1971 युद्ध के बाद देश का एक मात्र पहला टोल जहां रूपए नही बीड़ी सिगरेट पानी पिलाओ आगे जाओ।

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ก.ย. 2024
  • 1971 युद्ध के बाद देश का एक मात्र पहला टोल जहां रूपए नही बीड़ी सिगरेट पानी पिलाओ आगे जाओ। सीमा क्षेत्र में एक और कुर्बानी के दौरान बनाई गई समाधि के बारे में चर्चा करे। 1971 के भारत पाक युद्व में 16 दिसम्बर को पाकिस्तानी सेनाओं द्वारा घुटने टेकने के बाद वे वापस अपने मुल्क लौट रही थी इसी दौरान भारतीय सीमा में सीमा सुरक्षा बल 14वीं बटालियन के कमांडेन्ट कर्नल जयसिंह के नेतृत्व में थार के डेजर्ट में बल की टुकड़ियां भारतीय क्षेत्र की पेट्रोलिंग कर रही थी। 18 दिसम्बर 1971 को ऐसी ही एक टुकड़ी का नेतृत्व सब-इंस्पेक्टर वी.एन.मेहता कर रहे थे जो कि गाड़ी के द्वारा शाहगढ़ क्षेत्र से माण्डला मेहराणा की तरफ जा रहे थे कि व अचानक वापिस लौट रही एक पाक टुकड़ी ने धोखे से मीठा झण्डा व माण्डला गांव के बीच इनकी गाड़ी को अंबुश कर लिया। काफी देर तक शत्रु का मुकाबला करते हुवे सीमा सुरक्षा बल की टुकड़ी की नेतृत्व कर रहे सब इंस्पेक्टर वी.एन.मेहता व कांस्टेबल भंवर सिंह वीरगति को प्राप्त हुए व सब इंस्पेक्टश्र दिनेश चंद्र व हैड कांस्टेबल किशनचन्द्र बुरी हालत में जख्मी हुए। इसी गश्ती दल में जैसलमेर जिले का एक नागरिक सुल्तान सिंह पुत्र खेंवर सिंह भी था जो कि इस बियबियान रेगिस्तानी इलाके में सुरक्षा बलों का मार्ग दर्शन का कार्य कर रहा था। उसने जब सीमा सुरक्षा बल को पका सेना की टुकड़ी की गिरफ्त में फंसा हुआ देखा तो इसकी जानकारी सीमा सुरक्षा बल की माण्डला सीमा चौकी पर देने के लिये पैदल जाने लगा, लेकिन दुर्भाग्य से शत्रु के मुजाहिद्वीन, जिन्हें स्थानीय गद्वार पूर्ण सहयोग दे रहे थे, ने उपरोक्त पथ प्रदर्शक, जो कि निःस्वार्थ भाव से देश की सेवा कर रहा था का पीछा कर उसे मौत के घाट उतार दिया। 18 दिसम्बर 1971 को घटी इन घटनाओं की ये समाधियां आज भी मूक गवाह बनी हुई हैं। #rajasthan #rajasthan #breakingnews #bigbreakingnews #viral #viralvideo #news #bsf
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