Puri Jankari Alra Tv par dekhiye sari haqiqat se rubru bi ho jayenge aur zakire kalbi bhi zikr ka ejan lekar ban sakte he ye moulan hame sirf kitabhi byan bata rahe he apko Kamil Jat ka pata chahiye to Alra TV dekhiye
Apko pahchan kar wa ta hon Mohammed rasul ne imam mehde ke leye kaha osko Kabul karo oska nam hai merja gulam ahmed qadyane eas dun ya sa jai to eman wala ban kar jayen salamalikum
Assalamalaikum.Samad Bhai.Allah Taala baba ji k darajat ko buand farmaye Ammen.Hum jaison ko Allah tak ab kon pohnchayega.Ab kya Karun?.please batayen Baji ji se mulaqat unki zindigi main na hone ka gham hamesha rahega.Allah Taala mere Dil ko is gham se nikal de.Kya koi or bhi baba ji ki tarah hamari tarbiyat kare.please rehnumaye farmayen.
سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله
Ye gumrah kr sakte h inhe mt suno Maulana Makki ko search kro you tube p pura padho BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,...,.............,
Ek bar surah baqarah Quran ki tilawat karo uska tarjuma batao kal kal Hazrat tumhara tumhari Hakikat maloom hoti hai shariyat mareefat Haqeeqat ki asliyat tumare and bhakt ku maloom hoga
As slam alekum .Mulla ji mene Ak khwab dekha.usme Ak Saks mout ke krib tah .Us Saks ko fir bhi mout nhi aayi .Or m bhi whi tah fir wha ek lamba aadmi aaya . Us lambe aadmi ke sat wo Saks bhi tah .Jise Ani teh .Fir wo lamba aadmi ko mene dekha to wo molana Tariq Jamil teh .Wo mere pass aaye to m khne lga .Rote hue aaj nhi kl leke Jana B's tbhi ankh khul gyi .Mulla ji .Is khwab ke Kya mayne h ji
Ye gumrah kr sakte h inhe mt suno Maulana Makki ko search kro you tube p pura padho BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,
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hazrat aapne kaha ki hadeeth se sabit karunga aapne ik bhi hadeeth nhi batayi !! badi pareshani hai hadeeth e rasool saw ko manu ya aapki khai baaton ko!!
SUBHAAN ALLAH ALRA TV CHANNEL VERY nice and true video channel hai insanoo ki bhalai ho rahi hai aap k har sawal ka jawab diya jata hai ALLAH ko apnay dil main basain sukriya ALLAH Hafiz ok thanks
ALRA TV CHANNEL VERY nice and true video channel hai insanoo ki bhalai ho rahi hai aap k har sawal ka jawab diya jata hai ALLAH ko apnay dil main basain sukriya ALLAH Hafiz
WhatsApp number - 9871979621
th-cam.com/video/nELMmwEtBS0/w-d-xo.html
Mash Allah 🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Asslamo alakom alla sjbhan otalla aap ke hefazat fermaye aameen sum aameen
Sub haan Allah, Allah apka saya humesha humare uper bnaye rakhe... Aameen
Puri Jankari Alra Tv par dekhiye sari haqiqat se rubru bi ho jayenge aur zakire kalbi bhi zikr ka ejan lekar ban sakte he ye moulan hame sirf kitabhi byan bata rahe he apko Kamil Jat ka pata chahiye to Alra TV dekhiye
@@mohammedshahidalam253 aap dekhiye, alhamdulillah mujhe jo chahiye tha mil gya.
Allah sbko seerat-e-mustaqeem pr chalaye.
Peer sahb ap se bht Koch sekhny ka mila peer sab apna nmbr den
Apko pahchan kar wa ta hon Mohammed rasul ne imam mehde ke leye kaha osko Kabul karo oska nam hai merja gulam ahmed qadyane eas dun ya sa jai to eman wala ban kar jayen salamalikum
Mashallah g
Subhaan Allah baba jaan
Allaah paak Aap ko or Amma ko
Sehate kamil ataa farmay.. Aameen ya Rabbul Aalameen.
Assalamalaikum.Samad Bhai.Allah Taala baba ji k darajat ko buand farmaye Ammen.Hum jaison ko Allah tak ab kon pohnchayega.Ab kya Karun?.please batayen Baji ji se mulaqat unki zindigi main na hone ka gham hamesha rahega.Allah Taala mere Dil ko is gham se nikal de.Kya koi or bhi baba ji ki tarah hamari tarbiyat kare.please rehnumaye farmayen.
Abdussamad Sahb kya aap baba ji ke khaleefa hai agar Ha tow Apna contact no dijiye, mera No. 8878780111
@@minecraftwithhunaina9546 Ap Agar India Se Hai Tu Ek Saheb Hai Unke Pass Bhi Ilam Buhat hai
Ameen
SUBHANALLAH
Mashallah intne saaf or mesal ke zarye samjhare alhumdulillah
Allah app ko salamat rakhe
Hazrat kafi acha bayan kiye👍❤️
سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله سبحان الله
Subhanallah Allah aapko salamat rakhe 👍🙏
masha allah ❤❤❤❤❤❤
Aasalam walaikum wa rehamtullahi wa barakata.. Mashallah ..
Mashaallah sahe kaha apne
Itni lambi dadhi kahan say laya.Qainchi nahi mili kia
Mashaallah hazarat kya bayaan
Ye gumrah kr sakte h inhe mt suno
Maulana Makki ko search kro you tube p pura padho
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
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Ek bar surah baqarah Quran ki tilawat karo uska tarjuma batao kal kal Hazrat tumhara tumhari Hakikat maloom hoti hai shariyat mareefat Haqeeqat ki asliyat tumare and bhakt ku maloom hoga
Mera nam dainsh he aap mereliye duwa karda ma etijar karuga
Nice
Subhaan allaah.
Apki kitaboh ku video mieh tabdil kariyeh takeh hamesha loag sunsakeh.
masha allah ❤❤❤❤❤❤
Alhamdulilahi rabbil alamin forever
Hazrat apka adress at mobal nambar . dijiyega.
9871979621
Koyi to a bayanath waala silsila continue kijiye
9871979631
Asalmalikam saheb ji
Walekum asslaam
As slam alekum .Mulla ji mene Ak khwab dekha.usme Ak Saks mout ke krib tah .Us Saks ko fir bhi mout nhi aayi .Or m bhi whi tah fir wha ek lamba aadmi aaya . Us lambe aadmi ke sat wo Saks bhi tah .Jise Ani teh .Fir wo lamba aadmi ko mene dekha to wo molana Tariq Jamil teh .Wo mere pass aaye to m khne lga .Rote hue aaj nhi kl leke Jana B's tbhi ankh khul gyi .Mulla ji .Is khwab ke Kya mayne h ji
Inshallah aapka imaan pr hi khatma hoga
@@abdurraufsajjadanashin AAMEEN
karachi pakistan
Mashallah Subhanallah👌🏻👌🏻🌹🌹
धन्यवाद जी, हकिकत प्राप्त कर्ने के उपाय तरिकत है कि नही?तव फिर सरियत क्यों?
Assalamu alaikumu wa rahmatullahi wa barqatuhu dada jaan
SubhanAllah
Maa Shaa Allah Hazrath ji
Ye gumrah kr sakte h inhe mt suno
Maulana Makki ko search kro you tube p pura padho
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey
Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH
so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,
Dfaa ho ja Allah ke bando ki shan sirf Allah janta hai tu nahi
و عليكم السلام ورحمة الله وبركاته
Mn peer pathan kawja sha sulman tunsvi k shahr se hon jis urs mubrk 5 safr ko hy
whats App number?
9871979621
Suhbhan Allha Allha aap ka saya hum par banaye rahkhe 🌹🌹🌹🌹🌹
Walekum assalam wa Rahmatullah wa barakatohu
Mash'a Allah, Hazrat marfat akhri manzil hai yaa Haqeeqat
السلام علیکم
Slamo alye kum hazrat kheriyat se hai aap mujhe yeh puchana tha ke umar pur kha par hai konse zile me hai
Peer sab ap se bat krny ko bht dil chahta hy apna nmbr do
Sab bakwas h kisi hadees se ye sab beaten sabit h Kiya ?
Wa Alaikum asslam
Waalaikum assalaam
Kafi dinon k bad video aplod ki hy
Mashalla
Ye gumrah kr sakte h inhe mt suno
Maulana Makki ko search kro you tube p pura padho
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
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so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,.........,..,.........
walykumas salam jaan baba
Nice discussion
Zubaan Taalu se laga kar sab kaam karna hai
Masha_ Allah
Mashallah
Abba tum gayab ho
Subhaan Allaah
Hazrat kya shariyat ke beghair marfat ho sakti hai? Mera manna hai shariyat marfat ki kunzi hai
Nhi
Hargiz bhi nahi. Agar koi shariyat ke bina marifat ka bole samjho wo jhoota hai.
@@haksknowledge1464 ye 4 stages hai keh sakte hai steps hai 1.shariyat 2.tareekhat 3.haqeeqat 4.marifat aap bina pehle sidhi chadhe aage nhi jaasakte
Bhai maine bhi wohi bola 4stage ka hona zaroori hai. Bagair shariyat ke 3 stage nahi chad sakte...
@@haksknowledge1464 to maine kab kaha k aapne nahi kaha😂
Bismillah to Sikh Lo pahle 🤣😂 galat galat jankari dete Ho dusron ko sharm karo 😡
Jay gurudev
Zikr Karo tumhe sabkuch dikhega Jo aam insan Dekh Nahi sakta
Jo ilm ap ko nehi hai mat bola karo haqiqat quran hai shariyat hadees hai tarikat khud banao marifat allah rasool ke mohabbat hai
Tu jabe tujhe illm nhi h beta
hazrat aapne kaha ki hadeeth se sabit karunga aapne ik bhi hadeeth nhi batayi !!
badi pareshani hai hadeeth e rasool saw ko manu ya aapki khai baaton ko!!
ما شاء الله
SUBHAAN ALLAH ALRA TV CHANNEL VERY nice and true video channel hai insanoo ki bhalai ho rahi hai aap k har sawal ka jawab diya jata hai ALLAH ko apnay dil main basain sukriya ALLAH Hafiz ok thanks
ALRA TV CHANNEL VERY nice and true video channel hai insanoo ki bhalai ho rahi hai aap k har sawal ka jawab diya jata hai ALLAH ko apnay dil main basain sukriya ALLAH Hafiz
Molvion se bachoo auron ko bachao