15 May 2024 सजीव भैया का सत्संग - बहुत ही सुन्दर वाणी पूरा अवश्य सुनें - तत्वज्ञान

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  • เผยแพร่เมื่อ 13 พ.ค. 2024
  • साधक/जिज्ञासु के लिए सत्संग श्रृंखला के माध्यम से श्री संजीव सजीव भैया जी जिन्होंने अपनी युवावस्था में ही जब आपकी आयु लगभग 16 वर्ष की थी अपने ब्रह्म ज्ञानी गुरु दिव्य प्रमिला भगवान से ज्ञान प्राप्त करके आत्मबोधित हुए और इसी युवावस्था में ही आपने सतगुरु के मार्गदर्शन और प्रेरणा से सत्संग करना आरंभ कर दिया आपके सत्संग में सभी वर्ग और आयु के लोग आने लगे पहले पहल आपने पार्क में बैठकर मॉर्निंग वॉक के समय सत्संग करना आरंभ किया फिर लोगों ने आपके आत्मज्ञान के द्वारा उनके स्वयं के व्यवहारिक जीवन में आए परिवर्तन को देखकर उन्हें अपने घर सत्संग करने के लिए बुलाना आरंभ कर दिया आपकी भाषा इतनी मृदु थी कि लोग आपकी उस छोटी सी अवस्था में ही आपसे प्रभावित होने लगे फिर कुछ वर्षों तक आप अंतर्मुख हो गए आपके नाम संजीव सजीव के पीछे भी गुरु की कृपा है पहले आपका नाम संजीव था पर ज्ञान प्राप्त के पश्चात आपके नाम से जीव भाव के अहंकार का प्रतीक स के ऊपर से अंग की बिंदी हटाकर आपका नाम संजीव से सजीव हो गया वर्तमान में आपके द्वारा गृहस्थ में रहकर और गृहस्थ से उपराम होकर ज्ञानमय जीवन यापित हो रहा है जैसे कि बाबा नानक जी कहते हैं "गृहस्थ में जो रहे उदास नानक में ताकत दास " हमारा सौभाग्य है कि हम सबके आग्रह से अब से आप सोशल मीडिया के माध्यम से हम से जुड़कर हमें अपने आप ज्ञान द्वारा हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगे और हम सबको आत्मस्थ करेंगे !
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