जब धरती पर आई छलछल करती गंगा महादेव ने कैसे तोड़ा अहंकार | धरती पर कैसे आई गंगा मइया
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- เผยแพร่เมื่อ 6 ต.ค. 2024
- जब धरती पर आई छलछल करती गंगा महादेव ने कैसे तोड़ा अहंकार | धरती पर कैसे आई गंगा मइया #JaiGangeMaiya
Maa Shakti Ep-75
भगीरथ ने जब गंगा को धरती पर लाने के संकल्प लिया तब उनका कोई पुत्र नहीं था इसलिए उन्होने राज-पाट अपने मन्त्रियों को सौंपा और गोकर्ण तीर्थ में जाकर घोर तपस्या में लीन हो गए। जब स्वयं ब्रह्मा उनको वर देने के लिए आए तो उन्होंने दो वर माँगे पहला पितरों की मुक्ति के लिए गंगाजल और दूसरा कुल को आगे बढ़ाने वाला पुत्र।
ब्रह्मा ने उनको दोनों वर दिये। साथ ही यह भी कहा कि ' गंगा का वेग इतना अधिक है कि पृथ्वी उसे संभाल नहीं पाएगी इसलिए हे भगीरथ गंगा के धरती पर अवतरण के लिए तुमको महादेव से सहायता मांगनी होगी। ' महादेव को प्रसन्न करने के लिए भगीरथ ने पैर के अंगूठों पर खड़े होकर एक वर्ष तक कठोर तपस्या की।
भूतभावन ने प्रसन्न होकर भगीरथ को वरदान दिया और गंगा को अपने मस्तक पर धारण कर लिया । लेकिनगंगा को अपने वेग पर बड़ा अभिमान था। गंगा का सोचना था कि उनके वेग से शिव पाताल में पहुँच जायेंगे। शिव को जब इस बात का पता चला तो उन्होने गंगा को अपनी जटाओं में ऐसे समा लिया कि उन्हें वर्षों तक शिव-जटाओं से निकलने का मार्ग नहीं मिला।
जब गंगा शिवजटाओं में समाकर रह गई तो भगीरथ ने फिर से तपस्या का मार्ग चुना। तब भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर गंगा को बिंदुसर की ओर छोड़ा । गंगा यहां से सात धाराओं के रूप में प्रवाहित हुईं। ह्लादिनी, पावनी और नलिनी पूर्व दिशा की ओर प्रवाहित हुई। सुचक्षु, सीता और महानदी सिंधु पश्चिम की प्रवाहमान होने लगी। । सातवीं धारा ने राजा भगीरथ का अनुसरण किया।
राजा भगीरथ गंगा में स्नान करके पवित्र हुए और अपने दिव्य रथ पर चढ़कर चल दिये। गंगा उनके पीछे-पीछे चलने लगी। रास्ते में जह्नमुनि का आश्रम था गंगा के जल से जह्नुमुनि की यज्ञशाला बह गयी। क्रोधित होकर मुनि ने सम्पूर्ण गंगा जल पी लिया। इस पर चिंतित होकर समस्त देवताओं ने जह्नुमुनि का पूजन किया और गंगा को उनकी पुत्री बताते हुए क्षमा-याचना की।
देवताओं की प्रार्थना पर जह्नु ने कानों के मार्ग से गंगा को बाहर निकाला। तभी से गंगा जह्नुसुता जान्हवी भी कहलाने लगीं। इसके बाद भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर गंगा समुद्र तट तक पहुँच गयीं। यहां से भगीरथ गंगा को कपिल मुनि के आश्रम ले गए और अपने पितरों की भस्म को गंगा के स्पर्श से मोक्ष दिलवाया। इस पर प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने वरदान दिया कि 'हे भगीरथ , जब तक समुद्र रहेगा, तुम्हारे पितर देवतुल्य माने जायेंगे और गंगा तुम्हारी पुत्री कहलाकर भागीरथी नाम से विख्यात होगी। साथ ही वह तीन धाराओं में प्रवाहित होगी, इसलिए त्रिपथगा कहलायेगी।
Har Har Mahadev ❤️ baba bhole love you
Jay Devi Ganga ki 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Jai gange mata parvati or ganga dono mata bhut sundar h man karta h dekhte rahe hamesha
जय श्री हर हर गंगा
The character of bhagirath is mahadev only
Jay brahmdev.
Nice👏
HAR HAR MAHADEV JAY MATA GANGA JI 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🥀
Jay ganga maiya. ❤
जय श्री हरि विष्णु जी हर हर महादेव जय गंगे माता
Thanks for watching. share this video towards yours friends&Family.
@@SDEPLIndiaUS o
Shiv papi h jo kalyug me ek aghori h tilakdhari.
Matlab
Har har mahadev 🙏🙏🙏🙏🙏🌺 🌸 🌷 🌸 🌺 🌺
Jay shri krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌸🌷🌸🌸🌺
Jay Shree krishna🕉✝️❤
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Har har gonge
जे गंगा जी
GANGA JL GUR GOBIND NAM
Jay maa Ganga
Jay mata di
Where is part 1
Har har gange , har har Mahadev
Har har mahadav ji
Ieiuuyyyने किया
Jay man gange
Op
Free fire wale ho kya
American yadav
थोड़ा सा ओम् नमः शिवाय किये भगवान आ गए हम लोग बरसो भगवान कि पुजा करते हैं भगवान नही आते
य
❤❤
Bad role of brhamna