काशीनाथ सिंह एकमात्र कहानीकार/उपन्यासकार हैं,जो अपनी रचना में यथार्थ चित्रण, बिम्ब, प्रतीक और भूगोल के माध्यम से ऐसा वातावरण निर्मित कर देते हैं कि कथा में नाटक, रेखाचित्र, दृश्यावलियों की सजीवता पाठक के मन में सजीव हो उठती है। भाषा शैली सहज सरल और सर्वहारा वर्ग की बोली से घुलमिलकर पाठक की अनुभूति से तादात्म्य स्थापित कर लेती है। लगता है जैसे पाठक की ही कथा है। ये कितनी विचित्र बात है कि"काशी का अस्सी"जो उनका सशक्त उपन्यास है को दरकिनार कर उससे कमजोर रचना"रेहन पर रग्घू"को साहित्य अकादेमी पुरस्कार दिया गया।
काशीनाथ सिंह एकमात्र कहानीकार/उपन्यासकार हैं,जो अपनी रचना में यथार्थ चित्रण, बिम्ब, प्रतीक और भूगोल के माध्यम से ऐसा वातावरण निर्मित कर देते हैं कि कथा में नाटक, रेखाचित्र, दृश्यावलियों की सजीवता पाठक के मन में सजीव हो उठती है। भाषा शैली सहज सरल और सर्वहारा वर्ग की बोली से घुलमिलकर पाठक की अनुभूति से तादात्म्य स्थापित कर लेती है। लगता है जैसे पाठक की ही कथा है। ये कितनी विचित्र बात है कि"काशी का अस्सी"जो उनका सशक्त उपन्यास है को दरकिनार कर उससे कमजोर रचना"रेहन पर रग्घू"को साहित्य अकादेमी पुरस्कार दिया गया।
Nice mam 🤗😘
Thank you so much mam
अद्वितीय मैम
Mene inse 3 year padha hai
Bhai mam Ka no de skte ho
Thanks..... mam
Madam first of all rectify yourself he was born in azamgarh district Where Jiyanpur City Lies not in Varanasi