Sangh Ka hai Dhyeya Shashvat -Lyrics संघ का है ध्येय शाश्वत

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  • เผยแพร่เมื่อ 28 ก.ย. 2024
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    Sangh Ka hai Dhyeya Shashvat-Lyrics
    संघ का है ध्येय शाश्वत ध्रुव सितारे सा अचल
    नित्य अपना कार्य भी है मार्ग जो निश्चित सरल
    संघ का है ध्येय शाश्वत
    राष्ट्र की वैभव अवस्था, प्राप्ति को कटिबद्ध हम
    पहुंच कर होगा जहां पर, लोक तन मन स्वस्थ क्षम
    सूर्य से जो दूर होता, विश्व भर का गहनतम
    प्रगति पथ गति रोध क्यों ही, तेज से जाये पिघल
    संघ का है ध्येय शाश्वत
    संघटित हो के सभी हम, एक माँ के लाल हैं
    एक सुख-दु:ख भाव प्रेरित, एक रीत सुचाल है
    एक श्रद्धा बिंदु भूषित, स्वाभिमानी भाल हैं
    एक हार्दिक राग निश्चित, एक स्वर गाते सकल
    संघ का है ध्येय शाश्वत
    मार्ग में सुविधा मिले या, यातना निःसीम हो
    नीतियां बदले भले ही, तीव्र गति आधीम हो
    संघटन के कार्य में रत, वीर अर्जुन-भीम हो
    धर्म की संस्थापना, निरपेक्ष निर्धारित अटल
    संघ का है ध्येय शाश्वत

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