डा राजेन्द्र प्रसाद जी जो इतिहास का सारगर्भित विश्लेषण करके खुदाई कर रहें और अपने को एक महानतम इतिहासकार साबित कर रहे हैं उन पर भारतीयों को नाज होना स्वाभाविक है।सर को साधुवाद
भारत के मूल निवासियों के वास्तविक इतिहास जिसको ब्राह्मण लेखकों ने छुपा कर रखा था उसको बहुजनों के सामने लाने के लिए माननीय राजेंद्र प्रसाद सिंह जी को कोटि कोटि धन्यावाद।
जिस इतिहास को जमीन में गाड़ दिया गया था उस इतिहास को भाषा वैज्ञानिक राजेंद्र प्रसाद जी इसे निकाल कर जनता को सच्चाई से रूबरू करवा रहे हैं धन्यवाद नमो बुद्धाय जय भीम
ब होत . सराहनीय जानकारी . से भरी ज्ञानवर्धक स्पीच . . सर शतः शतः नमन . जय देवानंग पियेदसी सम्राट अशोक महान जय भीम नमो बुद्धाय .👌👌👍👍🪷🪷🪔🪔✨✨🌿🌿💥💥🌟🌟🌸🌸🌷🌼🌷🌷🌺🌺🍁🍁🎆🎆🦚🦚💯💯♥️♥️🌹🌹🪻🪻🍂🍂🇪🇺🇪🇺🐘🐘🦣🦣🎇🎇💙💙🇮🇳🇮🇳✍️✍️💐💐🙏🙏🪔🪔
Dr. Saab, I was born in India and now I am 57 but I forgot the first time I am hearing them in History in detail. Two thousand years ago India was so advanced and Noble. Koti koti pranam
डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह, इतिहास की तह में जाकर इतिहास के जो रहस्यों से पर्दा उठा रहे हैं,जिसके बारे में इतिहासकारों ने सभी तथ्य छुपाए हैं,आप एक भाषा वैज्ञानिक भी हैं। बहुजन समाज आपका हमेशा ऋणी रहेगा, साथ ही आने बाली नयी पीढ़ी के लिए आप प्रेरणा स्रोत हैं।
धन्य है अंग्रेज़ लोग जिन्होंने बुद्ध को पुनः जीवित कर दिया आज बोध अनुसूचित जाति जनजाति आदिवासी और पिछड़ी जाति के रूप में है इन सभी की रक्षा संविधान ओर बाबा साहेब डा अम्बेडकर जी ने ओर विपश्यना का ज्ञान दिया शाक्य मुनि गोतम बुद्ध ने अतः नकली इतिहास खत्म करो जयभीम नबोबुदधाय
@@sardarpatel8334 itna clear hone se pahle dono ki samajh le lete.. Pali ek simple language hai.. bol chal ki Bhasha Sanskrit ek complex language hai... Jise elite logo ki bhasa bola jata hai... To tum thoda ulta bol diye.. Kyuki complex language ko simple krke bol chal me laya ja skta hai...
Sanskrit bhasa ko alag alag lipi me likha gya hai... Jisme ब्राह्मी mukhya hai.... Baad ke kaal me other script ka v prabhav dikhta hai... Or ye har bhasha ke sath hota hai
स्कॉलर / रिचसर्र प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह साहब बाबा भीम रूप धर आये है अपनी कलम और आवाज़ से जम्मूदीप ( निषाद देश ) का सच्चा इतिहास बताये है भीम जोहार बुद्ध प्रणाम
@@webwithkdr9246 काबिलाई जीवन के समय जो नाग वंशी लोगों के कबीला जहाँ जामुन के पेड़ ज्यादा थे वहां कबीला बनाया वो लोग ही कोलिय/ जामुनीय कहलाये और महान राजा असोक के शिलालेख मे जम्बूद्वीप लिखा मिलता है जो कोलिय लोग है वही तो आजकल निषाद है बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति संस्कृत साहित्य के वेदांगों मे पंचम निषाद, महाकाव्यओं मे निषादराज प्रजाति, तमिल साहित्य द्रविड़ प्रजाति और अंग्रेजी साहित्य मे प्रोटो ऑस्ट्रेलायड और हिंदी साहित्य मे नाग, निषाद, द्रविड़, गोंड, कोल, भील, संथाल और आजकल ओबीसी एस सी, एस टी समय अनुसार अलग अलग हो गये पर है सब एक ही है हाँ जानकारी के आभाव मे लोग जानते नहीं है और जो जानते है वो मानते नहीं और ऊपर से राजनीतिक फायदा के लिए नेता लोग अलग अलग बाँट देते है अब आप जम्बूद्वीप कहो या नाग देश कहो या निषाद देश बात तो एक ही है और हिंदी किताबों मे निषाद देश तो लिखा भी मिल जाता है मुझे जो जानकारी वो लिख दिया बाकी आपकी मर्जी भीम जोहार वन्दे बुद्धाय
@@webwithkdr9246भाई जी काबिलाई जीवन काल के समय जो नाग वंशियों ने जहाँ पर जामुन के पेड़ ज्यादा थे वहां पर अपने कबीला बनाये और वही नाग वंशी लोग कोलिय / जामुनीय कहलाये जो आजकल निषाद लोग है और राजा असोक के शिलालेख मे इस देश का नाम जम्बूद्वीप लिखवाया जो जामुन पेड़ का प्रतीक है और बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति, तमिल साहित्य मे द्रविड़ प्रजाति,संस्कृत साहित्य के वेदांगों मे पंचम निषाद, महा काव्य रामायण और महाभारत मे निषादराज प्रजाति तथा अंग्रेजी मे प्रोटो ऑस्ट्रेलिय
इमानदारी के साथ इतिहास को सबके सामने रखने के लिए कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼 इतिहास तो बहुत से इतिहासकारों को पता है पर सच्चाई के साथ कोई सामने नहीं रखता हैं......
अपने मानवोपयोगी व जीवोपयोगी कार्यों के लिए विश्वविख्यात सम्राट असोक के इस महत्त्वपूर्ण अभिलेख को इतनी आसान भाषा में समझाने एवं इसमें प्रयुक्त शब्दों के विशेष परिचय के लिए आपका बहुत धन्यवाद सर...हमें गर्व है कि हमारी भूमि पर 'असोक महान' ने कभी 'कल्याणकारी राज्य' की स्थापना की थी...👌👌👍🙏🙏🙏
हम बहुजनो को एक होकर ये हमारा अतीत का इतिहास अभयास में पढाने की रजुआत सरकार से करनी होगी तभी सभी बहुजन हमारा इतिहास जान सकेंगे और ऐकता भी होगी जय भीम नमो बुद्धाय 🙏
सर आपको सादर नमन ।।इस से पूरी तरह से सही साबित हो जाता है कि संस्कृत ,पाली प्राकृत से ही बनी है।।चाहे कोई कुछ भी कहे।।इतिहास को दबाया गया।।तभी तो जब ये शिलालेख मिले तब यहां कोई भी व्यक्ति पढ़ नहीं पाया।।एक विदेशी ने पढ़ कर समझाया यहां का इतिहास।।
वीडियो ज्ञानवर्धक रहा पंजाबी भाषा में सभी के लिए सरबत्त शब्द तथा पेड़ के लिए रुख शब्द का प्रयोग किया जाता है भाषाओं का कितना परस्पर संबंध , यह देख हैरानी होती है हमारे सामने पूरा इतिहास मानो खुल जाता है आपका वीडियो सहेजने लायक है साधुवाद
इतिहास का कवि बनना बड़ा झोखिम का काम होता है और कमाई भी कम होती है... वीडियो अच्छा लगने पर सर के फॉलोअर्स थैंक्स का निशान कभी-कभी दबाकर Pay करना चाहिए... सर कहते नहीं है पर हमें समझना चाहिए...
जय भीम नमो बुद्धाय हमारी महान राजाओं को ऐसे खुद दिया गया उनके वंशजों को आज गलीी दी जाती है यही ब्राह्मण चौराहे पर गलीी दे देते अरविंद ब्राह्मणों का इतिहास है ही नहीं धरती पर
Namo Buddha sir rajndar prashad Ji aapke anmol gyaan ke liye bahut bahut saduwad sir aap palee bhasha sa hende varnamala ho gaya ❤🎉❤jay bhim 🎉❤🎉jay bharat 😮🎉😮namo Buddha namo Buddha namo Buddha sir Ji 🎉🎉🎉🎉❤🎉 sadhu bade 🎉❤❤❤
बहुत ही तार्किक और सटीक विश्लेषण और अन्य भाषाओं का भी उद्भव और विकास किस प्रकार से साथ साथ हुआ कोई भी भाषा शुन्य से पैदा नहीं हुई बल्कि सभी का विकास evolution हुआ है और किसी एक को दूसरे की तुलना में श्रेष्ठ नहीं कह सकते
आदरणीय सर आपको बहुत-बहुत साधुवाद। आदरणीय महोदय मैं आपसे पुनः विनम्र भाव से आग्रह करता हूं कि आप भारत के गौरवशाली इतिहास को पुनः इन सब प्रमाणों के साथ एक महाग्रंथ के रूप में लिखें और Publish करें।आपकी महान कृपा होगी।
I am saluting to prof rajender Singh for his great efforts for disclosing true history of India. ...the thought tree upskilling..T3..for share market learners and digital market learners at GOPALPURA BYPASS JAIPUR RAJASTHAN INDIA DIRECTOR SHRAWAN YADAV.
आप जैसे ग्यानी ब्यक्ति कि बहुजन समाज को बहुत जरूरत है आप का यह समाज सदा रिडी रहेगा बहुत बहुत सधूबाद
डा राजेन्द्र प्रसाद जी जो इतिहास का सारगर्भित विश्लेषण करके खुदाई कर रहें और अपने को एक महानतम इतिहासकार साबित कर रहे हैं उन पर भारतीयों को नाज होना स्वाभाविक है।सर को साधुवाद
राजेंद्र प्रसाद सर धन्यवाद आप चिरायू हो 🎉🎉🎉
Are ye Bodhisattva hai
2100 sati ka
Ispe recharge hoga
Log kase rehna hai vo learn karenge
Tum aj ke nagarjuna or bhuddh
Scholer ho
We are proud the great king of Mahan Asoka being a part of we feel much better sadar namoh buddhay Sir..
We are proud of u sir
भारत के मूल निवासियों के वास्तविक इतिहास जिसको ब्राह्मण लेखकों ने छुपा कर रखा था उसको बहुजनों के सामने लाने के लिए माननीय राजेंद्र प्रसाद सिंह जी को कोटि कोटि धन्यावाद।
मुझे लगता है राजेंद्र प्रसाद के द्वारा बुद्धकालीन बीजों को नवजीवन मिलता है! धन्य है आप और अपनी जिजनासा! जय भीम!! जय बुद्ध!!!
आपकी लम्बी उम्र हो sir
बुद्ध की दया आप पर बनी रहे
आप बहुत ज्ञानी पुरुष है
डा साहब साईस जर्नी सर के चैनल पर आप का नाम बहुत सुना था!पर अब आप सामने से हम अंधों के लिए जो महागिआन दे रहे है! इसके लिए हम सब आपके रिणी है और रहेंगे!
मेरे आर्दश, मेरे गुरु जी आपने छुपे हुए इतिहास को उजागर करके भारत के बौद्ध दर्शन और बौद्ध इतिहास पर अनुकंपा की है।
जिस इतिहास को जमीन में गाड़ दिया गया था उस इतिहास को भाषा वैज्ञानिक राजेंद्र प्रसाद जी इसे निकाल कर जनता को सच्चाई से रूबरू करवा रहे हैं धन्यवाद नमो बुद्धाय जय भीम
ब होत . सराहनीय जानकारी . से भरी ज्ञानवर्धक स्पीच . . सर शतः शतः नमन . जय देवानंग पियेदसी सम्राट अशोक महान जय भीम नमो बुद्धाय .👌👌👍👍🪷🪷🪔🪔✨✨🌿🌿💥💥🌟🌟🌸🌸🌷🌼🌷🌷🌺🌺🍁🍁🎆🎆🦚🦚💯💯♥️♥️🌹🌹🪻🪻🍂🍂🇪🇺🇪🇺🐘🐘🦣🦣🎇🎇💙💙🇮🇳🇮🇳✍️✍️💐💐🙏🙏🪔🪔
अदभुत
आपको सुनकर ज्ञान चखसू को शांति मिलती है
छुपे हुए इतिहास को बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏🙏
Are ye professor ajj ka Bodhisattva hai
डॉ राजेंद्र प्रसाद आप जो कर रहे हैं भारत के आने वाला को साफ साफ दिखाईदेगा हमारा भारत क्या था और आज क्या है नमो बुद्धाय जय भारत जय भीम जय संविधान
जय हो सम्राट अशोक महान की, जिन्होंने पूरे एशिया में भारत का डंका अपने सुशासन द्वारा बजाए
Dr. Saab, I was born in India and now I am 57 but I forgot the first time I am hearing them in History in detail. Two thousand years ago India was so advanced and Noble. Koti koti pranam
डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह, इतिहास की तह में जाकर इतिहास के जो रहस्यों से पर्दा उठा रहे हैं,जिसके बारे में इतिहासकारों ने सभी तथ्य छुपाए हैं,आप एक भाषा वैज्ञानिक भी हैं। बहुजन समाज आपका हमेशा ऋणी रहेगा, साथ ही आने बाली नयी पीढ़ी के लिए आप प्रेरणा स्रोत हैं।
राजेंद्र प्रसाद सरजी
आपको लाख लाख प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप चिरायू हो और हमे सच्चा बौद्ध इतिहास समझाते रहे. धन्यवाद 🎉🎉🎉
प्राचीन भारत के सच्चे इतिहास को उजागर करने के लिए आदरणीय प्रोफेसर साहब को ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
मेरी तरह बहुत लोगों की आंखें खुल गई होगी...खुल क्या गई होगी चौड़ी हो गई होगी😮😮😮 यह हमारा सच्चा इतिहास और यह हमारे पुरखे हैं🎉🎉🎉 धन्य है सर आप
जय भीम, नमो बुध्दाय 🌹
बहुत ही खोज पूर्ण इतिहास की प्रामाणिक जानकारी बेहद महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी दी है, ✅
नमोबुद्धाय सर,
दबा दिए गए इतिहास को खोज कर सबके सामने लाने के लिए आपका आभार ।
कृपया अशोक के पूरे चतुर्दश अभिलेख पढ़ाइए।
आपकी ज्ञान की आप की खोज की आपकी पढ़ाई की कैसे हम शुक्रिया अदा करें आपने तो जय राजेंद्र प्रसाद सिंह खोजकर्ताज्ञान की
आप महान हैं। आपको शत शत नमन!
धन्य है अंग्रेज़ लोग जिन्होंने बुद्ध को पुनः जीवित कर दिया आज बोध अनुसूचित जाति जनजाति आदिवासी और पिछड़ी जाति के रूप में है इन सभी की रक्षा संविधान ओर बाबा साहेब डा अम्बेडकर जी ने ओर विपश्यना का ज्ञान दिया शाक्य मुनि गोतम बुद्ध ने अतः नकली इतिहास खत्म करो जयभीम नबोबुदधाय
बहुत ज्ञान वर्धक जाणकारी है.स्पष्ट है संस्कृत का जन्म पाली प्राकृत से हुवा है..
pali+videshi bhasha=Sanskrit
Thoda sa bhasha or lipi ka gyan kr lo to samajh aa jayega.. inki knowledge neutral nhi hoti.. thopa jata hai sb inke dwara
Pali se hi Sanskrit bhasa ka janam hua . Isme koi shak nhi hai .
@@sardarpatel8334 itna clear hone se pahle dono ki samajh le lete..
Pali ek simple language hai.. bol chal ki Bhasha
Sanskrit ek complex language hai... Jise elite logo ki bhasa bola jata hai...
To tum thoda ulta bol diye..
Kyuki complex language ko simple krke bol chal me laya ja skta hai...
Sanskrit bhasa ko alag alag lipi me likha gya hai... Jisme ब्राह्मी mukhya hai.... Baad ke kaal me other script ka v prabhav dikhta hai... Or ye har bhasha ke sath hota hai
सर हरियाणा और पंजाब के कुछ इलाकों में आज भी च और रुख शब्दो को प्रयोग होता है आपने जो जानकारी दी उसके लिए धन्यवाद जय भारत जय भीम जय संविधान
भोजपुरी अपने जड़ से जुड़ा हुआ भाषा है अपार हर्ष हो रहा है🙏🙏
गुरुदेव सादर जय भीम नमो बुद्धाय🙏🙏🙏🙏🙏
स्कॉलर / रिचसर्र प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह साहब बाबा भीम रूप धर आये है
अपनी कलम और आवाज़ से जम्मूदीप ( निषाद देश ) का सच्चा इतिहास बताये है
भीम जोहार बुद्ध प्रणाम
Jai bhim
@@arunchaudhary4029 भीम जोहार वन्दे बुद्धाय
Nishad desh farji kahani he bhai jambudweep tha
@@webwithkdr9246 काबिलाई जीवन के समय जो नाग वंशी लोगों के कबीला जहाँ जामुन के पेड़ ज्यादा थे वहां कबीला बनाया वो लोग ही कोलिय/ जामुनीय कहलाये और महान राजा असोक के शिलालेख मे जम्बूद्वीप लिखा मिलता है जो कोलिय लोग है वही तो आजकल निषाद है बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति संस्कृत साहित्य के वेदांगों मे पंचम निषाद, महाकाव्यओं मे निषादराज प्रजाति, तमिल साहित्य द्रविड़ प्रजाति और अंग्रेजी साहित्य मे प्रोटो ऑस्ट्रेलायड और हिंदी साहित्य मे नाग, निषाद, द्रविड़, गोंड, कोल, भील, संथाल और आजकल ओबीसी एस सी, एस टी समय अनुसार अलग अलग हो गये पर है सब एक ही है हाँ जानकारी के आभाव मे लोग जानते नहीं है और जो जानते है वो मानते नहीं और ऊपर से राजनीतिक फायदा के लिए नेता लोग अलग अलग बाँट देते है अब आप जम्बूद्वीप कहो या नाग देश कहो या निषाद देश बात तो एक ही है और हिंदी किताबों मे निषाद देश तो लिखा भी मिल जाता है मुझे जो जानकारी वो लिख दिया बाकी आपकी मर्जी
भीम जोहार वन्दे बुद्धाय
@@webwithkdr9246भाई जी काबिलाई जीवन काल के समय जो नाग वंशियों ने जहाँ पर जामुन के पेड़ ज्यादा थे वहां पर अपने कबीला बनाये और वही नाग वंशी लोग कोलिय / जामुनीय कहलाये जो आजकल निषाद लोग है और राजा असोक के शिलालेख मे इस देश का नाम जम्बूद्वीप लिखवाया जो जामुन पेड़ का प्रतीक है और बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति, तमिल साहित्य मे द्रविड़ प्रजाति,संस्कृत साहित्य के वेदांगों मे पंचम निषाद, महा काव्य रामायण और महाभारत मे निषादराज प्रजाति तथा अंग्रेजी मे प्रोटो ऑस्ट्रेलिय
सर आप महान कार्य करते हुए सत्य एव बुद्ध से परिचित करा रहे है
सर प्रणाम।
आपके द्वारा बताई गई जानकारी अनमोल है।
इसके लिए कोटि-कोटि धन्यावाद।
प्रणाम।
मा.राजेंद्र प्रसाद सिंग सर
सविनय क्रांतिकारक जयभिम
आपणे वैचारिक वारीस बनाये ताकी आनेवाली नसल को ए सात्विक ज्ञान मिलना जरूरी है.
इमानदारी के साथ इतिहास को सबके सामने रखने के लिए कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
इतिहास तो बहुत से इतिहासकारों को पता है पर सच्चाई के साथ कोई सामने नहीं रखता हैं......
बहुत बहुत साधुवाद....सर , प्राकृत लिपी में लिखीगइ शिलालेखकाे हिन्दी में अनुवाद कर अाम लाेगाें काे समझाने का इस महान कार्य के लिए ।
बौद्धलोगको ईतिहाससे पाठ सिकना चाहिए।
Jay Bheem Bharat Ratna
अपने मानवोपयोगी व जीवोपयोगी कार्यों के लिए विश्वविख्यात सम्राट असोक के इस महत्त्वपूर्ण अभिलेख को इतनी आसान भाषा में समझाने एवं इसमें प्रयुक्त शब्दों के विशेष परिचय के लिए आपका बहुत धन्यवाद सर...हमें गर्व है कि हमारी भूमि पर 'असोक महान' ने कभी 'कल्याणकारी राज्य' की स्थापना की थी...👌👌👍🙏🙏🙏
इतनी सुंदरता से विश्लेषण कर के हमें समझाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
माननीय राजेंद्र प्रसाद सिंह साहेब जी
सो प्राउड ऑफ यू ✍️📚🇮🇳💙💪🙏
हम बहुजनो को एक होकर ये हमारा अतीत का इतिहास अभयास में पढाने की रजुआत सरकार से करनी होगी
तभी सभी बहुजन हमारा इतिहास जान सकेंगे और ऐकता भी होगी
जय भीम नमो बुद्धाय 🙏
आपका लिपि आधारित वीडियो अत्यंत ही रोचक एवं ज्ञानवर्धक होता है। इससे हमे अपनी धम्म लिपि को ही समझने का भी अवसर मिलता है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत अच्छा सर. ब्रेन वॉशिंग जाणकारी होती हैं. सत्य इतिहास बताते हैं.
Great science Jay vigyan pakhand mukt Bharat Jay Bheem namo budhay Jay samvidhan Jay bharat
नेपाली मैं भी वृक्षको रुख ही कहा जाता है।
भाषा विज्ञान महान इतिहासकार डॉ राजेंद्र सिंह जी का गहन अध्ययन भाषाओं को समझने में मदद करता है।
सर आपने बहुत सही जानकारी दी है और हमारा ज्ञान बढ़ाया है। आप कलिंग के भी शिलालेख समझायें क्या उसमें सही में युद्ध का वर्णन किया है।
प्रोफेसर सर आपको नमन, इतना अच्छा ज्ञान देने के लिए
बहुत ही बढ़िया और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आभार आपका
सर आपको सादर नमन ।।इस से पूरी तरह से सही साबित हो जाता है कि संस्कृत ,पाली प्राकृत से ही बनी है।।चाहे कोई कुछ भी कहे।।इतिहास को दबाया गया।।तभी तो जब ये शिलालेख मिले तब यहां कोई भी व्यक्ति पढ़ नहीं पाया।।एक विदेशी ने पढ़ कर समझाया यहां का इतिहास।।
वो विदेशी ये ज्ञानी बाबा ही है फोन ईसका है कुछ भी बता सकता है कोन देखता है मुर्ख लोग हमेशा ही अपने को बड़ा ज्ञानी समझते हैं
आपको बहुत बहुत धन्यवाद सर और सम्राट अशोक को भी बहुत बहुत धन्यवाद जय भीम नमो बुध्याय
सर को नमन करते हैं हमें सच्चे इतिहासकार बना रहे हैं जय भीम नमो बुद्धाय 🙏🙏🙏🙏🙏
वीडियो ज्ञानवर्धक रहा
पंजाबी भाषा में सभी के लिए सरबत्त शब्द तथा पेड़ के लिए रुख शब्द का प्रयोग किया जाता है
भाषाओं का कितना परस्पर संबंध , यह देख हैरानी होती है
हमारे सामने पूरा इतिहास मानो खुल जाता है
आपका वीडियो सहेजने लायक है
साधुवाद
हमें आप पर गर्व है।
आप भारत को बुद्धमय बनाने में मील के पत्थर साबित होगें।
डा. नरेश कुमार, सहायक प्रोफेसर
जेपी. यू, छपरा
जी हम भी छपरा से बानी।
हम भाबा, नस्ल और संस्कृति पे विश्लेषण कर रहे।
❤❤❤❤❤ Aap Ko Koti koti Namami
@@vikkiraj3318Aap Sirji ko koti koti Namami Abhinandan
इतिहास को जानकार समझ कर आनंद आ गया।
धन्यावाद
शानदार सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद!! इतनी बड़ी बात इतने सरल अंदाज़ में कोई नहीं बता सकता हैं! आप को बारम्बार साधुवाद!!
Chhatisgarh और haryana में भी रुख कहते है पेड़ को
बहुत सुंदर और ज्ञानवर्धक विवरण। आपका बहुत बहुत आभार।
Aapne महत्वपूर्ण जानकारी दी, बहुत बहुत धन्यावाद, धन्यवाद 😊
Buddhism is realism but Brahmism is mythism.
"History of India is nothing but the battle between Buddhism and Brahmanism.” - Dr. B R Ambedkar
आदरणीय श्री. डॉ.राजेंद्र प्रसाद जी शत शत प्रणाम, जयभीम 😮👏👏🙏🙏
नाइस जानकारी
नाईस तो है साथ पूर्ण सच्चाई भी
Great speech sir
Jai Bheem Namo Buddhay
आदरणीय सर 🎉
जय भीम नमोबुद्धाय,,,❤
इस चैनल को भारत देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाऐ हम सब आप की जिम्मेदारी है शेयर करें लाइक करें दोस्तों ❤❤
सर जी पंजाबी में भी पेड़ को रुख कहते हैं। अपने सुनाया बहुत बहुत धन्यवाद सर आपका।
❤ Dr Rajendra Prasad Ji ko sadhuvaad❤
इतिहास का कवि बनना बड़ा झोखिम का काम होता है और कमाई भी कम होती है...
वीडियो अच्छा लगने पर सर के फॉलोअर्स थैंक्स का निशान कभी-कभी दबाकर Pay करना चाहिए...
सर कहते नहीं है पर हमें समझना चाहिए...
Rajendra sir Jay bhim nmo buddy very good knowledge thanks 🙏🙏
ब्राह्मणवाद की नकली कहानियों को नंगा करने के लिए आपका आभार,
ऐसे ही बहुजनों को जागृत करते रहिए।
यह क्लास मज़ा आ गया सर। बहुत ज्ञान बर्धन हुआ।
संबलपुरी भाषा में 'उदा' का मतलब है 'गिला'।
ओड़िआ भाषा में 'कुप' का मतलब 'कुआँ '
Jaybhim namo budhhay the Great information thanks
सर जी सादर नमन के साथ जय भीम नमो बुध्दाय ।हमारे छत्तीसगढ़ में भी पेड़ - पौधे को रुख ही आम बोलचाल की भाषा में कहा जाता है।
चरण स्पर्श गुरूवर
Very beautiful illustrations of SamratAsoka's unique vision for the welfare of the people. Thanks
जय भीम नमो बुद्धाय हमारी महान राजाओं को ऐसे खुद दिया गया उनके वंशजों को आज गलीी दी जाती है यही ब्राह्मण चौराहे पर गलीी दे देते अरविंद ब्राह्मणों का इतिहास है ही नहीं धरती पर
Namo Buddha sir rajndar prashad Ji aapke anmol gyaan ke liye bahut bahut saduwad sir aap palee bhasha sa hende varnamala ho gaya ❤🎉❤jay bhim 🎉❤🎉jay bharat 😮🎉😮namo Buddha namo Buddha namo Buddha sir Ji 🎉🎉🎉🎉❤🎉 sadhu bade 🎉❤❤❤
अब लोगों को यह आसानी से समझ में आ गया होगा कि पाली और प्राकृत भाषा से ही संस्कृत भाषा का विकास हुआ है।
बहुत ही तार्किक और सटीक विश्लेषण और अन्य भाषाओं का भी उद्भव और विकास किस प्रकार से साथ साथ हुआ कोई भी भाषा शुन्य से पैदा नहीं हुई बल्कि सभी का विकास evolution हुआ है और किसी एक को दूसरे की तुलना में श्रेष्ठ नहीं कह सकते
बहुत बहुत धन्यवाद प्रो साहब 🎉
भारत के वास्तव मे इतिहास के प्रहरी
बहोत बढ़िया पोस्टमार्टम सर जी, बहोत बहोत साधुवाद सर 🙏
बहुत बहुत साधुवाद सर जी, आपकी सुन्दर विश्लेषण से मानव की तीसरी नेत्र खुल रही हैं। इसे शब्दों नहीं कहा जा सकता है।
Dr ragendra prasad sigh ji aap bahut achhi jankari de rahe ho
Jankari Bahot Satik aur Prabhavshali, Lagati. Ek hi Shilalekh me, Har prant me Mili, Dr. Rajendra Prasad Singji ko Jankari hay
Professor i can show only my respects to you.
आदरणीय सर आपको बहुत-बहुत साधुवाद।
आदरणीय महोदय मैं आपसे पुनः विनम्र भाव से आग्रह करता हूं कि आप भारत के गौरवशाली इतिहास को पुनः इन सब प्रमाणों के साथ एक महाग्रंथ के रूप में लिखें और Publish करें।आपकी महान कृपा होगी।
गुरु जी सादर जय भारत,
नमो बुद्धाय,
जय सम्राट अशोक महान
Namo Budhay 🙏
Rajendji Apne ithihas me Jo btaye bhut sraniye hai apka bhut bhut dhnyvad
छत्तीसगढ़ी में आज भी वृक्ष के लिए रुख शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है।
बहुत बहुत धन्यवाद महोदय ❤
Thank you sir jo buddha dhamm ke raste band kar rakhe they . Unako khodkar desh ke logon ke samane rakh rahe hain . Koti koti naman .
आप लोगों ने ध्यान से पढ़ा
बहुत -बहुत धन्यवाद!
धन्यवाद।
🫣🫣🫣🙏🙏
thanks for enlightening us.. professor
Bahut achchha samjhaya hai aapne sir Jay bhim Namo budhay Jay sanvidhan Jay bharat Jay moolnivasi Jay johar
Aap aate Raha karo Sir Aap ko ko Sun dekh kar Bahut Achachha laga Sir Jay Bheem.
I am saluting to prof rajender Singh for his great efforts for disclosing true history of India.
...the thought tree upskilling..T3..for share market learners and digital market learners at GOPALPURA BYPASS JAIPUR RAJASTHAN INDIA DIRECTOR SHRAWAN YADAV.
जयभीम जयसंविधान नमो बुद्धाय
आओ मिलकर सभी प्रबुद्ध भारत बनाय
Rajendra sir ji ka pranam😊 Chhupe hue itihaas ko jagrit karna bahut bahut dhanyvad
Right jai bhim namo buddhay Jai bharat Jai samvidhan Jai mulnivasi Jai rastra Jai vigyan Jai gyan Jai sc st obc samaj
Kalsi Dehradun Ka Abhilekh Maine khud dekha or Chooa Bahut Garv Mahsoos hua 👍 Samrat Ashok Mahan ki jai 🙏🏿 Satya mev Jayate Sir 👍✌️🇮🇳
हमारे यहां भी पेड़ के लिए रुख शब्द का इस्तेमाल करते थे बड़े बुजुर्ग लोग