NewBhajan फूलों और कांटो से भरा संसार रे Phulo aur Kanto Se Bhara Sansar Re | Satnam Sakshi
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- เผยแพร่เมื่อ 15 พ.ย. 2024
- #AmrapurAsthan #SatnamSakshi
New Bhajan
Voice & Lyrics Satguru Swami Bhagat Prakash Ji Maharaj
फूलों और कांटों से ये भरा संसार रे ।
काँटों को तज लो कर लो फूलों से प्यार रे ।।
गुणों और दोषों से ये भरा संसार रे ।।
दोषों को त्यागे कर लो सद्गुणों से प्यार रे ।।
1:- गुण दोषों से मिश्रित ये सारा संसार रे ,
गुण ग्राही बनकर सबसे ले लो तुम सार रे ,
हंसा सम दूध ( क्षीर ) ग्रहण कर नीर दीजे डार रे ,
2:- त्रिगुणी ये माया सारे जग को लुभाती है ,
ज्ञानी अज्ञानी सबको फन्द में फसाती है ,
गुरुकृपा से बिरला हो भव सिन्धु पार रे ।।
3:- दुर्गन्ध को चाहत भूंडा भंवर पुष्प वास रे ,
मनमुख त्यों अवगुण पेखे - गुरुमुख गुण राश रे ,
गुरुमति हृदय में धारे - दुर्मति को टार रे ।।