सिर ढकने का कारण आध्यात्मिक भी है। क्योंकि जब हम आँखे बंद कर दशवें द्वार पर ध्यान लगाते हुए शब्द नाम का सिमरन करते हैं तो रूह पैरों से सिमटती हुई, हमारे मष्तिष्क तक जाती है। सिर ढके रहने के कारण उस धुर शब्द का सत्कार करते हुए उसको मन मष्तिष्क में समा जाने का अवसर प्राप्त होता है। अन्यथा ऐसा अनुभव होता है कि उस परमात्मा की धुन सिर से बाहर चली गई। इसलिए भी जब हम गुरुद्वारा साहिब में सिर ढक कर शब्द नाम को सुनते हैं और पढ़ते/जपते हैं तो हमारी एकाग्रता बनी रहती है और हम उसको ग्रहण कर पाते हैं। वाहेगुरू जी का ख़ालसा। वाहेगुरू जी की फ़तह ।।
आप ने बहुत अच्छी तरह सिर क्यों ढकना चाहिए श्री गुरु घर जाते समय। मैं कोई बहुत बडा भाषा का जानकर हूँ पर मेरा 55 साल से पढने और पढाने से नाता है। जब हमारे यहाँ किसी बडे बज़ुर्ग की मृत्यु होती है तो उस के सच्चे वारिस को पगड़ी की रस्म से सम्मानित किया जाता है समाज के सन्मुख इसके पीछे का भाव भी यही दर्शाता है हम भी उस परमात्मा की सन्तान है और उसके सच्चे वारिस है और जिसने हमें पैदा किया है उस के घर हम बिना सिर ढके कैसे जा सकते हैं। श्री वाहेगुरु जी सबको ऐही सच्ची मत बक्शे।श्री वाहेगुरु जी का खालसा श्री वाहेगुरु जी की फतह फतह।
Purane zamane mein sir Dhaka rahna iss baat ka prateek Hota tha ki iss insaan ke upar pita ya Pati ka asra hai. Hum sabhi ko guru Maharaj ki yah sikhya hai ki hum sab par uss ek rab khudaa ka asra hai isliye Hume sir dhakna chahiye
Satnam Shri Waheguru jioji Datiya jioji Tera lakh lakh shukar jioji. Bahut hi piare lovable bete jioji Sat Sari Akaal jioji jug jug 🙏🙏🙏 jioji very useful information jioji. With great 👍 regards prayers 🙏, God's Blessings and best wishes jioji,ek bajhuragh maa
This is respect of head because head is the highest house of god Allah 🕋 bhagwan and guru s good deeds saved in head as their faith covering head give usa symbol of discipline life 💖 veerji carry on good preaching gur rakha 🙏 fateh
Waheguru ji 🙏 Why to cover heads while going to Gurudwara Sahib 1 Dress code Niyam 2 Respect 3 other communities also follow this.Its like a crown 4.cleanliness hygiene 5.Rehetnama part 🙏🙏🙏🙏🙏
Veerji jab koi b gurudwara sahib darshan bhaav se jaata hei waheguru ji usko 2/4 ......Aap usse aashirvaad dene aate hei.... Yeh schaee hei.... Sarr dhakna guru ghar ki apni maryaada hei... Jo b gurudwaara sahab aata he uska apna gurughar he... Kush matyaadaa he....
Ek Onkaar satnaam! यजुर्वेद में सिर ढकना सुख में वृद्धि कारक बताया गया है (इस विषय पर यजुर्वेद में मंत्र संख्या भी प्रस्तुत कर सकते हैं जी) / Note:- स्पष्ट है, " यह तन विष की बेल है, गुरु अमृत की खान, शीश दिया जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान"! धन धन श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी महाराज!
Kuchh logo ki Aatma batkati h jese koi accident me mr gya ya kisi ne mar diya Gurbani Sukmani sahib ki 10 Astpadi me guru maharaj ne likha h Kai kot bhoot pret suker mirgach
महाशय आपको सादर नमस्कार, विनम्रता हे एक आशंका है की, कशोंके विषयमें बहूत विस्तारीत जानकारी तो मिल गयी है? पर दाढी/ श्मश्रू वर्धन के विषय में तथा श्मश्रू कर्म और श्मश्रू आच्छादन विषयक मी अधिक विस्ताराने सप्रमाण जानकारी देने की मी कृपा करेल | धन्यवाद और नमस्कार | अ.कृ.नाईक. 😊
सर, मुझे एक बात बताए, गुरु मनियो ग्रंथ, मंदिर में सर ढकना जरूरी नहीं है, पर क्या आप ग्रंथ साहेब या कोई और पुस्तक जो गुरुजी का आदेश हो सर ढकेने का तो प्लीज बताइए। एक बात और बताइए यह तर्क हो सकता पर आदेश कहा हैं। सिख तो दासम गुरु से पहले भी है पर गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की जिसमे सिख खालसा को पग और पांच क का आदेश है। पर जो सिख खालसा न हो और जिनको मौन या पंजाबी में मोना कह देते हैं क्या वह बिना पंग क्या उसी गुरुद्वारे में बिना पग या हिन्दू जो अपने बच्चे पहले बच्चे को सिख बनता है वह किया बिना पग नहीं जा सकता। दूसरा क्या यह पग वाली बात राजनीति के वजह से तो नहीं। वरना यह दो बातें हो गई की गुरुद्वारा सबके लिए खुला है पर आने से पहले पग पहना होगा और वह आदमी जो सिखी में उदरण के लिए अपनी धार्मिक आस्था नहीं छोड़ना चाहता यह उसके साथ परन्तु वह आदर के साथ अंदर नहीं आ सकता। दूसरा प प्रश्न गुरुद्वारे में रोटी दोनों हाथ फैला कर और ऊपर से क्यों दी जाती है क्या कोई सही में भूखा हो सनातनी न हो क्या उसके लिए यह बात ठीक होगी, क्या आप किसी और धर्म में किसी मजबूरी वश या मन से जाए और रोटी दोनों हाथ ऊपर करो फिर ऊपर से मिलेगी क्या यह उसके मान के लिए ठीक है, अगर ऐसा ठीक है तो घर में मा या बहन बेटी क्या ऐसे रोटी थाली में देती है या ऊपर से। क्या इसका कोई धार्मिक पुस्तक में जिकर है, या यह रजनिकिक सोच का नतीजा है। क्योंकि अगर आप की किसी धार्मिक संघठन के विचार को गुरु जी का विचार नहीं कह सकते। तीसरा क्या लंगर लगाना किसी भी स्थान पर जहां गुरुजी का कोई समारोह या उपसना नहीं की गई है वह लगाया जा सकता जैसा अभी दिल्ली में पिज़्ज़ा मलिस इत्यादि का किया गया। चोथा प्रसंन गुरु गोविंद सिंह जी की एक धार्मिक पुस्तक है अपने पड़ी होगी विचित्र नाटक उसमे गुरुजी के परिवार का संबंध लव कुश यानि श्री राम जी के कुल से है उनका चंडी दा वार और नैना देवी जी मै आस्था, बंदा बहादुर जी जैसे राजपूत समाज के वीर को अपना तीर धनुष देना और आदेश देना पंज प्यारों को जो हिन्दू है। फिर भी गुरु गोविंद सिंह जी और उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी का हिन्दू धर्म सनातन धर्म के लिए जान देना, फिर भी आज जो सिख के बयान हिन्दू धर्म के खिलाफ आते हैं। उस नफरत की क्या वजह है। और लंगर को लेे कर किसान आंदोलन के दौरान कितना हिन्दू को अपमानित किया गया कि यह हिन्दू से पूछते हैं लंगर खिला कर ये अच्छा है कि सरकार इस नफरत की वजह बताए। तकी हिन्दू सुधार कर सके। या अगर वह सिख के नाम पर गलत करते हैं तो कितनो पर सिख धरम से बाहर किया गया उस पर बताए। कृपा जो प्रसं पूछे गए हैं उनका उत्तर धार्मिक ग्रंथ से दे यह तर्क ऐसा सिर ढकना मुस्लिम समाज में है ईसाई मै है फालना मै है इसे न बताए, यह तर्क विहीन है, गुरु मन्यो ग्रथ। अगर ऐसा ही मानना है दूसरे धर्म की बात तो खतना भी क्या जा सकता है फिर झटका मीट क्यों हलाल क्यों नहीं। क्योंकि झटके का आदेश है इस लिए। सर ढकने, रोटी ऊपर से देने का कोई आदेश है तो कृपा होगी बताए। और हिन्दू ग्रणा का कारण हो सके तो। पर न मैने मर्यादा तोड़ी है बात चीत की ना आप तोड़ेंगे। प्रश्न का जवाब उत्तर से प्रश्न से ना हो तो ज्यादा अच्छा। जय श्री राम, जो बोले सो निहाल सत श्री काल।
में सिक्ख तो नहीं हूं लेकिन, सिक्ख धर्म से बहुत प्रभावित हुआ हूं जब गुरुवाणी सुनता हूं या कभी गुरुद्वारा जाता हूं तो बढ़ा सुकून मिलता है
सिर ढकने का कारण आध्यात्मिक भी है। क्योंकि जब हम आँखे बंद कर दशवें द्वार पर ध्यान लगाते हुए शब्द नाम का सिमरन करते हैं तो रूह पैरों से सिमटती हुई, हमारे मष्तिष्क तक जाती है। सिर ढके रहने के कारण उस धुर शब्द का सत्कार करते हुए उसको मन मष्तिष्क में समा जाने का अवसर प्राप्त होता है। अन्यथा ऐसा अनुभव होता है कि उस परमात्मा की धुन सिर से बाहर चली गई। इसलिए भी जब हम गुरुद्वारा साहिब में सिर ढक कर शब्द नाम को सुनते हैं और पढ़ते/जपते हैं तो हमारी एकाग्रता बनी रहती है और हम उसको ग्रहण कर पाते हैं।
वाहेगुरू जी का ख़ालसा।
वाहेगुरू जी की फ़तह ।।
ਵਾਹ! ਹਰਭਜਨ ਕੌਰ ਜੀ!! ✓✓✓✓✓
This is true
wow gajab ....
What a load of bakwaas and Sikhi propaganda.
आप ने बहुत अच्छी तरह सिर क्यों ढकना चाहिए श्री गुरु घर जाते समय। मैं कोई बहुत बडा भाषा का जानकर हूँ पर मेरा 55 साल से पढने और पढाने से नाता है। जब हमारे यहाँ किसी बडे बज़ुर्ग की मृत्यु होती है तो उस के सच्चे वारिस को पगड़ी की रस्म से सम्मानित किया जाता है समाज के सन्मुख इसके पीछे का भाव भी यही दर्शाता है हम भी उस परमात्मा की सन्तान है और उसके सच्चे वारिस है और जिसने हमें पैदा किया है उस के घर हम बिना सिर ढके कैसे जा सकते हैं। श्री वाहेगुरु जी सबको ऐही सच्ची मत बक्शे।श्री वाहेगुरु जी का खालसा श्री वाहेगुरु जी की फतह फतह।
Very good information, thanks.
बहुत अचछे तरीके से समझा रहे है
भाई सहिब
धन्यवाद
Bhai ek chiz dso rab ne tan koi rule ne bnaya.....bnaya tn apa sab kuch
@@jagbhajan1000 yes nothing to do with God, self made rules . God do not bother for these
गुरुद्वारे मै जाते ही गुरु की हजुरी विच आजाते है हुआ पर गुरुजी से बड़ा कोई नहीं है इस लिए सर को डक कर मन को नीबा करते हैं यह मन नीवा करने की बिधि है
Satnaam shri waheguru ji maharaj
सतनाम श्री वाहेगुरु जी 1 🙏🌹
Satnaam Shree waheguru ji🙏🌺🌺🌹🙏 bahut hi sundar video hai 👌👌👌👌🌼🌸🌸
Purane zamane mein sir Dhaka rahna iss baat ka prateek Hota tha ki iss insaan ke upar pita ya Pati ka asra hai.
Hum sabhi ko guru Maharaj ki yah sikhya hai ki hum sab par uss ek rab khudaa ka asra hai isliye Hume sir dhakna chahiye
Very nice waheguru ji
Tusi Bahut Bahut he vadhia tarike nal sajmjady hoji
Satnam Shri Waheguru jioji Datiya jioji Tera lakh lakh shukar jioji. Bahut hi piare lovable bete jioji Sat Sari Akaal jioji jug jug 🙏🙏🙏 jioji very useful information jioji. With great 👍 regards prayers 🙏, God's Blessings and best wishes jioji,ek bajhuragh maa
Waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji
Bahut acha laga ap ki ye bate sun kar ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Dhan Shri Guru Nanak Dev ji🙏 Yes i I agree👍 with you
👍🙏🙏😊thanks
ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਜਾਨਕਾਰੀ ਮੂਹਾਇਆ ਕਰਵਾਈ ਗਈ ਹੈ।
Dhan dhan Guru Nanak Dev Ji
This is respect of head because head is the highest house of god Allah 🕋 bhagwan and guru s good deeds saved in head as their faith covering head give usa symbol of discipline life 💖 veerji carry on good preaching gur rakha 🙏 fateh
Thanks veer ji jankari dene ke liye 🙏👍🌹🌹
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਸਤਿਨਾਮ ਜੀ 🙏🙏🙏🙏🙏
BOHT VDIIIAAA VEEER JI.....❤❤❤❤
Dhan-2 Guru pita jeeo sab te mehar keri mere malka🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut sundar msg Diya hai 🙏🏼🙏🏼
Waheguru ji 🙏
Why to cover heads while going to Gurudwara Sahib
1 Dress code Niyam
2 Respect
3 other communities also follow this.Its like a crown
4.cleanliness hygiene
5.Rehetnama part 🙏🙏🙏🙏🙏
All self imposed man made rules, nothing to do with God.
शुक्रिया आपका ,
ਧੰਨਵਾਦ ਜੀ।
Paaji muje Sikh dharma apanna hai kripya meri help kijiyega please
Thank you
God bless you. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Satnam waheguru ji🙏🙏🙏
Mera waheguru ji subto wade hai
अति सुंदर🙏❤
Thanks you sir 🙏 💐❤️
Bhai ji gurudwara sahib me kachera pehen ke ja sakde he?
Very nicely explained 🙏
Dhan Dhan Shri Guru Granth Sahib Ji 🤗💛🧡💛🤗
Shri Satnam Shri Vahe Guru Sahib Ji Maharaj
THAX for narrating informative and important issue.
Bhai Sahib ji sat shiri akal ji thanks for your teachings
Baba veer ji ka Khalsa waheguru Ji ki fathe
Veerji jab koi b gurudwara sahib darshan bhaav se jaata hei waheguru ji usko 2/4 ......Aap usse aashirvaad dene aate hei.... Yeh schaee hei.... Sarr dhakna guru ghar ki apni maryaada hei... Jo b gurudwaara sahab aata he uska apna gurughar he... Kush matyaadaa he....
सत श्री अकाल वीर जी 🙏
ਏਕ ਪੁਰਾਣੀ ਕਹਾਵਤ ਹੈ, ਕਿ **((ਸਿਰੋਂ ਨੰਗੀ ))** ਹੋਣਾ।
ਭਾਵ ਜਿਸ ਇਸਤਰੀ ਦਾ ਮਾਲਕ (ਖਸਮ) ਨਹੀ, ਜਾ ਮਰ ਚੁਕਾ ਹੈ। ਉਹ (ਨਿ+ਖਸਮੀ) ਹੁੰਦੇ, ਭਾਵ ਉਸ ਦੇ ਸਿਰ ਤੇ ਉਸਦਾ ਖਸਮ ਨਹੀ। ਉਹ ਫਿਰ ਆਜਾਦ ਫਿਰਦੀ ਹੈ।
Very good
Waheguru ji shabda Pala kari
Waheguru Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak Dhan.Guru.Nanak
Bahut wadhya tarike nal samjaya
Bahut badia samjhaya
Satnaam Shri Waheguru Ji
❤❤ dhan gurunanak dev ji sache badshah mahra kro ❤❤❤❤❤
Wahaguru ji wahaguru ji ka khalsa waheguru ji ki Fateh ❤️🌹🌹🌹🌹
Waheguru ji ka khalsa waheguru ji ki Fateh 🙏
Waheguru ji mehr krn good
Waheguru ji ka khalsa wahe guru ji ki fateh ❤
Jai sachidanand ji
Satnam waheguru ji bahut badhiya samjhaya 👍👍🙏🙏
Jay Guru Dev
Sahi bat hai a nice video
Ek Onkaar satnaam!
यजुर्वेद में सिर ढकना सुख में वृद्धि कारक बताया गया है (इस विषय पर यजुर्वेद में मंत्र संख्या भी प्रस्तुत कर सकते हैं जी) /
Note:- स्पष्ट है, " यह तन विष की बेल है, गुरु अमृत की खान, शीश दिया जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान"!
धन धन श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी महाराज!
Satnam waheguru ji
Waheguru 🙏🙏
Jay ho sat shree akal🙏🙏
Satnam Shri waheguru sahib ji jo bhi comments padh rha hai waheguru khushiya bakshe 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਇਕ ਡੇਰਾ ਹੈ ਜਿਥੇ ਕਾਨੁੰਨ ਹੈ ਜੁਤੀਆਂ ਪਾ ਕੇ ਖਾਣਾ ਲੰਗਰ ਖਾਦੀ ਹੈ ਸੰਗਤ
Dhan guru nanak 🙏🙏🙏
Satnam shri waheguru ji kl jay
यदि सिख धर्म दुनिया में खूब फैल जाय तो कोई भूखा-प्यासा न सो्वे
Satnam SRI waheguru
Waheguru ji
Satnam Siri waheguru saheb ji o Meher Karna sab te ji waheguru ji 🙏
Sat shri Akal Waheguru sahib ji
Guru Granth Sahib ka mukhi davta kon sa h
Bhaiya Ji, kirpan
Sukriya Veer ji 🙏🙏🙏
🙏🙏sat sri akal ji maini pucha tha ki arora sarder hai ki nahi but reply nahi deya plz comment box mi dena from siliguri(darjeeling)
Jai siyaram
Waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji waheguru ji 🙏🙏🙏🙏🙏
Updesh me gair sikh ke liye sir dhakne ka niyam kaha likha hai
निशान साहेब जी के बारे में बताए
Satnam sri Waheguru ji
Sir savi dhakte h kable girls ya boys nai
Waheguru jii ja khalsa 🙏
Waheguru jii ki fateh 🙏
Sir pls pure japuji sahib ki veyakheya ki vidoe bnaye ,ek ja do paudi ki har Roj ,
Aap gyani sahib singh shahbaad markanda walon, ka youTube channel me vyakhya sun sakte ho
Satnam Shri waheguru ji
Moreover it's preserving your crown chakra, dasam dwar.
Finally something logical
@@coffeedential what about rishies those never covered there head but still found siddhis
Waheguru.ji🙏🙏
WaheGuru ji ❤️🙏
Bhoot pret k bare me btae kya ye sach hai logo me jo hwa ati h wo khelte hai wo kyu hota hai 🙏 gurusahib is bare me kya khte h
Kya ye sach hota hai ki koi ja chuka h fir bhi kisi me aker wo bolte h kuch dimand rkhte h
आप यह Video देख सकते हैं th-cam.com/video/W2YJsQzDRLs/w-d-xo.html
Kuchh logo ki Aatma batkati h jese koi accident me mr gya ya kisi ne mar diya Gurbani Sukmani sahib ki 10 Astpadi me guru maharaj ne likha h Kai kot bhoot pret suker mirgach
Veer ji kay mass khana pap hai is per ek video banaoo
2nd point is perfect
Waheguru
महाशय आपको सादर नमस्कार,
विनम्रता हे एक आशंका है की, कशोंके विषयमें बहूत विस्तारीत जानकारी तो मिल गयी है? पर दाढी/ श्मश्रू वर्धन के विषय में तथा श्मश्रू कर्म और श्मश्रू आच्छादन विषयक मी अधिक विस्ताराने सप्रमाण जानकारी देने की मी कृपा करेल |
धन्यवाद और नमस्कार |
अ.कृ.नाईक. 😊
Dhan Dhan guru Ram das gi mehar karo sab te
Waheguru ji baba mehar kro 😭🙏
🌹🌹🌹🙏🙏🙏👏👏👏❤️❤️❤️ Sat Naam Sri Waheguru Sahib Ji 🌹🌹🌹🙏🙏🙏👏👏👏❤️❤️❤️
Thanks 🌹🌹🙏🙏
Waheguru ji🙏🏻🌹
सर, मुझे एक बात बताए, गुरु मनियो ग्रंथ, मंदिर में सर ढकना जरूरी नहीं है, पर क्या आप ग्रंथ साहेब या कोई और पुस्तक जो गुरुजी का आदेश हो सर ढकेने का तो प्लीज बताइए। एक बात और बताइए यह तर्क हो सकता पर आदेश कहा हैं। सिख तो दासम गुरु से पहले भी है पर गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की जिसमे सिख खालसा को पग और पांच क का आदेश है। पर जो सिख खालसा न हो और जिनको मौन या पंजाबी में मोना कह देते हैं क्या वह बिना पंग क्या उसी गुरुद्वारे में बिना पग या हिन्दू जो अपने बच्चे पहले बच्चे को सिख बनता है वह किया बिना पग नहीं जा सकता।
दूसरा क्या यह पग वाली बात राजनीति के वजह से तो नहीं। वरना यह दो बातें हो गई की गुरुद्वारा सबके लिए खुला है पर आने से पहले पग पहना होगा और वह आदमी जो सिखी में उदरण के लिए अपनी धार्मिक आस्था नहीं छोड़ना चाहता यह उसके साथ परन्तु वह आदर के साथ अंदर नहीं आ सकता।
दूसरा प प्रश्न गुरुद्वारे में रोटी दोनों हाथ फैला कर और ऊपर से क्यों दी जाती है क्या कोई सही में भूखा हो सनातनी न हो क्या उसके लिए यह बात ठीक होगी, क्या आप किसी और धर्म में किसी मजबूरी वश या मन से जाए और रोटी दोनों हाथ ऊपर करो फिर ऊपर से मिलेगी क्या यह उसके मान के लिए ठीक है, अगर ऐसा ठीक है तो घर में मा या बहन बेटी क्या ऐसे रोटी थाली में देती है या ऊपर से। क्या इसका कोई धार्मिक पुस्तक में जिकर है, या यह रजनिकिक सोच का नतीजा है। क्योंकि अगर आप की किसी धार्मिक संघठन के विचार को गुरु जी का विचार नहीं कह सकते।
तीसरा क्या लंगर लगाना किसी भी स्थान पर जहां गुरुजी का कोई समारोह या उपसना नहीं की गई है वह लगाया जा सकता जैसा अभी दिल्ली में पिज़्ज़ा मलिस इत्यादि का किया गया।
चोथा प्रसंन गुरु गोविंद सिंह जी की एक धार्मिक पुस्तक है अपने पड़ी होगी विचित्र नाटक उसमे गुरुजी के परिवार का संबंध लव कुश यानि श्री राम जी के कुल से है उनका चंडी दा वार और नैना देवी जी मै आस्था, बंदा बहादुर जी जैसे राजपूत समाज के वीर को अपना तीर धनुष देना और आदेश देना पंज प्यारों को जो हिन्दू है। फिर भी गुरु गोविंद सिंह जी और उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी का हिन्दू धर्म सनातन धर्म के लिए जान देना, फिर भी आज जो सिख के बयान हिन्दू धर्म के खिलाफ आते हैं। उस नफरत की क्या वजह है।
और लंगर को लेे कर किसान आंदोलन के दौरान कितना हिन्दू को अपमानित किया गया कि यह हिन्दू से पूछते हैं लंगर खिला कर ये अच्छा है कि सरकार इस नफरत की वजह बताए। तकी हिन्दू सुधार कर सके। या अगर वह सिख के नाम पर गलत करते हैं तो कितनो पर सिख धरम से बाहर किया गया उस पर बताए। कृपा जो प्रसं पूछे गए हैं उनका उत्तर धार्मिक ग्रंथ से दे यह तर्क ऐसा सिर ढकना मुस्लिम समाज में है ईसाई मै है फालना मै है इसे न बताए, यह तर्क विहीन है, गुरु मन्यो ग्रथ। अगर ऐसा ही मानना है दूसरे धर्म की बात तो खतना भी क्या जा सकता है फिर झटका मीट क्यों हलाल क्यों नहीं। क्योंकि झटके का आदेश है इस लिए। सर ढकने, रोटी ऊपर से देने का कोई आदेश है तो कृपा होगी बताए। और हिन्दू ग्रणा का कारण हो सके तो। पर न मैने मर्यादा तोड़ी है बात चीत की ना आप तोड़ेंगे। प्रश्न का जवाब उत्तर से प्रश्न से ना हो तो ज्यादा अच्छा। जय श्री राम, जो बोले सो निहाल सत श्री काल।
Sir yeh bhi btayiye ki aarti 'gagan mein thaal' din ke kisi bhi time suni jaa skti hai yaa sirf shaam ko.?
Kisi Bhi Samay Suni Ja Sakti Hai, Waheguru ji
@@UpdeshSriGuruGranthSahibJi thanku btane ke liye