Michhami Dukkadam Song

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 11 ก.ย. 2024
  • Credit :
    Song : Michchhami Dukkdam
    Inspiration : Acharya Shree Arvindsagarsurishwarji m.s.
    Lyrics & Composition :
    Muni Shree Heerpadmasagarji m.s.
    Singer : Jatin Bid
    Sponser :
    Shrmnopasak Parivar, Kandivali Mumbai
    'मिच्छा मि दुक्कडं' 'मिच्छा मि दुक्कडं'
    'मिच्छा मि दुक्कडं' सबसे करते हम…
    भेदभाव सब मन से मिटाकर, सबसे नाता जोडुंगा… सबसे नाता जोडुंगा
    प्राणों के भी त्याग में आखिर, क्षमाभाव नहीं छोडुंगा… क्षमाभाव नहीं छोडुंगा
    प्रेम का अमृत सबको देकर (2) मैत्रीभाव संजोना है...
    'मिच्छा मि दुक्कडं' सबसे करके, पावन होना है
    वैरभाव कटुता को तजकर, क्रोध कपट सब खोना है...'मिच्छा मि दुक्कडं' 1
    भूल अगर है दूसरों की, उसको भूल ही जाना है… उसको भूल ही जाना है
    अपनी भूल को देखके मन में,पश्चात्ताप जगाना है… पश्चात्ताप जगाना है
    वैरभाव की मैली चादर (2). क्षमा के जल से धोना है....'मिच्छा मि दुक्कडं'
    खामेमि सव्व जीवे, सव्वे जीवा खमंतु मे।
    मित्ति मे सव्व भूएसु, वेरं मज्झ न केणई ।।
    मांगता हूँ मैं क्षमा सभी से, माफी दे दो सब मुझको… माफी दे दो सब मुझको
    निर्मल करता मन-वच-तन को, माफी देकर मैं सबको… माफी देकर मैं सबको
    "पद्मपराग" अंतर आंसुसे (2) भर देना हर कोना है...
    'मिच्छा मि दुक्कडं' सबसे करके पावन होना है...
    खामेमि सव्व जीवे, सव्वे जीवा खमंतु मे।
    मित्ति मे सव्व भूएसु, वेरं मज्झ न केणई ।।
    'मिच्छा मि दुक्कडं' 'मिच्छा मि दुक्कडं'
    'मिच्छा मि दुक्कडं' सबसे करते हम…

ความคิดเห็น •