ओल्ड वामपंथी और नव वामपंथी विचार और मूवमेंट के बारे में आपने बहुत सुंदर मार्गदर्शन किया! लेकिन भिन्न भिन्न देशों में चाहे रूस हो,अमरीका हो इंग्लैंड या फ्रांस हो, हर एक देश की अपनी अपनी एक संस्कृति होती है, परंपरा होती है जो उसी देशने अथवा लोगोंने विकसित की होती है! जहाँ तक वामपंथी अथवा कम्युनिस्ट विचारधारा के बारे में हम सोचते है तो मेरा सवाल यह है की यह विचारधारा हमारे भारत देश में कितने मायने रखती है, क्या यह विचारधारा यहाँ के पिछड़े, दलित, शोषित लोगोंको न्याय दे सकती है! यह सवाल मैं इसलिए भी पुछ़ रहा हूं की, यहां का जो पिछड़ा, दलित,शोषित समाज है उसका शोषण यहां ज़ाती के और वर्णव्यवस्था के आधारपर हुवा है , इनके गरिबी का और संम्मानहीनता का कारण इन लोगोंकी जातीयां है , यह लोग गरीब है इसलिए इन जाती के है ऐसा नही, बल्कि इस जाती से है इसलिए गरीब और संम्मानहीन है! यहाँ वर्ग व्यवस्था नही ज़ात व्यवस्था है ,चाहे तो हम इसे जाती की वर्गव्यवस्था भी कहा सकते है! तो देशके इस बड़े तबके को न्याय दिलाने के लिए, समता और शांती प्रस्थापित करने के लिए भले तुम मार्क्सवादी विचार भी अप्लाई कर सकते हो लेकिन आगे ज़ाकर यह ज़ात नामका विचित्र डाईनोसोर प्राणी तुम्हारा रास्ता रोकेगा ही! जातियां हिंदु धर्म की देन और एक मुख्य अंग है ,इसलिए धर्म जीन भावनाओंपर आधारीत है उसी भावना को प्रथम नष्ट किए बिना भारतीय समाज़ में समता, स्वतंत्रता ,बंधुभाव और खुशहालीका संम्मानीत सहजीवन स्थापित नही होगा!
राजनीतिक व्यवस्थाएं सामाजिक संरचनाओं को परिवर्तित नहीं कर सकती. रूस और चीन उदाहरण हैं. रूस टूट गया, पर शोषण नहीं गया, चीन में गज़ब का शोषण है . साम्यवाद विचार के स्तर पर अच्छा लगता है, परन्तु व्यवहार में उसे लागू नशीं किया जा सकता. सामाजिक शोषण ठीक करने के लिए सामाजिक संस्कृति ठीक करनी पड़ेगी. भारत में विगत ७० वर्षों में इस सम्बन्ध में बहुत परिवर्तन हुआ है.
@@DrAKVermaऔर सामाजिक संस्कृति को ठीक करने के लिए वैयक्तिक चेतना, वैयक्तिक मानसिकता, जो दो अलग अलग चीजें हैं (फ्रायड) ,मन को समझना पड़ेगा। दुनियां में जितने भी मार्क्सवादी या कम्यूनिस्ट हैं उनमें एक भी ऐसा नहीं है जो The other और परिवार के मालिक के रूप में आपने ही सगे संबंधियों (जैसे पत्नी पुत्री बहन भाई मां) पर आधिपत्य स्वामित्व प्रभुत्व स्थापित नहीं किए हुए हो, उनका सूक्ष्म और स्थूल शोषण न करता हो, कोई भी परिवार ले लो सबमें यही हो रहा है। टोटल यानी शत प्रतिशत मार्क्सवादी या कम्यूनिस्ट विचार यानी बातें करते हैं, लेकिन उनमें से एक भी अपने ही तर्क की व्याप्ति अपने दैनिक जीवन, दैनिक गुप्त कृत्यों तक नहीं ले जाता अर्थात वह अपने लिए अलग मापदंड और तर्क रखता है तथा दूसरे के लिए अलग। वह अपने भीतर मन की असलियत में 99% पार्ट को छिपाए रहता है और वही उसका व्यव्हृत (राग और अहम पूर्ति) असली चेहरा है जिस पर कोई बात करने तक को तैयार नहीं है। इसे यौन संबंधों के उदाहरण से पूर्ण और पर्याप्त सबूत के रूप में प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। Antonio Gramsci की सांस्कृतिक आधिपत्य की अवधारणा में इसे देखा जा सकता है। सिगमंड फ्रायड इस तर्क और तथ्य को अंतरानुशासनिक ढंग से, व्याप्ति की बेसिक इंटरनल निष्पत्ति तक ले जाते हैं। व्यवहार यानी आचरण (मन) और तर्क यानी बुद्धि की ऊपरी बातों के अंतर्विरोध को कब तक टाला जाता रहेगा?
Really you are a scholar of political science, making even tough concepts easy and simple. You like scholars can provide great services to society. Teachers like you have great experiences to give to youths. Hearty thanks for the philanthropic services.
निश्चय ही गुरु जी आपके पास समय का अभाव है, परन्तु फिर आपसे गुजारिश करता हूँ, की अपने अमूल्य जीवन के कुछ मूल्यवान समय को निकालकर , महत्वपूर्ण लोक प्रशासन के सिद्धांतों और अन्य पहलुओ पर video lecture बनाये, धन्यवाद!
Thankyou so much...sir ...I have no words to thank you sir ....itna difficult concept aapse sunkar bohot hi aasani se smjh aa gya....again thankyou so much
Please explain about utopian syndicalism, gulid socialism, utopian socialism, left & right anarchism & right libertarianism ( minarchism) & it's connection with Austrian School of Economics.
सर सत्र बहुत शानदार है, आपने विस्तार से चर्चा की है जोकि बहुत लाभदायक है! आपसे निवेदन है कि जिस पुस्तक में इस प्रकार की शब्दावलीयाँ दी गई हैं उस पुस्तक की जानकारी देने का कष्ट कीजिएगा please
Revolution, Rebellion, Revolt, Mutiny, Uprising सर ऊपर के शब्दों के Concept पर बात कीजिए एक वीडियो में, क्योंकि इन सब शब्दो में कन्फ्यूजन हो जाती हैं।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sir international politics aur global politics me kya difference h ...please ek video bana dijiye.... online bhot km content h ... Smjh nhi aa rha h ....please sir Respected sir... Apki videos se bhot help milti h thank you so much sir.... Apki videos ki help se mere polity me acche marks aaye.. Mera graduation 80% ke sath bn gya ...thankyou so much sir 🙏
Namastey Sir Sir main Upsc ke liye prepare kr rhi hu Sir main ek dubidha mein hun English medium mein likhu ya Hindi medium Sir please mujhe thoda margdarshan kre I am 31 years old and a mother and aspiring to be a civil servant Sir please reply Kya main apko answer likh k send kru Sir mujhe please btaye
चरण स्पर्श सर, सर क्या वामपंथ और मार्क्सवाद को पर्याय के रूप मे इस्तेमाल कर सकते है ,क्योकि इन शब्दो/विचार के उदभव मे ऐक समय अंतराल है , क्या कोई बड़ा अतंर है या बस शाब्दिक हेरफेर।
Thanks. The protest movements that we see during 1960s and 1970s. The language protests in 1960s and students movement that got momentum under JP in 1970s were such protest movements.
सर मार्कस या वामपंथ का विचारधारा ही खत्म हो गया ऐसे मे संगठन बनाकर चुनाव चिन्ह को बचाये रखने का क्या उद्देश्य है। आत्म समर्पण किताबो के अभाव मे या उद्देश्यों के अभाव से किया गया होगा। नक्सल, माओवादी की बंदुक या सभ्यसमाज की पैन की बोली वामपंथ को कमजोर किया। कृपया नक्सल पर भी एक वीडियो बनायें।
Sir, Today I have qualified for JRF and Assistant professor through your guidance. I am very thankful to you. Please tell me how can i contact you ....sir. I need your guidance for shaping my life.
Guru ji namskar ..sir Mai asst. Prof pol science me meri new appointment huyi hai mere pass teach karwane ka koi experience nhi hai... Or political theory ek boring subject hai. Sir mai jaise state topic ko 15 minet me explain kar deta hun class me to kya mai students ko uske bad write karwa dun books se main main point...aise kya class li ja sakti hai... Plz guide me Maine law bhi ki hai.. Mai sir to the point hi study karwa pa rha hun or mere ae lecture 10 minet me hi complete ho jata hai to m sochta hun class me ki ab kya krun 15 minet
अपने विषय को पहले खुद अच्छे से समझे. फिर उसे बच्चों को धीरे-धीरे समझाएं. जो पढाये, उसमे से बच्चों से प्रश्न पूछे. उनको बोलने की आदत डालें. उनको क्लास में कुछ लिख कर भी दिखने को कहें. धीरे-धीरे अभ्यास से सब ठीक हो जायेगा. आशीर्वाद
According to me a person who wants to workk but doesn't get work that situation can't feel proud of his country. A person who is suffering from hunger but doesn't know to arrange two time meal for him self can't feel proud kf his country.
you can take any aspect like Nationalism in Savarkar. The 2023(1) issue of Shodharthy has a comparative article on Savarkar, Golvalkar and Deen Dayal. You can get it from- shodharthy.com/
Haryana me 90 seats ka 1/3 30 seats aayega vidhan Parishad ke liye lakin minimum 40 member hone chaye vidhan Parishad ke liye to iska matlab chote state apne liye vidhan Parishad nahi rakh sakte hai.
Namaskar Dr Verma aap ke kai lectures sune hai presentation bahut confusing jobi subject aap select karte hai use tod mador kar present kie hai mai isnatije me pahun cha hun ki aap ki concept clear nehi isi lie aur kitaben jo aap ke subject related ho use study karna chahie thank you
Dr sarvepalli radhakrishnan ne ek kha ki jo vakti kaam karna chata hai lkain usko kaam nahi mil pata, or bechra apne liye do time khane ka bhi arrangement nahi kar pata us condition me vo vaykti uske desh par proud feel nahi kar skta.
आदरणीय सादर प्रणाम. आप का ज्ञान बहुत ही लाभ प्रद है
First teacher jo sabke reply dete hai naman hai apko g
Grateful
ओल्ड वामपंथी और नव वामपंथी विचार और मूवमेंट के बारे में आपने बहुत सुंदर मार्गदर्शन किया! लेकिन भिन्न भिन्न देशों में चाहे रूस हो,अमरीका हो इंग्लैंड या फ्रांस हो, हर एक देश की अपनी अपनी एक संस्कृति होती है, परंपरा होती है जो उसी देशने अथवा लोगोंने विकसित की होती है! जहाँ तक वामपंथी अथवा कम्युनिस्ट विचारधारा के बारे में हम सोचते है तो मेरा सवाल यह है की यह विचारधारा हमारे भारत देश में कितने मायने रखती है, क्या यह विचारधारा यहाँ के पिछड़े, दलित, शोषित लोगोंको न्याय दे सकती है! यह सवाल मैं इसलिए भी पुछ़ रहा हूं की, यहां का जो पिछड़ा, दलित,शोषित समाज है उसका शोषण यहां ज़ाती के और वर्णव्यवस्था के आधारपर हुवा है , इनके गरिबी का और संम्मानहीनता का कारण इन लोगोंकी जातीयां है , यह लोग गरीब है इसलिए इन जाती के है ऐसा नही, बल्कि इस जाती से है इसलिए गरीब और संम्मानहीन है! यहाँ वर्ग व्यवस्था नही ज़ात व्यवस्था है ,चाहे तो हम इसे जाती की वर्गव्यवस्था भी कहा सकते है! तो देशके इस बड़े तबके को न्याय दिलाने के लिए, समता और शांती प्रस्थापित करने के लिए भले तुम मार्क्सवादी विचार भी अप्लाई कर सकते हो लेकिन आगे ज़ाकर यह ज़ात नामका विचित्र डाईनोसोर प्राणी तुम्हारा रास्ता रोकेगा ही! जातियां हिंदु धर्म की देन और एक मुख्य अंग है ,इसलिए धर्म जीन भावनाओंपर आधारीत है उसी भावना को प्रथम नष्ट किए बिना भारतीय समाज़ में समता, स्वतंत्रता ,बंधुभाव और खुशहालीका संम्मानीत सहजीवन स्थापित नही होगा!
राजनीतिक व्यवस्थाएं सामाजिक संरचनाओं को परिवर्तित नहीं कर सकती. रूस और चीन उदाहरण हैं. रूस टूट गया, पर शोषण नहीं गया, चीन में गज़ब का शोषण है . साम्यवाद विचार के स्तर पर अच्छा लगता है, परन्तु व्यवहार में उसे लागू नशीं किया जा सकता. सामाजिक शोषण ठीक करने के लिए सामाजिक संस्कृति ठीक करनी पड़ेगी. भारत में विगत ७० वर्षों में इस सम्बन्ध में बहुत परिवर्तन हुआ है.
@@DrAKVermaऔर सामाजिक संस्कृति को ठीक करने के लिए वैयक्तिक चेतना, वैयक्तिक मानसिकता, जो दो अलग अलग चीजें हैं (फ्रायड) ,मन को समझना पड़ेगा। दुनियां में जितने भी मार्क्सवादी या कम्यूनिस्ट हैं उनमें एक भी ऐसा नहीं है जो The other और परिवार के मालिक के रूप में आपने ही सगे संबंधियों (जैसे पत्नी पुत्री बहन भाई मां) पर आधिपत्य स्वामित्व प्रभुत्व स्थापित नहीं किए हुए हो, उनका सूक्ष्म और स्थूल शोषण न करता हो, कोई भी परिवार ले लो सबमें यही हो रहा है। टोटल यानी शत प्रतिशत मार्क्सवादी या कम्यूनिस्ट विचार यानी बातें करते हैं, लेकिन उनमें से एक भी अपने ही तर्क की व्याप्ति अपने दैनिक जीवन, दैनिक गुप्त कृत्यों तक नहीं ले जाता अर्थात वह अपने लिए अलग मापदंड और तर्क रखता है तथा दूसरे के लिए अलग। वह अपने भीतर मन की असलियत में 99% पार्ट को छिपाए रहता है और वही उसका व्यव्हृत (राग और अहम पूर्ति) असली चेहरा है जिस पर कोई बात करने तक को तैयार नहीं है। इसे यौन संबंधों के उदाहरण से पूर्ण और पर्याप्त सबूत के रूप में प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। Antonio Gramsci की सांस्कृतिक आधिपत्य की अवधारणा में इसे देखा जा सकता है। सिगमंड फ्रायड इस तर्क और तथ्य को अंतरानुशासनिक ढंग से, व्याप्ति की बेसिक इंटरनल निष्पत्ति तक ले जाते हैं। व्यवहार यानी आचरण (मन) और तर्क यानी बुद्धि की ऊपरी बातों के अंतर्विरोध को कब तक टाला जाता रहेगा?
Really you are a scholar of political science, making even tough concepts easy and simple. You like scholars can provide great services to society. Teachers like you have great experiences to give to youths. Hearty thanks for the philanthropic services.
Grateful
निश्चय ही गुरु जी आपके पास समय का अभाव है, परन्तु फिर आपसे गुजारिश करता हूँ, की अपने अमूल्य जीवन के कुछ मूल्यवान समय को निकालकर , महत्वपूर्ण लोक प्रशासन के सिद्धांतों और अन्य पहलुओ पर video lecture बनाये, धन्यवाद!
Sure, will do it.
Most underrated channel
Don't worry. What Gita saya-
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ २-४७
राजनीति विज्ञान को सरल शब्दों में आपसे समझने का मौका मिला, और आपको सुनने का अवसर प्राप्त हुआ, उसके लिए आपका आभार प्रकट करता हूं सर 😊😊
So very kind of you
Bahut sunder
Thankyou so much...sir ...I have no words to thank you sir ....itna difficult concept aapse sunkar bohot hi aasani se smjh aa gya....again thankyou so much
You are such a genius man . please keep making videos 😊
अभार सर ....सरल शब्दो मैं कठिन विषय का ज्ञान दिया
Grateful
सर आपके मार्गदर्शन की हमेशा प्रतीक्षा रहती है
Khub khub Dhanyavaad Sir..
Great teacher❤
Respected sir ❤ ur teaching method is superbbbbbbbb thanku Sooo much sir 🙏🙏
Thanks and welcome
Completely satisfied ideology and permanently relevant important of it.....thank you sir.... this ideology has cmplete solution for society.
Thanks
सर जी प्रणाम आपका समझाने का तरीका बहुत ही अच्छा 🙏
Thanks
अदभुत विश्लेषण गुरु जी 😊
Grateful
Super Guru ji
your way of explaining is very good
Thank you sir
Thanks and welcome
Explanation 👌👌👌👌
Thanks
बहुत बढ़िया
नमस्कार, आप ने बहुत आसान शब्दों में समझा दिए
Thanks
Thank you so much sir❤❤🙏
Most welcome
धन्यवाद गुरुदेव
welcome
Please explain about utopian syndicalism, gulid socialism, utopian socialism, left & right anarchism & right libertarianism ( minarchism) & it's connection with Austrian School of Economics.
Good explanation. Thanks.
You're welcome!
सर सत्र बहुत शानदार है, आपने विस्तार से चर्चा की है जोकि बहुत लाभदायक है!
आपसे निवेदन है कि जिस पुस्तक में इस प्रकार की शब्दावलीयाँ दी गई हैं उस पुस्तक की जानकारी देने का कष्ट कीजिएगा please
Thanks a lot. My lectures are not from any one book. I consult several books, journals, and other sources before speaking.
Excellent analysis
Grateful.
Thanku sir🙏
welcome
Revolution,
Rebellion,
Revolt,
Mutiny,
Uprising
सर ऊपर के शब्दों के Concept पर बात कीजिए एक वीडियो में, क्योंकि इन सब शब्दो में कन्फ्यूजन हो जाती हैं।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sure, will discuss.
@@DrAKVermaThanks Sir 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sir international politics aur global politics me kya difference h ...please ek video bana dijiye.... online bhot km content h ... Smjh nhi aa rha h ....please sir
Respected sir... Apki videos se bhot help milti h thank you so much sir.... Apki videos ki help se mere polity me acche marks aaye..
Mera graduation 80% ke sath bn gya ...thankyou so much sir 🙏
Very happy to know that. Will take this up soon. Blessings
प्रणाम आदरणीय🙏
आपसे निवेदन है कि कृपया समाजशास्त्र विषय के सिद्धांतों पर वीडियो बनाकर हम छात्रों का मार्गदर्शन करें।🙏
Ty sir
Thanks sir
welcome
🎉sir can you make a single long video where we can understand most of the Indian sociologist as well western sociologist
Thanks for suggestion
❤👌🤗
Thanks a lot
Good Eveingh 🎉🎉sir
Greetings,
Sir, please explain Lucian pie in simple language 🙏
Noted, thanks for suggestion
🙏🙏
Blessings
Namastey Sir
Sir main Upsc ke liye prepare kr rhi hu
Sir main ek dubidha mein hun
English medium mein likhu ya Hindi medium
Sir please mujhe thoda margdarshan kre
I am 31 years old and a mother and aspiring to be a civil servant
Sir please reply
Kya main apko answer likh k send kru
Sir mujhe please btaye
सर जी मुझे शोधार्थी पत्रिका चाहिए थी यह कैसे उपलब्ध होगी क्या यह किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से खरीदी जा सकती है ?
बहुत बहुत धन्यवाद सर्
Q.आयोग,बोर्ड,परिषद,ब्यूरो में क्या अंतर हैं
सर् इस पर अतिशीघ्र चर्चा करें समझने में काफी समस्या आ रही है धन्यवाद सर्🙏🙏
Sure
सर जी नमस्ते आधुनिक विचारकों के बारे में भी वीडियो बनाए।
Thanks
चरण स्पर्श सर,
सर क्या वामपंथ और मार्क्सवाद को पर्याय के रूप मे इस्तेमाल कर सकते है ,क्योकि इन शब्दो/विचार के उदभव मे ऐक समय अंतराल है , क्या कोई बड़ा अतंर है या बस शाब्दिक हेरफेर।
वामपंथ में मार्क्स , लेनिन, स्टॅलिन, माओ और आधुनिक काल के सभी विचारक आते हैं; यह एक वृहद् विचारधारा है. मार्क्सवाद का अर्थ केवल मार्क्स के विचार हैं.
@@DrAKVerma शुक्रिया सर
Sir mai kisi writer se kaise mil sakta hu to discuss a topic ,,, jispr pr vo kuch likhe..... Plz sir any suggestions
Just meet. Take appointment with the person.
🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Thanks
नमस्कार सर बहुत अच्छा टॉपिक आपने समझाया। यह विचार धारा भारत में भी कभी आई थी क्या?
Thanks. The protest movements that we see during 1960s and 1970s. The language protests in 1960s and students movement that got momentum under JP in 1970s were such protest movements.
Sir please btaye ki police executive ka part h ya judiitiary ka?
Executive
Sir upsc mains optional ka PSIR का सिलेब्स करा दीजिए सर पूरा नहीं तो कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक पर वीडियो लाइए सर प्लीज🙏🙏
Thanks for suggestion. Visit my Playlist, you will find many videos.
@@DrAKVerma thankyou sir 🙏🙏
सर मार्कस या वामपंथ का विचारधारा ही खत्म हो गया ऐसे मे संगठन बनाकर चुनाव चिन्ह को बचाये रखने का क्या उद्देश्य है। आत्म समर्पण किताबो के अभाव मे या उद्देश्यों के अभाव से किया गया होगा। नक्सल, माओवादी की बंदुक या सभ्यसमाज की पैन की बोली वामपंथ को कमजोर किया। कृपया नक्सल पर भी एक वीडियो बनायें।
विचारधारा कभी ख़त्म नहीं होती है. केवल कमज़ोर पड़ती है.
Sir, Today I have qualified for JRF and Assistant professor through your guidance. I am very thankful to you. Please tell me how can i contact you ....sir. I need your guidance for shaping my life.
What a great news. So happy. Love and blessings so that you become a good teacher. you can write me .
सर न्याय विषय पर एक वीडियो बना दीजिए
Noted.
Plzzzzz हैबर मास पर भी एक vedio
Let me find time. Have not been able to make videos for the last many months
Guru ji namskar ..sir Mai asst. Prof pol science me meri new appointment huyi hai mere pass teach karwane ka koi experience nhi hai...
Or political theory ek boring subject hai.
Sir mai jaise state topic ko 15 minet me explain kar deta hun class me to kya mai students ko uske bad write karwa dun books se main main point...aise kya class li ja sakti hai...
Plz guide me Maine law bhi ki hai..
Mai sir to the point hi study karwa pa rha hun or mere ae lecture 10 minet me hi complete ho jata hai to m sochta hun class me ki ab kya krun 15 minet
अपने विषय को पहले खुद अच्छे से समझे. फिर उसे बच्चों को धीरे-धीरे समझाएं. जो पढाये, उसमे से बच्चों से प्रश्न पूछे. उनको बोलने की आदत डालें. उनको क्लास में कुछ लिख कर भी दिखने को कहें. धीरे-धीरे अभ्यास से सब ठीक हो जायेगा. आशीर्वाद
@@DrAKVerma thanks sir
According to me a person who wants to workk but doesn't get work that situation can't feel proud of his country. A person who is suffering from hunger but doesn't know to arrange two time meal for him self can't feel proud kf his country.
Absolutely
Sir kal University mein interview hain .pls.margdarshan Karen ki thesis se or subject se kaise questions pooch sakte hain🙏
Be confident. Only that will pay. Best of luck.
Sir telegram par please kuch notes provide ho jaye toh exam k point of view se extra knowledge gain ho jayegi please sir
I am not on telegram
सर एक विडियो नव उपनिवेशवाद पर भी बना दीजिए
Thanks
सर जी वीर सावरकर के रजनितिक दर्शन पर क्या रिसर्च किया जा सकता है
सर उनके रजनितिक दर्शन पर कोई सुछाव भी दे धन्यवाद
Yes, why not. He remains very much unknown to academic fraternity.
you can take any aspect like Nationalism in Savarkar. The 2023(1) issue of Shodharthy has a comparative article on Savarkar, Golvalkar and Deen Dayal.
You can get it from-
shodharthy.com/
@@DrAKVermayes sir article no. 15 magazine (2023) order kr diya hai
Thanks u sir
@@DrAKVermasir sawarkar par aapke video\ lectures ho to pls link share me sir
प्रणाम sir, मै जानना चाहती हूँ कि, शोधार्थी पत्रिका का हार्डकॉपी भी आता है, यदि आता है तो उसे कैसे प्राप्त करें 🙏
Yes. You can get it here -
www.shodharthy.com
@@DrAKVerma Thank you Sir
Haryana me 90 seats ka 1/3 30 seats aayega vidhan Parishad ke liye lakin minimum 40 member hone chaye vidhan Parishad ke liye to iska matlab chote state apne liye vidhan Parishad nahi rakh sakte hai.
True
Namaskar Dr Verma aap ke kai lectures sune hai presentation bahut confusing jobi subject aap select karte hai use tod mador kar present kie hai mai isnatije me pahun cha hun ki aap ki concept clear nehi isi lie aur kitaben jo aap ke subject related ho use study karna chahie thank you
Dr sarvepalli radhakrishnan ne ek kha ki jo vakti kaam karna chata hai lkain usko kaam nahi mil pata, or bechra apne liye do time khane ka bhi arrangement nahi kar pata us condition me vo vaykti uske desh par proud feel nahi kar skta.
True
सर चीन के संविधान पर एक वीडियो लाइए
Thanks for suggestion
महोदय मेरा विषय इतिहास और दर्शन है मैं यह जानना चाहता हूं कि भारत में कौन कौन से दार्शनिकों ने भ्रमण किया जो वेस्टर्न थे
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Abhi to new left movement chal raha hein