आपकी यह कहानी मैंने पहले कभी नहीं सुनी और न ही यह कहानी उस इलाके में जहां से गंगू रमोला का संबंध है यानी रमोली पट्टी में यह कहानी नहीं सुनी जाती है जहां तक आपने गंगू रमोला का जो वर्णन किया है उसमें उनको घमण्डी और न जाने किन किन अपशब्दों से संबोधित किया है जो कि उचित नहीं है वह हमारे आदि पुरुष है और पुज्यनीय भी उनकी जो कहानी हमें मालूम है वह इस प्रकार है कि गंगू रमोला एक बहुत वीर बलशाली भड था उन के दो थे गढ एक रौल्या गढ और दूसरा रैका गढ गंगू रमोला बहुत ही संपन्न धन धान्य से पूर्ण गणपति थे यह कहानी तब शुरू होती है जब महाभारत समाप्त हो गया तो भगवान कृष्ण को आत्मग्लानि हुई कि उन की वजह से इतना रक्तपात हुआ वह चहाते तो महाभारत न होता इसलिए उन्होंने भगवान शिव से आत्मशांति का उपाय पूछा तो उन्होंने उन्हें पंच प्रयाग के दर्शन करने की सलाह दी भगवान कृष्ण ने यही करने के लिए नदीयो से चलकर पंच प्रयाग जाने का निर्णय लिया पर जब उन्होंने नदी के पत्थरों पर अपने पैर रखने चाहे तो वह उनको शिवलिंग नजर आने लगे तो वह उनके ऊपर पैर कैसे रखते उन्होंने फिर भगवान शिव को याद किया तो भगवान शिव ने उन्हें सलाह दी कि वह सांप का रुप में नदी मार्ग से पंच प्रयाग के दर्शन करें क्यों कि सर्प के पैर नहीं होते इसलिए उत्तराखंड में कहीं भी कृष्ण मंदिर नहीं है परन्तु श्री कृष्ण नाग्रजा या नागराज के रुप में हर घर और हर गांव में पूजे जाते हैं। इसी भ्रमण के दौरान श्री कृष्ण को रमोली पट्टी की खूबसूरती का पता चला तो वह ब्राह्मण का रुप धारण कर के गंगू रमोला से जमीन मांगी परन्तु उन्होंने नहीं दी तो फिर भगवान कृष्ण ने छल बल कर उनके भैंसों का दूध सुखा दिया उनकी बकरी भेड़ों को पत्थरों में बदल दिया उनके राज्य में अकाल कर दिया। गंगू रमोला की पत्नी मैनावती बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति की थी उन्होंने भगवान की आराधना करी और भगवान खुश हुए और भगवान कृष्ण ने मैनावती को अपनी बहन बनाया और मैनावती को दो पुत्रों का वरदान दिया फिर गंगू रमोला ने भगवान कृष्ण से राक्षसी का बध करने की प्रार्थना की तो भगवान कृष्ण ने उस राक्षसी का बध किया और भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला का सारा वैभव पुनः स्थापित कर दिया और भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला के स्वप्न में आकर उनका मंदिर बनाने को कहा तो उन्होंने बनाया पर जब वह बन जाता और अगले दिन को स्थापित करने जाते तो वह गायब हो जाता इस प्रकार छः मंदिर गुम हुए फिर गंगू रमोला ने भगवान कृष्ण की प्रार्थना की तो फिर भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला के स्वप्न में आकर उस स्थान पर जहां कि अशोक का पेड़ था और एक शिला थी वहां पर मंदिर बनाने को कहा इसलिए उसको प्रकटा सेम कहा जाता है और वह अशोक का पेड़ और वह शिला आज भी मौजूद है।
आपका आभार महेश रमोला जी। मैंने पहले ही कहा था कि गंगू रमोला की कहानी अलग अलग तरह से सुनायी जाती है। किसी भी पौराणिक कहानी पर हम पहले शोध करते हैं और उसी के बाद उसे प्रसारित किया जाता है। इस कहानी के मामले में भी ऐसा ही किया गया है। आपके इस पक्ष को लेकर भी जरूर अध्ययन करूंगा। कुछ कहानियों में यह भी कहा गया है कि गंगू रमोला की दो पत्नियां थी। पौराणिक गाथाओं के बारे में दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि कौन सही है और कौन गलत।
मेरी आपत्ति पर प्रतिक्रिया देने के लिए घसेरी का धन्यवाद गंगू रमोला पर कई पौराणिक दंत कथाएं मौजूद हैं जिनको मैंने पढ़ी या सुनीं है अधिकतर कहानियां मिलती-जुलती है परन्तु उनमें से किसी भी कहानी में मैंने यह नहीं सुना की गंगू रमोला को कोढ़ हुआ या वह द्वारिका गये या उनकी दो पत्नियां थीं। मैंने जो कहानी लिखी है वह और भी ज्यादा विस्त्रित है जिसको कि यहां लिख पाना संभव नहीं है मेरी आप से सलाह है कि आप एक बार सेम नागराज जाय और वहां के पुजारियों से भी पता करें तथा मुखेम गांव में भी बुजुर्गों से पूछें फिर आप गंगू रमोला के बारे में विस्तार से जान सकेंगे। धन्यवाद
भाईजी मैं भी रमोली पट्टी कु रेवासी छूं आपन जु कहानी सुनाई या बिलकुल सटीक नी छ हमारा क्षेत्र मां हमारा बुजुर्ग लोगुन हमु तैं कुछ और ही सुनाई हैं आप तैं वी जानकारी भेजी सकदा
जय मेरे ईष्ट देव आपकी सदा जय हो आपकी गाथा युगों युगों तक चलता रहे आप सदा ईष्ट देव के रूप मै हर घर मै पूज्य हो यही प्रार्थना हैं परभु आपसे
बहुत सुंदर कहानी लग भगवान सेम नागराज कु बारम्बार प्रणाम हमर तरफ बटीक
आपका हार्दिक आभार।
आभारी है हम आपके जो हमारी संस्कृति को बचाने की अनूठी पहल कायम किये हो
बहुत ही सुंदर कहानी है देवु रमोला की मे भी रमोला बनदु। हू
Bhut achi khani chai bhagwan pe vishvash jrur krna chaiye jai nagraja
सुपर कहनी है मुझे बहुत अच्छा लगता है कहनी सुनने में अपने उत्तराखंड के बारे में जानने को भी मिलता है
आपकी यह कहानी मैंने पहले कभी नहीं सुनी और न ही यह कहानी उस इलाके में जहां से गंगू रमोला का संबंध है यानी रमोली पट्टी में यह कहानी नहीं सुनी जाती है जहां तक आपने गंगू रमोला का जो वर्णन किया है उसमें उनको घमण्डी और न जाने किन किन अपशब्दों से संबोधित किया है जो कि उचित नहीं है वह हमारे आदि पुरुष है और पुज्यनीय भी उनकी जो कहानी हमें मालूम है वह इस प्रकार है कि गंगू रमोला एक बहुत वीर बलशाली भड था उन के दो थे गढ एक रौल्या गढ और दूसरा रैका गढ गंगू रमोला बहुत ही संपन्न धन धान्य से पूर्ण गणपति थे यह कहानी तब शुरू होती है जब महाभारत समाप्त हो गया तो भगवान कृष्ण को आत्मग्लानि हुई कि उन की वजह से इतना रक्तपात हुआ वह चहाते तो महाभारत न होता इसलिए उन्होंने भगवान शिव से आत्मशांति का उपाय पूछा तो उन्होंने उन्हें पंच प्रयाग के दर्शन करने की सलाह दी भगवान कृष्ण ने यही करने के लिए नदीयो से चलकर पंच प्रयाग जाने का निर्णय लिया पर जब उन्होंने नदी के पत्थरों पर अपने पैर रखने चाहे तो वह उनको शिवलिंग नजर आने लगे तो वह उनके ऊपर पैर कैसे रखते उन्होंने फिर भगवान शिव को याद किया तो भगवान शिव ने उन्हें सलाह दी कि वह सांप का रुप में नदी मार्ग से पंच प्रयाग के दर्शन करें क्यों कि सर्प के पैर नहीं होते इसलिए उत्तराखंड में कहीं भी कृष्ण मंदिर नहीं है परन्तु श्री कृष्ण नाग्रजा या नागराज के रुप में हर घर और हर गांव में पूजे जाते हैं। इसी भ्रमण के दौरान श्री कृष्ण को रमोली पट्टी की खूबसूरती का पता चला तो वह ब्राह्मण का रुप धारण कर के गंगू रमोला से जमीन मांगी परन्तु उन्होंने नहीं दी तो फिर भगवान कृष्ण ने छल बल कर उनके भैंसों का दूध सुखा दिया उनकी बकरी भेड़ों को पत्थरों में बदल दिया उनके राज्य में अकाल कर दिया। गंगू रमोला की पत्नी मैनावती बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति की थी उन्होंने भगवान की आराधना करी और भगवान खुश हुए और भगवान कृष्ण ने मैनावती को अपनी बहन बनाया और मैनावती को दो पुत्रों का वरदान दिया फिर गंगू रमोला ने भगवान कृष्ण से राक्षसी का बध करने की प्रार्थना की तो भगवान कृष्ण ने उस राक्षसी का बध किया और भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला का सारा वैभव पुनः स्थापित कर दिया और भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला के स्वप्न में आकर उनका मंदिर बनाने को कहा तो उन्होंने बनाया पर जब वह बन जाता और अगले दिन को स्थापित करने जाते तो वह गायब हो जाता इस प्रकार छः मंदिर गुम हुए फिर गंगू रमोला ने भगवान कृष्ण की प्रार्थना की तो फिर भगवान कृष्ण ने गंगू रमोला के स्वप्न में आकर उस स्थान पर जहां कि अशोक का पेड़ था और एक शिला थी वहां पर मंदिर बनाने को कहा इसलिए उसको प्रकटा सेम कहा जाता है और वह अशोक का पेड़ और वह शिला आज भी मौजूद है।
आपका आभार महेश रमोला जी। मैंने पहले ही कहा था कि गंगू रमोला की कहानी अलग अलग तरह से सुनायी जाती है। किसी भी पौराणिक कहानी पर हम पहले शोध करते हैं और उसी के बाद उसे प्रसारित किया जाता है। इस कहानी के मामले में भी ऐसा ही किया गया है। आपके इस पक्ष को लेकर भी जरूर अध्ययन करूंगा। कुछ कहानियों में यह भी कहा गया है कि गंगू रमोला की दो पत्नियां थी। पौराणिक गाथाओं के बारे में दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि कौन सही है और कौन गलत।
मेरी आपत्ति पर प्रतिक्रिया देने के लिए घसेरी का धन्यवाद गंगू रमोला पर कई पौराणिक दंत कथाएं मौजूद हैं जिनको मैंने पढ़ी या सुनीं है अधिकतर कहानियां मिलती-जुलती है परन्तु उनमें से किसी भी कहानी में मैंने यह नहीं सुना की गंगू रमोला को कोढ़ हुआ या वह द्वारिका गये या उनकी दो पत्नियां थीं। मैंने जो कहानी लिखी है वह और भी ज्यादा विस्त्रित है जिसको कि यहां लिख पाना संभव नहीं है मेरी आप से सलाह है कि आप एक बार सेम नागराज जाय और वहां के पुजारियों से भी पता करें तथा मुखेम गांव में भी बुजुर्गों से पूछें फिर आप गंगू रमोला के बारे में विस्तार से जान सकेंगे।
धन्यवाद
निश्चित तौर पर आपकी सलाह पर गौर करूंगा। आपका आभार।
mahesh ramola धन्यवाद आप का जोहमरी पूरण जगर व कथा जीवित रखणछ
mahesh ramola धन्यवाद आप का जोहमरी पूरण जगर व कथा जीवित रखणछ
आपका बहुत बहुत धन्यवाद। काफी ज्ञानवर्धक जानकारी देने के लिये। आशा है कि आगे भविष्य में भी इसी प्रकार ज्ञानवर्धक जानकारी देते रहेंगे जी।
I'm from Uplii Ramoli ( Gangu ramola ki ramoli ) Tehri Garhwal ❤
❤❤❤🎉🎉😢बहुत सुंदर कहानी है ❤❤❤❤🎉🎉🎉
Bahut sunder bhaji dhanyavaad
Bahut bahut bhali kahani chhe.
Aap ka bahut bahut dhanyawad aap n uttarakhand ke dharohar Ko sabhi Tak phuchya jai uttarakhand ❤️❤️❤️👍 salute 🙏🙏
Bhut time se wait tha is story ka, thank you so much bheji
Are waah हमारी गगवरस्यूं घाटी अर हमारू गौ ujyadi aaigi 😍🥰🙏
Bahut badiya kahani chi bheji
Apka bahut bahut dhanyawad aisi purani kahani ko le kar k 🙏🙏
Bahut khoobsoorat ❤️ tarike se kahani sunaai
Sunkr.bahut.acha.lga. jai.samenagraj🙏🙏
Bàhut hi Sundar kahani hai ji wow Very nice 👌👌👍👍👏👏 jai Dev bhumi
Gjb lgi
बहुत अच्छी ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
जय श्री कृष्णा भगवान। राधे श्याम हरि
Bhut Sundar Maire esht sem nagraja hai par etni Maine bhi nhi suni bhut bhut dhnyawad aapka...
Nagraja aapke sankat hare
Bahut sunder jai sem nagraja bhagwan
Bahut mazedar kahani sunai aapne bhaiji. Many many thanks to you
Bhut badiya laghe
Jai shree krishna
Jai गघुं रमोला
Bhut achi lagi aaj ki khani..... Dhnaywad....
Bhot badhiya Jay Sri krishna
Jai bidry Vishal ki Jai all uttarakhand,
bahut badiya kahani thankyou.
bhut jyada achi
Bhut badiya
बहुत भल लागौ👌
Jai ho 🙏
Bahut Acha
Bahut sunder kahani aapki jubani
Mast kAhani hai ji
राजेन्द्र परसाद भारद्वाज शुर्या वंशी गायक बहुत ही सुन्दर परबचन आपका आभार प्रकट करता हूँ
Bahut sunder kahani
Jai ganu Ramola hum v Ramola
Hi
7440712044
Achi legi bheji dhanyabad
Boht hii jyadaa achii kahanii....👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
Jaii ho sem nagaraja....🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बहुत बढ़िया प्रस्तुति। आपको धन्यवाद
Bahut acchi kahaniyan sunaeye
Bhal lagi re
Bhahut badiya bhai ji jai uttrakand
बहुत ऐतिहासिक महत्व है।
सुंदर कहानी, श्रीमान जी
Jai ho
भाईजी मैं भी रमोली पट्टी कु रेवासी छूं आपन जु कहानी सुनाई या बिलकुल सटीक नी छ हमारा क्षेत्र मां हमारा बुजुर्ग लोगुन हमु तैं कुछ और ही सुनाई हैं आप तैं वी जानकारी भेजी सकदा
आपका स्वागत है शैलेश जी। आप वह जानकारी ghaseri99@gmail.com पर भेजने का कष्ट करें। आभार
बहुत सुंदर कहानी जी
Jai mera meti Devta...🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌼🌸🌸🌺🌺🌷🌹🌻🌻
Bahut achi lagi .
बहुत ही सुन्दर
Ati sundar 🙏🙏
बहुत अच्छी कहानी
Bhut achhi hai khani pant gi in
जय श्री कृष्णा जी
Kahani bahut achhi lagi
Bhaut achi lagi hum bi mukhem se bagwan naam hamare gaoun se juda hai hum bhaut luckey hai
Muje to bshut sunder laga
Jai Ramola dev 👏🙏🙏
Bahut khub🚩🚩🚩🚩🚩
Bahut achhi... thanks
Ramola cast k khani hai
Osm hai
बहुत उपयोगी कहानी
Achi lagi kahani
Ati uttam
Jai shree Krishna
jai sidu bidu ramola....
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Beautiful story hai daaajiiii🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍👍👍👍👍🌟🌟🌟🌟🌟🌟👏👏👏👏👏👏
बहुत ही सुंदर कहानी धन्यावाद आप कु
बहुत सुंदर आपका बहुत-बहुत आभार
Jay shree krishna🙏
Jai ghangu Ramola 🙏🙏
बहुत सुन्दर कथा।
Bahut kub bheji ...jay ho sem nagrajaa...
बहुत अच्छी लगी, कुमाऊँ में भी इसकी गाथा सुनाई जाती है और बौल में भी गाथा गायी जाती है, हमारे पुराने बुजुर्ग इस गाथा को सुनाते थे
Radhe radhe
Kahani or aapki aawaj ,sunane ka tarika sb bahut achhe Hain😍
Bhut bdiya lgi khani
Bahat Sundar kahnoyani
Bhot mast
Wah👌👌👌👌
Bahut sundar
जय श्री कृष्णा
बहुत बढ़िया
JAI ram Ji ki..
Pranam pant ji
Bahut badiya bhayiya
Bahut Sundar....ji
गंगू रमोला की यह लोक कथा कुछ नहीं तो परमात्मा और मनुष्य के मध्य में आस्था और नास्तिकता के पालों के बीच में होने वाले लहूलुहान समर को भी दर्शाती है |
Parnaam pant bheji, bahut Achi LAGI Kahani, hum to kho Gaye the Kahani me, thanks
बहुत ही भली लगून कहानी भेजें
Bahut achi katha 👌👍🙏
बहुत बहुत धन्यवाद भेजी 🙏🙏 इन कहानी सुनाना कु मन ते बहुत सुकून मिली
Amazing story
Jai Shri kirshna
ham dav bhumi se hae yhai hamre liya gourvit hae ❤❤
Puriya Sauriyal ki kahani sunao