"हास्य कवि" रामलखन सिंह मह्गना रीवा
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- เผยแพร่เมื่อ 21 ก.ย. 2024
- इस कविता मे मह्गना जी के द्वारा हास्य व हास्य के माध्यम से समाज की बुराइयों को भी दूर करने का भरपूर प्रयाश किया गया है,मह्गना जी ने अपनी कविताओ के माध्यम से समाज की बुराइयों को हास्य के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया है !!!!
❤
Billy right
बहुत सुन्दर कविता
Hi
Bahut khub
Bahot badhiya dada
Very nice
Nice
Wah wah wah ................hamare sansakaro ke patan ki peeda ko aapki wani dwara suna mai aapko sadhu wad deta hu
जय जय बजरंगबली
Bahut hi achha
Bahut achchi kvita
दहेज पर अति सुंदर कविता।
Hoi
Super
Pushpendar Kumar Patel
Very nice
Very nice