वही ज़िन्दगी मोतबर हो गई...
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 20 ต.ค. 2024
- वही जिन्दगी मोतबर हो गई...यह ग़ज़ल आदरणीय आलोक भैया ने पूज्य गुरुदेव साहब जी महाराज को समर्पित करते हुए लिखी थी। जो कुछ समय पश्चात अनंत वीथी में भी प्रकाशित हुई थी।
जनाब जुनैद अख्तर ने स्वर देकर और आकाशवाणी रामपुर ने इसका संयोजन करके, इज ग़ज़ल को भव्य रूप प्रदान किया है। सभी का साधुवाद।
मेरा योगदान सिर्फ इतना कि मैंने इस एक ग़ज़ल लिखने के लिए आलोक भैया से अनुरोध किया था और उन्होंने गुरु कृपा से प्रेरित होकर इतनी सुंदर ग़ज़ल की रचना की।
सम्प्रति - आलोक भैया पूज्य साहब के अतिशय कृपापात्र हैं और क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के तौर पर देहली में पदस्थापित हैं। इसके साथ राष्ट्रीय स्तर के ख्याति लब्ध प्रतिष्ठित कवि हैं।