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  • เผยแพร่เมื่อ 21 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 4

  • @Sunitakitchenterracegarden9012
    @Sunitakitchenterracegarden9012  27 วันที่ผ่านมา

    To grow mushroom seedlings, the following methods can be used:
    Prepare the Compost
    Prepare fertilizer by mixing some chemicals in wheat or rice straw. It takes one month for the manure to be ready.
    Plant the Seeds
    Spread a 6-8 inch thick layer of manure on a hard surface in the room. After this, spread the mushroom seeds on the manure and cover it with compost.
    Use a grow kit
    Prepare the grow kit by mixing calcium ammonium nitrate in wheat or paddy husk. Add mushroom seeds in it. A grow kit of 10 kg of straw is prepared from one kg of mushroom seeds.
    Prepare the Spawn
    Prepare spawn by growing the fungus from the culture on grain or any other suitable medium. Wheat grains are most commonly used.
    In mushroom cultivation, spores or mycelium are also used instead of seeds. Spore syringes can be made from mature mushrooms or mycelium culture can be obtained.

  • @Terracgarden2017
    @Terracgarden2017 27 วันที่ผ่านมา +1

    Very nice 👍

  • @Sunitakitchenterracegarden9012
    @Sunitakitchenterracegarden9012  29 วันที่ผ่านมา

    मूली उगाने के विभिन्न चरण
    गमले की तैयारी: गमले में नीचे की तरफ छेद होने चाहिए ताकि पानी निकल सके। गमले को अच्छी तरह से धो लें। गमले को मिट्टी और खाद के मिश्रण से भर दें। मिट्टी हल्की और उपजाऊ होनी चाहिए।
    बीज बोना: मिट्टी में उंगली से छोटे-छोटे गड्ढे बनाएं। प्रत्येक गड्ढे में 2-3 बीज डालें और मिट्टी से ढक दें। बीजों को हल्का सा
    पानी देना: मिट्टी को हल्का नम रखें। रोजाना सुबह या शाम को पानी का छिड़काव करें।
    इसे भी पढ़ें: Ginger Plantation: गमले में इस तरीके से उगा लें अदरक, सर्दियों में नहीं पड़ेगी खरीदने की जरूरत! सीखें प्लांटेशन
    धूप: मूली के पौधे को धूप की जरूरत होती है। इसलिए गमले को ऐसी जगह रखें जहां उसे कम से कम 6 घंटे की धूप मिले।
    खाद देना: हर 15 दिन में एक बार जैविक खाद दें।
    निराई: पौधों के आसपास उगने वाले खरपतवारों को समय-समय पर हटाते रहें।
    कटाई: मूली 4-6 हफ्तों में तैयार हो जाती है। जब मूली का आकार बढ़ जाए तो आप इसे तोड़कर खा सकते हैं।
    इसे भी पढ़ें: Gardening Tips: गार्डन के पौधों की ठीक से नहीं हो रही ग्रोथ? इन टिप्स को अपनाएं; तेजी से बढ़ेंगे प्लांट
    कुछ अतिरिक्त टिप्स
    मूली को उगाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे अच्छा होता है।
    आप विभिन्न प्रकार की मूली के बीज खरीद सकते हैं जैसे कि लाल मूली, सफेद मूली आदि।
    अगर आप मूली को जल्दी तैयार करना चाहते हैं तो आप बीज को पानी में 24 घंटे के लिए भिगोकर रख सकते हैं।
    मूली को ज्यादा पानी देने से सड़ सकती है। इसलिए ध्यान रखें कि मिट्टी हमेशा नम ही रहे, गीली नहीं।
    ध्यान रखें
    मूली के पौधे पर कीड़े लग सकते हैं। आप नीम का तेल या अन्य जैविक कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं।
    अगर आपके पौधे सूख रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें पानी की कमी है।
    अगर आपके पौधों की पत्तियां पीली पड़ रही हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें पोषक तत्वों की कमी है।
    मूली उगाने के विभिन्न चरण
    गमले की तैयारी: गमले में नीचे की तरफ छेद होने चाहिए ताकि पानी निकल सके। गमले को अच्छी तरह से धो लें। गमले को मिट्टी और खाद के मिश्रण से भर दें। मिट्टी हल्की और उपजाऊ होनी चाहिए।
    बीज बोना: मिट्टी में उंगली से छोटे-छोटे गड्ढे बनाएं। प्रत्येक गड्ढे में 2-3 बीज डालें और मिट्टी से ढक दें। बीजों को हल्का सा दबा दें।
    पानी देना: मिट्टी को हल्का नम रखें। रोजाना सुबह या शाम को पानी का छिड़काव करें।
    इसे भी पढ़ें: Ginger Plantation: गमले में इस तरीके से उगा लें अदरक, सर्दियों में नहीं पड़ेगी खरीदने की जरूरत! सीखें प्लांटेशन
    धूप: मूली के पौधे को धूप की जरूरत होती है। इसलिए गमले को ऐसी जगह रखें जहां उसे कम से कम 6 घंटे की धूप मिले।
    खाद देना: हर 15 दिन में एक बार जैविक खाद दें।
    निराई: पौधों के आसपास उगने वाले खरपतवारों को समय-समय पर हटाते रहें।
    कटाई: मूली 4-6 हफ्तों में तैयार हो जाती है। जब मूली का आकार बढ़ जाए तो आप इसे तोड़कर खा सकते हैं।
    इसे भी पढ़ें: Gardening Tips: गार्डन के पौधों की ठीक से नहीं हो रही ग्रोथ? इन टिप्स को अपनाएं; तेजी से बढ़ेंगे प्लांट
    कुछ अतिरिक्त टिप्स
    मूली को उगाने के लिए सर्दी का मौसम सबसे अच्छा होता है।
    आप विभिन्न प्रकार की मूली के बीज खरीद सकते हैं जैसे कि लाल मूली, सफेद मूली आदि।
    अगर आप मूली को जल्दी तैयार करना चाहते हैं तो आप बीज को पानी में 24 घंटे के लिए भिगोकर रख सकते हैं।
    मूली को ज्यादा पानी देने से सड़ सकती है। इसलिए ध्यान रखें कि मिट्टी हमेशा नम ही रहे, गीली नहीं।
    ध्यान रखें
    मूली के पौधे पर कीड़े लग सकते हैं। आप नीम का तेल या अन्य जैविक कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं।
    अगर आपके पौधे सूख रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें पानी की कमी है।
    अगर आपके पौधों की पत्तियां पीली पड़ रही हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें पोषक तत्वों की कमी है।
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