डिअर फ्रेंड्स, अगर आप मुझसे व्यक्तिगत रूप से जुड़ना चाहते हैं तो facebook.com/manmohanjoshi.09 पर आपका स्वागत है। यदि आप कानून की और जानकारी / नोट्स या ऑडियो/ वीडिओ लेक्चर्स चाहते हैं तो विधिकशिक्षा के पेज facebook.com/VidhikShiksha/ या instagram.com/vidhik_shiksha और वेबसाइट www.vidhikshiksha.com से तत्काल जुड़ें। आपका MJ
sir, I want to admission in B.H.U./ D.U./ Allahabad university for L.L.B. but 10 ,and B.A. are regular student but 10+2 i hv private student can I eligible for LLB entrance criteria for these universities please reply sir
सर आपके लैक्चर बहुत सरल व सुलभ हैं में लां का क्षात्र नहीं हूं लेकिन फिर भी नियमित तौर पर आपके लैक्चर सुनता हूं और मुझे लगता है आप एक दिन केन्द्रीय कानून मंत्री जरूर बनैंगे 🙏
sir, मै ca field से स्टूडेंट हु। आपके videos काफी ज्ञान वर्धक होते है भारतीय न्याय व्यवस्था के बारे में अच्छी जानकारी मिलती है जो सामन्यतया इतनी सहज शब्दो मे उपलब्ध नहीं है।। sir हमारा एक मुद्दा है , ओर वो ये है की हमारी exam icai करवाता है जो कि एक ऑटोनोमस बॉडी है। अब हुआ ये की कुछ स्टूडेंट्स ने रिजल्ट के बाद अपनी कॉपी मंगवाई जिसमे उनको दिए गए नंबर रिजल्ट में announce नंबर से काफी ज्यादा थे। अब icai बोल रहा है कि आप को ये राइट नहीं है कि आप रिजल्ट amend करवा सको उन भेजी गई कॉपीज के बेसिस पे। जहाँ तक मुझे याद है सुप्रीम कोर्ट ने कुछ एग्जाम जैसे rpsc की competetive exams में ऐसे निर्णय दिए है जिसमे स्टूडेंट्स की कॉपी दुबारा चेक की गई नए सिरे से, जो सवाल चेक नही थे वो किये गए, नंबर भी बढ़े कई मामलों में। में जान ना चाहता हूँ कि स्टूडेंट जो एग्जाम देता है क्या उसके वैधानिक राइट में नही आता कि वो अपनी कॉपी की valuation variances को सही करवा सके। दूसरा क्या किसी ऑटोनोमस बॉडी के आंतरिक नियमो को कोर्ट में चुनोती नही दी जा सकती। हम लोग फिलहाल सड़को पे आंदोलन कर रहे इस के खिलाफ। कृपया मार्गदर्शन करें। जल्दी करे क्यो की next एग्जाम सिर पे है हमे ये जल्द से जल्द खत्म करना है
राष्ट्रपति को क्षमा दान का अधिकार होना जरूरी है, लेकिन साथमे राष्ट्रपति का ये अधिकार न्यायिक पुनर्विलोकन के दायरे में होना चाहिए। इससे उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रपति का कुछ हद तक क्षमादान पर एकमत हो सके।
U r greate sir. Ap aysi jankari dete hai jo hame law ki book me b nhi milegi. Or na hi koi itna detail me coaching me smjha skta hai.. thnq soo mch sir..🙏🙏🙏
Hello sir ji...bht he khoobi se aapne is lecture ko byaan Kiya hai...sir aap Yun he hme apna Gyaan bant tey rhe aur aap ki di gyi Shiksha se India ka bhavishya tyaar ho dua hai sir...sir article 72 apni jgah bilkul sahi hai aur ise n badlne ki awshyakta hai n khatm krne ki awshyakta hai...sir Kanoon sabooton pr chalta hai aur saboot galat bhi paish kiye ja saktey hai...court k dwara galat sabooton ko Aadhaar Maan kr diya gya fainsley se kisi k sath anyay ho aisa koi bhi nahi chahega... Rashtrapati ji dya yachika pr poori soch aur samajh k baad he koi nirnay detey hai...woh ek sammanniy padvi hai aur us pad pr Shak krna hmari savedhanik vyavstha pr Shak karna hai...isi liye Rashtrapati ji k nirnay pr Shak krney se pehle hme Apne aap ko Rashtrapati ji ki jgah m rakh k sochna chahiye phir koi nirnay ya changing k baare m tark Dena chahiye...thank you sir
Thanks sir..hme itni judicial knowledge Dene ke liy..president ko power honi chahiye ki wo death punishment ko change KR ske becoz president desh ka first insan kahlata h..but rarest se bhi rarest case me
बहुत ही अच्छी जानकारी मिली, धन्यवाद सर, मेरे हिसाब से क्षमा दान की शक्ति होनी चाहिए, वेसे भी भारत मे राष्ट्रपति औपचारिक है, वैधानिक तो प्रधानमंत्री है, अनुच्छेद 72 के को निरसित कर दिया गया तो राष्ट्रपति का कोई मतलब नहीं। संविधान के साथ राजनीति हो रही है,
मेरे विचार से क्षमा दान की शक्ति होनी चाहिए । तभी लोग भावनात्मक रूप से कानून का सम्मान करेंगे और अपराध भी कम होगा क्योंकि हम किसी को जीवन से हटा कर उसकी गलतियों का ऐहसास नहीं करा सकते। बल्कि कारागार में डाल कर ही एहसास करा सकते है जी
सर ! क़ानून सिद्धांतों पर काम करता है, विधि के तमाम सिद्धांतों में से एक महत्वपूर्ण सिद्धांत यह भी है कि "भले ही सौ दोषी छूट जाएं लेकिन एक निर्दोष को सज़ा नही मिलनी चाहिए" भले फांसी का दंडादेश की कई विद्वान न्यायाधीशों के द्वारा समीक्षा की जा चुकी हो, लेकिन हर व्यक्ति का अपना विवेक होता है, राष्ट्रपति का भी अपना विवेक है। दया याचिका के याची का ये अंतिम प्रयास जिसमें राष्ट्रपति का यह समाधान हो जाता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है और उसकी सज़ा माफ कर देनी चाहिए, तो इसमें कुछ गलत नहीं (भले ही वास्तविकता में वह दोषी हो, अगर वह दोषी है या अपनी क्षमादान का दुरुपयोग करता है तो बाद में भी उसे दंड दिया जा सकता है) किंतु अगर वह वास्तविकता में निर्दोष है और उसको फांसी हो जाती है तो उसका जीवन वापस नहीं लाया जा सकता। न्याय के लिए इससे ज्यादा अन्यायपूर्ण बात और क्या होगी। अतः राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति को खत्म नहीं किया जाना चाहिए।
Manoj Kumar ...kya apko ye..lgta hh..ki fassi ka ettna lmba process hone ke babjod bhi..annyay hoga....annyay to tb hota jb fassi ko sedhe sc court se pass kr dia jata...annyay na ho..essi liye fassi ka..ittna lmba process rakhha gya h...aur ittni lambi process hone ki badd...president ussko maff krde ..ye ..annyay hoga..unke sath jo..uss doshi sja dilwana chahte hh......essliye president ki chhama daan yachika ko..kattma kr dena..chahiye.....aur ap ne ye nhi dekha..shri pratibha devi singh patil ne..30..logo ki fassi maff kr di.....kya apka lgta hh ki..bo fassi ki ittne lambe process ke baad nirrdosh hoga.....please reply me..manoj kumar ji..
There should be the Power of grant Pardon by the President of The Country,, Because the Judiciary will treat the case according to the Constitution while The President can think on the case by the way of humanity also. Thanks for the such type of Lactures. Satyamev Jayate.
Sr bahot accha lgta h jb aap koi new lecture le k aate h aur usme itni important knowledge itne easy way me hme dete h. Thank you sr 🙏 I'm fan of your voice Meri smjh se president se ya toh power waps leni chahiye by refuse art. 72 Ya phir unse javab maaga jana chahiye ki vo s.c. ki report refuse kisliye kr rhe h.
सर आपके द्वारा दी गयी जानकारी बहुत ही सूक्ष्म शब्दो मे भी बडी बडी कठिन बातें भी समझ आ जातीं है। धन्यवाद सर आपकी ये पहल हम जैसे स्टूडेंट के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी ।
Sir....mene aap ki video aabhi kuch dino se dekhna suru kiya...mujh ye video bhut aachi lagti h qq ki meri..BA.LL.B 2019 m final hui h or mujh ab pcs j ki exam pas krna h..or aap ne ye video bhut aachi dhikhi h.......or sir ye article 72 nhi hona chahiye..jb hamara court h to political hastakshep nhi hona chahiye qq ki bhut sari mjburiyo ka samna krke..case vha tk phucta h...esliy ye nhi hona chahiye
Yes sir , pardon from president is right because no one in this republic country has the full power to do anything, every body is linked with each other to prevent each faults by other authorities . This is India hear by everyone's support the country runs 🙏. Nobody is totally independent everybody will work from everyone's support ,this is the beauty of our rigid constitution 🙏.
होनी चाहिए ! भारतीय धर्म, दर्शन और संस्कृति में सदैव क्षमा का उच्च स्थान रहा है। दूसरी तरफ एक लोकतांत्रिक देश में मृत्यु दंड विरलतम परिस्थितियों में ही देने की अवधारणा है। अतः न्यायपालिका के अतिरिक्त राष्ट्रपति के पास ऐसा अधिकार होना चाहिए। परंतु ऐसा जिम्मेदारी राष्ट्रपति के उत्तरदायित्वों को भी बढ़ा देती है। उनके द्वारा ऐसे शक्तियों का प्रयोग राजनीतिक नहीं होकर आदर्श व न्याय से परिपूर्ण होना चाहिए।
Bilkul hona Chahiye sambhidhan nirmatao ne rastrapati ko yeh shakti bahut jayda soch vichar ke Bad di he Hamara nyaylay sakshyo k adhar pr saja ka prawdhan krta h n ki vyktio k vyktitva k adhar pr Kabhi2 nirdoah vykti k khilaf sakshya ho or use saja ho jae tab yeha rastrapati ki bht badi bhumika hoti he Hmre kanun is wakya par adharit he 1000 mujrim chhut jae pr kisi begunah ko saja nahi hona chahiye Or rajnetik faydo k liye kshamadan ye apwad he ye rastpati k pad ki garima ko dhumil karta he
Nice explanation sir🙏... सर क्षमादान की शक्ति होनी चाहिए लेकिन न्यायिक पुनरावलोकन के अधीन होनी चाहिए जिससे कोई भी राजनैतिक पार्टी अपने फायदे के लिए इसका दुरुपयोग ना कर सके।
I am a law student, Sir, I get a lot of knowledge from your lecture and the important lecture is very well understood. You also get ready for the exam.
सर नमस्कार ,राष्ट्रपति के पास यह शक्ति कुछ प्रतिबंधित आधार पर होना चाइये जिसमे न्यायपालिक का रोल रहे जिससे इसका दुरुपयोग न हो क्योंकि इस निर्णय का न्यायिक पुनरवलोकन भी नही होता हैं। Thanku sir
Naa rastrapati ke shakti ki niyayik samikhsa nahi hona chahiye isse niyaypalika or sansad me takrab hoga or sambidhan dwara pradat shakti ka atikraman v hoga
Namaste sir, you are great sir because you give us very important and useful knowledge about our Constitution and laws. We shall connect always with for getting awesome knowledge and motivation. Thank You very much sir.
डिअर जोशी सर, में एक छात्र हूँ मुझे ज्यादा ज्ञान तो नही है पर में आपके द्वारा दी गयी जानकारी से बहुत कुछ सीखता हूँ। देश के माननीय राष्ट्रपति के पास ये शक्ति नही होना चाहिये क्योंकि किस अपराधी को सजा देना है किसे सजा नही देना है इसका निर्णय जिला कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाता है सब अच्छी तरह से जांच पड़ताल होने के बाद ही कोर्ट अपना फैसला सुनाती है। उसके बाद मुझे नहीं लगता कि अपराधी को सजा से मुक्त करना चाहिए। सर ये मेरा एक सुझाव है बस मेरा किसी व्यक्ति विशेष को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य नही है। जय हिंद वन्दे मातरम भारत माता की जय
क्रिमिनल फ्रेंडली न्याय व्यवस्था में दंड का आदेश बहुत विलम्ब से होता है। इसके बाद भी अनुच्छेद 72,161के जाल में उलझा कर न्याय को अन्याय में परिवर्तन करना सर्वथा अनुचित है।
चूँकि राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च्य पद है इसलिए राष्ट्रपति को ये विशेषाधिकार होना चाहिए किन्तु इसकी न्यायिक समिक्षा की जा सके इसके लिए प्रावधान बनने जरूरत है
Nahi Honourable President k paas pardon power nahi honi chahiye kyuki criminal ko death punishment dene se pahle use bahut baar procedure se gujara jata hai, Judges bahut wise person hote hain Aur advocates ko bola jata "vidvaan adhivakta" To koi reason nahi rah jata ki itne procedure ko paar karne k baad bhi criminal ko pardon kiya jaye Kyuki President k through criminal ko pardon matlab Chief Justice of India ki justice par question jo ki CJI aur Supreme Court ki sarasar insult hogi. Thanks sir to give us the valuable knowledge.
President ke pass mrityu dand kharij karne ka adhikar hona chahiye....lekin limited hona chahiye . ...use apne karykal me kewal 10 logo ko hi jeewandan de sake... Ya or nyalay or sansad is par gambhir vichar kar nirnay lena chahiye.....
sir agr ap ye sb hme ek board pr khud likh kr smjhaye to aur axe se smjh aa skta h lkin m jbse aapke channel se juda hu tbse bht kx aasani se sikhne ko mila h dhnyabad sir.. 🙏🙏
क्षमादान नही होना चाहिये क्योकि पीडित परिवार लम्बी कानूनी लडाई सालो तक अदालत का चक्कर लगा कर आरथिक और मानसिक रूप से असंतोष हो जाते है उन पर क्या बितता होगा
Vary good morning sir. vary knowledgeable video. I personally got broader knowledge. In my opinion President should have the power of pardon but with strict guide lines, so that it can't be used for political milage & the most important thing law of natural justice must be preserved. Thank you vary much sir.
Dear Sir, This is very intellectual question as you said in video. I would like to take this opportunity to share my view on it - There should be committee includes ex judges and ex-president mainly to take decision on it and ammend where necessary. I also like to add that each citizen respects a lot for respected President and respected Judge level as well. Thank you for everything
Rashtrapati ko ye shaktiyaan bilkul honi chaahiye. Kyuki kisi aise vyakti ko mrityudand ho jaata hai jisko jiwit rakhna desh ke liye bahut jaruri ho to waha is shakti ka prayog rashtrapati dwara desh hit me kiya jaa sake.
इससे ये प्रमाणित होता है की महिलायें सवभावत: अच्छे तथा उदार दिल की होती है । हमारे संविधान को महान विद्वानों ने लिखा है और इसके किसी भी प्रावधानों को रद्द करने का अधिकार किसी को नहीं है ।।
Hmare Bharat desh me vhidhi ka sasan hai.... jo apne aap me hi sampoona, aur ispast hai... shamadaa dekar hum... Ek tarh se apne khanoon vidvaano ke feslo ki avhelna hi krte hai... vese bhi samaadaan k bhav rkhna.... apradhi ko shyy dene k saman h.... isley samaadaan prakriya htana hi chiye.....🙏🙏
सर लोकतांत्रिक देश में इस प्रकार की शक्ति का होना जरूरी है। और इन्हीं शक्तियों की वजह से तो ही आदिकाल से अब तक भारत को एक महान देश कहा जाता है।क्षमा का होना यह हमे एक सॉफ्ट देश के रूप में पेश करता है
जिस व्यक्ति पर अपराध साफ हो तो उसे दण्ड देने में देरी नही करनी चाहिए यदि मामले का निर्णय आने में समय लगता है तो पीड़ित के परिवार की आर्थिक स्थिति देखकर आर्थिक सहायता देनी चाहिए
सर जी आप बहुत अच्छा समझाते हो, संविधान का भी पूरा वीडियो बनाने की कोशिश करे। अनुच्छेद 12 से 35 ओर 36 से 51को भी अच्छे से समझा देना सर with case laws.. Thank u sir
राष्ट्रपती के पास क्षमादान की शक्ति jarur होनी चाहिए इससे किसी भी दोषी व्यक्ति को यह नहीं लगेगा कि उसको निर्दोष साबित करने का अवसर नहीं मिला यही तो democracy की विशेषता है
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और भारत में विधि का शासन है! जहाँ राष्ट्रपति का पद राजा के पद की तरह है और यदि राष्ट्रपति को ये अधिकार भारतीय संविधान के article - 72 के अनुसार दिया गया है तो अनुच्छेद - 60 के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति संविधान का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करने की शपथ लेते हैं जिसके अनुसार क्षमा दान पूर्ण रूप से असंवैधानिक होगा और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी (क्योंकि कई व्यक्तियों, विधि वेत्ताओं, cji और पूरी प्रक्रिया द्वारा न्याय किया गया है जिसमें courts का भी समय जाया होता है) अर्थात मेरी दृष्टि में यह निश्चित रूप से चर्चा का विषय है और इसे जल्द से जल्द संशोधित करना चाहिए! जिससे कि भारतीय समाज में और वैश्विक पटल पर भी भारतीय न्याय व्यवस्था और न्यायपालिका की गरिमा और विश्वास बना रहे - नीतेश वर्मा (ये मेरा निजी मत है) (LL.B - 1st semester)
यदि राष्ट्रपति के पास क्षमादान की शक्ति हो भी तो वह मंत्रिपरिषद के परामर्श से भिन्न होनी चाहिए। जिससे उससे कोई गलत राजनीतिक हित न साधा जा सके एवं इसकी सीमा भी निर्धारित हो।
यह बात बिलकुल सही लगी। यदि क्षमादान का अधिकार हो, तो मंत्री परिषद का विचार राष्ट्रपति के लिए अनिवार्य नहीं होना चाहिए। यह राष्ट्रपति का विवेकाधिकार होना चाहिये। यह इसलिये भी महत्वपूर्ण क्योंकि राष्ट्रपति ही संवैधानिक प्रमुख होता है।
Bilkul honi chahiye kyoki ye jaruri nahi h ki is tarah ke matter me har kise ko pardon mil hi jaye wo kharij bhi to kr sakte h jaruri nhi h ki jo bhi jayega pardon mil jayegi isiliye ye option jarur rhna chahiye😊
Dear Sir After seen this video my design is that. Rashtrapati ki power barkarar rehni chahiye because some way some time aisa hota hai ki 1.Maan lijiye ki us aadmi par lagaya gya aarop jutha hai or vo usey sabit ni kr paya or hamre kisi court ne ussey fansi ki saza dedi or rashtrapati ke pass bhi agar ye power na huyi ki wo ussey bacha sake to galt ho jayega kisi ke sath galt ho jayega. 2. Point number 2 is that if any member only one person of earning in his family so after his death who will take care of his family.who will fulfil needs of his family. And one more think agar mamla vakya mai hi itna sangheen hai ki mafi ki koi gunjaish nahi hai fir being a rashtrapati unki ye duty banti hai ki wo uski application ko dismiss kr de. Thanks and regards Neelkamal Mavar Mobilization Head. DDU-GKY MANDI DABWALI.Sirsa 125104.Haryana
क्षमादान शक्ती राष्टपति महोदय के पास होनी चाहिए क्यूं की जो व्यक्ति को फासी या बडी सजा दी गई हो कोर्ट के द्वारा दी गई हो, उस व्यक्ति की देश के लिए उपयोगिता, परिवार का एक मात्र सहारा या ऐसी किसी कारण को लेकर उनके पास ये शक्ती होनी चाहिए #Thank_you
Definitely It should be discretion of president. Cabinet should not interfere on this matter. There should be seperate Coliseum that should advise and assist to President but he should free to take decision.
Honi chahiye,,,,,bahut jaruri h,,,,,,,kyonki rashtrapati sirf muhar ban kar na rehe,,, tatha, ratrpati ki garima,aur shakti ,sabse ooper h,,,yeh baat bhi sabhi ko samjhni chahiye,,,kyonki har koi kaanoon tabhi laagoo hota h,jab rashtrapati mahodya g ka signature ,ush kanoon par ho jata h,jishse humara desh ,savidhan chalta h,,,,aise m ,rashtrapati g ki shaktiyo ko aur badhane ki jarurat h,,,,aur loktantra m ,rastrpati ek umpire ,aur judge ,,tatha,,,,service man ki bhi bhoomika nibhate hain ,,jai hind
MJ Sir, thank you for all that you do. I think article 72 should not be repealed because there is always an argument "for" or "against" in any matter. As human beings, we should accept the fact that there is always a chance that we don't know something. That's why even after a thorough legal process, framers of the Constitution may have provided for article 72 that essentially provides an opportunity for pardon.
Sir president ko chama daan ki shakti honi chahiye kyu ki ye sambidhan dwara pradan kiya gaya hai or jab kabhi v niyapalika ya suprime court se galti ho jaye to rastrapati us galti se nagriko ko bacha sake, jai hind
राष्ट्रपति के झमा दान के शक्ति होनी चाहिए लेकिन इसके लिए सर्वोच्च न्यालय को कुछ दिशा निर्देश जारी करने की जरूरत है। क्योकि कभी कभी उसके द्वारा किये गए अच्छे कामो को नजरअंदाज नही किया जा सकता है ।कभी ऐसी परिस्थिति उत्पन होती है कि कभी राष्ट्र को समाज को उसकी जरूरत हो ।
राष्ट्रपति को छमादान देने का संवैधानिक अधिकार होना चाहिए। लेकिन छमादान के मामले मे राष्ट्रपति को सीधे सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेने का संवैधानिक अधिकार होना चाहिए। इस मामले मे मंत्रिमंडल का दखलदाजी नही होनी चाहिए। जय हिन्द
राष्ट्रपति के पास क्षमादान शकित नही होनी चाहिए क्योंकि यदि किसी ने संज्ञेय अपराध किया है जिसकी सजा फांसी ही उचित है जिससे समाज में डर बना रहे और सर्वोचय न्यायलय के द्वारा दिया ग़या आदेश स्वतंत्र,सर्वमान्य एवं सर्वोपरि होता है। जय हिंद्,जय भारत।।
डिअर फ्रेंड्स,
अगर आप मुझसे व्यक्तिगत रूप से जुड़ना चाहते हैं तो facebook.com/manmohanjoshi.09 पर आपका स्वागत है।
यदि आप कानून की और जानकारी / नोट्स या ऑडियो/ वीडिओ लेक्चर्स चाहते हैं तो विधिकशिक्षा के पेज facebook.com/VidhikShiksha/
या
instagram.com/vidhik_shiksha
और
वेबसाइट www.vidhikshiksha.com से
तत्काल जुड़ें।
आपका
MJ
Hello sir
Sir telegram group bnaye plzzz
governer ke paas a power hona chahiye
Nice sir... I m your students
sir, I want to admission in B.H.U./ D.U./ Allahabad university for L.L.B. but 10 ,and B.A. are regular student but 10+2 i hv private student
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please reply sir
सर आपके लैक्चर बहुत सरल व सुलभ हैं में लां का क्षात्र नहीं हूं लेकिन फिर भी नियमित तौर पर आपके लैक्चर सुनता हूं और मुझे लगता है आप एक दिन केन्द्रीय कानून मंत्री जरूर बनैंगे 🙏
Thank you sir . Aj humne bohut kuch sikha apse sir.
sir,
मै ca field से स्टूडेंट हु। आपके videos काफी ज्ञान वर्धक होते है भारतीय न्याय व्यवस्था के बारे में अच्छी जानकारी मिलती है जो सामन्यतया इतनी सहज शब्दो मे उपलब्ध नहीं है।।
sir हमारा एक मुद्दा है , ओर वो ये है
की हमारी exam icai करवाता है जो कि एक ऑटोनोमस बॉडी है।
अब हुआ ये की कुछ स्टूडेंट्स ने रिजल्ट के बाद अपनी कॉपी मंगवाई जिसमे उनको दिए गए नंबर रिजल्ट में announce नंबर से काफी ज्यादा थे।
अब icai बोल रहा है कि आप को ये राइट नहीं है कि आप रिजल्ट amend करवा सको उन भेजी गई कॉपीज के बेसिस पे।
जहाँ तक मुझे याद है सुप्रीम कोर्ट ने कुछ एग्जाम जैसे rpsc की competetive exams में ऐसे निर्णय दिए है जिसमे स्टूडेंट्स की कॉपी दुबारा चेक की गई नए सिरे से,
जो सवाल चेक नही थे वो किये गए, नंबर भी बढ़े कई मामलों में।
में जान ना चाहता हूँ कि स्टूडेंट जो एग्जाम देता है क्या उसके वैधानिक राइट में नही आता कि वो अपनी कॉपी की valuation variances को सही करवा सके।
दूसरा क्या किसी ऑटोनोमस बॉडी के आंतरिक नियमो को कोर्ट में चुनोती नही दी जा सकती।
हम लोग फिलहाल सड़को पे आंदोलन कर रहे इस के खिलाफ।
कृपया मार्गदर्शन करें। जल्दी करे क्यो की next एग्जाम सिर पे है हमे ये जल्द से जल्द खत्म करना है
Ashutosh Indoriya
You can go for writ petition to The high court
@@Vidhikshiksha thank you sir for your guidenceand time. it will surely help our protest.
राष्ट्रपति को क्षमा दान का अधिकार होना जरूरी है, लेकिन साथमे राष्ट्रपति का ये अधिकार न्यायिक पुनर्विलोकन के दायरे में होना चाहिए। इससे उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रपति का कुछ हद तक क्षमादान पर एकमत हो सके।
Sir AAP lecture gajab ka dete hai,sunate hi lagta hai ki hum lawyer ho Gaye,very very thank you sir
जोशी सर मैं आपका बहुत ज्यादा आभारी हूं जो भी ज्ञान मैं हासिल कर रहा हूं आप से कर रहा हूं आपको परमात्मा लंबी उम्र दे हर बीमारी से बचा कर रखें
U r greate sir. Ap aysi jankari dete hai jo hame law ki book me b nhi milegi. Or na hi koi itna detail me coaching me smjha skta hai.. thnq soo mch sir..🙏🙏🙏
Hello sir ji...bht he khoobi se aapne is lecture ko byaan Kiya hai...sir aap Yun he hme apna Gyaan bant tey rhe aur aap ki di gyi Shiksha se India ka bhavishya tyaar ho dua hai sir...sir article 72 apni jgah bilkul sahi hai aur ise n badlne ki awshyakta hai n khatm krne ki awshyakta hai...sir Kanoon sabooton pr chalta hai aur saboot galat bhi paish kiye ja saktey hai...court k dwara galat sabooton ko Aadhaar Maan kr diya gya fainsley se kisi k sath anyay ho aisa koi bhi nahi chahega... Rashtrapati ji dya yachika pr poori soch aur samajh k baad he koi nirnay detey hai...woh ek sammanniy padvi hai aur us pad pr Shak krna hmari savedhanik vyavstha pr Shak karna hai...isi liye Rashtrapati ji k nirnay pr Shak krney se pehle hme Apne aap ko Rashtrapati ji ki jgah m rakh k sochna chahiye phir koi nirnay ya changing k baare m tark Dena chahiye...thank you sir
Thanks sir..hme itni judicial knowledge Dene ke liy..president ko power honi chahiye ki wo death punishment ko change KR ske becoz president desh ka first insan kahlata h..but rarest se bhi rarest case me
बहुत ही अच्छी जानकारी मिली,
धन्यवाद सर,
मेरे हिसाब से क्षमा दान की शक्ति होनी चाहिए, वेसे भी भारत मे राष्ट्रपति औपचारिक है, वैधानिक तो प्रधानमंत्री है, अनुच्छेद 72 के
को निरसित कर दिया गया तो राष्ट्रपति का कोई मतलब नहीं।
संविधान के साथ राजनीति हो रही है,
मेरे विचार से क्षमा दान की शक्ति होनी चाहिए । तभी लोग भावनात्मक रूप से कानून का सम्मान करेंगे और अपराध भी कम होगा क्योंकि हम किसी को जीवन से हटा कर उसकी गलतियों का ऐहसास नहीं करा सकते। बल्कि कारागार में डाल कर ही एहसास करा सकते है जी
सर !
क़ानून सिद्धांतों पर काम करता है, विधि के तमाम सिद्धांतों में से एक महत्वपूर्ण सिद्धांत यह भी है कि
"भले ही सौ दोषी छूट जाएं लेकिन एक निर्दोष को सज़ा नही मिलनी चाहिए"
भले फांसी का दंडादेश की कई विद्वान न्यायाधीशों के द्वारा समीक्षा की जा चुकी हो, लेकिन हर व्यक्ति का अपना विवेक होता है, राष्ट्रपति का भी अपना विवेक है।
दया याचिका के याची का ये अंतिम प्रयास जिसमें राष्ट्रपति का यह समाधान हो जाता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है और उसकी सज़ा माफ कर देनी चाहिए, तो इसमें कुछ गलत नहीं (भले ही वास्तविकता में वह दोषी हो, अगर वह दोषी है या अपनी क्षमादान का दुरुपयोग करता है तो बाद में भी उसे दंड दिया जा सकता है)
किंतु
अगर वह वास्तविकता में निर्दोष है और उसको फांसी हो जाती है तो उसका जीवन वापस नहीं लाया जा सकता। न्याय के लिए इससे ज्यादा अन्यायपूर्ण बात और क्या होगी।
अतः राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति को खत्म नहीं किया जाना चाहिए।
Nice
Manoj Kumar ...kya apko ye..lgta hh..ki fassi ka ettna lmba process hone ke babjod bhi..annyay hoga....annyay to tb hota jb fassi ko sedhe sc court se pass kr dia jata...annyay na ho..essi liye fassi ka..ittna lmba process rakhha gya h...aur ittni lambi process hone ki badd...president ussko maff krde ..ye ..annyay hoga..unke sath jo..uss doshi sja dilwana chahte hh......essliye president ki chhama daan yachika ko..kattma kr dena..chahiye.....aur ap ne ye nhi dekha..shri pratibha devi singh patil ne..30..logo ki fassi maff kr di.....kya apka lgta hh ki..bo fassi ki ittne lambe process ke baad nirrdosh hoga.....please reply me..manoj kumar ji..
I agree bro
There should be the Power of grant Pardon by the President of The Country,,
Because the Judiciary will treat the case according to the Constitution while The President can think on the case by the way of humanity also.
Thanks for the such type of Lactures.
Satyamev Jayate.
Very Important facts Aabhar U
Sr yese jankari Dene ke liye Bhutan dhanybad me aapki everyone vedio dekhta ho
Sr bahot accha lgta h jb aap koi new lecture le k aate h aur usme itni important knowledge itne easy way me hme dete h. Thank you sr 🙏
I'm fan of your voice
Meri smjh se president se ya toh power waps leni chahiye by refuse art. 72
Ya phir unse javab maaga jana chahiye ki vo s.c. ki report refuse kisliye kr rhe h.
sir itni knowledful information dene ke liye apka bhut bhut dhanyawad
Jo fact aapne bataya oo bhut se compitition book me nhi padha maine aur mera exam me question nhi hua 🙏🙏🙏🙏bhut sundar
सर आपके द्वारा दी गयी जानकारी बहुत ही सूक्ष्म शब्दो मे भी बडी बडी कठिन बातें भी समझ आ जातीं है।
धन्यवाद सर
आपकी ये पहल हम जैसे स्टूडेंट के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी ।
Sir....mene aap ki video aabhi kuch dino se dekhna suru kiya...mujh ye video bhut aachi lagti h qq ki meri..BA.LL.B 2019 m final hui h or mujh ab pcs j ki exam pas krna h..or aap ne ye video bhut aachi dhikhi h.......or sir ye article 72 nhi hona chahiye..jb hamara court h to political hastakshep nhi hona chahiye qq ki bhut sari mjburiyo ka samna krke..case vha tk phucta h...esliy ye nhi hona chahiye
Sir ji aap ke videos dekhne se 😀 Mera knowledge bahoth improve hotha Hain...
Yes sir , pardon from president is right because no one in this republic country has the full power to do anything, every body is linked with each other to prevent each faults by other authorities . This is India hear by everyone's support the country runs 🙏. Nobody is totally independent everybody will work from everyone's support ,this is the beauty of our rigid constitution 🙏.
Yes sir होनी चाहिये राष्ट्रपति के पास क्षमा दान की सकती लेकिन इसका यदि कोई राजनीतक दल दुरुपयोग करते है तो यह विचारणीय सब्जेक्ट है
होनी चाहिए !
भारतीय धर्म, दर्शन और संस्कृति में सदैव क्षमा का उच्च स्थान रहा है। दूसरी तरफ एक लोकतांत्रिक देश में मृत्यु दंड विरलतम परिस्थितियों में ही देने की अवधारणा है। अतः न्यायपालिका के अतिरिक्त राष्ट्रपति के पास ऐसा अधिकार होना चाहिए। परंतु ऐसा जिम्मेदारी राष्ट्रपति के उत्तरदायित्वों को भी बढ़ा देती है। उनके द्वारा ऐसे शक्तियों का प्रयोग राजनीतिक नहीं होकर आदर्श व न्याय से परिपूर्ण होना चाहिए।
Bilkul hona Chahiye sambhidhan nirmatao ne rastrapati ko yeh shakti bahut jayda soch vichar ke Bad di he
Hamara nyaylay sakshyo k adhar pr saja ka prawdhan krta h n ki vyktio k vyktitva k adhar pr
Kabhi2 nirdoah vykti k khilaf sakshya ho or use saja ho jae tab yeha rastrapati ki bht badi bhumika hoti he
Hmre kanun is wakya par adharit he
1000 mujrim chhut jae pr kisi begunah ko saja nahi hona chahiye
Or rajnetik faydo k liye kshamadan ye apwad he ye rastpati k pad ki garima ko dhumil karta he
Gazab sir aapka gyaan anmol hai🙏🙏🙏
Nice explanation sir🙏... सर क्षमादान की शक्ति होनी चाहिए लेकिन न्यायिक पुनरावलोकन के अधीन होनी चाहिए जिससे कोई भी राजनैतिक पार्टी अपने फायदे के लिए इसका दुरुपयोग ना कर सके।
बिल्कुल राष्ट्रपति के पास में क्षमादान की शक्ति होना चाहिए लेकिन एक सीमित मात्रा में क्योंकि कभी-कभी मानव जीवन कानून से अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है
Thank you sir, you are my very good teacher, one of you is very important for my knowledge related to the lecture law, thank you so much
And i am biggest fan of you , your lecture,your way to understanding the topic to viewers ,your voice and your way of talking .
I am a law student, Sir, I get a lot of knowledge from your lecture and the important lecture is very well understood. You also get ready for the exam.
Nice explanation sir , thanks ,jarur kshamadan shakti honi chahiye par process's fast honi chahiye
Thank u very mouch sir to this valuable information ur doing great job have nice day 🙏❣️🌹❣️🙏
सही कहा सर इतनी लम्बी प्रक्रिया के बाद तो राष्ट्रपति को ये शक्ति नहीं होनी चाहिए
Sir aap ka समझाने की कोशिश अच्छी है
सर नमस्कार ,राष्ट्रपति के पास यह शक्ति कुछ प्रतिबंधित आधार पर होना चाइये जिसमे न्यायपालिक का रोल रहे जिससे इसका दुरुपयोग न हो क्योंकि इस निर्णय का न्यायिक पुनरवलोकन भी नही होता हैं।
Thanku sir
महोदय न्यायपालिका के इतनी लंबे रोल से ही तो गुजर कर फाँसी की सजा होती है
होनी चाहिए परंतु राष्ट्पति के निर्णय के पुनरावलोकन की शक्ति न्यायालय को अवश्य होनी चाहिए ।
Naa rastrapati ke shakti ki niyayik samikhsa nahi hona chahiye isse niyaypalika or sansad me takrab hoga or sambidhan dwara pradat shakti ka atikraman v hoga
Thanks for this wonderful explanation sir in a simple and effective manner 😊
Namaste sir, you are great sir because you give us very important and useful knowledge about our Constitution and laws. We shall connect always with for getting awesome knowledge and motivation.
Thank You very much sir.
डिअर जोशी सर,
में एक छात्र हूँ मुझे ज्यादा ज्ञान तो नही है पर में आपके द्वारा दी गयी जानकारी से बहुत कुछ सीखता हूँ।
देश के माननीय राष्ट्रपति के पास ये शक्ति नही होना चाहिये क्योंकि किस अपराधी को सजा देना है किसे सजा नही देना है इसका निर्णय जिला कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाता है सब अच्छी तरह से जांच पड़ताल होने के बाद ही कोर्ट अपना फैसला सुनाती है। उसके बाद मुझे नहीं लगता कि अपराधी को सजा से मुक्त करना चाहिए।
सर ये मेरा एक सुझाव है बस मेरा किसी व्यक्ति विशेष को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य नही है।
जय हिंद वन्दे मातरम भारत माता की जय
क्रिमिनल फ्रेंडली न्याय व्यवस्था में दंड का आदेश बहुत विलम्ब से होता है।
इसके बाद भी अनुच्छेद 72,161के जाल में उलझा कर न्याय को अन्याय में परिवर्तन करना सर्वथा अनुचित है।
Law field me India ka sabse jyada subscribed channel 🤘
चूँकि राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च्य पद है इसलिए राष्ट्रपति को ये विशेषाधिकार होना चाहिए किन्तु इसकी न्यायिक समिक्षा की जा सके इसके लिए प्रावधान बनने जरूरत है
Thanks sir aap ki jankari se pepar ki tyari ho Jata hay.
Nahi
Honourable President k paas pardon power nahi honi chahiye kyuki criminal ko death punishment dene se pahle use bahut baar procedure se gujara jata hai,
Judges bahut wise person hote hain
Aur advocates ko bola jata "vidvaan adhivakta"
To koi reason nahi rah jata ki itne procedure ko paar karne k baad bhi criminal ko pardon kiya jaye
Kyuki President k through criminal ko pardon matlab Chief Justice of India ki justice par question jo ki CJI aur Supreme Court ki sarasar insult hogi.
Thanks sir to give us the valuable knowledge.
President ke pass mrityu dand kharij karne ka adhikar hona chahiye....lekin limited hona chahiye . ...use apne karykal me kewal 10 logo ko hi jeewandan de sake... Ya or nyalay or sansad is par gambhir vichar kar nirnay lena chahiye.....
sir agr ap ye sb hme ek board pr khud likh kr smjhaye to aur axe se smjh aa skta h lkin m jbse aapke channel se juda hu tbse bht kx aasani se sikhne ko mila h dhnyabad sir.. 🙏🙏
राजनीतिक दुरुपयोग को रोकने के लिए मंत्रिमंडल की सिफारिश को समाप्त कर देना चाहिए तथा समाधान की शक्ति राष्ट्रपति के विवेक पर होनी चाहिए।
सर आपका हर एक लेक्चर शानदार होता है
क्षमादान नही होना चाहिये क्योकि पीडित परिवार लम्बी कानूनी लडाई सालो तक अदालत का चक्कर लगा कर आरथिक और मानसिक रूप से असंतोष हो जाते है उन पर क्या बितता होगा
Agree
Agree👍
Supreme court ka judgment final rhna chaiye..
Agree
👍👍
Vary good morning sir. vary knowledgeable video. I personally got broader knowledge. In my opinion President should have the power of pardon but with strict guide lines, so that it can't be used for political milage & the most important thing law of natural justice must be preserved. Thank you vary much sir.
Thanks for posting guys 😊
Very useful video....thank you sir
Dear Sir,
This is very intellectual question as you said in video. I would like to take this opportunity to share my view on it - There should be committee includes ex judges and ex-president mainly to take decision on it and ammend where necessary.
I also like to add that each citizen respects a lot for respected President and respected Judge level as well.
Thank you for everything
Apke lecture bahut achhe se yaad ho jate hme so proud of u sir
Rashtrapati ko ye shaktiyaan bilkul honi chaahiye. Kyuki kisi aise vyakti ko mrityudand ho jaata hai jisko jiwit rakhna desh ke liye bahut jaruri ho to waha is shakti ka prayog rashtrapati dwara desh hit me kiya jaa sake.
Bht hi acha session sir...dhnyavad...
Thanxs sir for this video....
Ithink ki president kai pas yai sakti honi chahiyai bas unhai politically yai power use nhi karni chahiyai...
बहुत सुन्दर सर जी
And thanks a lot for your valuable information and time 🙏🙏
इससे ये प्रमाणित होता है की महिलायें सवभावत: अच्छे तथा उदार दिल की होती है ।
हमारे संविधान को महान विद्वानों ने लिखा है
और इसके किसी भी प्रावधानों को रद्द करने का अधिकार किसी को नहीं है ।।
Aap ki video 1no hi sab sir
Bahut khub
Hmare Bharat desh me vhidhi ka sasan hai.... jo apne aap me hi sampoona, aur ispast hai... shamadaa dekar hum... Ek tarh se apne khanoon vidvaano ke feslo ki avhelna hi krte hai... vese bhi samaadaan k bhav rkhna.... apradhi ko shyy dene k saman h.... isley samaadaan prakriya htana hi chiye.....🙏🙏
सर लोकतांत्रिक देश में इस प्रकार की शक्ति का होना जरूरी है। और इन्हीं शक्तियों की वजह से तो ही आदिकाल से अब तक भारत को एक महान देश कहा जाता है।क्षमा का होना यह हमे एक सॉफ्ट देश के रूप में पेश करता है
जिस व्यक्ति पर अपराध साफ हो तो उसे दण्ड देने में देरी नही करनी चाहिए
यदि मामले का निर्णय आने में समय लगता है तो पीड़ित के परिवार की आर्थिक स्थिति देखकर आर्थिक सहायता देनी चाहिए
सर जी आप बहुत अच्छा समझाते हो, संविधान का भी पूरा वीडियो बनाने की कोशिश करे।
अनुच्छेद 12 से 35 ओर 36 से 51को भी अच्छे से समझा देना सर with case laws..
Thank u sir
Right
Knowledgeable sir.love you
very helpful sir
thank you sir
Sir aap bahut achchha samjhate hai, please daily 1 topic samjhaya kriye.
राष्ट्रपती के पास क्षमादान की शक्ति jarur होनी चाहिए इससे किसी भी दोषी व्यक्ति को यह नहीं लगेगा कि उसको निर्दोष साबित करने का अवसर नहीं मिला यही तो democracy की विशेषता है
Fantastic.it is definitely right and your video is very useful for all students.
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और भारत में विधि का शासन है! जहाँ राष्ट्रपति का पद राजा के पद की तरह है और यदि राष्ट्रपति को ये अधिकार भारतीय संविधान के article - 72 के अनुसार दिया गया है तो अनुच्छेद - 60 के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति संविधान का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करने की शपथ लेते हैं जिसके अनुसार क्षमा दान पूर्ण रूप से असंवैधानिक होगा और सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी (क्योंकि कई व्यक्तियों, विधि वेत्ताओं, cji और पूरी प्रक्रिया द्वारा न्याय किया गया है जिसमें courts का भी समय जाया होता है) अर्थात मेरी दृष्टि में यह निश्चित रूप से चर्चा का विषय है और इसे जल्द से जल्द संशोधित करना चाहिए! जिससे कि भारतीय समाज में और वैश्विक पटल पर भी भारतीय न्याय व्यवस्था और न्यायपालिका की गरिमा और विश्वास बना रहे - नीतेश वर्मा (ये मेरा निजी मत है) (LL.B - 1st semester)
शुक्रिया गुरु जी
Thank you very much sir for this most valuable information.
यदि राष्ट्रपति के पास क्षमादान की शक्ति हो भी तो वह मंत्रिपरिषद के परामर्श से भिन्न होनी चाहिए। जिससे उससे कोई गलत राजनीतिक हित न साधा जा सके एवं इसकी सीमा भी निर्धारित हो।
यह बात बिलकुल सही लगी।
यदि क्षमादान का अधिकार हो, तो मंत्री परिषद का विचार राष्ट्रपति के लिए अनिवार्य नहीं होना चाहिए। यह राष्ट्रपति का विवेकाधिकार होना चाहिये। यह इसलिये भी महत्वपूर्ण क्योंकि राष्ट्रपति ही संवैधानिक प्रमुख होता है।
I agree
Agree
B
Ur video r really very helpful.....and knowledgeable 👍👍👍
Super sir ji
Bilkul honi chahiye kyoki ye jaruri nahi h ki is tarah ke matter me har kise ko pardon mil hi jaye wo kharij bhi to kr sakte h jaruri nhi h ki jo bhi jayega pardon mil jayegi isiliye ye option jarur rhna chahiye😊
Sir mai Kanpur ka hu BALLB 1st year ka student hu ap ke video ko dekhta hu thanks sir aap ka
Dear Sir
After seen this video my design is that. Rashtrapati ki power barkarar rehni chahiye because some way some time aisa hota hai ki
1.Maan lijiye ki us aadmi par lagaya gya aarop jutha hai or vo usey sabit ni kr paya or hamre kisi court ne ussey fansi ki saza dedi or rashtrapati ke pass bhi agar ye power na huyi ki wo ussey bacha sake to galt ho jayega kisi ke sath galt ho jayega.
2. Point number 2 is that if any member only one person of earning in his family so after his death who will take care of his family.who will fulfil needs of his family.
And one more think agar mamla vakya mai hi itna sangheen hai ki mafi ki koi gunjaish nahi hai fir being a rashtrapati unki ye duty banti hai ki wo uski application ko dismiss kr de.
Thanks and regards
Neelkamal Mavar
Mobilization Head. DDU-GKY MANDI DABWALI.Sirsa 125104.Haryana
Thankyou so much 👍.
Dya yachika honi chahiye virus k bchav k liye antivirus hona jaruri he..
I proud of you sir ji..
क्षमादान शक्ती
राष्टपति महोदय के पास होनी चाहिए क्यूं की जो व्यक्ति को फासी या बडी सजा दी गई हो कोर्ट के द्वारा दी गई हो,
उस व्यक्ति की देश के लिए उपयोगिता, परिवार का एक मात्र सहारा या ऐसी किसी कारण को लेकर उनके पास ये शक्ती होनी चाहिए #Thank_you
R Sir appke lecture anmol hai
You are doing a great job sir... We all appreciate your work..
Definitely It should be discretion of president. Cabinet should not interfere on this matter. There should be seperate Coliseum that should advise and assist to President but he should free to take decision.
Honi chahiye,,,,,bahut jaruri h,,,,,,,kyonki rashtrapati sirf muhar ban kar na rehe,,, tatha, ratrpati ki garima,aur shakti ,sabse ooper h,,,yeh baat bhi sabhi ko samjhni chahiye,,,kyonki har koi kaanoon tabhi laagoo hota h,jab rashtrapati mahodya g ka signature ,ush kanoon par ho jata h,jishse humara desh ,savidhan chalta h,,,,aise m ,rashtrapati g ki shaktiyo ko aur badhane ki jarurat h,,,,aur loktantra m ,rastrpati ek umpire ,aur judge ,,tatha,,,,service man ki bhi bhoomika nibhate hain ,,jai hind
MJ Sir, thank you for all that you do.
I think article 72 should not be repealed because there is always an argument "for" or "against" in any matter. As human beings, we should accept the fact that there is always a chance that we don't know something. That's why even after a thorough legal process, framers of the Constitution may have provided for article 72 that essentially provides an opportunity for pardon.
Sir president ko chama daan ki shakti honi chahiye kyu ki ye sambidhan dwara pradan kiya gaya hai or jab kabhi v niyapalika ya suprime court se galti ho jaye to rastrapati us galti se nagriko ko bacha sake, jai hind
राष्ट्रपति के झमा दान के शक्ति होनी चाहिए लेकिन इसके लिए सर्वोच्च न्यालय को कुछ दिशा निर्देश जारी करने की जरूरत है।
क्योकि कभी कभी उसके द्वारा किये गए अच्छे कामो को नजरअंदाज नही किया जा सकता है ।कभी ऐसी परिस्थिति उत्पन होती है कि कभी राष्ट्र को समाज को उसकी जरूरत हो ।
किसी के पास पैसा न हो तो अच्छा वकील नही रहेगा और वह हार जायेगा। एेसी परिस्थिति में एकमात्र विकल्प राष्ट्रपति हैं
राष्ट्रपति को छमादान देने का संवैधानिक अधिकार होना चाहिए। लेकिन छमादान के मामले मे राष्ट्रपति को सीधे सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेने का संवैधानिक अधिकार होना चाहिए। इस मामले मे मंत्रिमंडल का दखलदाजी नही होनी चाहिए। जय हिन्द
सर आप बहुत अच्छे पढ़ाते हैं, सर आप पूरी संविधान पढ़ा दीजिये
राष्ट्रपति के पास क्षमदान की शक्ति होनी चाहिए
क्योंकि मानवाधिकार के संरक्षण हेतु यह आवश्यक है।
पीड़ित परिवार का मानव अधिकार नहीं होता हैं ?
your each video is excellent and very informative.
Thanks you sir. Good give me education sir.
हा यह शक्ति राष्ट्रपति को होना चाहिए क्यों की कुछ विशिष्ट रूप में यह सही है
किन्तु इसमें संशोधन की आवशयकता है जैसे सुप्रीम कोर्ट इसपर असहमति जता सके
राष्ट्रपति के पास क्षमादान शकित नही होनी चाहिए क्योंकि यदि किसी ने संज्ञेय अपराध किया है जिसकी सजा फांसी ही उचित है जिससे समाज में डर बना रहे और सर्वोचय न्यायलय के द्वारा दिया ग़या आदेश स्वतंत्र,सर्वमान्य एवं सर्वोपरि होता है।
जय हिंद्,जय भारत।।