क्यों नहीं खाना चाहिए मृत्यु भोज | मृत्युभोज खाने वाले हो जाते हैं इस पाप के भागीदार | मृत्यु भोज |
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- เผยแพร่เมื่อ 14 ก.ค. 2023
- क्यों नहीं खाना चाहिए मृत्यु भोज | मृत्युभोज खाने वाले हो जाते हैं इस पाप के भागीदार | मृत्यु भोज |
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श्री राधे कृष्ण,राधे कृष्ण,कृष्ण कृष्ण,राधे राधे,राधे श्याम,राधे श्याम श्याम श्याम,राधे राधे 🙏🙏🙏🙏🙏
वो ही कृष्ण, वो ही राम है, वो ही राधा, वो ही श्याम है सबसे उज्ज्वल जग में मेरो श्री वृन्दावन धाम है 🙏🙏🙏🙏🙏। जय जय श्री राधे कृष्ण 🙏🙏🙏🙏
Acchi lagi
श्री राधे मेरी स्वामिनी मैं राधे की दास जन्म जनम मोहे दीजिए वृन्दावन का वास 🙏🙏🙏🙏🙏। जय जय श्री राधे कृष्ण 🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर बातें बताई।जय श्री राम।
jai shri Radhe krishna ji 🙏💗♥💕💓🌹🌷🌷🌷🙏dhanwaad saab informative video 🙏🌷
Om
Har Har mahadev🙏
आपने बहुत ही सुन्दर बातें बताई हैं आप को बहुत बहुत धन्यवाद
Nice information.👍👍
❤❤❤ जय जय श्री राम राम जी ❤❤❤
Very interesting information
Verynicejaisrikrishna
Jai harinam
अंत का आरंभ आत्म मंथन की विष से शुरू हो चुका है
Wait a minute, I'll be right back.
Jankari ke liye dhanyavad
करना चाहिए बंद नहीं करना चाहिए
मृतक के घर में मृत्यु के बाद से दीर्घकाल तक सभी दुखी होते हैं तो क्या वे सब भोजन नहीं करते?तब भी खिलाने और खाने वाले सभी दुखी हैं तो फिर तो सबकी ऊर्जाओं का नाश हो जाना चाहिए।वास्तव में को भोज कराया जाता है वह श्रद्धा विश्वास और मृत व्यक्ति को सद्गति देने के उद्देश्य से किया जाता है और ऐसी अवस्था में मन में दुख कम अपितु शान्ति और तसल्ली रहती है। गरुदपुराण के अनुसार कर्ज लेकर भोज करवाया जाए तो मृतात्मा को दुःख होता है।अतः सामर्थ्य के अनुसार ही करें।किन्तु दोष नहीं है।
Bilkul band honi chahiye
मृत्यु भोज ना करने पर जुर्माना लगाया जाता है
Bhgwan apki atma ko shanti de
Bhut sahi
मैं पिछले ३२वऱष से इस भोज का त्याग करा हूं।काफी भला बुरा समाज में सुना पर यह मन को अच्छा नहीं लगता है। मरणोपरांत दिया गया भोज खाने योग्य नहीं हैं।
Hm hi
@@BhagwanPatel-yk9gj मन को जो अच्छा न लगे उससे बचो और बचाओ✋
हम मृत्यु भोज त्याग कुछ इस प्रकार करें जहां से मृत्यु भोज कि सुचना आए तब उनको मृत्यु भोज त्याग कि सुचना देनी चाहिए
It's truth
आप की जानकारी बहुत गहरी थी इस पर विचार विमर्श किया जाना चाहिये jay ho Parmpita
It's avery. important suggestion
गगझब
ब्रहमण को ही क्यो दान किया जाता हैं क्यो नही किसी गरीब को
You can feed and help poor people every day but Brahmins are given Dan on certain occasions only. Brahmins are considered Mukh of Paramatma.Don't you think Brahmins are not poor? But Dan given to Brahmins is not because for their poverty. Now if you want to know about all 4 Varans ( Brahmin, Khashtreya, Vaish and Seva Karmi- Shudder) then read MahaBharat to find out what are their duties. Dan can only be offered to Brahmin and Shudder never to Khashtreya or Vaish. Christians and Muslims alway give donations (Dan) to Padris and Mullas. No one raises any question. Muslims invite Mullas for meal on Friday after someone dies in the family., so that food goes directly to the dead person in the grave. Same with Christian Padris also.
Kyunki brahmin ko mang ke khane ki aadat hei ramayan mahabharata time se..
क्यों कि यह शास्त्र वाक्य है कि ब्राह्मण ही दानग्रहण करने के लिए अधिकारी, गरीबों को दान नहीं सहायता किया जाता है
जैसे हवन , हवन कुंड के अग्नि में ही किया जाता है ,
@@cass6885 he is offered by for services which rituals very lengthy and time consuming, performed but with categories, poor or needy can fed always.
1:37 1:44 1:45 1:46
मृत्यु भोज ना करना एकदम सही बात है जब राम भगवान सेतु बांध बांध रहे थे लंका पर जाने के लिए तो पूजन करना था और पूजा वहीं व्यक्ति कर सकता था जो कभी मृत्यु भोज ना खाया हो और वहव्यक्ति था रावण जो मृत्यु भोज कभी नहीं खाया था उसको बुलावा भेजा गया और अपना फर्ज समझ कर आया और पूजा करके चला गया इसलिए सही बात है मृत्यु भोज नहीं होना चाहिए और नहीं करना चाहिए यह बात जमीन पर उतरना चाहिए
Thank you for giving this information. These people are following and acting according to Muslim and Christians propaganda against Sanatan Dharam and abusing Brahmins every day.
मृत्यु भोज सादगीपूर्ण और प्रतिष्ठा प्रदर्शन न हो ऐसा न भूले की गमगीन महोल है ।ऐसे मे मिठाई रसगुल्ला खुशी दर्शाते है । आडंबर न हो।
मृतउ भोज उस समय होता था जब मीडिया नही थी लोगो को बुलाकर बताया जाता था कि ये नही रहे
अब इनके नाम से कोई काम ना हो दूर दूर से लोग आते थे वो लोग जहाँ भी जाते थे वही सबको बता देते थे कि वो इंसान अब नही है
ओर रही भोज की बात ऐसे बुलाने से उस युग मे जब लोग पैदल चलते थे कोई क्यो आयगा इतनी मेहनत करके
तो भोज रखा जाता था कि इस नाम से लोग आयंगे तो संहि ओर परिवार को एकत्र किया जाता था ये सब था इसलिए भोज होता था एक गवाही के रूप में की ये इंसान नही है है अब ये लोग वक़्त आने पर गवाह है भोज में शामिल हुए थे
ओर वही चीज sadi में होता था भोज की इतने लोग इनकी सादी के गवाह है
ये सब बहुत पुरानी बातें है
मेरे हिसाब से अब ये बन्द हो जाना चाइये की मरने के बाद दुखी परिवार ओर बोझ तले दब जाता है
ओर कर्ज में फस जाता है
अब आधुनिक युग मे नही होना चाहिये मेरा मानना है
गलत भी हो सकता है मेरी बात
उसके लिए माफी चाहूंगा
Brahman hi manager hai 😂😂😂😂
ब्राह्मण ही क्यों
Kisko v nhi khilana chahiye koi v ho ban hona chahiye
Idhar jinda regte hue bhi paisa nahi hainshaanti se jine ka to marne ke baad ka kya soche. Hhhai re garibee aur pandito ko kaum dundhe, jyada kar pandit aajkal meat aur daaru pite milte hai.
Absolutely right from mahabharat prasang
Meri bua ne atam hatya ka pryas kiya thaa. 10 sal pahle maut ni aai aaj uski maot ho gi to kya samjho pariwar me kya karna chiye
नारायण बलि यज्ञ
मैं ब्राह्मण भोज के खिलाफ हूं
भाई ऐसा मत बोल😊
तो छोड़ दिया जाय कोई दबाव तो नहीं बना रहा है
Jahan Brahmin Ka Satkar naa Ho Us Ghar Main Bhojan Kia Tak Nah liya Jaye Brahmin Ko. On Shradh, and other ceremonies Brahmins do not accept invitations for Brahmin Bhojan because people like you. Read Sanatan Scriptures and act accordingly.if you like.
बहुत संहि बात है हमारे यहाँ up बिहार में पहले ये ही लोग भोज करते है फिर बाकी लोग
ऐसा संहि या गलत नही पता फिर भी क्यो
ओर रही बात मृतयु भोज तो होना ही नही चाहिए सिर्फ
1 दिन सोक शांति का दिन रखा जाय सब आय उनके नाम से मौन धारण करके उनकी आत्म की शांति के लिए प्राथना करे वो भी बिना भोज के
Hindus should follow their scripture for guidance. Garud Puran should be listened and read and this helps the departed soul on onward journey and family also get peaceful after proper mourning.@@jaishankarsngh1057
ये बात ब्राह्मणों को समझ आए तब न।
एक आदमी अपना पूरा जीवन लगा देता है फिर भी वह सुख सुविधा नही पाता।
लेकिन उसी आदमी के चले जाने के बाद उसे शांति मिले इसके नाम पर सबकुछ दान में ले लिया जाता है और उसके घरवालों को कर्जदार बना दिया जाता है।
मूर्ख दान कोई छीन के थोड़े लेता है अपनी मर्जी से किया जाता है
Ye pagal h dislike already kr diye Maine aap log bhi kro
Garud puran is fake
Bevkoofee baten
Ye sare puran bakwas hain..inme aag laga di jani chahiye
सही गुरु से सुनना चाहिए।
बकवास कुछ नहीं होता पर अशुद्ध बुद्धि से नहीं समझा जा सकता
❤❤❤ जय जय श्री राम राम जी ❤❤❤