Poem of IPS Vinay Tiwari: आईपीएस विनय तिवारी की कविता अपने अंदर एक आग लगानी चाहिए
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- เผยแพร่เมื่อ 26 ก.ย. 2024
- खबरे आपकी khabreapki।.com कुछ लिखना जैसे कुछ कहने जैसा होता है।
अपने आप से कहना, आप से कहना, परिचित से कहना, अपरिचित से भी कहना, व्यक्ति से कहना तो वस्तु से भी कहना, चेतन से कहना तो जड़ से भी कहना, पेड़-पक्षियों, जंतु-जानवरों, पहाड़ -पत्थरों, प्रकृति के हर अंग से कुछ कहना, जैसे ब्रह्मांड की ध्वनि से अपनी तरंगों को जोड़ते रहना, अस्तित्व के हर कण से संवाद स्थापित करते रहना।
इसी वैचारिक क्रम में 2018 में इन पंक्तियों को लिखा था।
कुछ समय पहले अपने सुंदर बुंदेलखंड की ऐतिहासिक नगरी चंदेरी के तालों के बीच इन पंक्तियों को मित्रों को सुनाया था।
ये पंक्तियां मुझे हमेशा उद्वेलित करती रहती हैं।
जब निराश होता हूं, तो कर्ण कंठ में गूंजती रहती हैं।
जब हताश होता हूं, तो उठ कर मुझे दौड़ने को कहती हैं। जब जब ठोकर खाता हूं, तो बेहतर करने की प्रेरणा देती हैं, स्वयं में सुधार करते रहने की शक्ति देती हैं।
ये पंक्तियां मुझे आत्म विश्वास से भर देती हैं और
जीवन के अनंत आयामों को विस्तार देती रहती हैं।
ये पंक्तियां मुझे गति देती हैं, रुकने नहीं देती हैं। बहने का बल देती हैं, सहने की शक्ति देती हैं, श्रेयस करने की सोच देती हैं। अनंत प्रकृति के विस्तार के दर्शन कराती हैं और अपनी सूक्ष्मता और उसकी विराटता से अवगत कराती रहती हैं।
इस आशा के साथ इन पंक्तियों को तब पढ़ा था कि जीवन की आग और उसका यह राग हम सभी के जीवन को उदीयमान करे ...
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Ja rhi hu ab ye poem ko apne jindgi me utarne❤
Batane ki kya jarurat h 😂
बिना तप और बिना तपे कोई नही निखरता लाजवाब पंक्तियां आपकी वन्दे मातरम्
बहुत बढ़िया सर ❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
बेहतरीन इंसान हैं आप सर जी 🙏❤️🎊💐
You great sir
Hats off 👏 ❤
GREAT! HOPE YOU WILL LEAD FROM FRONT
Ideal ho aap guru ji
Bhut khub sir 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai ho sir ji ❤❤❤
Nice❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Great post sar। Jay hind dar
Nice sir