8. अनंत पुरुषार्थ चाहिए सुख बुद्धि छोड़ने। पांच पाप छोड़ना और पाप की सुख बुद्धि छोड़ना अलग बात है।

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ก.พ. 2025

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