Rahul Gandhi अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं ? सत्ता पक्ष के आरोप पर Rajeev Ranjan का विश्लेषण क्या ?
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- เผยแพร่เมื่อ 7 ก.ย. 2024
- #rahulgandhi #congress #bjp #news24
क्या Rahul Gandhi अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं ? सत्ता पक्ष के आरोप पर Rajeev Ranjan का विश्लेषण क्या ?
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राहुल गाधी जी अपने भाषण मे गरीब, दलित मुस्लिम, किसान, मजदूर की बात कि बहुत अच्छा है
Bhai middle class ki bhi baat hui… jo ajj tak godi sarkar kabhi bhi nahi kiya…
Rahul Gandhi pagla jaise kar rahe hain. Grihyudhha karwana chahkar aag main jhokne ki kosis hain firoz khan ka pota.
जाती की बात की 😂😂 अपनी जाती नहीं बताये😂😂😂
@@mcvana11राहुल अब st sc के मसीहा है अब बोल संघी बामन
Rahul ek joker hai ......
गर्दा उड़ा दिया 😂😂😂 वर्षों से गहरी नींद में सोए हुए और उम्मीद छोड़ चुके गरीब वर्ग में एक नया जोश जिसने डाला है वो हमारा हीरो है
नींद तो कई बार तोड़ी गई किंतु मजा तो जागेगा वही पाएगा जैसे लालू और मुलायम
राहुल गांधी नेता नही वो जो बोलते है आम आदमी की तरह बोलते है बीजेपी को यही चुभता है😠❌
आदरणीय !
जाति या धर्म व्यवस्था पर चर्चा करते समय कई बार आदरणीय नेहरूजी या गांधीजी या लोहियाजी या अंबेडकरजी या सावरकरजी जैसे महान व्यक्तित्वों का नाम लिया जाता है। और उनके विचारों को किसी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जाता है। दुर्भाग्य से, ये सभी महान व्यक्ति पूरी तरह से सही नहीं थे। कुछ कम सही या अधिक सही हो सकते हैं। लेकिन कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है। वे उस समय की परिस्थितियों के सीमित दायरे में सही हो सकते हैं।
हालाँकि 70-75 साल बाद, हम एक राष्ट्र के रूप में विशेष रूप से हिंदू धर्म के संबंध में सत्य को खोजने में विफल रहे हैं। 1947 में, नेहरूजी के नेतृत्व में उस समय की हिंदू पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के दर्शन के साथ एक पवित्र समझौते के साथ इस मुद्दे को सुलझाया। समझौता प्रणाली के लिए उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। इस गुण को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने पोषित किया था और इसलिए हमने 'अहिंसक सत्याग्रह' नामक बहुत ही अभिनव उपकरण के साथ अपनी स्वतंत्रता अर्जित की।
समय के साथ, समझ का स्तर कम होता गया। 2015 से, हम इस मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति में हैं। सत्य की जगह बेशर्म झूठ ने ले ली है। यह राजनीतिक नेताओं की रातों-रात बदली हुई विचारधाराओं के माध्यम से प्रतिबिम्बित हो रहा है। राजनीति हमेशा सामाजिक जीवन की दिशा तय करती है। हास्यास्पद राजनीति ने हमारे राष्ट्र के सामाजिक जीवन और संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है।
हालाँकि, चीजों को ठीक करना संभव है। इसके लिए जाति और धर्म व्यवस्था से संबंधित सभी पुराने विवादों का संतोषजनक समाधान आवश्यक है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। और सरकार 2015 से मेरी मदद नहीं कर रही है। 2015 में, मैंने इस समाधान को प्राप्त किया। सरकार ने मेरी 1400 प्रार्थनाओं को अनदेखा कर दिया है और इसलिए राष्ट्र लगभग सभी क्षेत्रों में किसी न किसी तरह की मूर्खता का सामना कर रहा है।
मैं सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का समर्थन करें। कुछ शरारती लोग भोजन, आश्रय और कपड़े जैसे बुनियादी विषयों पर बात करके ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे। मैं ऐसी बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं के महत्व को समझता हूं। लेकिन मनुष्य इन मुद्दों से हर समय जूझता रहा है। और भविष्य में भी। तो इस स्तर पर हम जानवरों के बराबर हो जाएँगे।
एक अच्छी शासन व्यवस्था एक सच्चे साक्षर समाज की ज़रूरत है। और जाति/धर्म के संबंध में लगातार विवाद हमारी बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाते हैं।
और इसलिए विवादों का स्थायी समाधान ज़रूरी है।
अवधूत जोशी
💯
RG bewakuf ki tarah bolta hai
@@RajKumarTibrewala-hl8ex wah beta ! aam aadmi jaise bole toh bewakoof
राहुल गांधी जी ने जो भी बोला उससे 100% सहमत हूं
आदरणीय !
जाति या धर्म व्यवस्था पर चर्चा करते समय कई बार आदरणीय नेहरूजी या गांधीजी या लोहियाजी या अंबेडकरजी या सावरकरजी जैसे महान व्यक्तित्वों का नाम लिया जाता है। और उनके विचारों को किसी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जाता है। दुर्भाग्य से, ये सभी महान व्यक्ति पूरी तरह से सही नहीं थे। कुछ कम सही या अधिक सही हो सकते हैं। लेकिन कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है। वे उस समय की परिस्थितियों के सीमित दायरे में सही हो सकते हैं।
हालाँकि 70-75 साल बाद, हम एक राष्ट्र के रूप में विशेष रूप से हिंदू धर्म के संबंध में सत्य को खोजने में विफल रहे हैं। 1947 में, नेहरूजी के नेतृत्व में उस समय की हिंदू पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के दर्शन के साथ एक पवित्र समझौते के साथ इस मुद्दे को सुलझाया। समझौता प्रणाली के लिए उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। इस गुण को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने पोषित किया था और इसलिए हमने 'अहिंसक सत्याग्रह' नामक बहुत ही अभिनव उपकरण के साथ अपनी स्वतंत्रता अर्जित की।
समय के साथ, समझ का स्तर कम होता गया। 2015 से, हम इस मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति में हैं। सत्य की जगह बेशर्म झूठ ने ले ली है। यह राजनीतिक नेताओं की रातों-रात बदली हुई विचारधाराओं के माध्यम से प्रतिबिम्बित हो रहा है। राजनीति हमेशा सामाजिक जीवन की दिशा तय करती है। हास्यास्पद राजनीति ने हमारे राष्ट्र के सामाजिक जीवन और संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है।
हालाँकि, चीजों को ठीक करना संभव है। इसके लिए जाति और धर्म व्यवस्था से संबंधित सभी पुराने विवादों का संतोषजनक समाधान आवश्यक है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। और सरकार 2015 से मेरी मदद नहीं कर रही है। 2015 में, मैंने इस समाधान को प्राप्त किया। सरकार ने मेरी 1400 प्रार्थनाओं को अनदेखा कर दिया है और इसलिए राष्ट्र लगभग सभी क्षेत्रों में किसी न किसी तरह की मूर्खता का सामना कर रहा है।
मैं सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का समर्थन करें। कुछ शरारती लोग भोजन, आश्रय और कपड़े जैसे बुनियादी विषयों पर बात करके ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे। मैं ऐसी बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं के महत्व को समझता हूं। लेकिन मनुष्य इन मुद्दों से हर समय जूझता रहा है। और भविष्य में भी। तो इस स्तर पर हम जानवरों के बराबर हो जाएँगे।
एक अच्छी शासन व्यवस्था एक सच्चे साक्षर समाज की ज़रूरत है। और जाति/धर्म के संबंध में लगातार विवाद हमारी बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाते हैं।
और इसलिए विवादों का स्थायी समाधान ज़रूरी है।
अवधूत जोशी
पप्पू की बाते पप्पूओ को ही समझ मे आती है
@@r19662008 बुड्ढे बैल को क्या लोड़ा समझ आएगी
@@r19662008
आप सही कह रहे हैं। उचित समझ के लिए बुद्धि के स्तर का मिलान होना ज़रूरी है। अगर यह बिल्कुल समान नहीं है, तो कोई बड़ा अंतर नहीं होना चाहिए। अगर आपको समझने में समस्या है, तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। मुझे पूरा भरोसा है कि मैं आपकी मदद ज़रूर कर सकता हूँ। कृपया वह बात पूछें जो आपको समझ में नहीं आई।
@@r19662008
मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। कृपया वह बात बताएँ जो आप नहीं समझ पाए। हालाँकि मैं पप्पू नहीं हूँ, लेकिन मैं हर तरह की जानकारी समझ सकता हूँ। चाहे वह सबसे खराब हो या सबसे अच्छी..............बशर्ते कि उसे सही तरीके से बताया जाए।
जनता के मुद्दे उठाना कोई पद का दुरुपयोग नहीं है, जनता संसद में सभी को देख रही है
जुठ बोलके भाग जावो 😂😂 राहुल कौन जाती के 😂😂 बॉयकॉट वीर😂😂
Soros Macaulay all ideas incorporated in Rahul kotrochi's speech
@@ayush6sept09Why your Papa runs to Italy without any reason? He can't even speak in any other language. Worthless liar.
समझदार लोग और अच्छी किताबे मूर्खो और अंधभग्तो को कभी समझ में नही आहेगी
जहां गरीबों, अग्नि बीर, किसानों की बात होगी, वहां पर सत्ता पक्ष के लोगों को उलूल-जूलूल बात ही लगेगी।
राहुल गांधी बहुत बहुत अच्छे नेता हैं सभी की आवाज है इंडिया गठबंधन राहुल गांधी जिंदाबाद ❤❤❤❤❤❤❤
😂😂
George soros aur china ke paise se chalne wale log ho tum...bharat ke khilaf paiso ke liye bike huye ho...
rajeev ranjan bechara rahul ko bahut bachane ki koshish kar raha hai
aur pooja kitni khush hai ki rahul gandhi kitna khatarnak bola...uddand aur badtameej hai wo...khair rajya saabha ki seat ko safe rakhna hai bews 24 ne😂😂😂😂
🎉 ft hu hu hu
Bu@@Interworld606
हम भी पूछते हैं क्या ओम बिर्ला और धनखड अपने पद का दुरुपयोग कर रहे? जवाब तो देना ही पडेगा.
इस पर अवश्य ध्यान दिया जाना चाहिए कि क्या ? दुरूपयोग ही नहीं अपने इन उच्च पदों की गरिमा को तार तार कर रहे हैं , अपने पद को प्रधानमंत्री के चाटुकारों में शामिल कर उसे अपने पद की प्रतिष्ठा के प्रतिकूल अत्यन्त बौना बना रहे हैं ? क्या इनकी कार्य प्रणाली में वांछित निष्पक्षता नज़र आती है ?
Apne shi bat pakdi ..in logo se bada Besharam insan ni h jo ese pad pr bthe hai aur neutral ni h
हमारे भारत की राजनीति की हालत यह है कि कोई भी गरीबों की आवाज उठाने का प्रयास करता है तो उसे देशद्रोही कहा जाता है गोली मारो की बातें की जाती है शर्म करो शर्म
राहुल गाँधी जी हमेशा सच को सच्चाई से रखते हैं। देश का युवा आज राहुल गाँधी जी पर भरोसा कर रहा है।
पहली बार कोई आम आदमी की बात करने बाला बब्बर शेर मिला है भक्तों को आग लग गई ।
जब BJP के नेता सदन में कुछ कहे तो सब ठीक है राहुल गांधी जब जानता कि आवाज़ उठाते है तो ग़लत है BJP और मीडिया के पेट में दर्द हो जाता है क्यों क्या जनता की आवाज़ उठाना नहीं चाहिए
Ye gondi media hai bhai. Janta sab kuch samjhti hai.
Salary ka chakar hai
क्या सदन में गाली देना जायज है या उस पर कार्रवाई की गई
@@mnc392 चोरी कर के और पैसों के दम पर मोदी p.m बना है।ये बात पूरा देश जनता है
@@sunitasingh-lt1fltub om birla ko nahi dikhta.
संसद मे आम जनता की आवाज बनी राहुल गांधी जी आवाज❤
Rahul Gandhi ji jo kar rahe hai
Sahi kar rahe hai
राहुल गांधी जो भी बोल रहे हैं सही बोल रहे हैं इसमें भारतीय जनता पार्टी के लोगों को मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं 😅😢😅
*स्वर्णो को जातीय जनगणना से डरने की कोई जरुरत नही है,*
*बल्की स्वर्णो को खुलकर जातीय जनगणना का समर्थन करना चाहिए इसी मे स्वर्ण समाज की भलाई है।।*
Rahul Gandhi Opposition me h tab maang utha rha h .....jis din Rahul Gandhi PM ban gya us din jati jangangaa se 100% mna karega......itne saal congress party ki sarkar thi to kyu nhi karvayai jati jangangaa.....Pappu khan & family desh ko lutne walo me se h
देखिए सवर्ण क्यों मना करेंगे जातिगत जनगणना।जाति के उत्पत्ति के जनक नेता हैं। लेकिन यह तो हर समाज में करनी होगी संविधान हैं ना वह एक समाज से भेदभाव करेगा तो फिर संविधान कैसे माना जाएगा।
@@jayatewari1272 जब इतना सह चुके हो तो एक बार जातीय जनगणना का समर्थन करके देख लिया जाये शायद कुछ निष्कर्ष निकल ही जाये।
आदरणीय !
जाति या धर्म व्यवस्था पर चर्चा करते समय कई बार आदरणीय नेहरूजी या गांधीजी या लोहियाजी या अंबेडकरजी या सावरकरजी जैसे महान व्यक्तित्वों का नाम लिया जाता है। और उनके विचारों को किसी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जाता है। दुर्भाग्य से, ये सभी महान व्यक्ति पूरी तरह से सही नहीं थे। कुछ कम सही या अधिक सही हो सकते हैं। लेकिन कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है। वे उस समय की परिस्थितियों के सीमित दायरे में सही हो सकते हैं।
हालाँकि 70-75 साल बाद, हम एक राष्ट्र के रूप में विशेष रूप से हिंदू धर्म के संबंध में सत्य को खोजने में विफल रहे हैं। 1947 में, नेहरूजी के नेतृत्व में उस समय की हिंदू पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के दर्शन के साथ एक पवित्र समझौते के साथ इस मुद्दे को सुलझाया। समझौता प्रणाली के लिए उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। इस गुण को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने पोषित किया था और इसलिए हमने 'अहिंसक सत्याग्रह' नामक बहुत ही अभिनव उपकरण के साथ अपनी स्वतंत्रता अर्जित की।
समय के साथ, समझ का स्तर कम होता गया। 2015 से, हम इस मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति में हैं। सत्य की जगह बेशर्म झूठ ने ले ली है। यह राजनीतिक नेताओं की रातों-रात बदली हुई विचारधाराओं के माध्यम से प्रतिबिम्बित हो रहा है। राजनीति हमेशा सामाजिक जीवन की दिशा तय करती है। हास्यास्पद राजनीति ने हमारे राष्ट्र के सामाजिक जीवन और संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है।
हालाँकि, चीजों को ठीक करना संभव है। इसके लिए जाति और धर्म व्यवस्था से संबंधित सभी पुराने विवादों का संतोषजनक समाधान आवश्यक है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। और सरकार 2015 से मेरी मदद नहीं कर रही है। 2015 में, मैंने इस समाधान को प्राप्त किया। सरकार ने मेरी 1400 प्रार्थनाओं को अनदेखा कर दिया है और इसलिए राष्ट्र लगभग सभी क्षेत्रों में किसी न किसी तरह की मूर्खता का सामना कर रहा है।
मैं सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का समर्थन करें। कुछ शरारती लोग भोजन, आश्रय और कपड़े जैसे बुनियादी विषयों पर बात करके ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे। मैं ऐसी बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं के महत्व को समझता हूं। लेकिन मनुष्य इन मुद्दों से हर समय जूझता रहा है। और भविष्य में भी। तो इस स्तर पर हम जानवरों के बराबर हो जाएँगे।
एक अच्छी शासन व्यवस्था एक सच्चे साक्षर समाज की ज़रूरत है। और जाति/धर्म के संबंध में लगातार विवाद हमारी बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाते हैं।
और इसलिए विवादों का स्थायी समाधान ज़रूरी है।
अवधूत जोशी
@@SUSHILMISHRA1442 हां समझ में आयेगा कि संविधान कितनी समानता रखता है जातिगत भेद-भाव हर समाज में है ।
राजीव रंजन जी आप ये बताए कि अगर देश की संपति अदानी, आंबनी को दिया जाएं गा तो नाम इन्ही लोगों का लिया जाएगा
राजीव रंजन जी मोदी का भाषण कितना गरिमा पूर्ण होता है। बहुजन समाज खुश हैं राहुल गांधी के भाषण से
Right
@@shikexempt143Qw …
Brahman rahul gandhi zindabad jindabad
Bar girl ka beta ka iq dekho 😂
Bahut jaldi hi Jane ki
मोदी तुम संघर्ष करो हम युवा राहुल गांधी जी के साथ हैं राहुल गांधी जिंदाबाद ❤❤
@@mnc392 ऊ तो अंधभक्त और मोदी को ही पता चलता होगा किधर दे किधर नहीं लास्ट में डोनो तरफ दिया 😂😂😂
@@mnc392 to भाई एस बार थोड़ा बोलो ना पहले की तरह चिल्लाने के लिए पूरी बीजेपी को सुना है डर से जुमलेबाज संसद भी नहीं जा रहा है, थोड़ा पता लगाओ जिंदा है युवा की दुश्मन बुड्ढा गैंग😂😂😂😂
@@mnc392 😂😂😂 देखा लोकतंत्र मोदी भी रोया और योगी भी
@@mnc392 हा ऊ संसद में पता चल गया है अंडर से फटा पड़ा है और ऊपर से मुस्कुरा रहा है बोलो नीतीश कुमार को पैसे दे और कुछ नहीं और यूपी का क्या हाल है 😂😂🤣
Rahul Gandhi Jindabad
आदरणीय !
जाति या धर्म व्यवस्था पर चर्चा करते समय कई बार आदरणीय नेहरूजी या गांधीजी या लोहियाजी या अंबेडकरजी या सावरकरजी जैसे महान व्यक्तित्वों का नाम लिया जाता है। और उनके विचारों को किसी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जाता है। दुर्भाग्य से, ये सभी महान व्यक्ति पूरी तरह से सही नहीं थे। कुछ कम सही या अधिक सही हो सकते हैं। लेकिन कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है। वे उस समय की परिस्थितियों के सीमित दायरे में सही हो सकते हैं।
हालाँकि 70-75 साल बाद, हम एक राष्ट्र के रूप में विशेष रूप से हिंदू धर्म के संबंध में सत्य को खोजने में विफल रहे हैं। 1947 में, नेहरूजी के नेतृत्व में उस समय की हिंदू पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के दर्शन के साथ एक पवित्र समझौते के साथ इस मुद्दे को सुलझाया। समझौता प्रणाली के लिए उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। इस गुण को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने पोषित किया था और इसलिए हमने 'अहिंसक सत्याग्रह' नामक बहुत ही अभिनव उपकरण के साथ अपनी स्वतंत्रता अर्जित की।
समय के साथ, समझ का स्तर कम होता गया। 2015 से, हम इस मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति में हैं। सत्य की जगह बेशर्म झूठ ने ले ली है। यह राजनीतिक नेताओं की रातों-रात बदली हुई विचारधाराओं के माध्यम से प्रतिबिम्बित हो रहा है। राजनीति हमेशा सामाजिक जीवन की दिशा तय करती है। हास्यास्पद राजनीति ने हमारे राष्ट्र के सामाजिक जीवन और संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है।
हालाँकि, चीजों को ठीक करना संभव है। इसके लिए जाति और धर्म व्यवस्था से संबंधित सभी पुराने विवादों का संतोषजनक समाधान आवश्यक है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। और सरकार 2015 से मेरी मदद नहीं कर रही है। 2015 में, मैंने इस समाधान को प्राप्त किया। सरकार ने मेरी 1400 प्रार्थनाओं को अनदेखा कर दिया है और इसलिए राष्ट्र लगभग सभी क्षेत्रों में किसी न किसी तरह की मूर्खता का सामना कर रहा है।
मैं सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का समर्थन करें। कुछ शरारती लोग भोजन, आश्रय और कपड़े जैसे बुनियादी विषयों पर बात करके ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे। मैं ऐसी बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं के महत्व को समझता हूं। लेकिन मनुष्य इन मुद्दों से हर समय जूझता रहा है। और भविष्य में भी। तो इस स्तर पर हम जानवरों के बराबर हो जाएँगे।
एक अच्छी शासन व्यवस्था एक सच्चे साक्षर समाज की ज़रूरत है। और जाति/धर्म के संबंध में लगातार विवाद हमारी बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाते हैं।
और इसलिए विवादों का स्थायी समाधान ज़रूरी है।
अवधूत जोशी
दीदे फूट गये हैं तेरे|
राहुल गांधी देश की बुलंद आवाज़ है आप हम तुम्हारे साथ है जय हिन्द जय भारत जय संविधान
आदरणीय !
जाति या धर्म व्यवस्था पर चर्चा करते समय कई बार आदरणीय नेहरूजी या गांधीजी या लोहियाजी या अंबेडकरजी या सावरकरजी जैसे महान व्यक्तित्वों का नाम लिया जाता है। और उनके विचारों को किसी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जाता है। दुर्भाग्य से, ये सभी महान व्यक्ति पूरी तरह से सही नहीं थे। कुछ कम सही या अधिक सही हो सकते हैं। लेकिन कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है। वे उस समय की परिस्थितियों के सीमित दायरे में सही हो सकते हैं।
हालाँकि 70-75 साल बाद, हम एक राष्ट्र के रूप में विशेष रूप से हिंदू धर्म के संबंध में सत्य को खोजने में विफल रहे हैं। 1947 में, नेहरूजी के नेतृत्व में उस समय की हिंदू पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के दर्शन के साथ एक पवित्र समझौते के साथ इस मुद्दे को सुलझाया। समझौता प्रणाली के लिए उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। इस गुण को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने पोषित किया था और इसलिए हमने 'अहिंसक सत्याग्रह' नामक बहुत ही अभिनव उपकरण के साथ अपनी स्वतंत्रता अर्जित की।
समय के साथ, समझ का स्तर कम होता गया। 2015 से, हम इस मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति में हैं। सत्य की जगह बेशर्म झूठ ने ले ली है। यह राजनीतिक नेताओं की रातों-रात बदली हुई विचारधाराओं के माध्यम से प्रतिबिम्बित हो रहा है। राजनीति हमेशा सामाजिक जीवन की दिशा तय करती है। हास्यास्पद राजनीति ने हमारे राष्ट्र के सामाजिक जीवन और संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है।
हालाँकि, चीजों को ठीक करना संभव है। इसके लिए जाति और धर्म व्यवस्था से संबंधित सभी पुराने विवादों का संतोषजनक समाधान आवश्यक है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। और सरकार 2015 से मेरी मदद नहीं कर रही है। 2015 में, मैंने इस समाधान को प्राप्त किया। सरकार ने मेरी 1400 प्रार्थनाओं को अनदेखा कर दिया है और इसलिए राष्ट्र लगभग सभी क्षेत्रों में किसी न किसी तरह की मूर्खता का सामना कर रहा है।
मैं सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का समर्थन करें। कुछ शरारती लोग भोजन, आश्रय और कपड़े जैसे बुनियादी विषयों पर बात करके ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे। मैं ऐसी बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं के महत्व को समझता हूं। लेकिन मनुष्य इन मुद्दों से हर समय जूझता रहा है। और भविष्य में भी। तो इस स्तर पर हम जानवरों के बराबर हो जाएँगे।
एक अच्छी शासन व्यवस्था एक सच्चे साक्षर समाज की ज़रूरत है। और जाति/धर्म के संबंध में लगातार विवाद हमारी बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाते हैं।
और इसलिए विवादों का स्थायी समाधान ज़रूरी है।
अवधूत जोशी
राहुल गांधी किसानों का दर्द जानता है हमेशा अच्छी बात करते हैं किसानों के लिए
हाँ किसान का बेटा है ना, जीवन भर ग्रामीण इलाको में ग़रीबी में रहा है, इसलिए समझता है कि ग़रीबी क्या होती है
@@TheShandilyas😅😅😅
लगता है मोदी जी ने मीडिया का बजट दो गुना कर दिया है, राहुल गांधी जी में मेक मीन, कमियां, और भाषा इत्यादि कमी बता कर बदनाम करने का ठेका दिया गया है।
राहुल गांधी जिंदाबाद एक पढ़े लिखे युवा नेता
आक्सफोर्ड रिटर्न उनके सामने कोई नही।गधा
जनता की मेहनत का पैसा जिसे मुफ्त का माल समझकर वित्तमंत्री और उसके साथी चाट रहे हैं गरीबों का खून चूस रहे हैं हाय लगेगी गरीबों की जै जै जनता
Rahul gandhi jindabad
सत्य तो सत्य होता है
राहुल गरीब। बेरोजगार मंहगाई से जूझ रहे भारतीय जनता की आवाज उठा रहे है?
Pappu Khan jesa fragi aadmi koi nhi h ....Uski Itly wali maa se pucho 5000 crore ki propey kha se aayi
😊😊😊😊😊😊😊😊
70sal km PD gye the Congress ko
@@pankajaswal5682Andh bhokt yehi keh sakte hai, Abe gadha bjp ne apna 2000ka note ko bhi chala nehi paya , jante ho ki nehi 😂😂😂😂
@@pankajaswal5682Tum jaise Modi jee ka Pagol andhabhakt ko kya samoj mein aa raha hai 😮
राहुल गाँधी जी जो भी बोलते है वो जनता के लिए ही बोलते है राहुल गांधी जी सब सच बोलते है राहुल गांधी जी बहुत अच्छे नेता है राहुल गांधी जी जिंदाबाद जिंदाबाद❤❤❤❤❤❤
ऐसी बहस करना ही महा मूर्खता है कि राहुल पद का दुरूयोग कर रहे है अरे मोदी और बीजेपी ने तो राहुल गांधी की मां तक को नहीं बख्शा है
अंध भक्त यहां भी आयेंगे
@@mnc392 अंध भक्तों की भीड़ लगी हुई हैं अपने पापा को अच्छा दिखाने की
Ryt
किसान के मा तक को नही बक्षा
@@mnc392
लेकिन रोते तो मोदीची नजर आ रहे है... अभी ये मत कहना के मगरमच्छ के आसू है 😂
Rahul Gandhi next pm ❤❤❤
राहुल गांधी आम आदमी की आवाज है
निर्मला ताई की अब बुरे दिन आने वाले हैं
आदरणीय !
जाति या धर्म व्यवस्था पर चर्चा करते समय कई बार आदरणीय नेहरूजी या गांधीजी या लोहियाजी या अंबेडकरजी या सावरकरजी जैसे महान व्यक्तित्वों का नाम लिया जाता है। और उनके विचारों को किसी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जाता है। दुर्भाग्य से, ये सभी महान व्यक्ति पूरी तरह से सही नहीं थे। कुछ कम सही या अधिक सही हो सकते हैं। लेकिन कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है। वे उस समय की परिस्थितियों के सीमित दायरे में सही हो सकते हैं।
हालाँकि 70-75 साल बाद, हम एक राष्ट्र के रूप में विशेष रूप से हिंदू धर्म के संबंध में सत्य को खोजने में विफल रहे हैं। 1947 में, नेहरूजी के नेतृत्व में उस समय की हिंदू पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के दर्शन के साथ एक पवित्र समझौते के साथ इस मुद्दे को सुलझाया। समझौता प्रणाली के लिए उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। इस गुण को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने पोषित किया था और इसलिए हमने 'अहिंसक सत्याग्रह' नामक बहुत ही अभिनव उपकरण के साथ अपनी स्वतंत्रता अर्जित की।
समय के साथ, समझ का स्तर कम होता गया। 2015 से, हम इस मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति में हैं। सत्य की जगह बेशर्म झूठ ने ले ली है। यह राजनीतिक नेताओं की रातों-रात बदली हुई विचारधाराओं के माध्यम से प्रतिबिम्बित हो रहा है। राजनीति हमेशा सामाजिक जीवन की दिशा तय करती है। हास्यास्पद राजनीति ने हमारे राष्ट्र के सामाजिक जीवन और संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है।
हालाँकि, चीजों को ठीक करना संभव है। इसके लिए जाति और धर्म व्यवस्था से संबंधित सभी पुराने विवादों का संतोषजनक समाधान आवश्यक है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। और सरकार 2015 से मेरी मदद नहीं कर रही है। 2015 में, मैंने इस समाधान को प्राप्त किया। सरकार ने मेरी 1400 प्रार्थनाओं को अनदेखा कर दिया है और इसलिए राष्ट्र लगभग सभी क्षेत्रों में किसी न किसी तरह की मूर्खता का सामना कर रहा है।
मैं सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का समर्थन करें। कुछ शरारती लोग भोजन, आश्रय और कपड़े जैसे बुनियादी विषयों पर बात करके ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे। मैं ऐसी बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं के महत्व को समझता हूं। लेकिन मनुष्य इन मुद्दों से हर समय जूझता रहा है। और भविष्य में भी। तो इस स्तर पर हम जानवरों के बराबर हो जाएँगे।
एक अच्छी शासन व्यवस्था एक सच्चे साक्षर समाज की ज़रूरत है। और जाति/धर्म के संबंध में लगातार विवाद हमारी बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाते हैं।
और इसलिए विवादों का स्थायी समाधान ज़रूरी है।
अवधूत जोशी
दलितों युवाओं किसानों पिछड़ों मजदूरों की असली और सच्ची आवाज है राहुल गांधी । हम बेहद खुश है राहुल गांधी के भाषण से 🔥
मोदी जी का भाषण बे सिर पैर का, छलावा, जूमलेबजी के अलवा कुछ नही। उन्होंने विपक्ष को जानी दुश्मन समझा ऐसा भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ।
अब खम्याजा तो भुगतना पड़ता है।
सत्ता पक्ष ने पहली बार lop ko देखा इससे पहले मोदी 56इंच की छाती दिखाता था अब मोदी की फूक निकली पड़ी इसलिए बीजेपी को राहुल एक आंख nhi भाता पनौती अब बंदा हुआ
Baad main agar opposition nda join karke toh jigri dost ban jaate hai😂
राहुल गांधी देश की आधी देश की आवाज सुनाई तूफानी दहाड़ ऊड़ाई मोदी के तोते।।
Rahul Gandhi is next prime minister of India
राजीव आज आप का विश्लेषण डरा हुआ, सहमा हुआ लगा, डरने की कोई जरूरत नहीं है अब तो राजा आपहिच हो चुका है
गरीबों का नेता मोहब्बत का बादशाह राहुल ❤
राजीव जी जब मोदी जी नेहरू ,इंद्रा ग़ांधी,राजीव गांधी का नाम लेते है तो स्पीकर उन्हें क्यो नही रोकते
राहुल गाँधी भी ले उनका नाम, उनको कब रोकते है
राजीव जी हमेशा बहुत अच्छी बात करते हैं लेकिन आज इन्होंने बिल्कुल एक पक्षी बात की है बिल्कुल बीजेपी वाली बात की है जिसमें कोई सच्चाई नहीं है अगर ऐसा देखा जाए तो फिर सभी के बारे में ऐसा सोचा जाएगा
Rahul Gandhi ji desh ke muddo ke sath khade hai
कोई आदमी 50 साल पहले आपातकालीन की बात करता है कोई किसी जात बिरादरी की बात करते हैं कोई मंगलसूत्र की कोई पता नहीं किस चीज की और आपको सिर्फ इतनी बात पर दर्दहो गया
राजीव रंजन जी
आज स्पीकर ने कहा कि जो लोग सदन में नही है उसके बारे में बात नही कर सकते हैं , पर प्रधानमंत्री जी हमेसा नेहरू जी पर कटाक्ष करते रहते है पर,स्पीकरने कभी भी मोदी जी को नही रोकते जबकि नेहरू तो सदन में नही हैं.
In sahngio ko nahru bahut yad atte hi
Wo to duniya mai bhi nahi hai
Rahulji Speaking For General Public. He is doing the duty of Lop ,
राहुलजी जिंदाबाद... शानदार स्पीच थी..
राहुलजी जिंदाबाद... शानदार स्पीच थी..
मोदी जी और अमित शाह जी अपने पद के दुरुपयोग किए कि सदुपयोग किए देशवासियों वोट सभी सम्पत्ति बेचने के लिए नहीं दिए थे मोदी जी नेहरू जी को गालियां देते थे तब ठीक था
कौनसी संपत्ति बेचीं है??
अपने देश की सम्पति समझ नहीं आती??
@@bhattisistergncp2505 अपने देश की कौन सी संपत्ति
पूरा डिटेल तो दीजिये बिक्री के कागज होंगे ना आपके पास,, दिखाओ
@@status_adda_vt murkho ki tarah baat krte ho.....PSU bech di tum news nahi padhte kya
रेल।बेंचा।अडानी।को।बिजली।तेरे।घर।में।नही।है।क्या अंध भक्त बिल।निकालनें।अंध भक्त। तेरे।घर।कौन।आता।प्राईवेट।लङके।आते।है।हवाईअड्डा। कौन।चला।रहा।है।बीएस.एन.एल।को।कमज़ोर। करके।जियो।को।बढ़ावा।दिया।है।लेकिन। अंध भक्त। महा।मूर्ख।
वित्त मंत्री को tax कम करने की बात कहते है तो उसका जवाब होता है कि कम tax देना है तो कमाई कम करो। और ५ kg ration भी मुफ्त पाओ।
आखिरकार जब अग्नि वीर योजना इतनी अच्छी है तो सत्ता पक्ष के नेता अपने लड़कों को इसमें शामिल क्यों नहीं भेजते।
गरीब, आम जनता की बात करना बीजेपी को अच्छा नहीं लगता, वोट लेना
अच्छा लगता है। राहुल जी विरोध करते
है, तो बीजेपी नेता को गलत लगता है
विपक्ष का नेता संसद में ऐसा क्या बोला कि टाइटल ये हो रहा है कि राहुलजी पद का दुरूपयोग कर रहे है
पिछले 10साल से सुन रहे थे अब सुनो और सुनना सीखो
Rahul Gandhi ji lives in the hearts of millions of people.
Rahul Gandhi ji Zindabad. ❤❤❤❤❤
यह डीबेट चलाना कि "राहुल गाँधी अपने पद का दुरूपयोग कर रहे हैं।" यह सरासर गलत है। ऐसे डीबेट से उन्हें कमतर किये जाने का प्रयास है।
राजीव रंजन जी कहा फंसे आज भी रेल घटना हुई हैं
कम से कम 50 लोगों के मरने की खबर हैं
किस किस सरकार की बात करेंगे
हर जगह बुरा हाल हैं
देश के IAS भी कमाल हैं
जब महामानव जी मोदी जी सदन के अंदर ड्रामा करना शोले फिल्म का नाम लेना की शोले की मौसी और अंगुली दिखाकर कैसे डाला जा रहा है कैसे निकाला जा रहा है। मंगल शुत्र , मटन, भैंस 😅😅😅
राहुल गांधी अपने पद का सदुपयोग कर रहे हैं और देश की आवाज उठा रहे हैं और देश का नेक्स्ट पीएम बनाया जाय
Rahul Gandhi zee lao desh bachao Bhai log
जो देश की असली तस्वीर दिखाता है उसे गाली खानी ही पड़ती है लेकिन जिसका इरादा पक्का हो गया हो वही तो असली हीरो बनकर निकलता है।
बिल्कुल बजट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है राहुल गांधी ने बेहतरीन प्रश्न उठाए हैं बजट बनाने वाले अधिकारी भी समावेशी होनी चाहिए
राहुल आम जनता किसान युवाओ के मुद्दे उठा रहे है जो बिल्कुल सही है
राहुल गांधी सही बोल रहे है।
राजीव जी आप ये बताएं कि क्या बजट बनाना जनरल कैटेगरी वाले का ही काम है क्या। क्या sc st obc में योग्यता नहीं होती क्या
सच हमेशा कड़वा होता है l इतिहास की ग़लतियों की सीख ही बदलाव की शुरूआत हैं l 🌻🙏
आज देश को की जननायक मिला है जो संसद में आम आदमी के हकों की बात उठाता है,,,राहुल गांधी जी ठीक कर रहे हैं।
Rahul is right.. Small businesses are closed... For example kiryana general stores.
भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ प्रवक्ताओं में से एक | मैं उसे बहुत पसंद करता हूं, मेरी भावना को व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं है।
Next pm Rahul Gandhi zee
We like Rahul Gandhi ji's speech.
Rahul Gandhi ji's never speak lies.
He is voice of the people.
Gandhi zee is great man
आदरणीय !
जाति या धर्म व्यवस्था पर चर्चा करते समय कई बार आदरणीय नेहरूजी या गांधीजी या लोहियाजी या अंबेडकरजी या सावरकरजी जैसे महान व्यक्तित्वों का नाम लिया जाता है। और उनके विचारों को किसी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जाता है। दुर्भाग्य से, ये सभी महान व्यक्ति पूरी तरह से सही नहीं थे। कुछ कम सही या अधिक सही हो सकते हैं। लेकिन कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है। वे उस समय की परिस्थितियों के सीमित दायरे में सही हो सकते हैं।
हालाँकि 70-75 साल बाद, हम एक राष्ट्र के रूप में विशेष रूप से हिंदू धर्म के संबंध में सत्य को खोजने में विफल रहे हैं। 1947 में, नेहरूजी के नेतृत्व में उस समय की हिंदू पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के दर्शन के साथ एक पवित्र समझौते के साथ इस मुद्दे को सुलझाया। समझौता प्रणाली के लिए उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। इस गुण को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने पोषित किया था और इसलिए हमने 'अहिंसक सत्याग्रह' नामक बहुत ही अभिनव उपकरण के साथ अपनी स्वतंत्रता अर्जित की।
समय के साथ, समझ का स्तर कम होता गया। 2015 से, हम इस मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति में हैं। सत्य की जगह बेशर्म झूठ ने ले ली है। यह राजनीतिक नेताओं की रातों-रात बदली हुई विचारधाराओं के माध्यम से प्रतिबिम्बित हो रहा है। राजनीति हमेशा सामाजिक जीवन की दिशा तय करती है। हास्यास्पद राजनीति ने हमारे राष्ट्र के सामाजिक जीवन और संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है।
हालाँकि, चीजों को ठीक करना संभव है। इसके लिए जाति और धर्म व्यवस्था से संबंधित सभी पुराने विवादों का संतोषजनक समाधान आवश्यक है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। और सरकार 2015 से मेरी मदद नहीं कर रही है। 2015 में, मैंने इस समाधान को प्राप्त किया। सरकार ने मेरी 1400 प्रार्थनाओं को अनदेखा कर दिया है और इसलिए राष्ट्र लगभग सभी क्षेत्रों में किसी न किसी तरह की मूर्खता का सामना कर रहा है।
मैं सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का समर्थन करें। कुछ शरारती लोग भोजन, आश्रय और कपड़े जैसे बुनियादी विषयों पर बात करके ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे। मैं ऐसी बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं के महत्व को समझता हूं। लेकिन मनुष्य इन मुद्दों से हर समय जूझता रहा है। और भविष्य में भी। तो इस स्तर पर हम जानवरों के बराबर हो जाएँगे।
एक अच्छी शासन व्यवस्था एक सच्चे साक्षर समाज की ज़रूरत है। और जाति/धर्म के संबंध में लगातार विवाद हमारी बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाते हैं।
और इसलिए विवादों का स्थायी समाधान ज़रूरी है।
अवधूत जोशी
लगता है न्युज 24 गोदी मीडिया का हिस्सा बन गया है, क्या हेडिंग लगाई है, मानना पड़ेगा हमेशा ऐसी हेडिंग सोच समझ कर लगाई गई है
राजीव रंजन रिपोर्टर को अपना काम तो ढंग से करना आता नही है, ये क्या बताएगा जो भाजपा को यूपी में 70 सीट दे रहा था 😂
Sahi bat hai
आदरणीय !
जाति या धर्म व्यवस्था पर चर्चा करते समय कई बार आदरणीय नेहरूजी या गांधीजी या लोहियाजी या अंबेडकरजी या सावरकरजी जैसे महान व्यक्तित्वों का नाम लिया जाता है। और उनके विचारों को किसी बात को सिद्ध करने के लिए कहा जाता है। दुर्भाग्य से, ये सभी महान व्यक्ति पूरी तरह से सही नहीं थे। कुछ कम सही या अधिक सही हो सकते हैं। लेकिन कोई भी पूरी तरह से सही नहीं है। वे उस समय की परिस्थितियों के सीमित दायरे में सही हो सकते हैं।
हालाँकि 70-75 साल बाद, हम एक राष्ट्र के रूप में विशेष रूप से हिंदू धर्म के संबंध में सत्य को खोजने में विफल रहे हैं। 1947 में, नेहरूजी के नेतृत्व में उस समय की हिंदू पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के दर्शन के साथ एक पवित्र समझौते के साथ इस मुद्दे को सुलझाया। समझौता प्रणाली के लिए उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। इस गुण को हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने पोषित किया था और इसलिए हमने 'अहिंसक सत्याग्रह' नामक बहुत ही अभिनव उपकरण के साथ अपनी स्वतंत्रता अर्जित की।
समय के साथ, समझ का स्तर कम होता गया। 2015 से, हम इस मोर्चे पर सबसे खराब स्थिति में हैं। सत्य की जगह बेशर्म झूठ ने ले ली है। यह राजनीतिक नेताओं की रातों-रात बदली हुई विचारधाराओं के माध्यम से प्रतिबिम्बित हो रहा है। राजनीति हमेशा सामाजिक जीवन की दिशा तय करती है। हास्यास्पद राजनीति ने हमारे राष्ट्र के सामाजिक जीवन और संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है।
हालाँकि, चीजों को ठीक करना संभव है। इसके लिए जाति और धर्म व्यवस्था से संबंधित सभी पुराने विवादों का संतोषजनक समाधान आवश्यक है। मैंने इस उद्देश्य के लिए चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। और सरकार 2015 से मेरी मदद नहीं कर रही है। 2015 में, मैंने इस समाधान को प्राप्त किया। सरकार ने मेरी 1400 प्रार्थनाओं को अनदेखा कर दिया है और इसलिए राष्ट्र लगभग सभी क्षेत्रों में किसी न किसी तरह की मूर्खता का सामना कर रहा है।
मैं सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा का समर्थन करें। कुछ शरारती लोग भोजन, आश्रय और कपड़े जैसे बुनियादी विषयों पर बात करके ध्यान भटकाने की कोशिश करेंगे। मैं ऐसी बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं के महत्व को समझता हूं। लेकिन मनुष्य इन मुद्दों से हर समय जूझता रहा है। और भविष्य में भी। तो इस स्तर पर हम जानवरों के बराबर हो जाएँगे।
एक अच्छी शासन व्यवस्था एक सच्चे साक्षर समाज की ज़रूरत है। और जाति/धर्म के संबंध में लगातार विवाद हमारी बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाते हैं।
और इसलिए विवादों का स्थायी समाधान ज़रूरी है।
अवधूत जोशी
सही बात
Right
@@avadhutjoshi796 इतनी लंबी पोस्ट देखकर ही पढ़ने का मन नहीं करता 🥱
बहुत बढ़िया राहुल गांधी का भाषण है।दस साल में क्या हुआ सबको मालूम है। कमजोर पर बल दीखा रहे थे।पावर फूल है अभी।
नहीं सोई हुई सरकार को जगा रहे हैं
अगर बजट इतना महत्वपूर्ण है तो बाकी वर्ग के लोग क्यों नहीं होना चाहिए, राजीव जी इस बात पर आप थोड़ा सोचे ?
Rahul is in full form
राजीव भाई मै आपका फैन हूं राहुल गांधी जी ने कहा एक दम सही कहा
प्रधान मन्त्री जी के भाषणों में कौन सी नैतिकता दिखती है ? वह तो अपने भाषणों में सारी मर्यादाएं लांघ जाते हैं।
Rahul Gandhi Jindabad sir
सुन्दर विश्लेषण किया राजीव रंजन जी आपने।
Rahul👍
राहुल गांधी हमेशा गरीब पिछड़े दलित आदिवासीयों के हित की बात करते है
एक कहावत हे, जब अंकूर न मिले तो खठ्ठा हे। यही हाल हे, राहुलगांधी के सवालो का जवाब नही दे पा रहे हे। राहुल गाँधी पढे लिखे हे। समझदार हे।
कोई समझे या न समझे देश की जनता समझ रही हे।
राहुल जी पर जनता का विश्वास पूरा हे।
जी नहीं सदुपयोग कर रहे है जनता की आवाज उठा रहे है जो इंडिया की सच्चाई है
बहुजन समाज को अधिकार कब मिलेगा
Rahul Gandhi is a true leader, who speaks from his heart! We the people connect to him whole heartedly!❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉 His speeches are very truthful & just, without hurting anyone! Thank you Rahul for your feeling for the people of India!❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉😅😅😅😅😅😅😅
श्री राजीव रंजन जी वास्तविक में सत्य है की भारत मे आम मनुष्य का ब्यापार खत्म हो गया है। आमदनी नही है। भाजपा सरकार को नही समझ मे आएगी।
हा, कांग्रेस दुकान दुकान कस्टमर लेके घूमेगी
Rahul ji Nice. and decent ...speech speech
Rahul Gandhi right 👍👍
क्यों ऐसा क्या करेंगे आपके राहुल जी
@@status_adda_vtजो 10साल से जनता आस लगाए बैठी थी
@@SanjeevKumar-it2ek क्या, हिन्दू हिंसक, मंदिर के फैसलों पर रोक कश्मीर का चौथा टुकड़ा, या और कुछ....?
Note-- राहुल पर जितने लोग का आस है ना उससे 4 गुना ज्यादा मोदीजी पर विश्वास है, इसलिए वो pm है
राहुल गाँधी बिल्कुल सही बोल रहे है। राहुल गाँधी देश का भविष्य के युवा नेता है।
पिछले दस सालो के हैं ये सवाल जो होने नहीं दिये अब वे उठाए जा रहे है तो जवाब नहीं दे पाने कि झल्लाहट है ।
Shi bat he rahul Gandhi jindabad
वा रंजन साहाब वा ! आप भी . सत्ता के आगे आप भी । सत्ता बदलती है ।ध्यान रखना । क्या आपको समजता नही । आपको सब समजता है ।
१००% सहमत.....❤❤❤
राजीव हेड लाइन लिखा है राहुल गांधी पद का दुरुपयोग कर रहे हैं,।ऐसा कभी तुम लिखा प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग किया है पुरा देश देख है कि तरह नरेंद्र मोदी पद का दुरुपयोग किया है? ईडी सीबीआई इनकम का कैसे दुरुपयोग नरेन्द्र मोदी किया है पुरा देश देखा है?
मोदी जिस प्रकार घटिया भाषा का प्रयोग करते हे उससे तो ये अच्छा हे नैतिकता केवल विपक्ष के हिस्से में ही आती हे
राहुल पद का दुरुप्रयोग कर रहे हैं तो pm को बोले वो विपक्ष मैं बैठ कर सदुपयोग कैसे करते हैं देश को बताइए।
Shi bole RahulGhandi
Voice of the voiceless people jannayak Rahul Gandhi zindabaad
हम राहुल गांधी के भाषण को अलग करके नहीं देख सकते। हमें यह भी देखना होगा कि दूसरे नेता संसद में कैसे बोलते हैं । उदाहरण के लिए, मोदी जी ने भी अपने भाषण में राहुल गांधी को "बाल बुद्धि" कहा - क्या यह प्रधान मंत्री पद की गरिमा के अनुरूप था? पीएम के सबसे गरिमामय पद पर रहते हुए भी, मोदी जी ने हमेशा दूसरे नेताओं का उपहास उड़ाया है।
बीजेपी नेताओं ने सोनिया गांधी पर अभद्र टिप्पणी की है ।
तो, राहुल गांधी अब खुद को राजनेताओं द्वारा बोलने की वर्तमान संस्कृति में ढाल रहे हैं, जो संस्कृति भाजपा नेताओं द्वारा ही शुरू की गई है।
Rahul Gandhi jindabad Akhilesh Yadav jindabad India ka gana jindabad
Rahul Gandhi zindabad ♥️🌹
Modiji Nehru aur neta ka naam lete hain.