ब्रह्मसंहिता-5.48 यस्यैकनिश्वासितकालमथावलम्बय जीवन्ति लोमविलजा जगदण्डनाथाः।। विष्णुर्महान् सैहयस्य कलाविशेषो। गोविन्दमादि पुरुषं तमहं भजामि ।। हिंदी अनुवाद: "अनन्त ब्रह्माण्डों में से प्रत्येक ब्रह्माण्ड के शंकर, ब्रह्मा और विष्णु, महाविष्णु के श्वास भीतर लेने पर उनके शरीर के रोमों से प्रकट होते हैं और श्वास बाहर छोड़ने पर पुनः उनमें विलीन हो जाते हैं। मैं, उन श्रीकृष्ण की वन्दना करता हूँ जिनके महाविष्णु विस्तार हैं।"
Agar ap aisa chahti hain to Deen duniya se matlab khatam karna padta hai parmatma se sacchi ashtha or lagan lagani padegi apko jai shree ram jai Bala ji maharaj ki
@@DevSingh-fitness08 हा मैं बोलती हु और सब कुछ छोड़ भी दिया है जब भगवान हमे चुनेंगे तो दुनिया से मतलब भी छोड़ दुगी क्या रखा है इस संसार मे सब झूट और पाखंड ही है और कुछ नही दीक्षा लेनी है मुझे लेकिन अच्छे गुरु नही मिलते है बागेश्वर धाम से जुड़ना चाहती हु बस वो मुझे अपना ले येही पार्थना है🙏🙏
@@rupalirajput4967 bageshawar dhaam bhi accha hai but ap chaho to shiv ji ko apna guru bana sakti ho ya fir apne gali mohalle mein hi kisi pandit ji bade bujurg ho unhe apna guru ji bana k puja path kar sakti hain or jyada apki iccha hai to ap govardhan bhi jaa sakti ho ap baha se vidya prapt kar sakti ho ap ek vyaas ban sakti ho like krishna priya ji
यन्नखंदुरुचिरब्रह्म धेयं ब्रह्मादीभिः सुरेः गुणत्रयत्तिम् तम वन्दे वृन्दावनेश्वरम् (पद्मपुराण, पाताल खण्ड-77.60) वृंदावन के भगवान श्रीकृष्ण के चरणों के पंजों के नखों से प्रकट ज्योति परब्रह्म है जिसका ध्यान ज्ञानी और स्वर्ग के देवता करते हैं।
ब्रह्म वैवर्त पुराण ब्रह्मखण्ड : अध्याय 5 श्रीकृष्णके दाहिने नेत्रसे भयंकर गण प्रकट हुए, जो हाथोंमें त्रिशूल और पट्टिश लिये हुए थे। उन सबके तीन नेत्र थे और मस्तकपर चन्द्राकार मुकुट धारण करते थे। वे सब-के-सब विशालकाय तथा दिगम्बर थे। प्रजजलित अग्रिशिखाके समान जान पड़ते थे। वे सभी महान् भाग्यशाली भैरव कहलाये। वे शिवके समान ही तेजस्वी थे। रुरुभेरव, संहारभेरव, कालभेरव, असितभेरव, क्रोधभैरव, भीषणभेरव, महाभेरव तथा खट्वाड्रभैरव--ये आठ भैरव माने गये हैं।
हर हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ 🕉️🐍🌙🔱🍀🪔❤️🙏🙏🙏🙏🙏
ब्रह्म वैवर्त पुराण ब्रह्मखण्ड (अध्याय १७) ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवेश्वर, देवसमूह और चराचर प्राणी- ये सब आप भिन्न-भिन्न ब्रह्माण्डोंमें अनेक हैं। उन ब्रह्माण्डों हैं और देवताओंकी गणना करनेमें कौन समर्थ है? उन सबके एकमात्र स्वामी भगवान् श्रीकृष्ण हैं,
@@rupalirajput4967 thank you apke acche vichar k liye koshish meri bhi yehi hai ki main logo ka bhala karu isi liye brahma muhrat mein uth k naha k 4 baje hanuman ji puja bhi karta hu jis din mujhe hanuman ji sakshat darshan or apni sacchi abaj denge main usi din se sabki kalesh or bhut pret bhagane lag jaunga jai shree ram jai Bala ji maharaj ki
भाई 49 प्रकार के मारूत,,सबके कुल देवी देवता,,ग्राम देवता,,भैरवी के नाना प्रकार के भेद बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं त्रिपुरा भैरवी, चैतन्य भैरवी, सिद्ध भैरवी, भुवनेश्वर भैरवी, संपदाप्रद भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, कौलेश्वर भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, नित्याभैरवी, रुद्रभैरवी, भद्र भैरवी तथा षटकुटा भैरवी आदि। त्रिपुरा भैरवी ऊर्ध्वान्वय की देवता हैं। इन्हें ही मां त्रिपुर सुंदरी को महात्रिपुरसुंदरी, लीलामती, ललिताम्बिका, लीलेशी, षोडशी, ललिता, लीलावती, लीलेश्वरी, ललितागौरी,,,,,नव दुर्गा,, दशमहाविद्या,, देवी भागवत में 108 शक्तिपीठ हैं कितने प्रकार के भैरव तंत्रशास्त्र में अष्ट-भैरव का उल्लेख है - असितांग-भैरव, रुद्र-भैरव, चंद्र-भैरव, क्रोध-भैरव, उन्मत्त-भैरव, कपाली-भैरव, भीषण-भैरव तथा संहार-भैरव ,,वैसे भैरव 64 प्रकार के होते हैं,,,64 योगिनियां,,, इन्द्र आदि देवता और उनकी पत्नियां,,,कितने प्रकार की नदियां,,, समुद्र देव,,कितने प्रकार के पर्वत देवता,, कितने प्रकार के मेघ,,, कितने प्रकार की अग्नि,, कितने प्रकार के पवन,,अष्ट मात्रिका,,,नव ग्रह,,27 नक्षत्र और उनके चार चार चरण और उन चार चार चरणों के अधिष्ठाता देवता और भी बहुत विस्तार है यहां संभव नहीं है सब लिखना,,,यह सब हमारे सनातन हिन्दू धर्म संस्कृति के शत्रुओं का षड्यंत्र है कि किसी भी प्रकार सनातन हिन्दू धर्म और संस्कृति को सीमित करके बताना ताकी सनातन संस्कृति को हानि पहुंचाई जा सके,,,, हमारा धर्म और संस्कृति बहुत विस्तृत है इतना विस्तृत है कि गुरु बिन ज्ञान संभव नहीं,,,,
@@kalawathidevi5099 तो इसका अर्थ यह हुआ कि आपकी दृष्टि में और भी देवी देवता हैं जिनका वर्णन मैं यहां नहीं कर सका क्योंकि बहुत विस्तार है,,,,और एक बात क्या आपको पूर्ण ज्ञान है क्या आप संपूर्ण ज्ञानी हैं,,, मैं तो संपूर्ण ज्ञानी नहीं हूं
कुल की परिभाषा ही आपको पता नही होगी तो कुल देवता की बात करना ही व्यर्थ है अच्छा कुल देवता का अर्थ आपने बताया अपने पूर्वज जो अल्पायु मे मृत हो गये तो रामायण की एक चौपाई:- रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाही पर वचन न जाही इस चौपाई मे रामजी के कुल को रघुकुल से सम्बोधित किया है तो क्या महाराज रघु अल्पायु मे संसार से विदा ले लिए और फिर उन्हे आगे स्वर्ग मे भी जगह ना मिली ? ऐसा है क्या कुल किसी व्यक्ति के नाम से होता है और जिस देवता या देवी को वह व्यक्ति पूजता है वही देवी देवता आने वाली पीढी के कुल देवता या कुलदेवी कहलाते है
कुल देवताका असलि मतलव आपने वताया जेसा नहि है. आपने वताए देवताको वायु देवता केहते हे, वायु देवता होने से पेहले वो कच्चि पिचास होते हे उने एक बिशेष तरिके के पुजा करके वायु बनाते है। ख्याल रहै पिचास वह लोग बनते है जो अल्पायु मे sucide या कोहि भि तरिके से ज्यान गवाते है। वायुका मतलव तो मुझे भि अच्छे से तो नहि मालुम लेकिन ज्यादातर शिव के योगिनि प्रायके कुल देवि होति है। 🙏
एक भगवान शिव ही है जो युगों युगों के बाद धरा पर आ कर देवी देवता बनाते भी है और हर रुप का अपने शरीर मे प्रकट करके इंसानी रुप से प्रदर्शन भी करते है । क्या देवता किसी शरीर मे आते हैं? कभी नही😅😅😅 यह इन्सान और गुरुओं की अज्ञानता का मार्ग दर्शाता है ।
मेरा नाम लालजी पासवान है और मेरा निवास स्थान, ग्राम, जिरासो, पोस्ट, सिसवा भटनी, जिला deoria उत्तर प्रदेश मेरी पत्नी क़ो गुजरे सात साल हो गये हैं और मै तब से बहुत परेशान हूँ कोई भी कार्य संभव नहीं हो पा रहा हैं कृपया कोई उपाय बताये
Bhai bewkuf mat bano kisi bewkuf ki bato me akar..devta dev lok me rehte hai...or dev lok. Bahut bada hota hai..shayad prithvi grah se bhi bahut bada...waha bhi log asee hi rehte hai jaise yaha prithvi par ...or samay samay par unki bhi mrityu or janam hota hai....devta koi or nai Banta ..marne k baad ham logo me se hi kuch achee log devta bante hai...unki sankhya lakho, crore or shayad usse bhi kahin jyada hai ..islia dimag lagao na ki bewkufo ki tarah kisi ki bhi bato me aa jao . Har Har Mahadev...
ब्रह्मसंहिता-5.48
यस्यैकनिश्वासितकालमथावलम्बय जीवन्ति लोमविलजा जगदण्डनाथाः।।
विष्णुर्महान् सैहयस्य कलाविशेषो।
गोविन्दमादि पुरुषं तमहं भजामि ।।
हिंदी अनुवाद:
"अनन्त ब्रह्माण्डों में से प्रत्येक ब्रह्माण्ड के शंकर, ब्रह्मा और विष्णु, महाविष्णु के श्वास भीतर लेने पर उनके शरीर के रोमों से प्रकट होते हैं और श्वास बाहर छोड़ने पर पुनः उनमें विलीन हो जाते हैं। मैं, उन श्रीकृष्ण की वन्दना करता हूँ जिनके महाविष्णु विस्तार हैं।"
मैं पूरी कोशिश करुगी खुद को बदलने की भगवान करे वो मुझे अपनाये और मैं सब के संकट का निवारण करू जय श्री राम🙏🙏🙏
Agar ap aisa chahti hain to Deen duniya se matlab khatam karna padta hai parmatma se sacchi ashtha or lagan lagani padegi apko jai shree ram jai Bala ji maharaj ki
@@DevSingh-fitness08 हा मैं बोलती हु और सब कुछ छोड़ भी दिया है जब भगवान हमे चुनेंगे तो दुनिया से मतलब भी छोड़ दुगी क्या रखा है इस संसार मे सब झूट और पाखंड ही है और कुछ नही दीक्षा लेनी है मुझे लेकिन अच्छे गुरु नही मिलते है बागेश्वर धाम से जुड़ना चाहती हु बस वो मुझे अपना ले येही पार्थना है🙏🙏
@@rupalirajput4967 bageshawar dhaam bhi accha hai but ap chaho to shiv ji ko apna guru bana sakti ho ya fir apne gali mohalle mein hi kisi pandit ji bade bujurg ho unhe apna guru ji bana k puja path kar sakti hain or jyada apki iccha hai to ap govardhan bhi jaa sakti ho ap baha se vidya prapt kar sakti ho ap ek vyaas ban sakti ho like krishna priya ji
raght
@@DevSingh-fitness08 shiv ji ko guru kaise banay kaise banate hai?
Unse diksha kaise lete hai
यन्नखंदुरुचिरब्रह्म धेयं ब्रह्मादीभिः सुरेः
गुणत्रयत्तिम् तम वन्दे वृन्दावनेश्वरम्
(पद्मपुराण, पाताल खण्ड-77.60)
वृंदावन के भगवान श्रीकृष्ण के चरणों के पंजों के नखों से प्रकट ज्योति परब्रह्म है जिसका ध्यान ज्ञानी और स्वर्ग के देवता करते हैं।
जय श्री राम !!!ॐ नम: शिवाय!!!😍👍️👍️👍️🥀🥀🌼🌼🌼🏵️🏵️🏵️🌴🌴🌴🌸🌸🌾🌾🌾🌸🌸🌴🏵️🏵️🌼🌼🌼🌼🙏🙏🙏🙏🙏🌼🌼🥀🥀
ब्रह्म वैवर्त पुराण
ब्रह्मखण्ड : अध्याय 5
श्रीकृष्णके दाहिने नेत्रसे भयंकर गण प्रकट हुए, जो हाथोंमें त्रिशूल और पट्टिश लिये हुए थे। उन सबके तीन नेत्र थे और मस्तकपर चन्द्राकार मुकुट धारण करते थे। वे सब-के-सब विशालकाय तथा दिगम्बर थे। प्रजजलित अग्रिशिखाके समान जान पड़ते थे। वे सभी महान् भाग्यशाली भैरव कहलाये। वे शिवके समान ही तेजस्वी थे। रुरुभेरव, संहारभेरव, कालभेरव, असितभेरव, क्रोधभैरव, भीषणभेरव, महाभेरव तथा खट्वाड्रभैरव--ये आठ भैरव माने गये हैं।
🚩 " जय श्री राम " 🚩 🚩 " जय श्री बालाजी " 🚩
मेरे शरीर मे देवता का प्रवेश होता है. तुमने यह जानकारी दि वह मुझे अच्छी लगी. बहुत धन्यवाद
हर हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ 🕉️🐍🌙🔱🍀🪔❤️🙏🙏🙏🙏🙏
जी गुरुजी बहुत अच्छी बात बताइए उसके लिए धन्यवाद जिला जयपुर
Aap bahut achhi jankari diye hai.or aapka Sari jankari satik hai . Main aapki sari video dekhta hun bahut bahut dhanyawad. Maharaj
ब्रह्म वैवर्त पुराण
ब्रह्मखण्ड (अध्याय १७)
ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवेश्वर, देवसमूह और चराचर प्राणी- ये सब आप भिन्न-भिन्न ब्रह्माण्डोंमें अनेक हैं। उन ब्रह्माण्डों हैं और देवताओंकी गणना करनेमें कौन समर्थ है? उन सबके एकमात्र स्वामी भगवान् श्रीकृष्ण हैं,
Satya visleshan hai god loving jano ke liye prerna aur Divya shaktiyon ki pushti hai
अन्तःकरण में उत्पन्न होने वाले तेंतीस करोड़ भाव (विचार)ही तेंतीस करोड़ देवी-देवता हैं, ऐसा महापुरुषों द्वारा बताया गया है!!
एक दन्त जय श्री राम
बोलिए 33 कोटि देवी देव का की जय 🙏🙏
Main hanuman ji ka bhakt hu or mujhe hanuman ji rojana jaise hi dikhte hain 1 hafte mein 1 2 bar sapna ata rehta hai hanuman ji ka
Apane daivik anubhav ko kisi ko nhi batana chahiye,isase aapake sapane aane band ho jayenge
Jai ma bhagawati
Kripya...us shakti ki bhagti kare...jisne...Hanuman g ko uttpan kiya hai🙏
@@Arj939 u mean ram chandra ji or shiv ji
अगर आप के सपने मे हनुमान जी आ रहे है तो खुद बदल दो और उन का ध्यान करो और उन के वचनो पे चलो और सब का कल्याण करो जय श्री राम🙏🙏🙏
@@rupalirajput4967 thank you apke acche vichar k liye koshish meri bhi yehi hai ki main logo ka bhala karu isi liye brahma muhrat mein uth k naha k 4 baje hanuman ji puja bhi karta hu jis din mujhe hanuman ji sakshat darshan or apni sacchi abaj denge main usi din se sabki kalesh or bhut pret bhagane lag jaunga jai shree ram jai Bala ji maharaj ki
Jay Shri Ram
ओम् नमः शिवाय
जय श्री हरि विष्णु देवाय नमः 🪔🌍♥️
Pure. Brahmand. Ke.chrno.me.koti.koti.naman❤thanks thanks thanks
Jay shri ram🙏
Vedio me us ved ,puran ya grnth ka ullekh kre jisme likha h ki devta insan ke sarir me aane ke niyam .
बहुत् बहुत धन्यवाद जी सही जानकारी
Very knowledgable content.♥️
Jai mata di
🌼🌿जय महादेव🌿🌼🚩🙏
हर हर महादेव
jai shree ram jai shree Hanuman har har Mahadev Radhe Radhe jai maa
Thanks u,best vdo
आपने पितृ देवता के बारे में बताया
Thank u for helping video 🙂🙏
Om shanti om....har har mahadev shiv sankar bholenath parwati mata ki jay ho aap sab ko 🌹🌹 🌹🌹🌹
Jai Mata di 🙏🏻🙏🏻❤️
omjayho
Jay dei baba
Hii
Aapane Sanatan Dharm ko jagrit karne ke liye bahut acchi Jankari De Jay Shri Krishna
Jai shree raam jai bajrangbali🙏🙏
Sahi hai sir
Koii bta skta ki konse granth me likha h ki chownki ana real hh
33 Kott Devi Devta Hai Ji App 101/ Sahi Ho Ji🙏🙏
Jay shree kirsna
भाई 49 प्रकार के मारूत,,सबके कुल देवी देवता,,ग्राम देवता,,भैरवी के नाना प्रकार के भेद बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं त्रिपुरा भैरवी, चैतन्य भैरवी, सिद्ध भैरवी, भुवनेश्वर भैरवी, संपदाप्रद भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, कौलेश्वर भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, नित्याभैरवी, रुद्रभैरवी, भद्र भैरवी तथा षटकुटा भैरवी आदि। त्रिपुरा भैरवी ऊर्ध्वान्वय की देवता हैं। इन्हें ही मां त्रिपुर सुंदरी को महात्रिपुरसुंदरी, लीलामती, ललिताम्बिका, लीलेशी, षोडशी, ललिता, लीलावती, लीलेश्वरी, ललितागौरी,,,,,नव दुर्गा,, दशमहाविद्या,, देवी भागवत में 108 शक्तिपीठ हैं कितने प्रकार के भैरव तंत्रशास्त्र में अष्ट-भैरव का उल्लेख है - असितांग-भैरव, रुद्र-भैरव, चंद्र-भैरव, क्रोध-भैरव, उन्मत्त-भैरव, कपाली-भैरव, भीषण-भैरव तथा संहार-भैरव ,,वैसे भैरव 64 प्रकार के होते हैं,,,64 योगिनियां,,, इन्द्र आदि देवता और उनकी पत्नियां,,,कितने प्रकार की नदियां,,, समुद्र देव,,कितने प्रकार के पर्वत देवता,, कितने प्रकार के मेघ,,, कितने प्रकार की अग्नि,, कितने प्रकार के पवन,,अष्ट मात्रिका,,,नव ग्रह,,27 नक्षत्र और उनके चार चार चरण और उन चार चार चरणों के अधिष्ठाता देवता और भी बहुत विस्तार है यहां संभव नहीं है सब लिखना,,,यह सब हमारे सनातन हिन्दू धर्म संस्कृति के शत्रुओं का षड्यंत्र है कि किसी भी प्रकार सनातन हिन्दू धर्म और संस्कृति को सीमित करके बताना ताकी सनातन संस्कृति को हानि पहुंचाई जा सके,,,, हमारा धर्म और संस्कृति बहुत विस्तृत है इतना विस्तृत है कि गुरु बिन ज्ञान संभव नहीं,,,,
Bhai tum adha adhura gyan mat do
@@kalawathidevi5099 तो इसका अर्थ यह हुआ कि आपकी दृष्टि में और भी देवी देवता हैं जिनका वर्णन मैं यहां नहीं कर सका क्योंकि बहुत विस्तार है,,,,और एक बात क्या आपको पूर्ण ज्ञान है क्या आप संपूर्ण ज्ञानी हैं,,, मैं तो संपूर्ण ज्ञानी नहीं हूं
Aapke nmbar dedo pliz
@@mukeshgurjar5988 क्या करोगे मेरा नम्बर लेकर ,,,
@@NeerajKumar-po6ghइस बात का सौर्स क्या है आप यह कहा से बता रहे है
Ha dekha hai
33 group
8 Vasu , 11 Rudra , 12 Adhitya
Guru ji ko Naman,. Prabhu en mantro se privar aur Ghar ki Raksha kaise Kare,,.
OM NAMAH SHIVAY
Bahut kaam ka channel hai yar🙏👍
Yes devta came in my body
I like your magic videos 🌻😍.
Jay 33 crode devi devato ki jay
Jai shree Ram 🙏🙏🌹🌹
Hum ne ye kai baar dekha hai aur main kuchh apni kaam bhi karwaya tha
Om namo laxmi narayan Bhagavad vashu davya om namha shivya jai mata di
Aap ki 'wartani' bahut ashuddh hai. Awaz ki quality aur research quality bahut acchi hai. Kripya wartani shuddh karen, shrota ko wichlit karti hai.
Isi prakar, aage bhi naye video banate rahen. Shbh aashirwad, ewam prem!
Jai shree Ram
Jai Shiri Ram Jai Shiri Krishna 🕉️🕉️🙏🚩
Ha mere ko aata hai devta
Jai Mahakal❤
इसी तारीख का वीडियो देखते रहिए
Right 👍🙏🙏🙏
कुल की परिभाषा ही आपको पता नही होगी तो कुल देवता की बात करना ही व्यर्थ है अच्छा कुल देवता का अर्थ आपने बताया अपने पूर्वज जो अल्पायु मे मृत हो गये तो
रामायण की एक चौपाई:-
रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाही पर वचन न जाही
इस चौपाई मे रामजी के कुल को रघुकुल से सम्बोधित किया है तो क्या महाराज रघु अल्पायु मे संसार से विदा ले लिए और फिर उन्हे आगे स्वर्ग मे भी जगह ना मिली ? ऐसा है क्या
कुल किसी व्यक्ति के नाम से होता है और जिस देवता या देवी को वह व्यक्ति पूजता है वही देवी देवता आने वाली पीढी के कुल देवता या कुलदेवी कहलाते है
😂
सही बात कही अपने
Jay ma marghat wali 🙏🙏🙏
जय श्री राम
Siv
Jay mata jee
Jay ho 🙏
Om.namo.sivaya
काँसेमिलजायेगि अापको चाई नम्ब दिजे
हां
Jay sewa ❤❤❤❤
Om namah shibaya
Jai jagdamba
Jai Maa Vaishno Devi
Book kha milegi
Sir mujhe 33 koti Dev Devta puran book chahiye please aapke pass hai to mujhe bejna sir
ok
સહી બાત હે 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
સુકેશભઘત
रमेश परिहार 🙏🙏🙏🙏
I See Devta in Dreams 🌻😍.
शिव शंकर मकाल ❤❤❤❤❤❤
Har har mahadev
Om namah shivay
कुल देवताका असलि मतलव आपने वताया जेसा नहि है. आपने वताए देवताको वायु देवता केहते हे, वायु देवता होने से पेहले वो कच्चि पिचास होते हे उने एक बिशेष तरिके के पुजा करके वायु बनाते है। ख्याल रहै पिचास वह लोग बनते है जो अल्पायु मे sucide या कोहि भि तरिके से ज्यान गवाते है। वायुका मतलव तो मुझे भि अच्छे से तो नहि मालुम लेकिन ज्यादातर शिव के योगिनि प्रायके कुल देवि होति है। 🙏
Mujhe Devta Bhagwan dekhna hai
Namah shivay Jai Sanatan
Jai ho
With The help of My Gurudave Bahrav (Khatharpar Daveta Enter in my body)I feel power of Devta 24 Hours 😍🌻.
Wow ♥️♥️
Jay mahakal
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼❤️❤️❤️❤️🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
Ohhhhhhhhh ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
कृपा है महादेव के बारे में बताओ
🙏🙏🙏
જયશ્રી કૃષ્ણ
Jay maa
एक भगवान शिव ही है जो युगों युगों के बाद धरा पर आ कर देवी देवता बनाते भी है और हर रुप का अपने शरीर मे प्रकट करके इंसानी रुप से प्रदर्शन भी करते है । क्या देवता किसी शरीर मे आते हैं? कभी नही😅😅😅 यह इन्सान और गुरुओं की अज्ञानता का मार्ग दर्शाता है ।
मेरा नाम लालजी पासवान है और मेरा निवास स्थान, ग्राम, जिरासो, पोस्ट, सिसवा भटनी, जिला deoria उत्तर प्रदेश मेरी पत्नी क़ो गुजरे सात साल हो गये हैं और मै तब से बहुत परेशान हूँ कोई भी कार्य संभव नहीं हो पा रहा हैं कृपया कोई उपाय बताये
Devta33koti(prakar)hain.33karon nahi hain.kakhhargan gan ke gufa men band ker diya tha mhadev ne jo bhandara jila M.h. men hai.
Badiya
Bhai 33 koti bhi hai aur crore bhi.33 koti mein 11 Rudras,12 Aditya,8 Vasu and 2 Ashiwni Kumar atte hai.And 33 crore mein jitne devi devta hai jaise Agni dev,vayudev Maa Lakshmi ,Maa Durga , Maa Saraswati adi sab aate hain
Bhai bewkuf mat bano kisi bewkuf ki bato me akar..devta dev lok me rehte hai...or dev lok. Bahut bada hota hai..shayad prithvi grah se bhi bahut bada...waha bhi log asee hi rehte hai jaise yaha prithvi par ...or samay samay par unki bhi mrityu or janam hota hai....devta koi or nai Banta ..marne k baad ham logo me se hi kuch achee log devta bante hai...unki sankhya lakho, crore or shayad usse bhi kahin jyada hai ..islia dimag lagao na ki bewkufo ki tarah kisi ki bhi bato me aa jao .
Har Har Mahadev...
DabþqRQ9z
@@fitnesssecrets4046 wo devta banke kya karte hai
Pramukh devta to ek hi rehte hai na jaise panch tatv ke devta
Maa🙏
🚩🙏🙏🙏🙏🙏🚩