाती हैं। क्या अभी भी रसिया गाती हैं। उनके इस गीत की बहुत ख्याति है।
आप सबकी प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत बहुत आभार। सुनीता नाम से कई साथी इसे चित्रकार सुनीता की आवाज़ समझ रहे हैं। लेकिन ये किसी समय की विख्यात लोक गायिका सुनीता मीणा हैं जो कि गंगापुर के पास बग़ौती गांव की हैं।
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सर वीडियो के साथ सेंड कर सकते हो क्या आपके पास रखी हो तो
Madan.lal.meena.very.good
सुनीता मीणा जी का गाव कोनसा है
गंगापुर के पास कोई बडौती गांव है। लेकिन यह रिकॉर्डिंग कोई 15 साल से भी अधिक पुरानी है।
रसिया बहुत लंबे अरसे के बाद सुनने को मिले हैं... सुनीता जी की आवाज़ ने चार चांद लगा दिए हैं गीतों में...
रसिया दंगल बंद कराना समाज की लोक संस्कृति की बहुत बड़ी क्षति है।
दुःख होता है समाज का महिला कलाकारो के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैए को देखकर...
महिला सुड्डा और रसिया वापिस शुरू करने चाहिए अन्यथा आदिवासी तबके में एक संदेश जाएगा कि मीणा समुदाय महिला विरोधी हैं इस तरह से रोक लगाकर।
लोक गायिका समाज की धरोहर है लेकिन तथाकथित समाजसेवीयो इनका चारित्रिक हरण करके इन पर रोक लगाकर लोक संस्कृति का बड़ा महत्व खो दिया है।
बिल्कुल सही कह रहे हैं आप। आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं।
सुनीता बहनजी आप के रसिया की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है
Very good 💐💐
आशा की जाती है कि अब समाज के नेताओं पर आधारित कथायें गायी जाऐं
नेताओं की प्रशंसा में या उनके काले कारनामों पर? प्रशंसा की जा सके ऐसे नेता तो कहीं दिखाई नहीं देते। काले कारनामे उनके जग जाहिर हैं। फिर भी आपका सुझाव इस ओर ध्यान देने को प्रेरित करता है कि हम उन परिस्थितियों को जरूर बयान करें, जिनमें हम फंसे हुए हैं।