घर के रिश्तों में जब दरारे पड़ने लगती है। लगभग हर घर की कहानी ।
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- เผยแพร่เมื่อ 9 ก.ย. 2024
- कुछ पंक्तियां लिखी हैं जो लगभग लगभग आजकल हर घर की कहानी है सबको अपनी अपनी पड़ी है कोई भी मिलकर चलने वाला नहीं आजकल जिस तरह का दौर चल रहा है उसमें कोई किसी का नहीं है खासकर महिलाएं तो बिल्कुल भी नहीं और उनको सिर्फ और सिर्फ अपना ही फायदा देखना होता है अगर आपको कहीं ना कहीं लगता है कि मैं आपके दिल की बात लिखी है इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें मेरा उद्देश्य किसी के दिल को भी दुखी करना नहीं है ।
@cop-kalakaar2803
@GharKiAwaaz
@gharkiproblem3066
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Thanku so much
क्या बात है यादव जी बहुत बढ़िया
धन्यवाद ❤
आजकल तो भाई भी कहां भाई रह पाते है,,,आज की नारी ही नही पुरुष भी सब स्वार्थी हो गए हैं कुछ ज्यादा ही,,,
कम से कम है भाई