LIVE बातचीत में पहली बार भड़के अभय दुबे, मोदी-शाह का कच्चा चिट्ठा खोल दिया ॥ Modi ॥ Shah

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  • เผยแพร่เมื่อ 24 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 934

  • @maheshtiwari-k3m
    @maheshtiwari-k3m 6 วันที่ผ่านมา +150

    कौन-कौन चाहता है कि राहुल गांधी भारत के प्रधानमंत्री बने

    • @satinderkahlon7919
      @satinderkahlon7919 6 วันที่ผ่านมา +5

      Kabi nhi

    • @Lingbabar
      @Lingbabar 6 วันที่ผ่านมา +6

      @@maheshtiwari-k3m koi nhi

    • @ramkakade9619
      @ramkakade9619 6 วันที่ผ่านมา +6

      तो साब... अमित शहा को बना दो ओर हिंदू राष्ट्र घोषित करो l

    • @nabinbanik6664
      @nabinbanik6664 6 วันที่ผ่านมา

      ​@@satinderkahlon7919 tu gaddar nikla. 😂😂😂😂

    • @user-wo8ob4ws3o
      @user-wo8ob4ws3o 6 วันที่ผ่านมา +1

      Jb tak Rahul h wo om nahi ban sakta or nahi congress kabhi jeet sakti hai

  • @sandeeppunia3853
    @sandeeppunia3853 6 วันที่ผ่านมา +45

    बाबा साहेब विश्व रत्न है उन्हें ना भाजपा की जरूरत है ना कांग्रेस की, बाबा साहेब के करोड़ों समर्थक उन्हें हमेशा अपने दिल में रखेंगे

  • @hrdefender9439
    @hrdefender9439 6 วันที่ผ่านมา +87

    दूबे जी बिल्कुल सत्य कह रहे हैं

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 6 วันที่ผ่านมา

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @sangitashinde9061
    @sangitashinde9061 6 วันที่ผ่านมา +28

    जयभीम बाबा साहेब जी हमारे भगवान् है और मरते दम तक रहेगे जय संविधान 🙏🙏🙏

  • @anilmulay2839
    @anilmulay2839 6 วันที่ผ่านมา +83

    जबतक ईव्हीएम है,तबतक कोई कीतनाभी विरोध करे सत्ता पक्ष कुछभी करे इनको फर्क नहीं पडेगा।मतोंकी जरुरतही नहीं है।संविधान, लोकतंत्र, मानतेही नहीं।

    • @user-wo8ob4ws3o
      @user-wo8ob4ws3o 6 วันที่ผ่านมา +4

      Jharkhand me evm thik hai Mumbai me khrb

    • @lasteye4959
      @lasteye4959 6 วันที่ผ่านมา

      ​@@user-wo8ob4ws3ojharkhand mai evm nhi hoti to 10 bhi nhi aati BJP ki...EVM + Election officers sabka dose milkar chunav manage hota hai..Baaki ELON musk ne challenge kiya hai evm ko, Election commission ko ek machine musk ko bhejkar challenge accept kare..uske pass team hai scientist ki..

    • @nandlalyadav9185
      @nandlalyadav9185 6 วันที่ผ่านมา +2

      इन सब बातो को नजरअन्दाज करते हुये सभी अम्बेडकर वादी को खुल कर विरोध में आना चाहिये

    • @vinubhaisolankii34
      @vinubhaisolankii34 6 วันที่ผ่านมา

      Tumhari samaj se pare hai​@@user-wo8ob4ws3o

  • @girishkumar8320
    @girishkumar8320 6 วันที่ผ่านมา +95

    अंबेडकर जी मेरे भगवान हैं ।

    • @manchikantimurty7375
      @manchikantimurty7375 6 วันที่ผ่านมา

      Non Brahmins Sages / Saints: according to Vajrasuchikopanishad, Rishyasringa belonged to deer, buck rearing caste, Kausika to grass cutting class, Jambooka maharishi belonged to fox tearing class, Valmiki to Kirathaka caste, Vyasa to fishermen caste , Gautama to hare rearing class, Vasistha born to a prostitute, and his son Shakti married a lower caste lady, Parasara married a lower caste lady Matsyagandhi and got a son Vyasa Maharshi, Agastya born in an earthen vessel, Matanga was a son of lower caste , Itareya maharishi was son of a kirathaka (present SC and ST category), Ilusha Rishi born to a Dasi.

    • @kapiljain905
      @kapiljain905 5 วันที่ผ่านมา

      गौतम बुद्ध (राजकुमार सिद्धार्थ शाक्य), शाक्य वंश के उल्लेखनीय वंशजों में से एक हैं. शाक्य वंश के कुछ उल्लेखनीय पूर्वजों में सूर्य, भगवान राम, महाराज रघु, भगीरथ, और हरिश्चंद्र शामिल हैं.
      बड़ौदा महाराजा गायकवाड़, जो एक क्षत्रिय थे, ने प्रख्यात ब्राह्मण शिक्षक दादा केलुस्कर की सिफारिश पर बीआर अंबेडकर की पूरी विदेशी शिक्षा को प्रायोजित किया।
      उनके एक ब्राह्मण टीचर महादेव अंबेडकर को उनसे खासा लगाव था। उनके कहने पर ही अंबेडकर ने अपने नाम से सकपाल हटाकर अंबेडकर जोड़ लिया जो उनके गांव के नाम 'अंबावडे' पर था।
      डॉ॰ भीमराव अंबेडकर की दूसरी पत्नी का नाम सविता अंबेडकर था. उनका जन्म 27 जनवरी, 1909 को शारदा कबीर के नाम से हुआ था. वे पुणे के एक सभ्रांत मराठी ब्राह्मण परिवार से थीं.
      बाबा साहेब ने अपनी किताब 'बुद्ध और उसके धम्म' में लिखा था कि सविता की वजह से उन्होंने 8-10 साल ज़्यादा ज़िंदगी जिए.
      अंबेडकर की तीसरी बहन मंजुला बाई का विवाह पंदिरकर परिवार में हुआ था. यह मराठों का ब्राह्मण समाज है.
      अंबेडकर की चौथी बहन तुलसा बाई का विवाह धर्म कांतेकर परिवार में हुआ था. यह मराठा ब्राह्मण समाज है.
      अंबेडकर की सबसे बड़ी बहन गंगाबाई सकपाल का विवाह लोखंडे परिवार में हुआ था. यह मराठा भोयिती ब्राह्मण जाति का उपनाम है.

    • @SUJITNAYAK-w6s
      @SUJITNAYAK-w6s 5 วันที่ผ่านมา +2

      Ola Ober??🤣🤣

    • @kishanbirla1119
      @kishanbirla1119 4 วันที่ผ่านมา +1

      ताली थाली 😅😂🤣​@@SUJITNAYAK-w6s

    • @SUJITNAYAK-w6s
      @SUJITNAYAK-w6s 4 วันที่ผ่านมา

      @@kishanbirla1119 ताली थाली मत करियो नहीं तो इस्लामिस्ट तुम्हारा सिर काट डालेंगे😁

  • @Suresh-x3w
    @Suresh-x3w 6 วันที่ผ่านมา +16

    🇮🇳बाबा साहेब आंबेडकर जी हर सच्चे भारतीय और हमारे विचारों की जान है📘🫡⚖️🙏

  • @bhargavvora9687
    @bhargavvora9687 6 วันที่ผ่านมา +29

    शर्मा जी, जो दिल में होता हैं वह जबान पर आ जाते हैं... आज अमित शाह ने बता दिया.....

  • @rajvishwakarma7284
    @rajvishwakarma7284 6 วันที่ผ่านมา +50

    अमित शाह जी के बयान के ऊपर कानूनी कार्रवाई करने की आवश्यकता है

  • @mehmoodsamre2639
    @mehmoodsamre2639 6 วันที่ผ่านมา +33

    संजय शर्मा जी आपकी बेबाक ईमानदार पत्रकारिता को सलाम।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 6 วันที่ผ่านมา

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @gargidev07
    @gargidev07 6 วันที่ผ่านมา +121

    बाबासाहेब के अपमान पर भी अगर विपक्ष विरोध मे कुछ न कर पाया तो ऐसा विपक्ष देश हित मे नही है।

    • @nandlalyadav9185
      @nandlalyadav9185 6 วันที่ผ่านมา +6

      पिछड़े व दलित के मसीहा बाबा साहब काअपमान से पूरा समाज आहत है

    • @sunilsanuuikey9398
      @sunilsanuuikey9398 6 วันที่ผ่านมา +3

      Right

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 6 วันที่ผ่านมา

      @@nandlalyadav9185
      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

    • @RamDhadwal
      @RamDhadwal 5 วันที่ผ่านมา

      Aap video mein dekh nahi rahe ke Opposition to bar bar Ambedkar ke liye desh hit mein to kitna bol rahe hain. Aap ko kya samjh nahi hai. Aap jaise bhi logo ko gum rah kar rahe hain godi media ki tra.😊

  • @mushtaqahmad7698
    @mushtaqahmad7698 5 วันที่ผ่านมา +9

    संजय शर्मा जी, आषका सुझाव बहुत ही सुन्दर है.

  • @muksehkumarshark
    @muksehkumarshark 6 วันที่ผ่านมา +10

    संजय जी आपने बाबा साहेब को सिर्फ दलित तक ही सीमित कर दिया। जबकि बाबा साहेब ने पूरा बहुजनों का महिलाओं का कमजोर तबकों का सबकों अधिकार दिलाया। वो सबके लिए पूजनीय है। जय भीम जय भारत जय संविधान।

  • @rajvishwakarma7284
    @rajvishwakarma7284 6 วันที่ผ่านมา +26

    वोट लेने के एक है तो सेफ है बाद में अमित शाह जी और मोदी जी पिछड़ों की आलोचना करते हैं।

  • @DalpatChhibubhai
    @DalpatChhibubhai 6 วันที่ผ่านมา +44

    संजय जी अभय दुबे जी आप के शो में जरुर बुला लिया करो अभय दुबे जी से बहुत कुछ जानना मिलता है सिखाना मिलता है
    अभय दुबे जी आपकों प्रणाम सर

    • @vikastaya4382
      @vikastaya4382 6 วันที่ผ่านมา +4

      Please support abhay dubey for prime minister of India. He is better than rahul gandhi

    • @gopaalpande7167
      @gopaalpande7167 6 วันที่ผ่านมา

      ​@@vikastaya4382to yhst bas...d , never, frustrated dala

    • @lasteye4959
      @lasteye4959 6 วันที่ผ่านมา +1

      ​@@vikastaya4382kaise support kare wo chunav hee nhi ladte .😂

    • @netrapalsingh566
      @netrapalsingh566 6 วันที่ผ่านมา +2

      Knowledge rich in analysis

  • @BhimChaudhary-g7s
    @BhimChaudhary-g7s 6 วันที่ผ่านมา +72

    अमित शाह इस्तीफा दो 😡😡😡😡

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 6 วันที่ผ่านมา

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

    • @anilkumarpal7172
      @anilkumarpal7172 5 วันที่ผ่านมา +1

      अमित शाह जी इस्तीफा दो, इस्तीफा दो, इस्तीफा दो, इस्तीफा दो, इस्तीफा दो ❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏

  • @surendrakumarsingh4921
    @surendrakumarsingh4921 6 วันที่ผ่านมา +30

    सिर्फ दलित ही नहीं वास्तविक बुद्धिजीवी, राष्ट्र के संदर्भ में सही सोच रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति अमित शाह के नीच वक्तव्य से पीड़ित है।

  • @zsdodwaldodwal5656
    @zsdodwaldodwal5656 6 วันที่ผ่านมา +31

    बाबा साहेब ने इस धरती पर,इस देश मे ,इस समाज मे,स्वर्ग बना दिया,भगवान ने स्वर्ग नर्क बनाया है वो किसने देखा जहां बताने के लिए जिन्दा जा नही सकता,और मृतक वापस आ नही सकता ।

  • @bhoopsinghbharti3263
    @bhoopsinghbharti3263 6 วันที่ผ่านมา +33

    भगवान जैसे नहीं, बल्कि असली के भगवान है डॉ भीमराव अंबेडकर

  • @manojsolanki7652
    @manojsolanki7652 6 วันที่ผ่านมา +34

    आप दोनों को कोटि कोटि नमन 🙏👍❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 6 วันที่ผ่านมา

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @gyanendrashyamal2437
    @gyanendrashyamal2437 5 วันที่ผ่านมา +19

    अभय दुबे जी का सटीक विश्लेषण सार गर्भित रहा।

  • @kantmeshram8133
    @kantmeshram8133 6 วันที่ผ่านมา +14

    बाबा साहेब ने सभी समाज के लिए काम किया है।
    शर्मा जी आपको ये बात बोलनी चाहिए।

  • @RajendraPrasad-lo1oj
    @RajendraPrasad-lo1oj 6 วันที่ผ่านมา +10

    ये तो होना ही था, इसका खामियाजा तो बीजेपी को भुगताना ही पड़ेगा।

  • @saukatghasura5129
    @saukatghasura5129 3 วันที่ผ่านมา +1

    🎉Manniy Baba Sahab Bheem Rao Ambedkar Sir Zindabad, Zindabad, Zindabad. 🎉

  • @naveenchandra4306
    @naveenchandra4306 6 วันที่ผ่านมา +16

    डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जी महान थे महान है और हमेशा हिन्दुस्तान के लिए महान रहेंगे। 🙏

  • @ramsawroop8589
    @ramsawroop8589 6 วันที่ผ่านมา +17

    ❤ संजय जी,अभय दुबे जी प्रणाम 🇮🇳🇮🇳🙏🌹🌹❤️ मोदी, शाह, बीजेपी की मन की सच्चाई, देश के सामने आ गई, कहते है अगर इन्सान चौबीस घंटे झूठ बोलें, एक बार सच्च बोल ही जाता है,चार सौ पार, संविधान बदलना, ये सब इनकी मन की बात देशवासियों के सामने आ गई है, बीजेपी एसटी, ओबीसी विरोधी झुंड है, झूठ, जुमले, बेईमानी, हेराफेरी, लूटघूसट इनके ख़ून में भरा हुआ है, बीजेपी, ईवीएम हटाओ, भारतवर्ष को बचाओ, इंडिया गठबंधन ज़िंदाबाद 🇮🇳🙏🌹 इंडिया ज़िंदाबाद 🇮🇳🙏🌹 डां बाबा साहेब अम्बेडकर जी ज़िंदाबाद, ज़िंदाबाद 🇮🇳🇮🇳 श्री राहुल गांधी जी, खड़कें जी, अखिलेश जी ज़िंदाबाद 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🌹

  • @abdullahansari5276
    @abdullahansari5276 6 วันที่ผ่านมา +9

    True Facts and Analysis
    Jai Bhim Jai Bharat

  • @saukatghasura5129
    @saukatghasura5129 3 วันที่ผ่านมา +1

    🎉❤Bharat Desh ke Samvidhan ke Praneta Manniy Baba Sahab Bhimrao Aambedkar sir Zindabad, Zindabad, Zindabad.❤ 🎉

  • @errajkumar1282
    @errajkumar1282 6 วันที่ผ่านมา +13

    खेत विके चाहे कमरा
    वोट न पाये चमरा
    येसा नारा भी चलता था। अंदर ही अंदर
    ये वात १००% सच है वाल्मीकि समाज अंबेडकर विचारधारा को नहीं मानता है। वो मनुबाद के चंगुल में आज भी है।

  • @dhanjibhaivrathod504
    @dhanjibhaivrathod504 6 วันที่ผ่านมา +24

    जय भीम जय संविधान जय बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर। 💙💙💙💙💙 🙏🙏🙏🙏🙏 💙💙💙💙💙

  • @inderjeet3008
    @inderjeet3008 6 วันที่ผ่านมา +36

    जब दलित शुद्र
    दरिंदगी की जिंदगी जी रहे थे
    जब कोई भगवान नहीं आया था
    हमारे लिए बाबा साहब इन सबसे बढ़कर है
    जय भीम

    • @vishusharma815
      @vishusharma815 5 วันที่ผ่านมา

      महादलितों का क्या

  • @kailashchandmeena704
    @kailashchandmeena704 6 วันที่ผ่านมา +17

    प्रोफेसर दुबे साहब जी के यथार्थ विश्लेषण एवं ऐताहासिक सत्यता का बेवाक व्याख्यान के लिए कोटि-कोटि साभार एवं नमन ❤❤❤

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 6 วันที่ผ่านมา

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @BhimChaudhary-g7s
    @BhimChaudhary-g7s 6 วันที่ผ่านมา +18

    जय भीम जय संविधान जय भीम आर्मी चंद्रशेखर भाई जिंदाबाद 💪💪💪🙏🙏🙏🙏💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙

  • @IndrajeetTripathi204
    @IndrajeetTripathi204 6 วันที่ผ่านมา +17

    ताड़ी पार अमित शाह को बाबा साहेब के अपमान के लिए मंत्री पद तथा सांसद के पद से तत्काल इस्तीफा देकर अज्ञात वास में चले जाना चाहिए l

    • @avtarsinghsahota5525
      @avtarsinghsahota5525 4 วันที่ผ่านมา

      त्यागपत्र नहीं बर्खास्त करना चाहिए, क्योंकि इन्होंने जो किया वो गलती नहीं अपराध की श्रेणी में आता है।

    • @sukhbirkalirawna626
      @sukhbirkalirawna626 3 วันที่ผ่านมา

      Asa savidhan bana diya gaya hai ki aaj tadi paar garah mantri ban gaya ase savidhan ko kya mein chatu ye savidhan nahi suvidha lene ka hatiyar bana diya

  • @PrabhatSingh-ti5vm
    @PrabhatSingh-ti5vm 6 วันที่ผ่านมา +11

    Thanks 4p m

  • @SunilKumar-nt8wg
    @SunilKumar-nt8wg 6 วันที่ผ่านมา +7

    अभय जी आपकी विश्लेषण क्षमता को कोटि-कोटि नमन अद्भुत अकल्पनीय अविश्वसनीय है लेकिन एक बात समझ लें ईवीएम सरकार के नियंत्रण में है अतः इन लोगों को चुनाव में हारने का डर नहीं है इसलिए आपकी सारी माथापच्ची व्यर्थ है।

  • @PradipKumar-wz9os
    @PradipKumar-wz9os 6 วันที่ผ่านมา +4

    बहुत सही विश्लेषण अभय दुबे जी ने अभय जी जब तक ईवीएम नहीं हटेगी तब तक बीजेपी का दिमाग नहीं सही होगा क्योंकि बीजेपी को जब ईवीएम से चुनाव जीतना है तो जनता से क्या मतलब

  • @RanjitGavandi-i4m
    @RanjitGavandi-i4m 6 วันที่ผ่านมา +18

    वैसे भी कुछ लोग अकलके दुष्मण होते है लेकिन लकिर के फकिर भी होते है !

  • @satishsaroha8331
    @satishsaroha8331 6 วันที่ผ่านมา +38

    हम बाबा साहब अम्बेडकर से बड़ा किसी भगवान को नहीं मानते। हमारे लिए बाबा साहब अम्बेडकर ही भगवान हैं।

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 6 วันที่ผ่านมา

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @saudansingh1885
    @saudansingh1885 6 วันที่ผ่านมา +7

    उत्तम चर्चा!👍👍👌

  • @SubhashKumar-je2ex
    @SubhashKumar-je2ex 6 วันที่ผ่านมา +21

    अब आगे होगा यह कि बाबा साहब पर अमित शाह द्वारा बयानबाजी की बात ठंडी पड़ी तो मोदी -शाह तुरंत बाबा साहब को "भारतरत्न" से नवाज़ने की घोषणा करके डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे, बेशक आर एस एस, बीजेपी कभी भी बाबा साहब की प्रशंसक या हितैषी नहीं रही

    • @rameshailawadi2627
      @rameshailawadi2627 6 วันที่ผ่านมา +2

      Bhaiya jee
      Baba Ji ko already Bharat Ratan mil chuka hai 1990 maen.
      Issee liye bola jaata hai Bharat Ratan Dr. Bhim Rao Ambedkar Ji.

    • @ramkakade9619
      @ramkakade9619 6 วันที่ผ่านมา +2

      भारत रत्न अंबेडकरजीको ऑलरेडी मिला है l

  • @rajugoutam4401
    @rajugoutam4401 6 วันที่ผ่านมา +11

    भगवानों के भगवान हैं हमारे भगवान बाबा साहब भीम राव आंबेडकर साहब 🔥🔥💙💙💪🏽

  • @abhayanandpathak9250
    @abhayanandpathak9250 6 วันที่ผ่านมา +12

    तिरस्कार भाव प्रकट करता है साह जी का वक्तव्य।

  • @anwaralam6454
    @anwaralam6454 6 วันที่ผ่านมา +6

    Very deep analysis by Dr Abhay Dubey. His analysis and comments prove his deep knowledge. ❤

  • @ManojKumar-ji8sl
    @ManojKumar-ji8sl 6 วันที่ผ่านมา +14

    बीजेपी पार्टी जब बाबासाहेब विचारों में विश्वास नहीं रखते बदलितों को मान सम्मान क्या देंगे यह तो दलितों के नेता को अपने चुनावी फायदा के लिए मिला के रखते हैं मनोज रजक आरजेडी बख्तियारपुर

  • @haribhaibarad2703
    @haribhaibarad2703 6 วันที่ผ่านมา +5

    Right sir

  • @jaibirkhicher8179
    @jaibirkhicher8179 6 วันที่ผ่านมา +5

    Salute sir

  • @ghanisheikh5550
    @ghanisheikh5550 6 วันที่ผ่านมา +4

    सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने आर्थिक तत्व में बड़ी समता की मांग करता है जो दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और पिछड़े मुसलमानों को एक साथ समेटता है इसको आगे बढाना चाहिए। इसमें दक्षिणपंथी सांप्रदायिक विचार और हितों की मौत है।

  • @suwalalawasiya1897
    @suwalalawasiya1897 6 วันที่ผ่านมา +12

    Abhay dubey ji and Sanjay sarma ji ko 🙏🏻salute 🙏🏻

  • @b.l.baniya429
    @b.l.baniya429 6 วันที่ผ่านมา +4

    सभी विपक्षी दल एकजुट हों और अमित शाह के द्वार संसद में अंबेडकर के आलोचना के मामलों को बड़ी गंभीरता से उठाना चाहिए

  • @jabbarsb6100
    @jabbarsb6100 6 วันที่ผ่านมา +11

    अंबेडकर एक विचारधारा का नाम हैं।इस धारा में आप बह न जाएं।

  • @RcSharma-rq5hi
    @RcSharma-rq5hi 5 วันที่ผ่านมา +1

    It's a fantastic suggestion 😄

  • @mohammadharunkhan3740
    @mohammadharunkhan3740 6 วันที่ผ่านมา +27

    बाबा साहब आंबेडकर भारत के सारे मानव भगवानों से महान हैं क्योंकि बाबा साहब ने जितने दबे कुचले लोगों को सिर उठाने का हक़ दिया उतना कोई भी महापुरुष बीसवीं, इक्कीसवीं शताब्दियों में नहीं कर सका।

  • @SharwankumarMandpa
    @SharwankumarMandpa 6 วันที่ผ่านมา +3

    शर्मा जी यह तो दलितों को सोचना चाहिए बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है

  • @shubhangikatti3096
    @shubhangikatti3096 6 วันที่ผ่านมา +3

    इस देश की यही शोकांतिका है कि बाबासाहेब आंबेडकर के अपमान का बुरा सब दलितोंकोही लागता है।
    बाकी सबको यह पहा ही नही कि आज अगर वह सुकून की जिंदगी जी रहे है वो उन्ही कि बदैलत है|

  • @HeeralalBhatiya
    @HeeralalBhatiya 6 วันที่ผ่านมา +5

    जुट से देश ज्यादा दिनो तक देश विशवास नही करेगा।

  • @pushpendrabhaskar3813
    @pushpendrabhaskar3813 6 วันที่ผ่านมา +4

    Very good analysis.

  • @manojpandey6437
    @manojpandey6437 5 วันที่ผ่านมา +2

    इंडिया गठबंधन के नेताओं को एकजुटता से आवाज उठानी चाहिए

  • @rajendrakumarwaliya2901
    @rajendrakumarwaliya2901 6 วันที่ผ่านมา +3

    ❤🎉 गुडमॉर्निंग संजय शर्मा जी व अभय दुबे जी 🎉❤!

  • @rajpalsingh-pk4xv
    @rajpalsingh-pk4xv 6 วันที่ผ่านมา +2

    संजय भाई कुछ नहीं होना है।आर एस एस वाले सुधरेंगे नहीं।

  • @dayasingh3309
    @dayasingh3309 6 วันที่ผ่านมา +14

    सवाल उन भाजपा के चुने St/St क्य़ा वे भाजपा से बाहर होंगे

  • @ambedkarvishwakarma6802
    @ambedkarvishwakarma6802 6 วันที่ผ่านมา +8

    देशका जिम्मेदार व्यक्ति बाबा साहब डाभीमराव . अम्बेडकर का तिरस्कार करता है जबकि देशको चलने का हक ऐसे व्यक्ति को कोई हक नहीं बनता है।

  • @UsmanKhan-vd5bz
    @UsmanKhan-vd5bz 6 วันที่ผ่านมา +6

    ईवीएम हटाओ देश बचाओ ❤❤

  • @mpkumar7786
    @mpkumar7786 6 วันที่ผ่านมา +2

    Excellent Analysis.

  • @gopalsarkar7777
    @gopalsarkar7777 6 วันที่ผ่านมา +3

    असल में बाबा साहेब डॉ आम्बेडकर जी हमारे लिए ईश्वर हैं। उन्होंने यह धरती को हमारी स्वर्ग बना दिया। जन्म एक ही बार होया एक बार स्वर्ग मिला। इस लिए कोटि कोटि प्रणाम। वो अंध भक्त ने सेही कहा बाबा कि नाम पुकार करि हमे स्वर्ग मिल गई। ईश्वर कि नाम जब में हमे अत्याचार मिला, शोषण मिला, दासत्व मिला अपमान मिला। आज हम स्वाधीनता मिल गई। कोटि कोटि प्रणाम बाबा साहेब। जय भीम।

  • @madhosingh6637
    @madhosingh6637 6 วันที่ผ่านมา +6

    राहुल गांधी जी की नजर देश के उच्च पदों पर बैठे लोगों पर है । वह कहते भी है उच्च पदों पर कोई भी बहुजन समाज का व्यक्ति नहीं बैठा है इसलिए उच्च पदों के लोग बहुजन समाज के अनुरूप प्रगति के रास्ते नहीं बनाते हैं।

  • @rkverma1157
    @rkverma1157 6 วันที่ผ่านมา +5

    Impressive analysis

  • @kishornandankar5785
    @kishornandankar5785 6 วันที่ผ่านมา +4

    मोदी मोदी करने वाले कितने लोग स्वर्ग पोहचे इसकी सुची प्रकाशीत करे शाह

    • @bhargavvora9687
      @bhargavvora9687 6 วันที่ผ่านมา +2

      आंदोलनकारी साडे सातसो किसानों को तो मोदी जी ने स्वर्ग में भेज दिया है ...बीस महीने से जल रहे मणिपुर में अनगिनत लोग मर रहे हैं...(बीजेपी के भगवान...) मोदी की कृपा से.....

  • @NarendraVerma-k5n
    @NarendraVerma-k5n 6 วันที่ผ่านมา +3

    बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी जिन्दाबाद जय भीम जय भारत मायावती जी जिन्दाबाद

  • @b.spareek
    @b.spareek 6 วันที่ผ่านมา +48

    शर्मा जी बीजेपी को शाह के बयान से कोई हानि नहीं होगी क्योंकि मुस्लिम विरोध से खुश होने वाली जनता बीजेपी की सारी गलतीया माफ कर देती हैं I

    • @lasteye4959
      @lasteye4959 6 วันที่ผ่านมา

      Muslim virodh se sirf andhbhakto ko dose diya jata hai, taaki wo bhatak na jae..

    • @avadhutjoshi796
      @avadhutjoshi796 6 วันที่ผ่านมา

      संविधान की विजय
      भारत में कोई भी सही बुद्धिजीवी नहीं है..............किसी भी दर्शन से नहीं। धर्मनिरपेक्ष, जबरन थोपे गए धर्मनिरपेक्ष या हिंदुत्ववादियों में कोई सच्चा बुद्धिजीवी नहीं है। उदाहरण के लिए- श्री अभय दुबेजी और संजय शर्माजी। दोनों ही अंबेडकर की विचारधारा के बारे में बकवास कर रहे हैं। मैं बकवास जैसे कठोर शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ?
      कारण- जब माननीय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरजी ने कहा कि भगवान राम अपने गलत कामों के कारण भगवान का दर्जा पाने के लायक नहीं हैं। ऐसे में आपको दलित पुजारी की क्या जरूरत है? इसका मतलब है कि संजय शर्मा चाहते हैं कि कोई दलित ऐसी इकाई की पूजा करके मूर्ख बने जो भगवान होने के लायक नहीं है। क्या इसमें कोई तर्कसंगतता है? एक सच्चे साक्षर या बुद्धिजीवी या देशभक्त या धर्मनिरपेक्ष होने के नाते हमें सत्य की खोज करनी चाहिए। हमें राम की स्थिति तय करनी चाहिए। हमें इस पर किसी भी तरह के समझौते को अस्वीकार करना चाहिए। मैं यह कर सकता हूँ।
      अंबेडकर के सच्चे अनुयायी को राम मंदिर को ध्वस्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक सच्चे हिंदू को सभी सामाजिक और धार्मिक विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाने के बारे में सोचना चाहिए।
      एक और उदाहरण- दुबेजी हमें समानता और सामाजिक सद्भाव के बीच का अंतर बता रहे हैं। उनके अनुसार आरएसएस समरसता चाहता है (मैं इसका कभी समर्थन नहीं करता। आरएसएस और भाजपा समरसता के बिना ही चल रहे हैं। यहां मैं दुबेजी और शर्माजी की कम समझ को उजागर कर रहा हूं।) लेकिन समानता नहीं। दुबेजी के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र समान हैं। जब सभी समान हैं, तो दुबेजी ब्राह्मण आरएसएस प्रमुखों पर क्यों रो रहे हैं?
      असली बात यह है कि भारत ने 1947 में नेहरूजी के नेतृत्व में एक पवित्र समझौता किया था। और उनकी पार्टी ने कमोबेश सीपीएम के वादे का पालन किया। हालांकि इस समझौते ने हर जगह निम्न गुणवत्ता वाले बुद्धिजीवियों को जन्म दिया है। सभी जातियों और धर्मों में बहुत कम समझ वाले बुद्धिजीवी ही हैं। यही बात सभी राजनीतिक दलों पर लागू होती है।
      सुधार का सबसे अच्छा तरीका- मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा का प्रस्ताव रखा है। मैंने चर्चा की एक विशेष प्रणाली तैयार की है जो सभी जातियों और धर्मों के सम्मान को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखेगी। और सरकार मेरा समर्थन नहीं कर रही है। सरकार ने मेरे 1400 अनुरोधों को नजरअंदाज कर दिया है। और सत्ता में निचली जाति के लोगों का होना एक मूर्खतापूर्ण समाधान है। मूर्खता को त्यागना ही सही समाधान है। भाजपा में कम से कम 50% लोग निचली जाति वर्ग से हैं। माननीय राष्ट्रपति आदिवासी हैं और मध्य प्रदेश में एक आदिवासी को क्या-क्या झेलना पड़ा ?
      मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे मेरा और इतिहास, जाति और धर्म पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के मेरे विचार का समर्थन करें।

  • @RajuMaikan
    @RajuMaikan 6 วันที่ผ่านมา +5

    Super thanks sir

  • @manshitiwari2993
    @manshitiwari2993 6 วันที่ผ่านมา +2

    विपक्ष कुछ नहीं कर पाएगा कुछ न होगा

  • @netrapalsingh566
    @netrapalsingh566 6 วันที่ผ่านมา +3

    Significant discussion

  • @VishalKumar-vo9ft
    @VishalKumar-vo9ft 6 วันที่ผ่านมา +5

    अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए 🤬🤬🤬🤬🤬🤬🤬🤬🤬🤬🤬🤬

  • @AjabraoChandekar
    @AjabraoChandekar 6 วันที่ผ่านมา +3

    Dr Babasaheb Ambedkar give most Brahman than other people.

  • @viralsutariya-f1s
    @viralsutariya-f1s 4 วันที่ผ่านมา +1

    बाबासाहेब आंबेडकर हमारे लिए भगवान से भी ऊपर है,

  • @anwaralam6454
    @anwaralam6454 6 วันที่ผ่านมา +3

    Dr Ambedkar is worshipped by crores of people. His ideologies inspire the people across the world.

  • @kishanbirla1119
    @kishanbirla1119 4 วันที่ผ่านมา +1

    अभय दुबे जी मैं एक वाल्मीकि हूं और हमारे नेता श्री राजेश लिलोठिया जी , एआईसीसी चेयरमैन एससी ( वाल्मीकि ) के नेतृत्व में हमने सबसे पहले दिल्ली में 24 अकबर रोड से चलकर अमीत शाह आवास के रास्ते में अमीत शाह का पुतला दहन किया और गिरफ्तारी दी हैं ........ वाल्मीकि समाज आज़ से नहीं शुरू से ही आम्बेडकरवादी रहा है ! मगर हां, दलित नेतृत्व ने इनको नेतृत्व में आगे आने ही नहीं दिया ।

  • @gurdevsinghdev3156
    @gurdevsinghdev3156 6 วันที่ผ่านมา +3

    संविधान पे बहस से बौखला कर इनके दिल की मानसिकता प्रकट हुई हैं।

  • @birbalpti3477
    @birbalpti3477 6 วันที่ผ่านมา +2

    Thanks Mr Sanjay Sharma ji and Mr.Abya Dubey ji.Jai Bhim Jai Bharat.❤

  • @BantiKumarakela
    @BantiKumarakela 6 วันที่ผ่านมา +3

    Bjp हटाओ अमित साह भगाओ जय भीम जय सविंधान जय जोहार जय भारत

  • @harvanshmaravi631
    @harvanshmaravi631 6 วันที่ผ่านมา +2

    आरएसएस बाबासाहेब के जीते जी शव यात्रा निकाल दी थी यह नहीं भूलना चाहिए

  • @hansrajbanga73
    @hansrajbanga73 6 วันที่ผ่านมา +3

    We request all the Ambedkari MP, s MLA, s in satadhari please come out in favour of Baba sahib ji.

  • @anoopmeena4070
    @anoopmeena4070 6 วันที่ผ่านมา +4

    Amit Shah adani se dhyan भटकाने ke liye डॉ आंबेडकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की।

  • @ramkeshmeena6952
    @ramkeshmeena6952 6 วันที่ผ่านมา +11

    Nmskar,

  • @anandmayekar1513
    @anandmayekar1513 6 วันที่ผ่านมา +1

    Jai Bhim Jai Sanvidhaan 🙏

  • @dr.a.k.saptarshi524
    @dr.a.k.saptarshi524 6 วันที่ผ่านมา +3

    श्रेष्ठ विश्लेषण

  • @norbancoelho2060
    @norbancoelho2060 6 วันที่ผ่านมา +2

    बी जे पी को लोग क्या सोचेंगे उसका कुछ पडा नही है. EVM जिंदाबाद.
    ED, CBI, IT जिंदाबाद.

  • @girishkumar8320
    @girishkumar8320 6 วันที่ผ่านมา +22

    अंबेडकर जी को,अमित शाह जो बोल रहे हैं, वह EVM की ताकत है ।दलित वोट की ऐसी-तैसी ।

  • @KamrulHabib-l5u
    @KamrulHabib-l5u 6 วันที่ผ่านมา +2

    Good 👍👍 discussion sir

  • @vijaykumargaur5900
    @vijaykumargaur5900 6 วันที่ผ่านมา +14

    अखिलेश और राहुल राजनीति के खेल को सही तरीके से नहीं खेल पा रहे हैं।

  • @sunilsanuuikey9398
    @sunilsanuuikey9398 6 วันที่ผ่านมา +2

    Great analysis Abhay sir ji Baba Saheb Dr Ambedkar ji ke bare me

  • @PrabhatSingh-ti5vm
    @PrabhatSingh-ti5vm 6 วันที่ผ่านมา +4

    Thanks 4p m 24:14

  • @nathosharma-hm1fy
    @nathosharma-hm1fy 5 วันที่ผ่านมา +1

    Thank you for your video of bold expression against injustice ❤

  • @rameshkumarchaudhary8860
    @rameshkumarchaudhary8860 6 วันที่ผ่านมา +6

    Good question sir 💖

  • @imamudddin2817
    @imamudddin2817 6 วันที่ผ่านมา +2

    देशवासियों बीजेपीआरएसएस कभी बाबा भीमराव अंबेडकर साथनहीं रहा है होंठ के लिए अंबेडकर अंबेडकरकर रहे हैं जनता खुद होशियार है

  • @mastermobeen1954
    @mastermobeen1954 6 วันที่ผ่านมา +11

    दलितों के नाराज होने से बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ता क्या कर लेंगे दलित शोषित वर्ग इनके वोटों से नहीं जीत होती कुछ नहीं कर पाएंगे भाजपा का

    • @sureshkumarjaiswal699
      @sureshkumarjaiswal699 6 วันที่ผ่านมา

      Dalit ki jab peli jati hdi tab inke Aaka chup rahte hai

  • @DineshBansod-k3n
    @DineshBansod-k3n 6 วันที่ผ่านมา +2

    Sarmaji jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad jindabad

  • @bhoopsingh2394
    @bhoopsingh2394 6 วันที่ผ่านมา +3

    झूठों को इस देश से भगाओ ।

  • @sarojsaxena6096
    @sarojsaxena6096 5 วันที่ผ่านมา +1

    Very nice view