आत्म प्राण उद्धार हीं, ऐसा धर्म नहीं और। कोटि अध्वमेघ यज्ञ, सकल समाना भौर।।"
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- เผยแพร่เมื่อ 4 มิ.ย. 2024
- आत्म प्राण उद्धार हीं, ऐसा धर्म नहीं और। कोटि अध्वमेघ यज्ञ, सकल समाना भौर।।"
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Sant Rampal Ji Maharaj |
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सत्संग गुरु महाराजगुरुग्राम
Sat guru Rampal maharaj ki Jay ho
👏🙏🏻
कोटि कोटि सिजदा करूं कोटि कोटि प्रणाम।
चरण कमल में राखियों मै बांदी जाम गुलाम। ।
मेरे अंदर एक वीर बैठा जो मैं आपको भजन सामान करता हूं कभी सुबह कभी शाम को ज्यादातड़पता
Theek hai ji apna mobile number bhejen
मेरे अंदर एक दैनिकशक्ति जो मैं आपको भजन सुनता हूं तो मुझे तड़पा तड़पा केमारता है हे गुरु जी महाराज मैं आपको मैं क्या करूं मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा
मुझे नाम सुना नहीं करने देता बहुत तड़पता है
सतलोक में अखंड मुक्ति नहीं है। तीनब्रह्मांड है क्षर अक्षर और अक्षरातीत ला इलाहा इल्लल्लाह।क्षर नाशवान ला ब्रह्मांड में सतलोक आखिरी 14 लोक हैं जो भागवत परमाण से प्राकृतिक प्रलय में लय हो जाएगा।
यह लोग कबीर जी को भी सतलोक में बता रहे हैं कबीर अखंड की आत्मा है कबीर का सतलोक से क्या मतलब। यही अपराध है और यही खुरपा ज्ञान है पिछली करनी को भोग रहा है अगली तैयार है।
गीता और वेद की बातकरता है गीता और वेद को खुद परमात्मा की पहचान नहीं है इसको पहचान कहांसे हो गई। इसलिए गुरु लालची लोभी चेला दोनों नर्क में ठेला ठेला।
वेद थके ब्रह्माथके थक गए शेष महेश। गीता को जहां ग़म नहीं वह सद्गुरु का देश।।
बीतेगा पांच हजार पांचा तब साहेब आएगा सांचा।। यह कबीर जी की भविष्यवाणी पूर्ण हो चुकी है। कलयुग बुद्ध शाखा में। औरंगजेब का शासनकाल चारों तरफ हाहाहा का बच्चा हुआ था उसे समय पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक श्री प्राणनाथ जी ने अपनी शक्ति से महाराजा छत्रसाल को खड़ा किया। और दिल्ली के सिंहासन पर औरंगजेब कोहटाए। किसी का वर्णन इतिहास में नहींहै। कुरान और भागवत से एक पूर्ण ब्रह्म अल्लाह की पहचानकराई। इसलिए कलयुग चारों युगों मेंश्रेष्ठ है। यह भविष्यवाणी रामपाल के लिए नहीं है। रामपाल को कुरान का भागवत का एक शब्द भी नहीं आता।
मेरे अंदर एक दैनिकशक्ति जो मैं आपको भजन सुनता हूं तो मुझे तड़पा तड़पा केमारता है हे गुरु जी महाराज मैं आपको मैं क्या करूं मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा