अमूढ़ राज (कालांतर में अमोढ़ा) बस्ती के ब्राह्मणद्रोही भरों को परास्त कर राजा जगत सिंह श्रीवास्तव (गोरखपुर के जगतबेला के राजा चंदनराय के सुपुत्र जो की स्वयं महाराज बिम्बिसार श्रेणिक हर्यांक वंश के थे) ने स्थापित किया। जो पुनः कलहंस पडिहार राजपूतों से होता हुआ सूर्यवंशी राजपूतों को मिला। इन्हीं श्रीवास्तवों की एक शाखा जो बिहार लौट गई उसमें स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी का जन्म हुआ।
Ye to guru ji pure uttar pradesh ke sabhi caste me hota hai khas tor par hmm Rajbhar ( Bharshiv nagwanshi ) hai hamare yaha (awadh ,purwanchal) me sabhi sanskaar kayastha jaise hi hai . Aor jaha jaha rajbharo ka shasan tha jaise amodha, raibareli, bhadohi,basti ,mankapur(gonda)sabhi jagah kayastha aor Goswami ka mahatwa bna huaa tha❤,aor guru ji 'bhar rajwansh ' ka hajaro saal tak shasan kaarya karne ke baawjood kshatriye nhi mante hai log is par aap kya kahenge .? Jay shiv sakti jay shree ganesh
Aaj brij me holi re rasiya....... Meri mummy gati h holi me
Guru ke charno me mera sastang pranam
Pyare guruji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
ताड़ वाली हवेली, फर्रुखाबाद के जमींदार (सिन्हा सक्सेना) की कुलदेवी होलिका हैं।
अमूढ़ राज (कालांतर में अमोढ़ा) बस्ती के ब्राह्मणद्रोही भरों को परास्त कर राजा जगत सिंह श्रीवास्तव (गोरखपुर के जगतबेला के राजा चंदनराय के सुपुत्र जो की स्वयं महाराज बिम्बिसार श्रेणिक हर्यांक वंश के थे) ने स्थापित किया। जो पुनः कलहंस पडिहार राजपूतों से होता हुआ सूर्यवंशी राजपूतों को मिला। इन्हीं श्रीवास्तवों की एक शाखा जो बिहार लौट गई उसमें स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद जी का जन्म हुआ।
कायस्थ चित्रगुप्त देव पुत्र उच्च कुलीन सुसंस्कृत ब्रह्मा की काया से उत्पन्न ब्राह्मण हैं.
वन चले दोनों भाई koi roko holi ho
Ye to guru ji pure uttar pradesh ke sabhi caste me hota hai khas tor par hmm Rajbhar ( Bharshiv nagwanshi ) hai hamare yaha (awadh ,purwanchal) me sabhi sanskaar kayastha jaise hi hai . Aor jaha jaha rajbharo ka shasan tha jaise amodha, raibareli, bhadohi,basti ,mankapur(gonda)sabhi jagah kayastha aor Goswami ka mahatwa bna huaa tha❤,aor guru ji 'bhar rajwansh ' ka hajaro saal tak shasan kaarya karne ke baawjood kshatriye nhi mante hai log is par aap kya kahenge .?
Jay shiv sakti jay shree ganesh
Abhi tak clear yeh nahi pata chala konse 4 varn me se ek hai Kayastha
Brahma ke pure kaya se nikale kayasth
कायस्थ किसी वर्ण में नहीं है। चित्रगुप्त जी ब्रह्मा जी के शरीर से निकले हैं वो स्वयं एक देवता हैं
इन्हें जब मन करे किसी भी वर्ण में डाल दिया गया। कभी शूद्र तो कभी वैश्य, बेचारे 😢