परमात्मा की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता तो कुकर्म किसकी मर्जी से होता है? श्री गौरव साहेब जी
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- เผยแพร่เมื่อ 28 ก.ย. 2024
- परमात्मा की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता तो कुकर्म किसकी मर्जी से होता है?
पूज्य संत श्री गौरव साहेब जी
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अंधे कोड़ी आलसी देव देव चिल्लाई शुद्ध विवेक की विज्ञान जान देव भरोसे नहीं 100% सत्य वाक्य ऐसे संतो को तहे दिल से सलूट
Bihar sarkar badh apada ka pisa loot khasot kar hadp leta hai
महाराज जी, मेरे विचार से परमात्मा की प्रकृति में जो उथल पुथल होती है बह परमात्मा की इच्छा से होता है जिसे यह कहा गया कि उसकी बिना मर्जी के एक पत्ता नहीं हिलता बाकी सारे कार्य करने के लिए मनुष्य स्वतन्त्र है। जैसा करेगा वैसा भरेगा।
प्रकृति में जो उथल-पुथल होती है वह किसी व्यक्ति रुपी परमात्मा की इच्छा से नहीं बल्कि प्रकृति के जो गुण धर्म है जो स्वगत नियम है उसे नियमों के तहत होती है ऐसा समझ लेना ही सत्य का बोध है
Apke hisab se prakrati hi sb kuch he bhagwan jesi kuch nhi he
मनुष्य कर्म करने के लिए स्वतंत्र है भोगने के लिए परतंत्र है
कर्म करने में भी स्वतंत्र नही है l इसके लिए यह चौपाई देखे,, होईहैह सोई जो राम रची राखा ll
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय 🙏🙏‼️
Bahut hi sunder Vichar. Parkhi sant ko prnam
😂😂
तार्किक विचार 👌👌
बिल्कुल सत्य कहा महराज जी आपने ,मनुष्य के जीवन मे घटने वाली हर घटना का जिम्मेदार मनुष्य स्वयं है,ईश्वर न किसी को सुख देता है न दुख देता है,ईश्वर तो प्राणियो के किये हुए कर्मो का हिसाब देता है,जो जितना पाप-पुण्य करेगा ईश्वर हिसाब लगाकर उसे वही लौटा देता है,अतः कर्म से ही भाग्य बनता और बिगङता है,ईश्वर किसी के कर्म अथवा उसके फल अर्थात भाग्य मे कोई भी हस्तक्षेप नही करता है।सिर्फ कर्मो का हिसाब करता है।
जय सियाराम।
जय श्री राधे।
जय श्री कृष्ण।
बिल्कुल सही बात है परमात्मा ने मनुष्य को गीता ज्ञान देकर उसको सही गलत सब बता दिया, और सबको श्रेष्ठ कर्म करने के छोड़ दिया, अब जैसा कर्म करोगे वैसा फल पाओगे।
जय श्री राम राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम राम हरे हरे 🙏🙏‼️
परमात्मा की इच्छा से ही आप यह सब बोल पा रहे हैं 🎉🎉🎉🎉
तो परमात्मा यह बुलवा रहे हैं यह ज्ञान दे रहे इसको समझो।
Right
सर्व प्रथम तो सत असत का ज्ञान होना चाहिए।
ॐश्री दादू दयाल सतगुरु गुरु दाता गुरु पिताजी दादू संत शिरोमणि दादू संत श्री श्री 1008 श्री श्री दादू संत शिरोमणि दादू संत कबीर दास जी महाराज ही है ही
ॐश्री दादू दयाल सतगुरु गुरु दाता गुरु पिताजी दादू संत शिरोमणि दादू संत श्री श्री 1008 श्री श्री दादू संत शिरोमणि दादू संत दादू दयाल जी महाराज ही है ही
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परमात्मा किसी से कुकर्मों को करने की नही कहता है। भगवत गीता में भगवान ने कहा कि जो जैसा करेगा वैसा ही फल प्राप्त करेगा। इसलिए दुष्ट दुराचारी पापियो राक्षसों को कैंसर किडनी लकवा सहित विभिन्न प्रकार की बिमारियों से सम्मानित करता है ईश्वर।
होस सभालते अच्छे रास्ते पर चलते हुए भी बल्ड कैंसर हो जाता है 5 साल बच्चा को कैन्सर हो जाता है
भगवान निराकार है।
यानी प़रकूती ही को परमात्मा कहा है।
वेद पुराण गीता रामायण और महाभारत
ये सब। महान लेखक ने लिखा है।
ये सब में से हमें ज्ञान प्रदान होता है।
परमात्मा न चाहे तो आपकी सांस भी नही चलेगी पंडित जी
कर्म शुभा शुभ देइ विधाता्
कर्म शुभाशुभ देइविधाता।
Hare Krishna 🙏
Saheb Jee Saheb bandagi bahut he sunder perbachan tha
निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
Jai ho guru jee
कामदेव की मर्जी से ही
Shri ram
Bahut sundar vichaar pravachan parsstuti ke liye ❤ mahapurushji ko dhanbad ji satkaar bhara❤❤ dhan nirankarji❤❤❤❤❤
परमात्मा एक बहुत बड़ी शक्ति। है इसका मूल है उसकी प्रेरणा के कोई भी उसकी इच्छा विरुद्ध कोई काम नहीं हो सकताहै मनुष्य जीव जन्तु कोई हरक़त नहीं कर सकता है यह बड़ा सूक्ष्म विषय है अन्तर ज्ञानी ही इसको समझ सक्ता है परिस्थितियाऊबनती हैं घटना घटेगी पूर्व जन्म के कर्मों के कारण क्योंकि हानि लाभ जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ
कर्म,किसी,का,सगा,नहीं,,,भले, मन्दिर,जाओ,,कर्म,नहीं, छोड़ता है,,,भगवान,कही,नहीं, है,जो, है,कर्म, है,,,,जिसने,जन्म,लिया,वो,भगवान,नहीं,हो,सकता,,,
इंशान,परिवार,के,लिए,बुरे,कर्म,करता, है,उसका,फल, बच्चो,ओर,पत्नी,को,भुगतना,पड़ता,कर्म,किसे,नहीं, छोड़ेगा,ओर,पता,फिर, चलता, है
पुराने भगवानों के उदाहरण न देकर कलयुग के किसी भगवान का उदाहरण देते हुए समझाने का कष्ट करें तब कुछ समझ में आयेगा
परमात्मा मे इतनी शक्ति है हि नहीं कि वह पते को हिला दे '
આપકે પાસ શક્તિ હૈ તો સાંસ લિએ બિના બતાવો ૐ શાંતિ ૐ
He govind he sri Krishna he basudev he dewakinandan sri Krishn aap ki kripa aapram par h
ज्येहोआपकी
जे सत्संग बुरे कर्म करने से रोकता है । अच्छे कर्म करने को प्रेरणा देता है।
पर भगवान है जो कुछ भी कर सकता है।
शक्ति भगवान की और इच्छा जीव की इसलिए किए गए कर्मों का फल जीव को प्राप्त होता है अच्छे कर्मों का अच्छा बुरे कर्मों का बुरा
Saheb Bandagi
U r right guruji
सत साहेब बंदगी साहेब जी
संत साहब बंदगी !सबकुछ कर्म करने से होता है परमात्मा से नहीं तो वर्षा कैसे होती है बाढ कैसे आती है रात-दिन कैसे हो ता है ?बुढापा कैसे?मृत्यु कैसे?कृपया स्पष्ट करें!
जैसे पाप कर्म करते समय मन भयभीत हो जाता है और पुण्य कर्म करते समय मन प्रसन्न हो जाता है यह भाई और प्रसन्नता कोई परमात्मा नहीं देता है यह प्रकृति का नियम है और वृश्चिक रूप में आत्मा परमात्मा है जो आपके अंदर विराजमान है वर्षा प्रकृति गति नियमों के समायोजन से होती है और रात दिन प्रकृति के नियमों से होता है बुढ़ापा मृत्यु यह सब शरीर और पांच तत्वों के समीकरण का एक सिस्टम है उसे सिस्टम के तहत सब कुछ होता है यह सब देने वाला कोई मन बुध्दि चित्त अहंकार वाला व्यक्ति विशेष परमात्मा नहीं है अगर परमात्मा वर्षा करवाता तो खेत में करवाता फसल में करवाता रोड में गली में आंगन में कीचड़ हो जाता है वहां वर्षा नहीं करवाता। अगर परमात्मा वर्षा करवाता तो जहां बाढ़ आती है वहां वर्षा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए थी और जहां सुख है वहां वर्ष होनी चाहिए थी क्योंकि वह तो सर्व समर्थ है सब कुछ जानता है फिर कहीं पर बाढ़ कहीं पर सुख क्यों इसलिए बारिश प्रकृति के नियमों के अनुकूलता से होती है उसमें किसी ईश्वर का कोई हाथ नहीं
@@dgaurav00😅😂😃😂🤣
मान्यवर ऐसा लगता है आपका ज्ञान बहुत ही काम है आपको निष्पक्ष अध्ययन की जरूरत है. दुराग्रह से प्रेरित ज्ञान मैं कमी होती है .
Guruji aapne bilkul sahi bataya eshwar kisi manushya ka bhagya nahi banata hai manushya apne karmo ke dowara apna bhagya banata hai 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩jay shri ram
ऐसे वैज्ञानिक स्वभाव वाले विज्ञान दृष्टिकोण वाले अगर पैदा हो जाए तो पूरी धरती महान हो जाए
सत्य सिद्धांत और प्रकृति के कारण कार्य व्यवस्था की समझ रखने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
कर्म प्रधान
नहीं, है,परमात्मा,,लोग,नहीं,समझते,
Namo budhdhay
Scientific pravachan
Authentic philosophy
I support you.
कहा गया है बड़े भाग्य मानव तन पावा ऐ नहीं कहा लिखा है बड़े भाग्य गदहा तन पावा कुत्ता तन पावा बकरी तन पावा घोड़ा तन पावा सेर तन मेंढक तन पावा सब से अधिक मनुष्य मोहें भाए सभी ग्रंथों में लिखा है जिसका सकल पसारा है अचल प्रभु अविनाशी है जो कयाम दायम एक रस है न घटता है न बढ़ता है निर्गुण है निराकार है एक रस शाश्ववत है सनातन है पुरातन हैं बिजली में पावर है दिखाईं नहीं देता छुने के बाद मालुम पड़ता है मेहंदी में रंग है देखाइ नहीं देता दूध में घी देखाइ नहीं देता कोई दुध का खीर बनाता है कोई दुध का मिठाई बनता है कोई पानीर बनाता है ऐसे ही पावर है कोई सर्दी में एसी चालाए इसमें पावर क्या ग़लती है बहोत भिषड गर्मी पड़े तो कोई एसी चालाए कितना शकुन मिलता है अगर कोई हिटर चालाए इसमें पावर क्या ग़लती है इन्सान को सोचने समझने की ताकत बिबेक बुद्धी मालिक बक्शा है कोई बांस से तीर बनाता है कोई बांस से बसुरी बनाता है एक छड़ी सिपाही के पास होता एक छड़ी यम के पास होता एक छड़ी मास्टर के पास होता है कोई मिट्टी से सुराही बनाता है कोई मिट्टी से चिलम बनाता है ऐ हमे चाहिए क्या लेना है क्या करना है एक। मानव मानव नहीं बनता इक मानव भगवान बनें मन साधों एक लेकिन कितने रंग बदलता है जैसा कर्म करेगा कोई वैसा ही फल पाएगा सच्चा है दरबार प्रभु का वैसा ही फल पाएगा मानव ने जो गढ़ी मुरती उसकी पुजा करतें लोग गढ़ी मुरती जो मालिक ने उसको कुचला करतें लोग
Dhanyavad mahatman, sabko apne karmo ka hisab chukta karna hota hai,lekin jo karm akarm tatha vikarm se pare ho chuke hai unhe karm nahi bandhate ve sada atma me leen rahakar mukt awastha me rahte hai, aise durlabh santo ko kotinvar pranam
Pandit Ji sab parmatama ki icha se hota
Bhagwaan ki margi ke binna pattaa bi nahi hiltaa. But bhagwaan chhahenge tab. Bhagwaan kisi karye me dakhal nahi dete.
Parmatma ne sab Ko sab kuchh de Diya hai jaisa karoge vaisa paoge yah baat sach hai ki unki marji ke alava ek pata nahin ho sakta hai Jaisi karni vaisi bharni
Parmatma ka kaam patta hilana nhi hai hwa chalegi to patta hilega sab prakriti ka vibhag hai parmatma na karm aur na karm fal me koi hastakshep krta hai bhagvat gita padho bhagwan ne saaf saaf mna kiya hai lekin bible me god ke bina patta nhi hilta
परमात्मा ने मनुष्य को कहा है कि तुम को क्या करना है क्या नहीं करना सत्य को समझो और स्वीकार करो🙏
प्रभु कभी किसी का अहित नहीं करते उन्होंने तो राक्षसो को मोक्ष प्रदान कर दिया
🙏🙏🙏
Hamjnujay
👏
Good
महाराज जी गीता में प्रमाण है कि मनुष्य को यंत्र की भांति ऊपर की शक्ति चला रही है। इस संसार में दो प्रकार की शक्तियां हैं। अच्छा कार्य परमात्मा की प्रेरणा से ही होता है। बुरे काम बुरी शक्तियां करवाती है। मनुष्य का मन काल है और आत्मा परमात्मा का हंस हैं। आप गीता का दृष्टांत दे रहे हैं परन्तु आपने गीता को ठीक से नहीं समझा। अधिक जानकारी हेतु संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित ज्ञान गंगा पुस्तक पढ़िए।
Esvar. Urja. Hy. Jo. Sab. Jagh. Hy. Lakin. Karm. Jiv. Ki. Echa. Say. Hota. Hy
छोटा सा उत्तर है कि ईश्वर हमारे कर्म करने के उपरांत ही फल देता है। हमें कर्म करने से कभी भी नहीं रोकता है
यह है प्रश्न का सही उत्तर।
कर्म गुड़ो के अनुसार हो रहा है, गुड़ है तीन सत रज , तम
Yahi baat hai
ये ही तो बात है l
Prakriti hi Satya hai prakriti ke dwara sabhi karya nahin hote kuchh karya manushya ko karne padte hain
बहुत बड़ी बात कह दी आपने महाराज।
भगवन आप खुद ही सवाल खड़ा कर रहे हैं खुद ही जवाब दे रहे हैं ।आदमी की जैसी वासना होगी वैसा ही कार्य करे गा ।प्रकृति के किये को कोई रोक नहीं सकता है वूढे हो गये वाल पक गए गंजे हो गये दांत झड जाये गे यह कौन आदमी कर सकते हैं अभी जानने के लिए वहुत शेष है ।
Bahut log karm karte karte thak kar hasr jate hai or o daridra hi rahta hai ku?
Kukaram😅se😅koun😅bachaa😅h😅koi😅birla😅hi😅lekin😅sabhi😅ke😅laagu😅h😅ji
Jara dusre Dharm walon ke bare mein bhi batao
Ap.geeta.ka.example.de.rahe.hi.apko.nai.pata.hai.isvr.kand.kand.me.vas.karta.hai
Geeta main bhagwan ne k ha hai karam karne par insaan ka adhikar hai magar karam phal par nahin.
अलग अलग परा आता था अलग बर बड होता था ऊसम सबद भरे जाते ह जसे हीदू का अलग था ईसाई का अलग ईसलाम का अलग था यक सकती क एक अकसर आता फीर कीसके कषा सबद आय ऊन सबदू का परकोप से बर्बादी करदेते ह जसे नेता चूनाव लडते ह ओर कीसी भी पालटी को भोमत नही मीला तो व ममर करनी डेट जोडे गे फीर सरकार छवायगे चाई अछे सबद आय या बूरे फीर समय आता ह जब माहा सकती साली बीकती धरती पर जनम लेता ह समय आता ह जब दूनीया को समजाता हासमज जाते ह तो बच जते नहीं बीनास होजाता ह जसे नरेन्द्र मोदी को समजाया था नही समज तो बीनास चल गया समते तो माते तो मे ईन सबदू को काट सकता था माहा भारत मे तीर कसे कटते ह वसे काट देता मे भोले भडारी बाबू लाल गूजेर गाव भागेगा दूसरा नाम गोरू भीह मेरा
Eswar ke बैगर पत्ता भी नही हिलता है कौन बोला ।।फिर कृष्णा ने कर्मण ,,,, माफलेशु कदचनः yani karam yani dharam yani achhe karam ki rah btayi jitne v Rishi Muni ho acharya ho dev bani ho sabhi me achhe karam ke marg pr chalne ki bat boli hai ..n ki jhut makkari agyanta kro aisa kabhi nahi bola gya ...satymev jayte bola n ki jhut ko sahi btaya ye to logo ke upper hi nirbhar karta ..
भगवान का कौन संचालक और उनका
कौन
मूर्ति पूजा करना, श्राद्ध निकालना, व्रत रखना, देवी देवताओं की पूजा करना आदि कहीं सनातनी पूजा के विरुद्ध तो नहीं?
जानने के लिए देखिए "सनातनी पूजा के पतन की कहानी, संत रामपाल जी महाराज की ज़ुबानी" का पार्ट 1 व 2
यहां पर भगवान जी तीन है
1-बृह्म,क्षरपुरुष या महा काल
2-परबृह्म, अक्षर पुरुष या शान्ति पुरुष
3-, पूर्ण बृह्,,पूरणपरमात्मा, दयाल पुरुष
आप सभी कि बुद्धि जिसके हाथ में होगी बैसा कार्य करेंगे
Kahabaton par vishwas n karen.
Kukarm ke liye Manusya khud doshi hai.
Kanyapabhasar
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आप जितने कबीर पंथी संत हैं सब मूर्ख हैं सिर्फ और सिर्फ अभिलाष साहेब को छोड़कर, महोदय ईश्वर है इसमें कोई संदेह नहीं है, जहाँ यह शब्द आया है कि ईश्वर के बिना पत्ता नहीं हिलता है यह सत्य है जरा समझें, जैसे जो व्यक्ति परमात्मा के बताए हुए रास्ते पर चलता है और शास्त्र के अनुसार अपनी कार्य करता है तो उससे कुकर्म नहीं होता है और वह भक्त कह सकता है कि बिना ईश्वर के पत्ता नहीं हिलता है कारण वह ईश्वर के इच्छा से और ईश्वर के कृपा से चलता है, और जो कुकर्म होता है वह ईश्वर भक्त नहीं होता है नहीं तो कुकर्म नहीं करता, अब अगर कुकर्म करता है तो यह सिद्ध होता है कि वह ईश्वर से नहीं जुड़ा है इसलिए शास्त्रों में ऐसा लिखा है कारण जिसने शास्त्र लिखा है वह ईश्वर से जुड़ा था इसलिए ऐसा लिखा है कि ईश्वर के बिना पत्ता नहीं हिलता है, अब जो सच्चे दिल से ईश्वर से नहीं जुड़ा है उसी को दिखता है कि ईश्वर कुछ नहीं दिखता है इसलिए महोदय पहले ईश्वर से जुड़े फिर समझ में आ जाएगा कि ईश्वर के बिना पत्ता नहीं हिलता है
Jagat ka sanchalan kaun karta hai
Kishi ko kishi ne jo bhi kiya sab ko koe bhi nahi marta Uske pahle ke karm hai..g .....Yadi aaap ku6 galat kar rahe hai aapki atma pahle sanket karti hi hai vahi hai bhagwan ka sanket fhir bhi nahi Manta fhir use to bhogna hai our parmatma hamen sanket deta hai
9:15
Banbgi
😊😊Lii ouu6 0h 20:15 20:15 20:15
प
Mukhya rup se ishwar ke bina patta nahi hilta qyo ki ishwar ka sara fokas man par hota hai manhi ishwar hota hai dusara koi nahi wahi kal hai man ke hi ichchha se sharir chalta mukhya sthan tirikuti se sansar ki satta chalata hai jjdh jeevan uska karya saili aatma ka koi rol nahi saredukhon ka karan ishwarhi hai
Aisa nahi hai kisi bhi kriya ka karan hai parmatma arthat koi harkat jo hoti hai uska karan parmatma hai parmatma ki icha nahi hai
ਸਬਦਾ ਦਾ ਗਿਆਨ ਨਹੀਂ ਹੈ ਆਪ ਕਿਆ ਬਾਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਦੁਨੀਆਂ ਕੋ ਗਲਤ ਸੰਦੇਸ਼ ਦੇ ਰਹੇ ਹੋ ਜੀ ਆਪ ਕੋ ਖੁਦ ਗਿਆਨ ਕੀ ਜਰੂਰਤ ਹੈ ਜੀ। ਮਾਫ ਕਰਨਾ ਜੀ।
Pta hilta h nhi be hilta jo parmatma ke suprat ho jaate h unkha parmatma ki marji ke bgera pta tk nhi hiltajo kukram karte h unko bisvash nhi h parmatma pe
परमात्मा अगर सर्व समर्थ है तो कुकर्मी की बुद्धि बदल देना चाहिए वह कुकर्म करने ही ना पाए तभी तो परमात्मा है अगर वह सर्व समर्थ नहीं है तो फिर परमात्मा कैसे
Ji
Insan pshu ke jaise bauhar kyun karta hai , wi Insan hai janwer to nahi , phir Aisa kyun
जय श्री राम राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम हरे हरे 🙏🙏‼️
तो तुम पानी बर,सा लो,सूखा डाल दो,अपने नाखून बढने से रोक लो है हिम्मत् ।
Agar😅chaar😅karipa😅mein😅sabse😅partham😅savyam😅apne😮antahkaran❤ki😅karipa😮kahlati😢h❤agar😅wahi😅no😅tab😅teeno😅no😅hoti😅h
सत्य बचन श्री मान सत्य बचन पंडित जी
जैसी करनी वैसी भरनी
पता अगर ईश्वर की मर्जी से हिलता है तो बुरे कर्म भी ईश्वर की ही मर्जी से हो रहा है तो फिर इंसान की ग़लती क्या है
Kaha likha hai iswer ki marzi se patta hilta hai ye sab bible ki baat hai sanatan dharm me kahi nhi likha iswer karm aur karm fal me koi hastakshep krta hai
@@spiritualwithscientificpro7805 exactly 💯😊😊😊
Insan ke andar do atmaen Hoti hai ek atma aur ek sukshm atma jisko jivatma kahate Hain yahi Satya hai Jay Mahakal
@@spiritualwithscientificpro7805Jo Insan Apne atma ko jaanta hai vah Parmatma ko kabhi bhi galat raste per nahin chalne dega yani apne aap ko galat rasta nahin chalayega to vahi Satya ko jaanta hai baki nahin Jay Mahadev
@@VikekBhai acha sahab gyaan Dene ke liye dhanyawaad
सब महात्मा ही हो जाओगे क्या आप जितना बताना चाहते हो किसको नहीं मालुम नहीं है l
चोरी, डकैती, बलात्कार सब परमात्मा के मर्जी से ही होता है
परमात्मा नहीं है तो महाराज जी परमात्मा कोन है 🙏
तो प्रभु जी अगर कर्म ही सब कुछ है,कर्म ही करना और भोगना का दायित्व मनुष्य पर खुद ही है तो भगवान का क्या रोल रहे गया। कृप्या रोशनी डालिए इस कथन पर
ज्ञान प्राप्त करने की जरूरत है करो भजन संध्या सिया राम जय राम जय जय राम
आप कैसे संत हैं, आध्यात्मिक जगत और भौतिक जगत को एक साथ जोड़कर लोगों को दृष्टांत बता रहे हैं, आप खुद धोखा खाकर बैठे हैं और लोगों को भी धोखा दे रहे हैं, क्या आप बता सकतेहैं, जिस समय भगवान इस धरती पर अपनी लीलाएं करते हैं, उसी समय भगवान नित्य रूप अपने बैकुंठ लोक में विराजमान होते है, भगवान एक साथ दोनों जगत में उपस्थित रहते हैं, यह तो आपने किसी को नहीं बताया। आपको स्वयं अपने रास्ते का पता नहीं, आप दूसरों को रास्त बताने चले हैं !
Ye bhi you tubi pe femas hona chahte hai ku6 logon ko bhagwan G se door karke ye kishi ko mokshe ke bare me nahi pahucha sakte par Nark bhijwa denge inka jo bhi kahna manata hoga .......par ye sab pakhand hi sikha sakte hai
टकला पगला गया😂
सबकी अपनी अपनी समझ है साहब यहां तो बहुत लोग कांच को ही हीरा समझ बैठे हैं। गंदगी को साफ किया जा सकता है कोयले को नहीं।
भगवान की परिभाषा ही गलत हो तो भगवान को क्या समझेंगे। भगवान मिलने की वस्तु नहीं है अनुभव करने की साधना है महोदय।
अपनी ईच्छा के मालिक संत जी आप अपनी ईच्छा से एक सास भी नहीं ले सकते समझ लेना
आप टकले भी परमात्मा की मरजी है या नही,??????
इसका आपने खुल कर जवाब नहीं दिया
हिंदू मुसलमान क्या होता है।
ना कोई हिंदू है ना कोई मुसलमान है। सभी एक ही है
हिंदू मुसलमान सिख इसाई कबीरपंथी फालना पंथी यह जातियां और पंथ आप लोगों ने बनाया है परमात्मा ने नहीं बनाया है
कि तू कबीर पंथी है तू इसाई है तू मुसलमान है तू सिख है। तू ब्राह्मण है। तू रेगर है। तू चमार है। यह जातियां आप लोगों ने बनाई है।
परमात्मा ने नहीं बनाई है।
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जी सही और सत्य फरमाया आपने आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे श्याम 🙏🙏‼️
फिर कर्म फल कौन लिखता है?
Karma aap krte ho.result bhagwan dete hain
Prakriti hi paap punya ka fal anukul aur pratikul paristhiti ke roop me deti hai parmatma ka karm aur karm fal se koi lena dena nahi bhagvat gita padho
जिसै संसार आत्मा कह रही है वो हमारा परम चैतन्य शरीर हे जिसको ईस लोक परलोक और मृत्यु लोक का ऐहसास करता है आत्मा अजर-अमर निर्बंध नित्य नवीन अविनाशी निर्लेप और निर्छुत हे ऊसे कोई भी चीज छू नही शकती है हमारा परम चैतन्य शरीर जो हमारा मुल है ईसको मिटना ही पुर्ण मुक्ति हे आत्मा परमात्मा को किसी भी ऐहसासो की जरूरत नहीं है सुख दुःख मान अपमान लाभ हनी ऐ सब हमारे-आपके परम चैतन्य शरीर को ऐहसास होता है आत्मा को ऐ सब सारी बातें स्पर्श नही करती हे आत्मा सदा के लिए मुक्त है और चेतन्य ता ऐ आत्मा का गुण नही नही तो आत्मा बंधन मे माना जाएगा इसलिए चेतना (ऐहसास करनी की शक्ति) ऐ आत्मा नही हे ऐ अटल सत्य है,👈👈👈👈👈👈🙏🙏🌹🌹🌹
Murkh Sant Karm ke liye Swatantra Ho ke liye Ganatantra hai