करिया कि शायरी |अनीता तुमय बाप के गोडे खसम को मूढ | जो बेठो करिया डूढ | अनीता दांगी बृजेन्द्र गुर्जर

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  • เผยแพร่เมื่อ 24 ต.ค. 2024

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