अद्धभुत पांडव नृत्य II चड़ी गांव खिर्सू II वर्षो की परम्परा आज भी जिन्दा है II

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  • เผยแพร่เมื่อ 17 ก.ย. 2024
  • उत्तराखंड अपने प्राचीन मंदिरों के साथ ही यहां पर मनाए जाने वाले लोक त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है, हर एक त्योहार की अपनी अलग-अलग मान्यताएं होती हैं, ऐसा ही एक त्योहार है जिसमें गाँव के लोग पांडव नृत्य करते हैं।
    हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड जिसे लोग देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, अपनी अलौकिक खूबसरती, प्राचीन मंदिर और अपनी संस्कृति के लिए विश्वविख्यात है। यहां की लोक कलाएं और लोक संगीत बरसों से भारत की प्राचीन कथाओ का बखान करती आ रही हैं।
    ऐसी ही एक प्राचीन परंपरा है पांडव नृत्य जो की देवभूमि उत्तराखंड का पारम्परिक लोक नृत्य है। उत्तराखंड में पांडव नृत्य पूरे एक माह का आयोजन होता है। गढ़वाल क्षेत्र में नवंम्बर और दिसंबर के समय खेती का काम पूरा हो चुका होता है और गांव वाले इस खाली समय में पाण्डव नृत्य के आयोजन के लिए बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाते हैं।
    मान्यता है कि पाण्डव गण अपने अवतरण काल में यहाँ वनवास, अज्ञातवास, शिव जी की खोज में और अन्त में स्वर्ग की यात्रा के समय आये थे। महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों ने अपने विध्वंसकारी अस्त्र और शस्त्रों को उत्तराखंड के लोगों को ही सौंप दिया था और उसके बाद वे स्वर्ग की खोज के लिए निकल पड़े थे, इसलिए अभी भी यहाँ के अनेक गांवों में उनके अस्त्र- शस्त्रों की पूजा होती है और पाण्डव लीला का आयोजन होता है।
    इस भव्य और वृहद आयोजन के दौरान गढ़वाल में भौगोलिक दृष्टि से दूर दूर रहने वाली पहाड़ की बहू- बेटियां अपने मायके आती हैं, जिससे उनको वहां के लोगों को अपना सुख दुःख बताने का अवसर मिल जाता है, अर्थात् पाण्डव नृत्य पहाड़वासियों से एक गहरा संबध भी रखता है। पाण्डव नृत्य के आयोजन में सबसे ग्रामीणों द्वारा पंचायत बुलाकर आयोजन की रूपरेखा तैयार की जाती है। सभी गाँव वाले तय की गई तिथि के दिन पाण्डव चौक में एकत्र होते हैं।
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ความคิดเห็น • 37

  • @satishthapliyal3090
    @satishthapliyal3090 5 วันที่ผ่านมา +1

    जोगी जी ,आपके इस ब्लॉग के माध्यम से एक संदेश उन तथाकथित पांडवों को जरूर मिलना चाहिए जो दारू पी के पांडव निर्त्य के बहाने सिर्फ घपरोल ही करते हैं।
    ये है हमारी संस्कृति।ये है गढ़वाल का पाण्डव नृत्य ।
    आपका धन्यवाद इस प्रस्तुति के लिए। जिस तरह से आप यत्र तत्र भरमण करके लोक कला और संस्कृति को हम लोगों तक पहुंचाते हैं वो सराहनीय है।
    आपने अपनी इसी मेहनत के परिणाम स्वरूप अपनी युटुबर बिरादरी में अलग पहचान बनाने में सफलता प्राप्त की है। आपको शुभकामनाएं।
    नागराज भगवान और महादेव का आशीर्वाद आपके साथ सदैव बना रहे।

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  5 วันที่ผ่านมา +1

      आपके प्रेरणादायक शब्दों और सपोर्ट के लिए आपका आभार 🙏🙏🙏

  • @bikramsinghaswal3671
    @bikramsinghaswal3671 3 วันที่ผ่านมา +1

    Nice 👌

  • @footballtalk264
    @footballtalk264 4 วันที่ผ่านมา +1

    ❤❤

  • @mukeshkhanduri2580
    @mukeshkhanduri2580 3 วันที่ผ่านมา +1

    Bahut sundar pandav nirtya,,, aaj or kal pandav nirtya village srikot khandah main bhi chal raha hai👌👌

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  2 วันที่ผ่านมา

      धन्यवाद आपका 🙏🙏🙏

  • @jaswantsinghbisht9369
    @jaswantsinghbisht9369 4 วันที่ผ่านมา +2

    यही सही अर्थ में पांडव नृत्य है,
    दारू पीकर हुड़दंग करना व्यर्थ है।

  • @AswalGYatri
    @AswalGYatri 5 วันที่ผ่านมา +1

    Wahh gajab jai hoo

  • @Travelwithsumitjoshi
    @Travelwithsumitjoshi 4 วันที่ผ่านมา +1

    simply amazing sharing dajyu

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  3 วันที่ผ่านมา

      Thanks for visiting 🙏🙏🙏

  • @islamabadartschannel5879
    @islamabadartschannel5879 4 วันที่ผ่านมา +1

    Nice event 🤩

  • @babitarana1433
    @babitarana1433 3 วันที่ผ่านมา +1

    Bhut hi mehnt ki h aapne bhaji or hmko bhut hi acha lga aap hmare gaao m aaye 🎉❤❤

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  3 วันที่ผ่านมา

      धन्यवाद भुल्ली 🙏 अगले दिन बारिश ने मुझे रोक दिया नही तो मै जरूर आता.. मुझे बहुत सुन्दऱ लगा आपके गांव में आकर... काश बारिश नही होती तो... मैंने आखिरी दिन का event मिस किया जिसका मुझे बहुत दुख है धन्यवाद 🙏🙏🙏

  • @sobansingh20
    @sobansingh20 5 วันที่ผ่านมา +1

    Very nice 17:42

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  4 วันที่ผ่านมา

      धन्यवाद 🙏🙏🙏

  • @MukeshDhoundiyal
    @MukeshDhoundiyal 2 วันที่ผ่านมา +1

    Bhai aap bahut achcha video banate Ho. ❤️❤️🙏🙏

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  2 วันที่ผ่านมา +1

      बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🙏🙏

    • @MukeshDhoundiyal
      @MukeshDhoundiyal 2 วันที่ผ่านมา

      @@HIMALAYANJOGI nice channel name👍👍

  • @RobinBisht07
    @RobinBisht07 5 วันที่ผ่านมา +1

    Jai devbhoomi jai uttrakhand

  • @nareshchandra8186
    @nareshchandra8186 5 วันที่ผ่านมา +2

    वीडियो बहुत सुन्दर बनी है। इसे देखकर चमोली गढ़वाल की याद आ गयी। वहाँ भी इसी तरह पांडव लीला खेली जाती है और इसके अलावा अन्य लोग भी पूरी लय व ताल के साथ एक की रिदम में बिना शोर शराबे के नाचते हैं और देखने में बहुत बढ़िया लगता है🙏

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  4 วันที่ผ่านมา

      बहुत बहुत आभार आपका 🙏🙏🙏

  • @manmohansingh7499
    @manmohansingh7499 5 วันที่ผ่านมา +1

    पांडव कालीन नृत्य अति सुन्दर ❤

  • @gabarsinghcongratulations4782
    @gabarsinghcongratulations4782 5 วันที่ผ่านมา +1

    Jai Pandav Devtao🌹🌹🌹🌹❤🙏🙏

  • @manmohansingh7499
    @manmohansingh7499 5 วันที่ผ่านมา +1

  • @pr3591
    @pr3591 4 วันที่ผ่านมา +1

    Final part ? And i think video shold be more documentry type....

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  4 วันที่ผ่านมา

      I am sorry that I could not go to the last day of celebration because it is raining heavily in Uttarakhand and here due to which we could not go to Chadi village. I was staying in Bugani and Chadi village is 20 kilometers from Bugani, heavy rain stopped everything.

  • @dhrubbisht
    @dhrubbisht 5 วันที่ผ่านมา +1

    bhut badya ji

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  4 วันที่ผ่านมา

      धन्यवाद 🙏🙏

  • @thewanderingsoul3667
    @thewanderingsoul3667 5 วันที่ผ่านมา +1

    बहुत बढ़िया विडिओ है परन्तु ये और अच्छा हो सकता था अगर तूने ये डॉक्यूमेंट्री के तौर पर प्रस्तुत किया होता. जैसा कि विडिओ प्रस्तुति से पहले इस पांडव नृत्य का परिचय , इस लोक नृत्य का पूरा विवरण इत्यादि . मेरा ये मानना है कि यह क्षेत्र वैसे भी लोक कला और संस्कृति की दृष्टि से शेष गढ़वाल से ज्यादा समृद्ध है.खास कर हमारे अपने क्षेत्र से

    • @HIMALAYANJOGI
      @HIMALAYANJOGI  4 วันที่ผ่านมา +2

      मुझे भी मालूम नही था कि यह प्रथा यहाँ प्रचलित है. मै समझा जैंसे पांडव घपरोल हमारे यहाँ होता है यहाँ भी वेंसा ही होगा लेकिन वहां देखकर और लोगों से मालूम हुआ कि यह इतना भव्य और सुंदर होगा... हमें अगले दिन का निमंत्रण भी था लेकिन यहाँ भारी बारिश के कारण हम नही जा सके. मेरा प्रवास बुगानी में था और बुगानी से यह गांव 20 किलोमीटर दूर है

    • @thewanderingsoul3667
      @thewanderingsoul3667 4 วันที่ผ่านมา

      @@HIMALAYANJOGI ऐसे विषयों पर जब भी कोई व्लॉगिंग करो तो पहले कुछ रिसर्च करो पहले स्वयं उसके बारे में सूचनाएँ एकत्र करो फिर जाकर व्लॉगिंग करो ऐसे में व्लॉग भी रुचिकर बनेगा और लोगों तक क्षेत्र की सही जानकारी भी मिलेगी. व्लॉग एडिटिंग में भी अभी सुधार की जरुरत है . व्लॉग थोड़ा लेट भी होगा तो क्या