Lyrics 👇👇👇 आसियों को दर तुम्हारा मिल गया, बे ठिकानों को ठिकाना मिल गया। फज़्ल ए रब से फिर कमी किस बात की, मिल गया सब कुछ जो तैयबा मिल गया। कश्फ ए राज़ ए मन रआनी यूं हुआ, तुम मिले तो हक़ तआला मिल गया। न खुदाई के लिए आये हुज़ूर (ﷺ), डूबतो निकलो सहारा मिल गया। खुल्द कैसा क्या चमन किसका वतन, मुझको सहराए मदीना मिल गया। उन के तालिब ने जो चाहा पा लिया, उन के साईल ने हो मांगा मिल गया। तेरे दर के टुकड़े हैं और मैं गरीब, मुझको रोज़ी का ठिकाना मिल गया। ऐ «हसन» फिरदौस में जाएं जनाब, हमको सहराए मदीना मिल गया।
Mashallah ❤❤❤
Lyrics 👇👇👇
आसियों को दर तुम्हारा मिल गया,
बे ठिकानों को ठिकाना मिल गया।
फज़्ल ए रब से फिर कमी किस बात की,
मिल गया सब कुछ जो तैयबा मिल गया।
कश्फ ए राज़ ए मन रआनी यूं हुआ,
तुम मिले तो हक़ तआला मिल गया।
न खुदाई के लिए आये हुज़ूर (ﷺ),
डूबतो निकलो सहारा मिल गया।
खुल्द कैसा क्या चमन किसका वतन,
मुझको सहराए मदीना मिल गया।
उन के तालिब ने जो चाहा पा लिया,
उन के साईल ने हो मांगा मिल गया।
तेरे दर के टुकड़े हैं और मैं गरीब,
मुझको रोज़ी का ठिकाना मिल गया।
ऐ «हसन» फिरदौस में जाएं जनाब,
हमको सहराए मदीना मिल गया।