लोकसभा के विशेषाधिकार बाले धन विधेयक को भी क्यों सुप्रीम कोर्ट ७ जज तै करेंगे
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- เผยแพร่เมื่อ 26 ส.ค. 2024
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कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिन्ध्वी की संपत्ति की जाँच कराई जाए
Why not properties of all judges ?
Not required since all the government, PSU & semi government officer employees have to submit there assets & liabilities statements every year and declare income sources other than salary. Thus all the records are available with authorities & in cse of any doubt or complaints department fully authorised to conduct requiries .d@@prabirbasu23
न्यायपालिका के भी बिषेशाधिकार को भी समाप्त किया जाना चाहिए ।
Ye विशेषाधिकार खुद ही छीना है इन्होंने
अत्यंत महहत्वपूर्ण। किंतु सबसे बड़ी समस्या कोलेजियम नामक राजतन्त्र है!
Supreme Court में collegium खत्म करना अति आवश्यक है. वकील जजो की सम्पत्ती की जांच होनी चाहिए
जज साहब के पास कोई काम ना हो तो वो देश के लिए सोचें ना की ये करप्ट नेताओं के लिए अपनी साख बचा कर रखें
Same सेक्स मैरिज भी देखना है विचारों को। बहुत workload hai!!!!
संसद में बने कानून पर सिर्फ राष्ट्रपति को अधिकार है कि सही या ग़लत। इस पर सुप्रीम कोर्ट को नहीं सुनना चाहिए
ये तो सेल्फ मेड राजा हैं, कुछ भी कर सकते हैं।
लोक सभा व विधानसभाओं की आवश्यकता नहीं है क्योंकि कौलीजियम से चुने हुए मैकाले के बनाए मिंया लार्ड ही सरकार चलाने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट भी चाहता है कि भारत भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र बने लेकिन कोलैजीयम सिस्टम से जज बने माननीयों का भी अपना एक तंत्र है जो यह होने नहीं देना चाहता, सात जजों के फैसले से मालूम होगा जज साहब सभी कितने गंभीर हैं भरषटाचारों से मुक्ति पाने में ।
सोचना पड़ता है आखिर हम सरकार चुनते क्यों है और क्यों हम वोट देकर सरकार को असीमित अधिकार देते हैं जबकि हमें पता है न्यायपालिका खुद को सरकार से ऊपर रखकर जनता के अधिकारों का हनन कर रही है? गलती कहां से शुरू होती है जब संविधान कमजोर हो कई भागो में विभाजित हो तो न्याय कैसे होगा? संविधान को पुनः परिभाषित करना अत्यंत आवश्यक है बदलते सामाजिक ढांचे में ये संविधान अपने दायित्व निभाने में असमर्थ हो रहा है?
NJAC is the worst of examples. The decision of the people India through a two-thirds majority(absolute) at the Centres and the States is simply turned into a waste.. Means: SC is greater than 'We, the people of India..'.
Ye 56mm kamjor aur darpok sarkaar ke karan, nehi toh inhi judges ko Indira Gandhi ne apni aukaat dikhaa diya thaa, even Rajiv Gandhi ne bhi SC ki aukaat bataa diya thaa talak ka gujara bhatta case mein
@@uran2253 वो नहीं डरा किसी के बाप से वो चुप रह कर अपना काम कर रहा है किसी की हिम्मत नहीं जो रोक सके?
@@unitedsanataniofindia3318 Masterstroke Jivi 🤣🤣
Rok toh diya farm law ko,
Rok toh diya NRC ko,
Rok toh diya UCC ko,
Ye 56mm se Na ho payega.
Ekam Sanatan Bharat Dal is the last hope for the nation. 🙏🙏
*॥ॐ: नमस्ते सदा वत्सले मातृभुमे त्यवा हिन्दुभुमे सुखम वरधि तोहम, महामंगले पुण्यभुमे त्यदर्थे पतत्ये सकायो नमस्ते नमस्ते ॐ:॥*
*॥॥॥:वंदे मातरम् :॥॥॥*
*” जय हिन्दु राष्ट्र “ साथे “ जय श्री कृष्ण “*
*बिलकुल बराबर तो पण ,- हवे तो गुजरात पर विश्वास राखो ज , श्रीमद् भगवत् गीताजी नो अभ्यास करो ज , सनातन धर्म विषे समजो / समजावो - धन्यवाद *
जब सारे अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास हैं तो जिम्मेदारी भी सौप दी जानी चाहिए
जो भी करप्शन किया है उस पर कड़ी से कड़ी कारवाही होनी चाहिए, लेकिन ये कारवाही निष्पक्ष होनी चाहिए मतलब अगर सत्ता पक्ष वालों पर आरोप लगता है तो उन पर भी कारवाही होनी चाहिए ।
Sir आप तो स्वयं विद्वान वकील हैं, एक बात ये समझाइए कि क्या संसद द्वारा पारित हर विधेयक की समीक्षा करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को है? और यदि ऐसा है तो फिर तो संसद का अधिकार ही questinable हो गया।
फिर तो कानून स्वयं सुप्रीम कोर्ट को ही बनाना चाहिए।
सरकार बस एक आवेदन करे कि हमें इस विषय पर कानून बनाना है और सुप्रीम कोर्ट कानून बना दिया करे।
संसद का काम सिर्फ बजट पास करना रह जाएगा, और विपक्षी सिर्फ गाली गलौज करते रहेंगे।
आप बिलकुल सही हैं
प्रोफेसर द्विवेदी साहब का समझाने का तरीका बहुत अच्छा है। आपकी राजनीतिक सामाजिक और व्यावहारिक सोच श्रोताओं के मन में जगह बना लेती है।❤🙏🌹
देश के नेताओ की बजय से ही देश आगे नही बढ़ पा रहा है ।सब की प्रोपीटी की जांच होनी ही चाहिए।देश का सारा पैसा नेताओ के पास हैं।विदेश में इतना पैसा भेज दिया वो लोग मजे कर है ।देश को गरीब बना दिया।
Supreme Court के निर्णयों को राष्टृपति के पास स्वीकृति के लिए भेजना चाहिए, खासकर money बिल।
एक या दो साल के लिए आर्मी शासन लागू कर देना चाहिए और साथ में पूरे संविधान को scrap कर देना चाहिए। साथ में पूरे देश से हर वर्ग का प्रतिनिधित्व और राय लेकर नये सिरे से लिखना चाहिए।
अन्यथा कभी एक वर्ग इस देश में अपनी किताब लागू कर देगें। विचारणीय है लेकिन कड़वा है।
सारा काम ही सुप्रीम कोर्ट को करना हे तो प्रधानमंत्री कौन होगा और क़ानून भी सुप्रीम कोर्ट ही बनाये जबकि सुप्रीम कोर्ट संसद ने बनाया राष्ट्रय पति क्या कररहे हे
सुप्रीम कोर्ट से भी इस मुद्दे पर कोई उम्मीद नहीं है l court में भी जजों को अपनी ओर रिश्ते नाते के लोगो की संपत्ति आधार से लिंक करने पर पोल खुल ने का डर है l
न्यायपालिका तो खुद चोर है वह क्या न्याय करेगी।जो आज तक उसके जज अपनी संपत्ति की घोषणा तक नही करते हैं उससे न्याय की उम्मीद करना बेकार है।
अभी कुछ दिन पहले CJI परदेस के जजों को अपने यहाँ के होनहार वकीलों से मिलवाते नजर आए थे।तो इस केस का निर्णय तो केस चालू होने से पहले ही पता चल चुका है।
काॅलेजियम खत्म कर सुप्रीम कोर्ट पर लगाम लगाना अति आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट का रवैया लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा बनता जा रहा है।
Pahle reservation ko sedule 9 se hatao or court me debate ho reservation par , uske bad kar Lena. Collegium sirf reservationwadiyo ka court me bakwash karne ka tarika he bas.
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ही सर्वशक्तिमान है क्योंकि भाजपा के पास दोनों सदनों में 2/3 बहुमत नहीं है।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय का नियंत्रण ही यथावत संसद और सरकार पर रहेगा । सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ही वास्तविक सरकार की कैबिनेट है और सीजेआई ही भारत सरकार के पीएम हैं, जैसे श्रीमती सोनिया गांधी जी, श्री मनमोहन सिंह जी के समय असली पीएम थीं । 240 सांसद वाली सरकार क्या कर सकती है।
Pppp
D K Dubay ji - आज कल पैसे का ही खेल है न्याय के लिए , क़ानून गए भाड में ,जज न्याय बिंदु जैसे जज ही क़ानून हैं
क्या वुलडोजर एक्शन अवैध निर्माणों तक ही सीमित रहना चाहिए?
आश्चर्य का विषय है कि पिछले दशक में सरकार के ही एक अंग से प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती खड़ी की गई है!
Parliament is supreme, must take immediate action to remind judiciary it's lakshman Rekha
सभी सांसदों की सम्पत्ति जांच कराई जाए
Sir aapne shi kha prr problem to yahi hai ki politicians aisa koi rule hi nhi bnate jisse unki problem bàdh jay...wo to public to tight krte hai bsss ...iss desh me middle and garib aadmi prr hi sb rule implement hote hai...
बहुत बढ़िया। गजब। कितना बढ़िया आपने समझाया है। आपकी क्लास बहुत ही रुचिकर है।
अच्छा विश्लेषण किया गया है धन्यवाद जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
कोलेजितम तो निश्चित रूप से खत्म हो। पता नहीं कैसे यह कोलेजितम बन गया।
कपिल सिब्बल अभिषेक सिंघवी के पैसे की जांच होनी चाहिए
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमि वन्देमातरम
सुप्रीम कोर्ट का जो भी जज अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करके लोकसभा के अधिकार क्षेत्र में अकारण दखल दे उसको तुरंत प्रभाव से पद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए चाहे वे मुख्य न्यायाधीश ही क्यों ना हो
Great!!!
Hats off to you. I don't think anyone can explain the constitution the way you are explaining.
माननियों को हर साल अपनी
सम्पत्तियों का विवरण देना चाहिए जैसे अन्य सरकारी अधिकारी देते हैं
तो इसका अर्थ है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान के खिलाफ काम कर रहा है । महाभियोग लाया जाना चाहिए उस जज के खिलाफ़।
Lagta hai supreme court kuchh bade haatho me aur opposition ke haatho me khel raha ho.
Desh ke liye bahut hi khatarnaak sthiti
अब लोक सभा चुनाव और राज्य सभा चुनाव की जरूरत ही नहीं है जब लोक सभा से पारित बिल्स को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने और उसकी वैधता की जांच कराने के लिए दो वकील ही सक्षम हैं तो सांसदों की क्या आवश्यकता है? कानून बनाने के लिए ये दो वकील और सुप्रीम कोर्ट के जज ही काफी हैं।
जब तक मोदी जी मुँह में दही जमाकर बैठे रहेंगे, तब तक यही हाल बना रहेगा। मुख्य न्यायाधीश मिश्रा राम मंदिर बाला केस सुनने का प्रयास कर रहे थे, तब काँग्रेस ने उनको रोकने के लिये Impeachment motion लाकर रोक दिया, क्या भाजपा के पास इस रास्ते पर जाने से कोई रोक लगी है??
You are a gem. How well you have explained the process in such simple terms. Proved that KS and AMS are greatest desh drohis ever born in India. Jai Shriram.
Jai Bharat... Only NaMo
और इन दोनों की एनआईए जांच होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट बार असोसियन में कपिल सिब्बल जैसे कांग्रेसी नेता रहेंगे तब तक देश को न्याय व्यवस्था से देश का कुछ भला होगा ऐसा विचार छोड़ देना चाहिए।
Choron ka case ladne wala vakil Tay Karega ki Kanu nahin galat
कोई भी पार्लियामेंट से उपर नहीं हो सकता।
जब तक सुप्रीम कोर्ट जज का संपत्ति जांच नहीं होगी तब तब तक ये जज मनमानी करते रहेंगें
यह तो प्रस्ताव दोनों सदनों से
पास करके 5-6साल पहले राष्ट्र्पति मंजूर कर चुके हैं
जिसे माननियों ने रोक दिया है
प्रजातंत्र का नाम बदलकर नेता तंत्र रख दिया जाय!
जिस विधेयक पर यह चर्चा हुई है वह विधायक धन विधेयक के रूप में है देर से तुम्हें है जनहित में है भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता है इसलिए सर्वोच्च न्यायालय को इसी धन विधेयक ही मनाना चाहिए देश को लूटने का नेताओं को या अधिकारियों को या अन्य किसी प्रकार से किसी व्यक्ति को शोषण करने का अधिकार नहीं होना चाहिए गैर कानूनी गतिविधियों से थाने इकट्ठा करने से देश की प्रगति में बाधा पड़ती है जन सामान्य का जीवन दुखों से भर जाता है इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय को भी जवाब दे होना चाहिए लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च होती है उसके प्रति सब को जवाब दे होना चाहिए यदि कोई जज नियम कानून वेद विधान के खिलाफ फैसला देता है तो उसे पर भी केस चलना चाहिए
विपक्ष खासकर कांग्रेस सदैव सरकार के संचित निधि का लूट कर 5 वर्षों में 1000 गुणा अर्जित करता था l तो pmnl कानून तो उसके लिए अभिशाप होगा ही l
Now Parliament is not required in India. SC is capable enough to manage this country
SC does not have any moral right to interfere in speakers decesion. Their credibility is low when people like Lalu Prasad is on medical parole in spite of his convicted status in 5 cases.
सुप्रीम कोर्ट के जज महोदय भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद नहीं कर रही है।
Collagen Sansad dwara band kar dena chahie.
Dube Ji you are exceptional. You explain complicated things look so simple I greet you from my ❤️
Very nice,this system is more effective ,
सर अब तो देश में चुनाव नही होने चाहिये। न पीएम बने न सीएम न मन्त्रिगण क्योंकि इस देश में हमारे सुप्रिम कोर्ट के कौलोजियम की दया से बने हुये मी लार्ड है ना यही कानून बनायें देश की सरकार चलायें अपने बेटों दामादों को भी काला कोट पहना कर महत्वपूर्ण पदों पर शोभायमान करदें। सरकार की जरूरत ही नही।
सुप्रीम कोर्ट का कुछ नहीं हो सकता है क्या।
महाभियोग चलना चाहिये एक दर्जन मीलॉर्ड पर ।तथा इनके सम्पत्ति का भी जांच हो ।
ये तो ED और income tax के खिलाफ भी गए थे कि इन्हें कार्रवाई से रोका जाए। न्याय व्यवस्था सरकार को बताना चाह रही है कि उसे सरकार को कैसे चलाना है। बस कोर्ट को ये नहीं पता कि उसे खुद न्याय व्यवस्था को मजबूत करना है।
Parliament ke rights ko hmesha judiciary se upper rahana chahiye.
क्या SC में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर एक फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट नहीं बन सकती 🤔 जिसमें बाबरी, राष्ट्रगीत, संविधान जैसे अनेक मुद्दे शीघ्रता से सुलझाया जाये.
इन मुद्दों से देश का विकास भी रुकता हैं और कई लाख करोड़ का नुकसान भी होता हैं मीडिया में बेवजह विवाद में और लोगो का कीमती समय भी जाया होता हैं.
जय श्री राम जी
Wah re ghatiya sanwidhan! Kaise corrupt politicians, officers, contractors, judges, lawyers, doctors, etc are looting.
Thanks a lot sir for updating very easy way
Excellent analysis Dubey ji on money bill and SC is to hear PMLA Act is money bill or not. Jai Hind.
Very very good thanks
जिस केस में अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल लगा जाए समझ लीजिए कांग्रेस के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं
दुबे जी आपके चरणों में प्रणाम यह लोग हर टाइम कोर्ट में जाते हैं आप लोग तो कभी जाते ही नहीं हो इनकी जा राजा सकर हैं वहां पर यह लोग लागू करते हैं वहां आप लोगों को वोट मिलना चाहिए आप लोगों को कोर्ट मिलोगे वेरिफिकेशन डालना चाहिए जगह पर
Why 07..why not all 34 Me Lords of SC seat..discuss in the next 365 days and issue judgement to dismantle Parliament System?
Jayhid
#क्या यह विधेयक सरकार को दबाने वाला नहीं हो रहा है😢😢😢😢😢
इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कपिल सिब्बल के कितने बाप थे।
Supreme Court ko apni girebaan mai dekhna chahiye, Supreme Court bhai bhatija waad ko kaun dekhega...,
Sir ji, apsee bahut kuchh sakaaratmak sochne ko milta hai lekin present m analysis to ye hai ki assembly k kam kanoon banana aur executive and janta ka kam follow karna hai lekin judiciary ka kam isko tod marodakar apne hisaab se lagu karwana hai!!!!
If Supreme Court says that it is not a money bill and the Lok Sabha speaker has declared n approved it as Money bill, whose view will prevail?
लगता है अव parliament, Rashtrapati,सरकार की जरूरत ही कया है सीनीयर दो वकील ki राय से और जज साहिव भी कनून वना सकते हे ।राष्ट्रपति की भी
संसद के मामले में दखल सुप्रीम कोर्ट कैसे दे सकता है? स्पीकर उसपर अवमानना लगाए क्योंकि स्पीकर लोकसभा उसे money bill घोषित कर चुके हैं।
Case se**recuse** kar lena kyon ki**woh** khaas tarah se faisala nahin de payengey,"""VERY VERRY VERRRY GOOOOD""" connected,inter-- connected,loosely -- connected,misconducted,,,,,,,, beta-beti-uncle-aunty-party-course mate-society mate,,,,,,,MET IN AIRPORT, FLIGHT, WEDDING,,,,,,,etc etc WHY NOT RECUSE FROM PROMOTIONS ,,,,,,
जो भी वकील सुफीमकोर्ट केस लडते है उनकी हर वर्ष अपनी आय को सार्वजनिक करे इतना इनकमटैक्स देते हैं सुफीमकोर्ट को अपने केसो ध्यान देना चाहिए न कि कौन बिल ला रही है हम उसकी समीक्षा करेंगे ऐसी याचिका खारिज कर देनी चाहिए वकील भी कोई हह
भी पार्टी जुडा
Lok shabha ke Speaker kyon chup hai, ye supreme Court ka unnecessary interference hai...
Supreme Court has started thinking themselves supreme than parliament of India, and this is only due to non professional attitude of Parliament.
Supreme Court / Judiciary ko Parliament/ Executive mai interference nahi karana chahiye ye galat paripati Supreme Court Pending cases ke kuchh kyon nahi karta hai......
Money bill decide karne ka poora adhikar sarkar ka hi hona chahiye. Supreme court ki dakhlandaji corrupt politicians ke paksha me nahi honi chahiye.
देश को अभी एक और इमरजेंसी की जरुरत है।
Why SC is not giving speedy justice to Decan herald case ?
It is yet another case of transgression of domain by the Hon’bles. When it is laid down that the Speaker of the LS is the designated authority to judge the nature of the bill, then why should that be violated? If the argument is that he can be wrong, then the same argument applies on the Hon’bles as well. They can also be wrong. The question is about finality. It is silly to examine any re-examine the matters that have been settled. In this particular case, a possible technicality is the ground for defeating a measure that is in the substantive interest of the nation. Such wokeism is critically harmful to the nation.
Congress ke Neta Congress ke wakil ye do corrupt Politicians /Neta cum politician Supreme Court inhi Wakilo ka.......
Jo n elected hain na hi selected hain, unhone chaturai se khud ko loktantra ke uper rakha hua hai, kya सिस्टम है भाई!!!!!
इन नेताओ पर केस चले तो कानून खत्म करो।देश की राजनीति मैं नेता हर वो कार्य करने का अधिकारी है जो कानून सम्मत नही हो और यदि वह ट्रैप मैं आ जाए तो कानून समाप्त करो।
Honourable नहीं भ्रष्ट तथाकथित सर्वोच्च न्यायालय और भ्रष्ट तथाकथित न्यायाधीश।
सब काम लिब्रांडू कोर्ट को पकड़ाओ। न इलेक्शन का जरूरत न कोई मंत्री का। पार्लियामेंट बिल्डिंग और सेक्टेरियट में रोहिंजन को बसाओ।
Govt ko ab sare kaam supreme court ko de dena chahiye 😅😅
वकील साहब राम राम
PmLA act ko sur katore banani chahiye
Sir we are as salary class paying tax even on intrest from bank on 100. We show all our bank accounts what's the problem with politicians to show their property and bank balance. Law should be same for all citizens. Tax should be collected from all exemption should be upto some limit
Judges Ek mafia ki treh operate kar rahe hain, collegium Khatri kar ke judge selection committee bna kar in ko sahi raaste per lana chahiye
Jb neta kamjori dikhaye toh har sanstha fayda uthata hai. Modi as a 10 Yr complete majority govt was d most weakest govt in Indian history.
Bipax Desh ka bhala nahi hone dega imandar janta ke lie je Desh nahi bacha
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे❤❤❤
Speaker Sri Om Birla should interfere with this matter.
Kuchh dino baad to videsh neeti v court he tay karega
कोरट सिरफ आम आदमी के लिये ही है