Excellent presentation. Super cinematography and editing. The singer's voice too is rhythmic and ear soothing. Overall very good Lokgeet. Congratulations to all team members.
दिल की गहराईयों से शुक्रिया भाई जान.. प्राचीन लोक कलाकारों कीवर्षों की साधना, संघर्ष को मौलिक भाव से अगली पीढ़ी को सौंपने का छोटा सा प्रयास.. आप के आशीर्वादों और उत्साह वर्धक उदगारों से फलीभूत होता नजर आता है और इसी से हमे सदा प्रेरणा मिलती रही है।.. दिल की गहराईयों से शुक्रिया
नव यौवना के मन के भावों को दर्शाता.. प्रेम की अनुभूतियों को प्रकट करता... शब्द लय भाव ताल के सुन्दर सामजस्य में प्राचीन लोक कलाकारों की यह अतुलनीय कृति चम्बयाली लोकसंगीत के विराट ख़ज़ाने की अमूल्य निधि है। जिसे एक बार फिर से आप तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। नथ घड़ी दे.... चम्बयाली लोकगीतों की श्रृंखला में "एम बी प्रोडक्शन चम्बा" और "हिम दर्शन इरा" की यह प्रस्तुति " साहो जातरा जो जाना.. मेरी नथ घड़ी दे" जिला चम्बा का पुराना... बहुत ही मशहूर लोकगीत है.... शादी ब्याह, मेलों,त्योहारों पर्वों उत्सवों, जातरों में गाए जानें वाला यह गीत श्रोताओं में नया उत्साह, उल्लास,उमंग भर कर नाचने गाने और झूमने को विवश कर देता है... संगीत निर्देशक एसडी कश्यप जी ने इसे मौलिक भाव से सजाने संवारने का भरपूर प्रयास किया है। भाई अमीन मालिक, राज कुमार छाबड़ा, और के एस नारंग ने इस के वीडियो विज़न में सजीवता का आभास करवाते हुए इस गीत की आत्मा को जीवन्त किया है। अमीन चिश्ती और हेम सिंह ठाकुर की जोड़ी ने एक बार फिर से गागर में सागर भर कर श्रोताओं की रुचि को बरकरार रखा है। "बसन्ती बयार" एलबम में संग्रहित लोक गीतों में से यह लोक गीत सुधि दर्शकों को अवश्य पसन्द आएगा हमें इसकी पूर्ण आशा है। "नथ घड़ी दे."... " साहो जातरा जो जाना.. मेरी नथ घड़ी दे" आपके लिए नई चम्बयाली सौगात हाज़िर है।
श्रद्धेय दर्शकगण ... चम्बयाली लोक गीतों के गुलदस्ते से यह सुगन्धित लोकगीत आपको स्प्रेम भेंट करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। हमें पुर्ण विश्वास है कि आप हमेशा की तरह हमारे इस प्रयास को अविस्मरणीय बनाने के लिए अपना आशीर्वाद और स्नेह अवश्य देगें। महानुभाव हमने हमेशा कोशिश की है कि आपके लिए मौलिक भाव से बेहतर प्रस्तुतियां लेकर हाज़िर हों। मौजूदा लोक गीत " बसन्ती बयार " संग्रह मे से लिया गया है " साहो जातरा जो जाना मेरी नथ घड़ी दे " चम्बयाली प्राचीन लोक गीत "एमबी प्रोडक्शन चम्बा" "सिटी चैनल चम्बा" "आपका अपना अजीम आलम" और "हिम दर्शन इरा" की सौगात आप के लिए है। यह लोक गीत जिला चम्बा के प्रचलित लोक गीतों में से एक है यह गीत वर्षों पूर्व यानी बीते दौर के मशहूर लोक गीतों में शुमार किया जाता है। वास्तव में उस समय के लोक कवियों ने प्राचीन लोकगीतों को अत्यन्त शालीनता से न केवल गुंथा ही है अपितु उन घटनाओं का भी ताना बाना बुनकर सुन्दर " फाटेडु शैली" में पंक्तियों को संगीतबद्ध कर चम्बयाली लोक संगीत के विराट ख़ज़ाने में नायाब इजाफा किया है। चम्बयाली लोकगीतों के शब्दों में तुकबन्दी का बेहतरीन प्रयोग इन लोकगीतों को लोकप्रिय बनाने में कामयाब कोशिश का नतीजा माना जा सकता है। इस लोकगीत के संग्रह "बसन्ती बयार" के सभी लोक गीत समय समय पर खूब मशहूर हुए हैं और श्रोताओं का भरपूर प्यार और आशीर्वाद मिला । इस गीत के माध्यम से हम अपने अग्रज वरिष्ठ दिवंगत लोक गायकों को भी अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होने चम्बवाली लोक संगीत को चम्बा ही नहीं बल्कि समूचे हिमाचल व अन्य राज्यों में भी सम्मान दिलवाया है। प्राचीन दिवंगत लोक गायकों ने चम्बा लोक संगीत की धरोहर को संजोकर नई पीढ़ी के कलाकारों तक न केवल मौलिक भाव से पहुंचाया ही है अपितु अपनी स्वर लहरियों से सजाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर चम्बयाली लोक संगीत के ख़ज़ाने में इज़ाफा भी किया है। इन विभूतियों को शत शत नमन। नए लोक कलाकारों के प्रयासों के लिए भी उन्हें साधुवाद हमारा प्रयास आपके आशिर्वाद के लिए हमेशा ही लालायित रहता है। अपना स्नेह आशीर्वाद देकर हमें अनुग्रहित करे। और हमारी इस सौगात को स्वीकार करें... दिल से आभार ...
Awesome song , great personality respected madam sh Manju chisty ji 🙏
Excellent presentation. Super cinematography and editing. The singer's voice too is rhythmic and ear soothing. Overall very good Lokgeet. Congratulations to all team members.
दिल की गहराईयों से शुक्रिया भाई जान.. प्राचीन लोक कलाकारों कीवर्षों की साधना, संघर्ष को मौलिक भाव से अगली पीढ़ी को सौंपने का छोटा सा प्रयास.. आप के आशीर्वादों और उत्साह वर्धक उदगारों से फलीभूत होता नजर आता है और इसी से हमे सदा प्रेरणा मिलती रही है।.. दिल की गहराईयों से शुक्रिया
समृद्ध शालीन भव्य, लोकगीत संगीत परंपरा का साक्षात् नमूना ।
दिल से शुक्रिया चम्बयाली लोक सांस्कृतिक विरासत के पक्षधर उदगारों के लिए साहब
Super ji..... Ho gayi sahu jatra
दिल की गहराईयों से शुक्रिया
नव यौवना के मन के भावों को दर्शाता.. प्रेम की अनुभूतियों को प्रकट करता... शब्द लय भाव ताल के सुन्दर सामजस्य में प्राचीन लोक कलाकारों की यह अतुलनीय कृति चम्बयाली लोकसंगीत के विराट ख़ज़ाने की अमूल्य निधि है। जिसे एक बार फिर से आप तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
नथ घड़ी दे.... चम्बयाली लोकगीतों की श्रृंखला में "एम बी प्रोडक्शन चम्बा" और "हिम दर्शन इरा" की यह प्रस्तुति " साहो जातरा जो जाना.. मेरी नथ घड़ी दे" जिला चम्बा का पुराना... बहुत ही मशहूर लोकगीत है.... शादी ब्याह, मेलों,त्योहारों पर्वों उत्सवों, जातरों में गाए जानें वाला यह गीत श्रोताओं में नया उत्साह, उल्लास,उमंग भर कर नाचने गाने और झूमने को विवश कर देता है...
संगीत निर्देशक एसडी कश्यप जी ने इसे मौलिक भाव से सजाने संवारने का भरपूर प्रयास किया है।
भाई अमीन मालिक, राज कुमार छाबड़ा, और के एस नारंग ने इस के वीडियो विज़न में सजीवता का आभास करवाते हुए इस गीत की आत्मा को जीवन्त किया है।
अमीन चिश्ती और हेम सिंह ठाकुर की जोड़ी ने एक बार फिर से गागर में सागर भर कर श्रोताओं की रुचि को बरकरार रखा है।
"बसन्ती बयार" एलबम में संग्रहित लोक गीतों में से यह लोक गीत सुधि दर्शकों को अवश्य पसन्द आएगा हमें इसकी पूर्ण आशा है।
"नथ घड़ी दे."... " साहो जातरा जो जाना.. मेरी नथ घड़ी दे" आपके लिए नई चम्बयाली सौगात हाज़िर है।
It's awesome nice spich lees
आप सभी के सहयोग से संकलित यह कार्य आपको मुबारिक का हकदार बनाता है।
Bahut sundar ❤❤❤❤
श्रद्धेय दर्शकगण ... चम्बयाली लोक गीतों के गुलदस्ते से यह सुगन्धित लोकगीत आपको स्प्रेम भेंट करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
हमें पुर्ण विश्वास है कि आप हमेशा की तरह हमारे इस प्रयास को अविस्मरणीय बनाने के लिए अपना आशीर्वाद और स्नेह अवश्य देगें।
महानुभाव हमने हमेशा कोशिश की है कि आपके लिए मौलिक भाव से बेहतर प्रस्तुतियां लेकर हाज़िर हों।
मौजूदा लोक गीत " बसन्ती बयार " संग्रह मे से लिया गया है " साहो जातरा जो जाना मेरी नथ घड़ी दे " चम्बयाली प्राचीन लोक गीत "एमबी प्रोडक्शन चम्बा" "सिटी चैनल चम्बा" "आपका अपना अजीम आलम" और "हिम दर्शन इरा" की सौगात आप के लिए है।
यह लोक गीत जिला चम्बा के प्रचलित लोक गीतों में से एक है यह गीत वर्षों पूर्व यानी बीते दौर के मशहूर लोक गीतों में शुमार किया जाता है।
वास्तव में उस समय के लोक कवियों ने प्राचीन लोकगीतों को अत्यन्त शालीनता से न केवल गुंथा ही है अपितु उन घटनाओं का भी ताना बाना बुनकर सुन्दर " फाटेडु शैली" में पंक्तियों को संगीतबद्ध कर चम्बयाली लोक संगीत के विराट ख़ज़ाने में नायाब इजाफा किया है।
चम्बयाली लोकगीतों के शब्दों में तुकबन्दी का बेहतरीन प्रयोग इन लोकगीतों को लोकप्रिय बनाने में कामयाब कोशिश का नतीजा माना जा सकता है।
इस लोकगीत के संग्रह "बसन्ती बयार" के सभी लोक गीत समय समय पर खूब मशहूर हुए हैं और श्रोताओं का भरपूर प्यार और आशीर्वाद मिला ।
इस गीत के माध्यम से हम अपने अग्रज वरिष्ठ दिवंगत लोक गायकों को भी अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होने चम्बवाली लोक संगीत को चम्बा ही नहीं बल्कि समूचे हिमाचल व अन्य राज्यों में भी सम्मान दिलवाया है।
प्राचीन दिवंगत लोक गायकों ने चम्बा लोक संगीत की धरोहर को संजोकर नई पीढ़ी के कलाकारों तक न केवल मौलिक भाव से पहुंचाया ही है अपितु अपनी स्वर लहरियों से सजाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर चम्बयाली लोक संगीत के ख़ज़ाने में इज़ाफा भी किया है। इन विभूतियों को शत शत नमन।
नए लोक कलाकारों के प्रयासों के लिए भी उन्हें साधुवाद
हमारा प्रयास आपके आशिर्वाद के लिए हमेशा ही लालायित रहता है। अपना स्नेह आशीर्वाद देकर हमें अनुग्रहित करे। और हमारी इस सौगात को स्वीकार करें... दिल से आभार ...
बाह😊👌👌👌❤️
दिल से शुक्रिया भाई साहब
❤❤❤
दिल से शुक्रिया
very nice