जय श्री कृष्णा गुरुजी🙏 मकर लगन में धनेश शनि गुरु के साथ पंचम में हो तो गुरु कारक न होने के कारण शुभ फल नहीं देगा?? मंगल भाग्य भाव में और शुक्र केतु १२ भाव में है। नवांश में शनि भाग्य भाव में स्वराशि(११) में है और लाभ भाव में स्वराशि का मंगल है तब क्या फल होगा
गुरुजी मेरा कुण्डली मे दुसरे भाव मे चन्द्रमा बैठा है लेकिन कुटुम्ब से कभी सम्पर्क मे दुर रहा हुँ धन की बाट तो दुर है,दुसरे मे च,छटा मे शनि केतु,दस मे सुर्य बुध है और मुझेतो बहूत हि संघर्स कर्ता आ रहा हुँ लेकिन एक एक पैसे केलिए त्र्स्न पर रहा है.
आप से अभि तक किसी को जवाब नही मिला, फिर भी पुछता हुंँ। दुसरा घर खाली हो और उस घर का स्वामी मंगल छठे घर मे सिंह राशी मे , लग्नेश गुरु के साथ बैठा हो तो ? हो सकता है आप जवाब ना ही दे, पर आशा करता हुँ कि इसे एक बार पढेंगे जरुर । धन्यवाद ..
@musicofheaven ऐसा है तो फिर सूत्र सही नहीं है क्योंकि मिथुन लग्न की कुंडली में दूसरे भाव का मालिक चंद्रमा होता है जो की दसवां भाव में मीन राशि में बैठा है मुझे कुटुंब से कभी धन लाभ नहीं हुआ
धन्यवाद् आपका। जय श्री कृष्ण।
Very nice explaination
Nice
सादर प्रणाम
दूसरे भाव में मीन राशि में गुरु वक्री अवस्था में स्थित है।
Shani and Chandra in 2nd house in Tula rashi. Kya fal hain?
Sir kanya lagna me 2nd house me chandrama h or 9th house me sukra h guru 5th house me h kese result milega
जय श्री कृष्णा गुरुजी🙏 मकर लगन में धनेश शनि गुरु के साथ पंचम में हो तो गुरु कारक न होने के कारण शुभ फल नहीं देगा?? मंगल भाग्य भाव में और शुक्र केतु १२ भाव में है। नवांश में शनि भाग्य भाव में स्वराशि(११) में है और लाभ भाव में स्वराशि का मंगल है तब क्या फल होगा
गुरुजी मेरा कुण्डली मे दुसरे भाव मे चन्द्रमा बैठा है लेकिन कुटुम्ब से कभी सम्पर्क मे दुर रहा हुँ धन की बाट तो दुर है,दुसरे मे च,छटा मे शनि केतु,दस मे सुर्य बुध है और मुझेतो बहूत हि संघर्स कर्ता आ रहा हुँ लेकिन एक एक पैसे केलिए त्र्स्न पर रहा है.
Dhanesh surya ke sath shani ki yuti ho to🙏🙏
दुसरे घर में अगर surya hoga तुला राशी में तोह?
आप से अभि तक किसी को जवाब नही मिला,
फिर भी पुछता हुंँ।
दुसरा घर खाली हो और उस घर का स्वामी मंगल छठे घर मे सिंह राशी मे , लग्नेश गुरु के साथ बैठा हो तो ?
हो सकता है आप जवाब ना ही दे, पर आशा करता हुँ कि इसे एक बार पढेंगे जरुर ।
धन्यवाद ..
दादा पिता एवं स्वयं के परिश्रम से लाभ होता है।
@ASTROGURUYOGI Thank you Guruji .....🙏
धन्यवाद आपका ध्यानपुर्वक पढकर बताने के लिए
🙏🙏
दूसरे भाव में कोई भी ग्रह न बैठा हो तो इंसान धन कैसे कमाएगा
इनके स्वामी जो ग्रह है उसको देखना होता है कोई न हो तो वहा
@musicofheaven ऐसा है तो फिर सूत्र सही नहीं है क्योंकि मिथुन लग्न की कुंडली में दूसरे भाव का मालिक चंद्रमा होता है जो की दसवां भाव में मीन राशि में बैठा है मुझे कुटुंब से कभी धन लाभ नहीं हुआ
@@manojkumarkachhawa1094 अच्छा फिर तो अब उनको पता जिसने सूत्र बनाया है ..