जैन एकता की दिशा मे आचार्य श्री महाश्रमण जी ने बहुत बहुत अच्छा प्रयास किया है। मेरी दृष्टि मे निर्मलतम आचार्य जिन्होंने कहा भी है सत्य के लिए सम्प्रदाय भी छोड़ना पड़े तो कोई खास बात नहीं है। सत्यता और विनम्रता और निर्मलता ही इनकी पहचान है।
@@rajkumarjain3426 apko agar jankari nahi hai to... Gurudev ne jain ekta ke liye pahal karte hue sthanakvasiyon ke sath same dinank ko samvatsari manane ki shuruat ki hai
जैन एकता की दिशा मे आचार्य श्री महाश्रमण जी ने बहुत बहुत अच्छा प्रयास किया है। मेरी दृष्टि मे निर्मलतम आचार्य जिन्होंने कहा भी है सत्य के लिए सम्प्रदाय भी छोड़ना पड़े तो कोई खास बात नहीं है। सत्यता और विनम्रता और निर्मलता ही इनकी पहचान है।
परम्परा बनाये रखना चाहिए. ॐ अर्हम
जैन एकता का भाषण....😮आपके मुख से अच्छा नहीं लगता...
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