संगीन की नोंक से कोई पहाड़ बडा नहीं है और कोई आँख छोटी नही है समुद्र से ये तो केवल हमारी प्रतीक्षाओं का अंतर है जो हमें कभी लोहें या कभी लहरों से जोड देता है|
ओ मेरे आदर्शवादी मन ओ मेरे सिद्धांतवादी मन अब तक क्या किया जीवन क्या जिया मुक्तिबोध जीवन व्यर्थ किया देके आदर्शों के हनन का उदाहरण स्वयं को बदला नहीं बदलता रहा गुरु देवता साधु की शरण मुक्त होने की चाह में भटकाये जगह जगह चरण अपने ही निज हाथों से किया खिन्न चित्त का मैंने वरन ना उतरी आनंद की किरणें हुआ प्रति पल मेरा मरण सुभाष चन्द्र वर्मा
आदमी मरने के बाद कुछ नहीं सोचता आदमी मरने के बाद कुछ नहीं बोलता कुछ नहीं सोचने और कुछ नहीं बोलने पर आदमी मर जाता है। अभिव्यक्ति की महत्ता का बोध कराती उदय प्रकाश जी की कविता।
होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥ Poet Atal Bihari Vajpayee
"शब्द किस तरह कविता बनते हैं इसे देखो अक्षरों के बीच गिरे हुए आदमी को पढ़ो क्या तुमने सुना कि यह लोहे की आवाज है या मिट्टी में गिरे हुए खून का रंग" लोहे का स्वाद लोहार से मत पूछो उस घोड़े से पूछो जिसके मुँह में लगाम है
गारद कर दी जिंदगी, जिसने अपनी अंधेरे में, कोई, पुरसाहाल देने वाला नहीं था, काली चाय पीता रहा, समाज से खीझता रहा, उधेड़बुन में लिखता रहा, बड़े-बड़े शब्द सच्चाई के साथ ,उकेरता रहा , कोरे कागद पर। सत्येन्द्र शरत
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था व्यक्ति को मैं नहीं जानता था हताशा को जानता था इसलिए मैं उस व्यक्ति के पास गया मैंने हाथ बढ़ाया मेरा हाथ पकड़कर वह खड़ा हुआ मुझे वह नहीं जानता था मेरे हाथ बढ़ाने को जानता था हम दोनों साथ चले दोनों एक दूसरे को नहीं जानते थे साथ चलने को जानते थे। -विनोद कुमार शुक्ल
सर आप बहुत अच्छे दिख रहे हैं...आपका postive वाइब्रेशन आपको हमेशा अच्छा, और भी अच्छा दिखाता है...और by God जब आप बोलते हो ना तो कमाल बोलते हो...वैसे ये सारी बाते आपको पता होंगी ...पर दूसरे की तारीफ करने का अपना अलग सुख है... आप हमेशा दिखते रहे ...आपको हमेशा हम सुनते रहे ... ढेरों शुभकामनाएं.🙏
Man mere sun ek nayi Kavita Kavita kya hai man hai mera Suna kisi Ko mano laga aisa Jaise mai hi hu edhar bhi udhar bhi Ek nayi duniya ke bhutere fasane Hum rahe the jinke diwane
कमजोर घुटनो को बार बार मसल, लङखङाता हुआ मे उठता हु दरवाजा खोलने, चेहरे के रक्त-हीन विचित्र शुन्य को गहरे पोंछता हु हाथ से, अंधेरे के ओर-छोर टटोल-टटोलकर बढता हु आगे ( अंधेरे मे)
Muktibodh par aur bhi vedio banaye. Aap se ek anurodh kiya tha, lagta hai ab lallantop ka manch sahi me bahut bara ho gya hai esliye chote anurodh ke liye jagar nahi rah gye hai .Khair koe bat nahi hum phir se anurodh bhej rahe hai ho sake to dhay denge.anurodh hai ki regional sahityakaro par bhi episode banaye ya series me dekhaye .jawab ka intjar yu hoga manu subah ka intjar rat karte ho jaise
मेरे पिताजी कि ऐक कवीता कि कुछ कडीयां जो मुजे होसला देती हे " में जब जागुं तब सोच नइ में जब जागु तब जौस नया। परंपरा के सिधांत वही में लेकर आया हौस नया । में जब जागुं .........sir plzz replay me how is it tnax ..
mujhe kabita thoda acha nahi lagta,ye mera nakarapan he ki main kabitao ko hajam nahi karpatA,par mera soch v app jis kabita padhe ussi tarha ki soch se prabhabit hota he.is liye main premchand ji aur odisha ke prakhat lekhak fakir mohan senapati ji ki lekh padhta hun.
ये दीपक जो लौ जगाता प्रकाश प्रफुलित अन्धेरा भगाता ये दीपक जिसके संग होती गर्दन हिलाती उज्जवल ज्योति ये दीपक जो फड़फड़ाता संघर्षो में भी लड़ना सिखाता ये दीपक बाती, ज्योति के बीच प्रेम, आशा, द्वन्द का प्रतीक ये दीपक स्वागत बखारे कोई प्रिये जब घर पधारे ये दीपक दुष्ट के घर पर देव दॄष्टि इस निडर पर ये दीपक खुद को जलाये रौशनी के लिए हमें जीना सिखाये राकेश कुमार
Thumhe mehtar chahiye,adkhachare gyan ke bhandar, desh par bhoj,tum jubani aur vaicharik gund hi failaoge ya khud bhi,mehtar sa bada dil rakh samaj ka kachara saaf karoge,ya keval nayak ki talash me pappu jese nakabilo me nayaj dundne me lage ho,bekar mehnat se acha hai khud desh ko aage badane ke liye kuch creative karo,critic se pet nahi bharta kam se bharta hai.
संगीन की नोंक से
कोई पहाड़ बडा नहीं है
और कोई आँख
छोटी नही है समुद्र से
ये तो केवल हमारी
प्रतीक्षाओं का अंतर है
जो हमें कभी लोहें
या कभी लहरों से
जोड देता है|
वैविद्यमय जीवन के प्रति, आत्मचेतस व्यक्ति की, संवेदनात्मक प्रतिक्रिया, कविता है...
~मुक्तिबोध
मेरे प्रेरणास्रोत, मेरे पसंदीदा कवि एवं कथाकार श्री गजानन माधव मुक्तिबोध की कविता पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद ☺
Apne kabhi muktibodh ko aise suna hai? th-cam.com/video/Sizt_vTOQVE/w-d-xo.htmlsi=nErf6jM0dvExGe-s
hme lga shayad aapko psand aaye
समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याघ्र,
जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध ।
दिनकर
hindi ke sabse bade kavi ..muktibodh . abhivyakti ke sabhi khtre uthane wale ekmatr kavi..naman.
पुण्यतिथि पर मुक्तिबोध को नमन।
मुक्तिबोध की बहुत सुंदर कविता सुनाने के लिए शुक्रिया
ओ मेरे आदर्शवादी मन
ओ मेरे सिद्धांतवादी मन
अब तक क्या किया
जीवन क्या जिया
मुक्तिबोध
जीवन व्यर्थ किया देके आदर्शों के हनन का उदाहरण
स्वयं को बदला नहीं बदलता रहा गुरु देवता साधु की शरण
मुक्त होने की चाह में भटकाये जगह जगह चरण
अपने ही निज हाथों से किया खिन्न चित्त का मैंने वरन
ना उतरी आनंद की किरणें हुआ प्रति पल मेरा मरण
सुभाष चन्द्र वर्मा
Thank you sir for this video
Muktibodh humare sheopur se hai muje bhut proud hai
This is wonderful poem.....
🌹🌹🌹
yes! and there are other as well. Kavi aur Mrityu is another amazing poem by Muktibodh th-cam.com/video/Sizt_vTOQVE/w-d-xo.htmlsi=nErf6jM0dvExGe-s
@@govindachaliya th-cam.com/video/Sizt_vTOQVE/w-d-xo.htmlsi=nErf6jM0dvExGe-s
आदमी मरने के बाद कुछ नहीं सोचता
आदमी मरने के बाद कुछ नहीं बोलता
कुछ नहीं सोचने और कुछ नहीं बोलने पर
आदमी मर जाता है।
अभिव्यक्ति की महत्ता का बोध कराती उदय प्रकाश जी की कविता।
होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूं सब को गुलाम
मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम
गोपाल राम के नामोंपर कब मैने अत्याचार किया
कब दुनिया को हिन्दु करने घर घर मे नरसंहार किया
कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी
भूभाग नही शत शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय
हिन्दु तन मन हिन्दु जीवन रग रग हिन्दु मेरा परिचय॥ Poet Atal Bihari Vajpayee
अब अभिव्यक्ति के सारे ख़तरे
उठाने ही होंगे।
तोड़ने होंगे ही मठ और गढ़ सब।
He is my favourite poet.
"शब्द किस तरह
कविता बनते हैं
इसे देखो
अक्षरों के बीच गिरे हुए
आदमी को पढ़ो
क्या तुमने सुना कि यह
लोहे की आवाज है या
मिट्टी में गिरे हुए खून
का रंग"
लोहे का स्वाद
लोहार से मत पूछो
उस घोड़े से पूछो
जिसके मुँह में लगाम है
मेरे प्रिय सुदामा पांडेय 'धूमिल' की पंक्तियाँ।
Kya baat hai... 🔥🌼✨
हिंदी में मुक्तिबोध मार्क्सवादी विचारधारा के सशक्त स्तंभ और उनकी कविता मार्क्सवाद का दस्तावेज
mere priy kavi❤
गारद कर दी जिंदगी, जिसने अपनी अंधेरे में, कोई, पुरसाहाल देने वाला नहीं था, काली चाय पीता रहा, समाज से खीझता रहा, उधेड़बुन में लिखता रहा, बड़े-बड़े शब्द सच्चाई के साथ ,उकेरता रहा , कोरे कागद पर। सत्येन्द्र शरत
Very Good
Muktibodh great poet
sovrabh tumhare bat karnee ka tarika bohot saral hai jo har inshan ko samajme aajata hai.
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था
व्यक्ति को मैं नहीं जानता था
हताशा को जानता था
इसलिए मैं उस व्यक्ति के पास गया
मैंने हाथ बढ़ाया
मेरा हाथ पकड़कर वह खड़ा हुआ
मुझे वह नहीं जानता था
मेरे हाथ बढ़ाने को जानता था
हम दोनों साथ चले
दोनों एक दूसरे को नहीं जानते थे
साथ चलने को जानते थे।
-विनोद कुमार शुक्ल
Jin paththro ko hmne ata ki the dhadkne
Vo bol pde to hme pe baras diye:- nusrat fteha ale khan sahib😍😍😍
Hindi literature walo ke liye helpful sohrab bhai
सर आप बहुत अच्छे दिख रहे हैं...आपका postive वाइब्रेशन आपको हमेशा अच्छा, और भी अच्छा दिखाता है...और by God जब आप बोलते हो ना तो कमाल बोलते हो...वैसे ये सारी बाते आपको पता होंगी ...पर दूसरे की तारीफ करने का अपना अलग सुख है...
आप हमेशा दिखते रहे ...आपको हमेशा हम सुनते रहे ... ढेरों शुभकामनाएं.🙏
सुन्दर रचना है और सुनाई भी बढ़िया
ये छोटी सी कविता मुझे बहुत बड़ी लगती है
सानदार
महान क्रांतिकारी चे गवारा के जीवन के किस्से सुना दीजिये।
मुक्तिबोध..... ❤️
अब तक क्या किया
जीवन क्या जिया।।
Ati ati ati sundar
Muktibodh ke vichar baar baar padhne yogya hai !! ek aur udaharan ye hai th-cam.com/video/Sizt_vTOQVE/w-d-xo.htmlsi=nErf6jM0dvExGe-s
राम की शक्ति पूजा सुना दीजिये सौरव भैया
Man mere sun ek nayi Kavita
Kavita kya hai man hai mera
Suna kisi Ko mano laga aisa
Jaise mai hi hu edhar bhi udhar bhi
Ek nayi duniya ke bhutere fasane
Hum rahe the jinke diwane
sir Ji , august kranti wali siriz Ka kya huaa...?
मुक्तिबोध जी की जन्म भूमि श्योपर मध्य प्रदेश ।
ऐसे episode क्यों नही आते अब..?
Jaroor aayega golden button.
Wah kya show h sach me lallantop 👌
Very very good video...!
Behad behad shandar...!
कमजोर घुटनो को बार बार मसल,
लङखङाता हुआ मे
उठता हु दरवाजा खोलने,
चेहरे के रक्त-हीन विचित्र शुन्य को गहरे
पोंछता हु हाथ से,
अंधेरे के ओर-छोर टटोल-टटोलकर
बढता हु आगे
( अंधेरे मे)
Es duniya ko ek mehetter chahiye,
Muktbodh mahan kavi the.
Gorakh Pandey par bhi... research kariye sir
Muktibodh par aur bhi vedio banaye. Aap se ek anurodh kiya tha, lagta hai ab lallantop ka manch sahi me bahut bara ho gya hai esliye chote anurodh ke liye jagar nahi rah gye hai .Khair koe bat nahi hum phir se anurodh bhej rahe hai ho sake to dhay denge.anurodh hai ki regional sahityakaro par bhi episode banaye ya series me dekhaye .jawab ka intjar yu hoga manu subah ka intjar rat karte ho jaise
बडा ही मुश्किल है इस दुनिया के उलझै हुये नक्शे से निपटना
Nice
Very interesting keep it up
Sir Bahad Jald Odisha Election Hone Balahe Plz Aapki Team Jarur Aana Our Team All Ways With You Sir
मेरे पिताजी कि ऐक कवीता कि कुछ कडीयां जो मुजे होसला देती हे " में जब जागुं तब सोच नइ में जब जागु तब जौस नया। परंपरा के सिधांत वही में लेकर आया हौस नया । में जब जागुं .........sir plzz replay me how is it tnax ..
Bhai वाकई bht bdiya kvita hai❤
yaaaa
गजब़
❤️❤️❤️❤️
Sir sahitye adda 2018 kab suru ho raha he
Nastikta Bhagwan anshradha garibi bhakti agyani in sabdo me pura din Nikal jata hai mera
💜💜💜
Kal divyakirti sir ki video me aap ke baare me suna
❤
♥️♥️
सर, मैने आपको अपनी स्वलिखित दो किताबें ' एक मुट्ठी राख ' और ' चाक चुम्बन ' भेजी थीं, मिली क्या ??
यह है आपका अंदाज
Gopaldas Neeraj ki dharm hai kavita sunaiye
5 साल हो गए इस वीडियो को!
@saurabhtop, @lallantop
कभी पलट के सोचते हैं कया?? पार्टनर तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है!? 😊
sudam pandey a.k.a dhumil
Kash mai regular collg na karri hoti to yaha jarur internship Karti : P
Aap jaisi sensitive girl is Desh me behad Kam hain
😆
mujhe kabita thoda acha nahi lagta,ye mera nakarapan he ki main kabitao ko hajam nahi karpatA,par mera soch v app jis kabita padhe ussi tarha ki soch se prabhabit hota he.is liye main premchand ji aur odisha ke prakhat lekhak fakir mohan senapati ji ki lekh padhta hun.
ये दीपक
जो लौ जगाता
प्रकाश प्रफुलित
अन्धेरा भगाता
ये दीपक
जिसके संग होती
गर्दन हिलाती
उज्जवल ज्योति
ये दीपक
जो फड़फड़ाता
संघर्षो में भी
लड़ना सिखाता
ये दीपक
बाती, ज्योति के बीच
प्रेम, आशा, द्वन्द
का प्रतीक
ये दीपक
स्वागत बखारे
कोई प्रिये जब
घर पधारे
ये दीपक
दुष्ट के घर पर
देव दॄष्टि इस
निडर पर
ये दीपक
खुद को जलाये
रौशनी के लिए
हमें जीना सिखाये
राकेश कुमार
Saurabh BJP Supporter
Thumhe mehtar chahiye,adkhachare gyan ke bhandar, desh par bhoj,tum jubani aur vaicharik gund hi failaoge ya khud bhi,mehtar sa bada dil rakh samaj ka kachara saaf karoge,ya keval nayak ki talash me pappu jese nakabilo me nayaj dundne me lage ho,bekar mehnat se acha hai khud desh ko aage badane ke liye kuch creative karo,critic se pet nahi bharta kam se bharta hai.
manish singh mmnnn
Tum to bramhanvad ki trp बड़ा rahe ho. Aesi अच्छी कविता se तुम्हे kya lena dena. Oh! लल्लन top ki bhi trp bada रहे ho