आदिवासियों व जैनों के बीच वास्तव में कोई विवाद नहीं है क्योंकि वह सदियों से यहां साथ रहते आए हैं लेकिन अब केवल इस विवाद में राजनीति की जा रही है फूट डालो और राज करो
हमारे साथ बदसलूकी जैन लोग करते हैं। दुर्व्यवहार और गुंडागर्दी जैन लोग करते हैं। पहले हम इन लोगों का धर्म का सम्मान करते थे। अब इन लोगों से हमारा कोई रिश्ता नाता नहीं अब आर-पार की लड़ाई होगी। अरे साले बाहर से आए हुए लोग हैं।
रही बात पर्वत का स्वामित्व जो कि सरकार के पास हे । इसलिए कोई भी लड़ाई की संभावना ही नहीं हे । आदिवासी ओर जैन दोनों पक्षों के लिए पवित्र हे पारसनाथ । इस मामले में दूसरे लोग गुस रहे हे ओर मझे ले रहे हे । साफ साफ दिख रहा महतो लोगो का इसमें क्या काम है । इसी तरह से दूसरे लोग इस मामले में अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हे । जो असली संथाली आदिवासी हे वो जैन के साथ प्रेम से रहते हे ओर हजारों सालो से परंपरा चलती आ रही है । अब आदिवासी को कोई ओर चलाएगा । अपने फायदे के लिए उनका लाभ लिया जा रहा है । ओर यही सच्चाई हे ।
parasnath pahad se lum sum tin parkland k 50 village ka roji roti Puerto krti hai isme aadiwas santhal aur aadiwasi kudmi niwas krte hain,galat reporting na krne mang buru astral ka v high light kre
अगर जैनों के खिलाफ आदिवासी साथियों को भड़काकर राजनीति हुई तो हमें न्याय के लिए माननीय न्यायालय जाना ही होगा "श्री सम्मेद शिखर जी" से "केवल इस काल के तीर्थंकर ही नहीं अनन्त काल से हर काल के चौबीस तीर्थंकर एवं अनंत मुनिराज इस पवित्रतम भूमि से मोक्ष प्राप्त करते हुए आये हैं।" सभी से निवेदन है कि धर्म में राजनीति नहीं लाएं नहीं तो विनाश ही होता है कर्म सिद्धांत किसी को नहीं छोड़ता!
जैन चाहते है तीर्थ पवित्रता.. पुरे पहाड की पवित्र ता उस के लिये कोई भी सरकार हो लढणे को तयार है.. जब के एक वक्त जैनो ने राजाओ के वक्त उस पहाड को पवित्र बनाये रखने के लिये खरीद भी लिया था.. (अगर ऐसा ना करते तो अबतक कोई उसे खोद बेच चुका होता ).. मुघलो से बचाया.. अंग्रेजो से भी बचाया... अब जब की जैनी उसे पर्यटन भी नही होणे देते.. ताकी उस पहाड की एक इंच मिट्टी पर भी कचरा ना हो... और दुसरे पक्ष मे आदिवासी भी यही चाहते है की वो पहाड, मिट्टी, नदी, झरणे.. सभी को नैसर्गिक अवस्था मे रखना... तर्क कहेता है की दोनो के डिमांड एक ही है.. (दोनो चाहते तो एक है ) फिर ये बवाल राजनैतिक है.. ये जैनी जाणते है.. पर आदिवासी नही.. उनकी समझ की हद लोकल नेताओ तक सिमीत हो जाती है.. जिस प्रकार हजारो सालो से पारसनाथ पर आजतक विवाद नही रहा.. जैनो ने उसे सबकी नजर से बचाये रखा.. कोई पर्यटन गतविधीयो से दूर रहते पुरे पहाड पर कोई गंदगी नही होनी दि.. उसी मधुबन मे आज राजनीती खेली जा रही है.. बीजेपी से सुरु हुवी आग मधुबन से पारसनाथ जा पाहुणची.. आदिवासी समाज को उनके अस्तित्व का डर दिखाके और जैन समाज के बारे मे भ्रम फैलाके अपनी राजनीती की रोटीया सेक रहे है... मुद्दा बनाकर सबको नेता बनणा है... इसमे हासील किसको क्या होगा... 2/4 नेता बनेंगे, 2/4 नेताओ का करियर डूब जायेगा.. आदिवासीयोंका तो दो तरफा नुकसान ही होगा
Are bhai..jaha adiwashi rahte he waha hi pabitra hota he samjhe..jaha Adiwadhi pawi rakhte he..waha se hi pabitra suru hota he..samjhe..tumlog yaha santhu se rahte ho adiwashi ke karan samjhe..jab koi bahar ka Musalman akraman karega na ..tab app logo ko adiwashi se hi madat loge samjhe...
@@Maths719... गलत मतलब ना निकाले.. आदिवासी सदियों से रहते आये है.. हलही की कुछ घटनाये जिनमे पर्यटन के नाम पर बाहर से घुमणे हेतू आते लोग वन्हा मंदिरोमे चप्पल जुते पहेने घुमते दिखे.. वंदना मार्ग को अपवित्र करते दिखे.. उपर शराब और गुटखा के पाऊच और बॉटल पडे दिख रहे है.. घुमणे के माध्यमसे अश्लील हरकते और व्हिडिओस बनाना धार्मिक गटविधीयो के खिलाफ है.. इस से उस जगह का पावित्र खतम हो जाता है.. यदी जैन उन गतविधीयो के खिलाफ बोलते है.. तो कोई आदिबासी योको गुमराह कर विषय को मोड देता है.. राजनीती से बचे.. जैनी कोई पहाड ले कर नही गये जो आपके अस्तित्व को संकट हुबा था.. उनको आपसे इतने साल कोई दिक्कत नही थी फिर आज क्यू आपके खिलाफ बोलेंगे.. वो सरकारो के खिलाफ मोर्चे निकाल रहे थे.. कोई आपके लिये नही.. बहरी लोग जो पारसनाथ चढ रहे थे उनको रोकणे के लिये बोल रहे है... आप स्थानिक अपने पर ना ले
@@Maths719... और आदिवासी अपने धार्मिक गतविधीया मंदिरो से दूर पहाड के दुसरे हिसॊ मे करते आये है.. करते रहो.. कोई 50/100 लोग पारसनाथ चढकर अप्पर कोई फालतु की गतविधीया करते है.. कोई कन्हीं से भी हो.. आप उन्हे राके ताकी आप के साथ वही विश्वास बना रहे.. सादिया बीत गई आपके कितने पिढीयो ने वन्हा रक्षा की है.. हम आपका सदैव आभारी है और सन्मान करते है.. पारसनाथ की पवित्रता आपको ही सांभाल नी है.. आज जुते चप्पल और शराब की बॉटल लेकर कोई चढता है.. तो कल खूदाई की मशीन भी लेकर चडेंगे..! आज ही उन्हे रोकना पडेगा..
सम्मेदशिखर जी हजारों वर्षों से जैनियों का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है सत्य हमेशा सत्य रहता है भीड़ जुटा लेने से या कब्जा कर लेने से दूसरे की जमीन जायदाद अपनी नहीं हो जाती इसलिए सभी को सत्य का साथ देना चाहिए जैनियों का साथ देना चाहिए।
वाह सर क्या स्टेटमेंट दिए 24से 32 मंदिर बनवा दिए पारसनाथ सबसे पहले अदावसी o जनजातीय का हैं साथ ही CNT Act के तहत आता है तो कैसे यहां पहले से अपने अपने आस्था o संकृति के अनुसार पूजा करते आए थे ओ आगे भी करते रहेंगे आप अपभी अपना अपना आस्था सब कोई सम्मान करते हैं कभी वैशाली में भी जाइए हक का बात कीजिए।। सभी को मेरा झारखंडी जोहार किसी कम्युनिटी को कोई भेदभाव नहीं हैं ये सिर्फ अपना आस्था o संकृति की बात है
@@buysagarhofficial6312 history padi hui h isliye keh rhe h ki ye jain dharam ka pavitra tirth tha hai or rhega...or bhulo mat tumhri rozi roti bhi hum jain tirth yatriyo se hi chalti h isliye ehsaan mano hmara
Hindu Kali Puja mai bakreka Bali karta hai,,aghori sadhu insani mash khata hai,,tum log desh ke jamin mai nahi asman se batei karte ho..... adibasi mul nibasi jindabad
Only the temple premises should be completely handed over to the Jain's not the entire mountain, as more than 50 villages dwell in and around the parashnath and these villages rely on these forest for various things of daily use
पारसनाथ सभी झारखंडी का आन बान शान हैं सबसे पहले किसी का अधिकार होगा तो वहा के अदावासी o मूलवासी का हक हैं पहले से ही सभी जनजाति o अदावासी अपने अपने आस्था o संकृति के अनुसार पूजा अर्चना करते थे o आगे भी करते रहेंगे पारसनाथ CNT Act मे आता हैं 24 से 32 मंदिर बनवा दिए हम भी करते हैं यहां पान मसाला दारू मांस बंद हो ताकि सभी अपना अपना आस्था o संकृति के अनुसार पूजा अर्चना करते रहेंगे आदिवासी मूलवासी का कोई जैन धर्म से कोई प्राब्लम नही हैं आइए आपका भी आस्था जुड़ा हुआ हैं कोई झारखड़ी अदावासी मूलवासी आपका स्वागत करते हैं ओ आगे भी करते रहेंगे लेकिन साथ साथ हमारा भी आस्था का कोई छिनने का कसीस ना करें।। जाइए वैशाली में भी अपना हक अधिकार के लिए लड़िए।। आप लोग ही रोड बनवा रहे हैं o ट्यूरिस्ट प्लेस बनवा रहे हैं जैन धर्म o बाकी यहां 100 साल से मकर संक्रांति का मेला लगता है o आगे भी लगता रहेगा सभी को मेरा नमस्कार o झारखंडी जोहार मेरा किसी एक कम्युनिटी से नही अपना आस्था o संकृति o अस्मिता बचाने का हक है जोहार 🙏🙏🙏🙏
जैन और आदिवासी में कोई विवाद है ही नही, आदिवासी सरकार के फैसले के खिलाफ है लेकिन वहां के नेता जो स्वयं सरकार का हिस्सा है वो इन्हे जैन के खिलाफ खड़ा कर रहे है। आपकी पत्रकारिता गलत है।
Shriman g tourism to khud jain log hi badawa de rhe hain aise hi nhi pure pahad par mandir bna diye road bna diye jahan tirthyatri din me 300 aate the ab wahi 3000 jate hain don't make ullu to aadiwasis. Unhone jungle pahad , pahado ki suraksha hi krna jani hai na ki baki dharmon jaise development ko bdawa dete rhe hai development ke nam par kayi sare pahad tode gye unke ghar tod diye gye inka sawal abhi tk koi nhi puchta hai aur jawab deta hai ye samjhe duniya ki kon environment ko nuksaan pahunch rha hai unko puchiyega 1911 me unko kya jawab diya gya. Aur 1956 me bhi bt krte hain
जब से सृष्टि की रचना हुई है तब से यहां पर आदिवासी समुदाय रहती है और पारसनाथ के चारो ओर संथाल आदिवासियों की गांव है यह पर जैन समुदाय के द्वारा जो भी निर्माण किया गया है अवैध है क्यों की यह छेत्र cnt के अंदर आता है cnt छेत्र में गैर आदिवासी कैसे मंदिर का निर्माण किया।यह असाविधानिक निर्माण है।
@@jaydugad9440 Tere tirthankar bhi baniya tha aur tu bhi baniya hai vah bhi videshi tha aur tu bhi videshi hai. Tum sare Jain Brahman Kshatriya Aryan Ho aur ham aadivasi yahan Ke Mul nivasi Dravidian hai. Chahe jitna bhi chilla Lo sacchai Ko nahi Badal sakte tumhara khoon hi tumhara Aryan hone ka praman hai
Tribals only live in jungles ,hills and forests. Jains do not live in jungles . Only some (20) Jains attained salvation because Paras nath pahad is a sacred place . That doesn't mean that Paras nath pahad belongs to Jains and build temples ,roads and palatial buildings by destroying the hill . Law of the land like CNT act , spt act, PESA, schedule area act etc have been ignored / violated . Who are to be blamed for such incidents ?
Bhai jo tum law of land bta rhe ho to tumhe bta du pahad par koi nya mandir nhi banaya gya vah sabhi mandir pracheen hai or saikdo varsh se hai. jain log to khud us pahad ko bachane ke liye sarkar ke khilaf protest kiya aur ulta aadiwasi log jaino ka hi virodh kar rhe sab dirty politics chal rhi hai
Tribals are older than sanatan. Jain are much more younger than tribals. We respect your god. Please don't remove us from our own home. This mountain is not only for jain. There are many hindu temples, sarna sthal for tribals. We call it marang buru Or bada pahad. This is a temple for you but it is our home. We live here.
lol 🤣🤣🤣, jains are older than you tribals and so called santan/brahmins. 1st tirthankar bhagwan rishbhdev predates everyone, come out of your illusions. Jain dharm is the oldest dharm, even agriculture / farming is taught by rishbhdev to all mankind. And no one is removing you from your so called home, we jains are just saying dont kill animals, drink alcohol in such a pavitra teerth sthal, maintain cleanliness and purity of the land, that's what we are saying.
@@sarozkumar3939 ha 1918 mai jain ne kharida tha taaki aage jaakr kuch problem na ho pr humara ye pahad ka kuch hissa bihar sarkar ne cheen liya aur adivasi ko de diya
Aadivasi samaj ko pavitrta ko samajna chahiye aur kapati netao se bachna chahie, ye neta log ne kabhi kuchchh diya nahi hai aur nahi kabhi denge, sirf apna ghar bharenge.
झारखंड का पर्यटन मंत्री कौन है।जरा उस पर विचार करने की आवश्यकता है।यह सब विवाद उसी पर्यटन मंत्री की बजह से है। क्योंकि यह बिषेष समुदाय के लोग चाहते हैं कि पुरे मूल भारतीय समाज को आपस में लड़ाया जाए। ताकि देश को फिर से तोडा जा सके या इस देश के वजुद को ही खत्म कर दिया जाए।
Puri kahani nahi pata.. aadiwasi ka bahut purani bat hai Marang Buru ko mante aa rahe hai .aadivasi hone ke waja se aye bat aap logo ko pata nahi hoga sayed
Here are the Proofs that Jains own the Sammed Shikharji.. The Jnatrdharmakatha, one of the twelve fundamental texts of Jainism, has the first mention of Shikharji as a tirth (place of pilgrimage). The Parsvanathacarita, a biography of Prva written in the eleventh century, also makes mention of Shikharji. An illustration of Parshavanatha's nirvana at Shikharji can be seen in a palm-leaf manuscript of the Kalpa Stra and Kalakacaryakatha from the thirteenth century CE. In 1768 CE, Jagat Seth rebuilt the temples at Shikharji to their present configuration. The idol itself is old, though. The 1678 CE date is written in Sanskrit at the bottom of the image. One of the shrines is older than the century. A number of vtmbara temples were built in the 20th century.
Please send this useful proofs and information to advocate vishnu shankarji. क्योंकि अगर जैनों के खिलाफ आदिवासी साथियों को भड़काकर अगर राजनीति हुई तो हमें न्याय के लिए माननीय न्यायालय जाना ही होगा "श्री सम्मेद शिखर जी" से "केवल इस काल के तीर्थंकर ही नहीं अनन्त काल से हर काल के चौबीस तीर्थंकर एवं अनंत मुनिराज इस पवित्रतम भूमि से मोक्ष प्राप्त करते हुए आये हैं।" सभी से निवेदन है कि धर्म में राजनीति नहीं लाएं नहीं तो विनाश ही होता है कर्म सिद्धांत किसी को नहीं छोड़ता!
@@sr-dt3pl 4000 sal se bhi pahle Jain muni or Jain vhaa jaa rhe hai .us time se le kar ab tak kisi adivasi ko koi pareshani nhi huyi ..tho is time q ho rhi hai.q ki tmhre jaise Kam akal jis ko na history pta or na or kuch or kuch chutiye netao k chakar mai aa rhe hai vha ke adivasi ...
Ae khel he BJP ka adiwasi hemant soren ke virod kar ne lage Or sarkar tut jaye.. Dusari bat jain bi sarkar ki bat me aay gae.. me bi adiwasi hu jain ka ejjat karta hu..
Ham aur hamare Jain neta saksham Hai hamari khud Ke awaaz uthane ke liye chahe BJP ho ya Jain Ho kisi ke aage nahin jhukane wale vah jagah hamari thi hamari rahegi aur ham vahan per apna Dharm ka palan karte rahenge jo ukhadna hai ukhad Lene do Hemant Soren ko Adani ka Paisa chahie isiliye janu ke bad me a gaye
Do samuday me koi ladai nahi hai ye sab ek shajiz hai ye sab wahaa ke logo ka kaam hai ham jain ahinshak the hai or rahengeee hamari taraf se koi ladai nahi hai jain tirth bachao
@@abhishek4usty tumko kuch pata h nhi ..... Kabhi reply mai 3000 bol raha kahi 4000 Madhuban pura aadiwasi/mulwasi ka h to pahad kaise kissi aur ka hoga Baap dada muni log jhuth kahani sunna diya aur tum log sun liya .
@@vaishalijain6885 School me Food chain nahi padhe kya . Janwar ko kahne k leya marte hai . Waise bhi bhuk ka koe majab nahi hota . Tumlog apne dharam dusro pe kyu thopte ho. Mans nahi kahte toh mat Khao dusro ko kyu man kar rhe hu. Tumse lakh guna acha toh Meat kahne wala acha vivwar karta ha or dusro ko jabardasti meat nahi khilate
@@thegreatone899 bada achcha vyavahar karta h Wah re Wah jaisa duniya bhar se Bura vyavar to bus Jain hi krte h aur konsi food chain me likha ki jaanvar Ko khane ke liye marte sach me aadiwasi logo ke pass sarkar ne resources na deke unka Shosan Kiya hai 🤔🤔🤔🤔
before 195q there was no other pilgrim space and place for other people, in 2018 babu lal marandi had inaugrated one place near parasnath pahadi, please check your facts, people want to earn money by selling land and grabbing forest land and produce, thats the only fact
@@Chen-gl9hm 2000 sal se jein ki rahta na to vahu(where) par jangal nahi rahata, adivasi to jahu par jangal pahad hai ,vahi par hi sadiyo se rahate aa raha hai,
Oye bhai Adiwadhiyo ka kahani jain se bahut purana he.. Santhal samuday ka ..parampara marang buru bahut purana he..lekin santhal ka kahani koi nahi likha he..samjhe..Lekin santhal adiwashiyo ..santhal ke koi vi puja padhati me dekho parash nath,marang buru ke bare me jikra he samjhe..gana me he..puja mantra me he...samjhe lekin itihas kar ka chalaki to dekho..jain ka likha or adiwashi ka koi likha nahi..
Yeh sammed shikhar ji Parswanath pahar Jain dharm ka saswat anadi nidhan sab se bara prachin pavitra tirth sthal hai is pahar se 24th me se 20th Tirthankar bhagwan aur Anandya asankyas Jain muniyo ka nirman moksh bhumi hai aur is pura pahar,ko hame jaino ka bhagwan ke rup me pujya hai yeh pahar hame jaino ka pran hai.hame Jain is pahar ke vandana shudh vadhtra bahan kar karte hai aur kisi bi tarah ke hinshak vashdu,jute chappal adi pahar ke vandana me nahi lekar jate,jaino ki shirp yehi mang hai iss pavitra sthal ko pavitra sthal rahane diya chaye iss pahar ko gumne phirne ka sthan na ho jai jinendra, Jai parswanath
Yeh vivad ka karan rajkaran hi lagta hai.paryatak sthal na bananeka nirnay aane per politicians ne ye vivad bhadkaker dono jatiyo me fut dlneki chal hai aur aakhir me indirect paryatan sthal bananeki kapat niti dikhai de rahi hai.Kaha jaoge aisa bhayankar pap karke?
yaha sadiyo se marang buru ka vaas hai. aur aadiwasi sadiyon se pujte aa rahe hai marang buru ka .phir aaj aadiwasiyo ka itihas ko najarandaj kyu kiya ja raha hai.
tum log nature ko maante ho duasari taraf Animals ko maarte ho bina animals nature ki khoobsurati h kisi ki jaan ka paap leke tum konse bhagwan ko maanre ho konse bhagwan bolte h mujhe bali hi chaiye apne swarth k liye krte ho naam bhagwan pe daalre ho chlo maan liya wo pahad tumara bhagwan h toh wo pahad tumse bali mangta h wo ush bali ka kya krega karna h pooja path kro uski udhr ped podhe ughao wo pahad jayda khush hoga
Ji nahi pooja adivasi karte hain par bali pratha kabhi bhi pahad par nahi dekha pichhle 25 saal mei...aapki jaankari k liye bata dein...govt ko tourism banana hai...isiliye ye natak khada kar diya gaya hai...yahaan ki ashanti ka jawaabdaar sarkaar hai
India me jen samaj Keya hindu bhi nahi tha tab se marag buru adivasi ka jug jahe hi or jen samaj kuch din pahale aa ke bolta hi ki parsanat phad hamara hi ye kabhi nahi ho sakta
Ye bibad is wajay se ho rh h ..q ki adiwasiono ne itna din khano hokar rh kerthe the or aab wo samay nhi h wo nhi chatah h kisi alag bekti unki. Biswas ko or tode
.jain log tirth yatra nhi..apne pap Dhone ke naam pr maza marna aate h...adivasiyo ko dutkarane aate hai.. Adivasiyo tumko kandhe baitha ke chaday or badle me usko sirf dutkar hi mila hai...
Sadiyon se pooja karate huye Adivasi santhaal samaj... Marang buru... Prakriti pujak adivasi.. Johar jharkhand...Adivasi ke bare jane... Privy council 1911 record of London.. Me Marang buru nam se pahad sthaapit hai..
Hum tumhare ye vicharon ko badal ke hi dum lenge Tum logon ko uksaya jaa raha hai , par chinta mat karo hum jain log hai Itne saalon se hum aur aap sath mein the , saath me hi rahenge !
जयराम महतो ओर आपके समस्त आदिवासी समुदाय को मेरा जेमी जैन, साबरमती, अहमदाबाद , गुजरात से जय जिनेन्द्र । 1 - एक बात समझलो जैनों की रैली की वजह एक ही थी कि समेद शिखर जी की जो पूजनीय पर्वत है उसकी रक्षा हो और उसका संरक्षण हो सबसे पहले । 2 - दूसरी बात जो आप बोल रहे हो कि जैनों की अरबो रुपए की संपत्ति है जैसे कि जैन धर्मशाला है और जैन देरासर मंदिर है वहां जैन रहते नही है , हम जब जात्रा करने आते है तो मैक्सिमम 2 दिन या 3 दिन से ज्यादा कोई वहां रहता भी नही है , ओर तो ओर जैसे कि हर साल भाग्य कोई आता है पता नही हरेक जैन अपनी ज़िंदगी मे शायद 5 से 10 बार भी शायद आता होगा मेरे जयराम महते भाई कुछ समझे । और जो ये जैन देरासर ओर धर्मशाला ओर भोजनशाला है उसको मेन्टेन हम जैन करते है लेकिन वहां उसी स्थान में जो लोग नौकरी करते है वो आपके वहां के स्थानीय लोग है मेरे भाई । जरा सोचो ?? 3 - वहां के जंगल मे से हम जैन कुछ लेकर नही जाते है, उल्टा हम अगर वहां कुछ रोक थाम कर रहे है तो वो पर्वत की रक्षा हो रही है जिससे वहां माइनिंग नही हो पा रही है , दूसरा कोई फैक्ट्री नही लग रही है , दूसरा रिसोर्ट ओर 5 स्टार होटल नही आ रही है जरा सोचो ?? 4 - आप लोगो की जीवन जरूरियात वस्तु वहां से आप प्राप्त करते हो तो जैनों को कोई भी प्रॉब्लम नही है , हमको प्रॉब्लम ये है कि वहां आप सिर्फ मांस न खाए ओर शिकार न करे क्योंकि आप भी पारसनाथ पर्वत को पूजनीय मानते हो इसलिए भाई । 5 - रही बात वहां आप बोल रहे हो जैनों की अरबो रुपए की संपत्ति है तो भाई हमने अपना कमाया हुआ धन देकर वहां ज़मीन खरीदी है न कि फ्री में ली है कुछ समझो । ओर उस जमीन पे जो अरबो रुपयों का स्ट्रक्चर बनाया है वो जैनों के पैसों से बनाया है किसीसे लेकर या आदिवासी को लूटकर नही बनाया है भाई । और हमने जितना डेवलोपमेन्ट किया है उस वजह से वहां की कीमत कितनी बढ़ी है आपको पता भी है जरा सोचो ???? आज हम आते है तो सिर्फ झारखंड में प्रवेश करते है और अपने घर जाते जाते कम से कम हरेक जैन 15,000 से 25,000 रुपये खर्च करता है तब जाकर इतना पैसा उस पारसनाथ के क्षेत्र में आता है जरा सोचो ????
6 - आप बोल रहे हो कि जैन 2400 साल पहले आए थे , भाई कुछ भी बिना ज्ञान मत बोलो जैनों के 24 वे जो तीर्थकर है भगवान महावीर स्वामी वहां से जैनों का धर्म स्टार्ट नही हुआ है । जैनों इस आरे में जो प्रथम तीर्थंकर है भगवान आदिनाथ उनसे इस जैनों का धर्म स्टार्ट हुआ है जो अनादिकाल से चल रहा है , जैन कोई 2400 सालो से नही है जैन भी जबसे इस धरती उत्पन्न हुई है हम भी तबसे ही है । 7 - आपने एक बात और कही की जैनों के पास इतना पैसा है धनी है मेरे भाई जयराम महतो हमने मेहनत करके कमाया है किसीसे छीना नही है न कि चोरी करि है न कि लुटफात करि है अपने पुरुषार्थ से पैसे कमाए है । हमने आदिवासी को थोड़ी मना बोला है कि , आप पैसा मत कमाओ न कि आप बिज़नेस मत करो । मेहनत जो करेगा अच्छी नीति और नियत से वो सब पैसे कमाएगा फिर चाहे वो आदिवासी हो या मुस्लिम या जैन या ओर कोई अन्य समाज का । 8 - भगवान ने सबको बनाया है जैनों को भी आदिवासी को भी मुस्लिम को भी हिन्दुओ को भी हमने जाती और धर्म के बंटवारे किये है । अब जो जिस धर्म मे पैदा हुआ है वो उस धर्म को फॉलो कर रहा है तो कोनसी गलत बात है । लेकिन इंसानियत सभी मे होनी चाहिए फिर वो कोई भी धर्म का हो भाई । 9 - जयराम भाई न आपके आदिवासी कोई हमारे दुश्मन है न हम जैन आपके दुश्मन है लेकिन आस्था के नाम पर जो ये खेल चलता है पोलिटिकल इसका कुछ करना चाहिए क्योंकि ये अपनी वोट के खातिर सबको बर्बाद कर देंगे हम कोई बलि के बकरे नही है । समझदारी पूर्वक दोनो समुदाय मिलकर बात करो और इसका फैसला लाओ । क्योंकि जैन समाज कोई ये पहाड़ को गुजरात या राजस्थान नही लेकर जाएगा, सिर्फ पूरी दुनिया से जैन समाज के लोग सिर्फ जात्रा करने आएंगे और पूजा और दर्शन करके चले जायेंगे । प्लीज कुछ समझो , आपस मे हम सभी साथ मे रह रहे है फिर क्यों इतना बेर ये राजनीति को समझो ।
Bhai saheb aap jo bhi hai please aapko agar pata nahi hai toh kyu beech mein aa rahe ho Apna I'd change kar lijiye plz Aapko apne I'd mein jain shabd istal karne par sharam aani chahiye
Dawa nhi ..... Pehla haq aadiwasi/mulwasi ka hi h Yeh log building pe building bana ke apna haq jata rahe h . aadiwasi apne puja astal pe koi development nhi krte isi waja se kissi ko nazar nahi aaya Paisa ka dum dikha ke haq jata rahe ....
जोहार मारांग बुरु🙏🙏🙏
जोहार मारांग बूरु
अच्छे से सर्वे करें , फिर स्टेटमेंट दे या फिर पत्रकारिता करना छोड़ दे। पारसनाथ मूलवासीयों का ही है।
आदिवासियों व जैनों के बीच वास्तव में कोई विवाद नहीं है
क्योंकि वह सदियों से यहां साथ रहते आए हैं लेकिन अब केवल इस विवाद में राजनीति की जा रही है फूट डालो और राज करो
हमारे साथ बदसलूकी जैन लोग करते हैं। दुर्व्यवहार और गुंडागर्दी जैन लोग करते हैं। पहले हम इन लोगों का धर्म का सम्मान करते थे। अब इन लोगों से हमारा कोई रिश्ता नाता नहीं अब आर-पार की लड़ाई होगी। अरे साले बाहर से आए हुए लोग हैं।
बलि तो चढ़ेगी
रही बात पर्वत का स्वामित्व जो कि सरकार के पास हे । इसलिए कोई भी लड़ाई की संभावना ही नहीं हे । आदिवासी ओर जैन दोनों पक्षों के लिए पवित्र हे पारसनाथ । इस मामले में दूसरे लोग गुस रहे हे ओर मझे ले रहे हे । साफ साफ दिख रहा महतो लोगो का इसमें क्या काम है । इसी तरह से दूसरे लोग इस मामले में अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हे । जो असली संथाली आदिवासी हे वो जैन के साथ प्रेम से रहते हे ओर हजारों सालो से परंपरा चलती आ रही है । अब आदिवासी को कोई ओर चलाएगा । अपने फायदे के लिए उनका लाभ लिया जा रहा है । ओर यही सच्चाई हे ।
Shi baat hai
parasnath pahad se lum sum tin parkland k 50 village ka roji roti Puerto krti hai isme aadiwas santhal aur aadiwasi kudmi niwas krte hain,galat reporting na krne mang buru astral ka v high light kre
अगर जैनों के खिलाफ आदिवासी साथियों को भड़काकर राजनीति हुई तो हमें न्याय के लिए माननीय न्यायालय जाना ही होगा "श्री सम्मेद शिखर जी" से "केवल इस काल के तीर्थंकर ही नहीं अनन्त काल से हर काल के चौबीस तीर्थंकर एवं अनंत मुनिराज इस पवित्रतम भूमि से मोक्ष प्राप्त करते हुए आये हैं।" सभी से निवेदन है कि धर्म में राजनीति नहीं लाएं नहीं तो विनाश ही होता है कर्म सिद्धांत किसी को नहीं छोड़ता!
जैन चाहते है तीर्थ पवित्रता.. पुरे पहाड की पवित्र ता उस के लिये कोई भी सरकार हो लढणे को तयार है.. जब के एक वक्त जैनो ने राजाओ के वक्त उस पहाड को पवित्र बनाये रखने के लिये खरीद भी लिया था.. (अगर ऐसा ना करते तो अबतक कोई उसे खोद बेच चुका होता ).. मुघलो से बचाया.. अंग्रेजो से भी बचाया...
अब जब की जैनी उसे पर्यटन भी नही होणे देते.. ताकी उस पहाड की एक इंच मिट्टी पर भी कचरा ना हो...
और दुसरे पक्ष मे आदिवासी भी यही चाहते है की वो पहाड, मिट्टी, नदी, झरणे.. सभी को नैसर्गिक अवस्था मे रखना...
तर्क कहेता है की दोनो के डिमांड एक ही है.. (दोनो चाहते तो एक है )
फिर ये बवाल राजनैतिक है.. ये जैनी जाणते है.. पर आदिवासी नही.. उनकी समझ की हद लोकल नेताओ तक सिमीत हो जाती है.. जिस प्रकार हजारो सालो से पारसनाथ पर आजतक विवाद नही रहा.. जैनो ने उसे सबकी नजर से बचाये रखा.. कोई पर्यटन गतविधीयो से दूर रहते पुरे पहाड पर कोई गंदगी नही होनी दि..
उसी मधुबन मे आज राजनीती खेली जा रही है.. बीजेपी से सुरु हुवी आग मधुबन से पारसनाथ जा पाहुणची..
आदिवासी समाज को उनके अस्तित्व का डर दिखाके और जैन समाज के बारे मे भ्रम फैलाके अपनी राजनीती की रोटीया सेक रहे है... मुद्दा बनाकर सबको नेता बनणा है... इसमे हासील किसको क्या होगा...
2/4 नेता बनेंगे, 2/4 नेताओ का करियर डूब जायेगा..
आदिवासीयोंका तो दो तरफा नुकसान ही होगा
Finally, one sensible comment
Are bhai..jaha adiwashi rahte he waha hi pabitra hota he samjhe..jaha Adiwadhi pawi rakhte he..waha se hi pabitra suru hota he..samjhe..tumlog yaha santhu se rahte ho adiwashi ke karan samjhe..jab koi bahar ka Musalman akraman karega na ..tab app logo ko adiwashi se hi madat loge samjhe...
@@Maths719... गलत मतलब ना निकाले.. आदिवासी सदियों से रहते आये है.. हलही की कुछ घटनाये जिनमे पर्यटन के नाम पर बाहर से घुमणे हेतू आते लोग वन्हा मंदिरोमे चप्पल जुते पहेने घुमते दिखे.. वंदना मार्ग को अपवित्र करते दिखे.. उपर शराब और गुटखा के पाऊच और बॉटल पडे दिख रहे है.. घुमणे के माध्यमसे अश्लील हरकते और व्हिडिओस बनाना धार्मिक गटविधीयो के खिलाफ है.. इस से उस जगह का पावित्र खतम हो जाता है.. यदी जैन उन गतविधीयो के खिलाफ बोलते है.. तो कोई आदिबासी योको गुमराह कर विषय को मोड देता है.. राजनीती से बचे.. जैनी कोई पहाड ले कर नही गये जो आपके अस्तित्व को संकट हुबा था.. उनको आपसे इतने साल कोई दिक्कत नही थी फिर आज क्यू आपके खिलाफ बोलेंगे.. वो सरकारो के खिलाफ मोर्चे निकाल रहे थे.. कोई आपके लिये नही.. बहरी लोग जो पारसनाथ चढ रहे थे उनको रोकणे के लिये बोल रहे है... आप स्थानिक अपने पर ना ले
@@Maths719... और आदिवासी अपने धार्मिक गतविधीया मंदिरो से दूर पहाड के दुसरे हिसॊ मे करते आये है.. करते रहो..
कोई 50/100 लोग पारसनाथ चढकर अप्पर कोई फालतु की गतविधीया करते है.. कोई कन्हीं से भी हो.. आप उन्हे राके ताकी आप के साथ वही विश्वास बना रहे.. सादिया बीत गई आपके कितने पिढीयो ने वन्हा रक्षा की है.. हम आपका सदैव आभारी है और सन्मान करते है..
पारसनाथ की पवित्रता आपको ही सांभाल नी है..
आज जुते चप्पल और शराब की बॉटल लेकर कोई चढता है.. तो कल खूदाई की मशीन भी लेकर चडेंगे..!
आज ही उन्हे रोकना पडेगा..
Shut up aur murge Ki Bali Dena aadivasiyon ka Puja paath ka hissa hai ham use pahad ko Bhagwan mante hain aur vahan per mans chadhate Hain
सम्मेदशिखर जी हजारों वर्षों से जैनियों का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है सत्य हमेशा सत्य रहता है भीड़ जुटा लेने से या कब्जा कर लेने से दूसरे की जमीन जायदाद अपनी नहीं हो जाती इसलिए सभी को सत्य का साथ देना चाहिए जैनियों का साथ देना चाहिए।
बेटे पहले बढ़िया से हिस्ट्री पढ़ लो !
वाह सर क्या स्टेटमेंट दिए 24से 32 मंदिर बनवा दिए पारसनाथ सबसे पहले अदावसी o जनजातीय का हैं साथ ही CNT Act के तहत आता है तो कैसे यहां पहले से अपने अपने आस्था o संकृति के अनुसार पूजा करते आए थे ओ आगे भी करते रहेंगे आप अपभी अपना अपना आस्था सब कोई सम्मान करते हैं कभी वैशाली में भी जाइए हक का बात कीजिए।। सभी को मेरा झारखंडी जोहार किसी कम्युनिटी को कोई भेदभाव नहीं हैं ये सिर्फ अपना आस्था o संकृति की बात है
@@buysagarhofficial6312 history padi hui h isliye keh rhe h ki ye jain dharam ka pavitra tirth tha hai or rhega...or bhulo mat tumhri rozi roti bhi hum jain tirth yatriyo se hi chalti h isliye ehsaan mano hmara
@@buysagarhofficial6312 hame Christian Adivasio se gyan ki avashakta nahi hai.. 🚩🕉️🚩🕉️
Parasnath belong to the tribals, from the beginning tribes being living in parasnath even before Jainism existed
Johar MARANG Buru
किसी भी धार्मिक स्थान पर बलि चढ़ाना कतई जायज नहीं है... बलि प्रथा हिन्दू और जैन धर्म विरोधी है..
आदिवासियों का अलग कस्टमरी low है.
आदिवासियों मे बाली प्रथा है तुम जैन लोगो को समझ मे नहीं आएगा अगर झारखण्ड के रहने वाले रहते तो समझ मे आते
Jameen mera, gaon mera , district mera, state mera... Kaise tumhara ho gya Parasnath.
Hindu Kali Puja mai bakreka Bali karta hai,,aghori sadhu insani mash khata hai,,tum log desh ke jamin mai nahi asman se batei karte ho..... adibasi mul nibasi jindabad
और नंगा होना उचित कैसे हैं आप बताए
@@Shanibhagat01 😜😜😜😎😎
Jai 🙏🙏 parasnath 🙏🙏
Only the temple premises should be completely handed over to the Jain's not the entire mountain, as more than 50 villages dwell in and around the parashnath and these villages rely on these forest for various things of daily use
Jay Marangburu🙏🙏🙏
पारसनाथ सभी झारखंडी का आन बान शान हैं सबसे पहले किसी का अधिकार होगा तो वहा के अदावासी o मूलवासी का हक हैं पहले से ही सभी जनजाति o अदावासी अपने अपने आस्था o संकृति के अनुसार पूजा अर्चना करते थे o आगे भी करते रहेंगे पारसनाथ CNT Act मे आता हैं 24 से 32 मंदिर बनवा दिए हम भी करते हैं यहां पान मसाला दारू मांस बंद हो ताकि सभी अपना अपना आस्था o संकृति के अनुसार पूजा अर्चना करते रहेंगे आदिवासी मूलवासी का कोई जैन धर्म से कोई प्राब्लम नही हैं आइए आपका भी आस्था जुड़ा हुआ हैं कोई झारखड़ी अदावासी मूलवासी आपका स्वागत करते हैं ओ आगे भी करते रहेंगे लेकिन साथ साथ हमारा भी आस्था का कोई छिनने का कसीस ना करें।। जाइए वैशाली में भी अपना हक अधिकार के लिए लड़िए।। आप लोग ही रोड बनवा रहे हैं o ट्यूरिस्ट प्लेस बनवा रहे हैं जैन धर्म o बाकी यहां 100 साल से मकर संक्रांति का मेला लगता है o आगे भी लगता रहेगा सभी को मेरा नमस्कार o झारखंडी जोहार मेरा किसी एक कम्युनिटी से नही अपना आस्था o संकृति o अस्मिता बचाने का हक है जोहार 🙏🙏🙏🙏
Parasnath jharkhandiyo ka h
Jai jharkhand 🌾🙏
🙏🙏🙏Marang buru🏹🏹🏹
जैन और आदिवासी में कोई विवाद है ही नही, आदिवासी सरकार के फैसले के खिलाफ है लेकिन वहां के नेता जो स्वयं सरकार का हिस्सा है वो इन्हे जैन के खिलाफ खड़ा कर रहे है। आपकी पत्रकारिता गलत है।
Shriman g tourism to khud jain log hi badawa de rhe hain aise hi nhi pure pahad par mandir bna diye road bna diye jahan tirthyatri din me 300 aate the ab wahi 3000 jate hain don't make ullu to aadiwasis. Unhone jungle pahad , pahado ki suraksha hi krna jani hai na ki baki dharmon jaise development ko bdawa dete rhe hai development ke nam par kayi sare pahad tode gye unke ghar tod diye gye inka sawal abhi tk koi nhi puchta hai aur jawab deta hai ye samjhe duniya ki kon environment ko nuksaan pahunch rha hai unko puchiyega 1911 me unko kya jawab diya gya. Aur 1956 me bhi bt krte hain
जब से सृष्टि की रचना हुई है तब से यहां पर आदिवासी समुदाय रहती है और पारसनाथ के चारो ओर संथाल आदिवासियों की गांव है यह पर जैन समुदाय के द्वारा जो भी निर्माण किया गया है अवैध है क्यों की यह छेत्र cnt के अंदर आता है cnt छेत्र में गैर आदिवासी कैसे मंदिर का निर्माण किया।यह असाविधानिक निर्माण है।
Pahali history pado....
Phi socho or bolo.....
Adiwashi ekta jindabad
Johar aadivasi🙏
Johar Marang Buru Hirlay
आदिवासी ही झारखंड के मूलनिवासी है पूरे जानकारी ले उसके बाद रिपोर्टिंग कर क्युकी आपसे ही हमे उम्मीद है जय आदिवासी
Jain pure bharat ke mulnivasi hai
@@jaydugad9440chal jave videsh se aane wale baniya log😂
@@DannycageGhostrider Ham Aryan nahi hai, hum jain hai hamare tirthankar Bharat bhoomi par hi the, aur hum bhi Bharat bhoomi par hai
@@DannycageGhostrider Ham Aryan nahi hai, hum jain hai hamare tirthankar Bharat bhoomi par hi the, aur hum bhi Bharat bhoomi par hai
@@jaydugad9440 Tere tirthankar bhi baniya tha aur tu bhi baniya hai vah bhi videshi tha aur tu bhi videshi hai. Tum sare Jain Brahman Kshatriya Aryan Ho aur ham aadivasi yahan Ke Mul nivasi Dravidian hai. Chahe jitna bhi chilla Lo sacchai Ko nahi Badal sakte tumhara khoon hi tumhara Aryan hone ka praman hai
जब जैन समाज आंदोलन कर रहा था तब तुम न्युज चैनल वाले कहाँ मर गए थे
Tribals only live in jungles ,hills and forests. Jains do not live in jungles . Only some (20) Jains attained salvation because Paras nath pahad is a sacred place . That doesn't mean that Paras nath pahad belongs to Jains and build temples ,roads and palatial buildings by destroying the hill . Law of the land like CNT act , spt act, PESA, schedule area act etc have been ignored / violated . Who are to be blamed for such incidents ?
Jain dharm sab se purana dharm hai budh k pahle se hai ye. Or us time se Jain muni jha jate hai ..4000 sal pahel se ..
@@abhishek4usty.. True
Jainisam are oldest riligan in India..
@Mahabir majhi...if you don't know history... then keep quite
Bhai jo tum law of land bta rhe ho to tumhe bta du pahad par koi nya mandir nhi banaya gya vah sabhi mandir pracheen hai or saikdo varsh se hai. jain log to khud us pahad ko bachane ke liye sarkar ke khilaf protest kiya aur ulta aadiwasi log jaino ka hi virodh kar rhe sab dirty politics chal rhi hai
@@abhishek4usty shikari yug kb se hai batana jra.... 😂Jb tumhara dharm paida v nhi hua tha
पारसनाथ मेरा है जय मरांग बुरु
Ye jain samaj ka tirth h...jai bhagwan parshvnath
Jai jharkhand 🙏🙏
Tribals are older than sanatan. Jain are much more younger than tribals. We respect your god. Please don't remove us from our own home. This mountain is not only for jain. There are many hindu temples, sarna sthal for tribals. We call it marang buru Or bada pahad. This is a temple for you but it is our home. We live here.
lol 🤣🤣🤣, jains are older than you tribals and so called santan/brahmins. 1st tirthankar bhagwan rishbhdev predates everyone, come out of your illusions. Jain dharm is the oldest dharm, even agriculture / farming is taught by rishbhdev to all mankind.
And no one is removing you from your so called home, we jains are just saying dont kill animals, drink alcohol in such a pavitra teerth sthal, maintain cleanliness and purity of the land, that's what we are saying.
Jain saduvad hai GOD nahi 2100/ sal se sadu sadu vad hai or kutch nahi hai jo Satya hai parasnath pahad kahe se aya 2100/ pahale sanatan hindu hai
True is always true Tribal our Hindu VVVVV santan Hindu try to understand sadu vad I am ExJain but
Righ now Hindu god shive visnu ji brahama
Tera Ghar bhi kisi jungle ko Kat kar Bana Hai, jakar Kisi Aadivasi ko Daan kar de
Jai jharkhand
Parasnath Marang Buru bachaw, jai johar, jai adiwasi, jai hind.
खतियान में आदिवासी और मूलवासी का नाम और पहाड़ किसी ओर का!
Jain ka hi rhenga hmesha ab 🔥❣️
Age age dekhte kya kya hota
2100/ satya hai jain saduvad hai or kuch bhi nahi hai to please satya hai sab sadu hu a hai koi mox nahi
Chalange mat karo, adivasi power pta chal jayega.
दावे से कुछ नहीं होता पुरावे और दस्तावेज होने चाहिए।। कंही ऐसा न हो लेने के देने पड जाऐ।। जय हिंद।।
सबूत क्या दोनों समुदाय के पास है ?
बिना सबूत के विवाद नही होता है
@@vimalmarandi1407 वो पहाड़ को तो खरीद गया है बहुत सालों पहले ही।
@@sarozkumar3939 ha 1918 mai jain ne kharida tha taaki aage jaakr kuch problem na ho pr humara ye pahad ka kuch hissa bihar sarkar ne cheen liya aur adivasi ko de diya
@@rahuljain5633 lease aur khareedne m fark hota hai.... 🌝 Jo ki 2011 m khtm ho chuka hai....cry baby more
Aadivasi samaj ko pavitrta ko samajna chahiye aur kapati netao se bachna chahie, ye neta log ne kabhi kuchchh diya nahi hai aur nahi kabhi denge, sirf apna ghar bharenge.
जोहार
Johar Marang buru
तुम तो तीर्थ क्षेत्र का आदर करो जूता पहन कर चले गए,
padmavati matay namah 🙏
झारखंड का पर्यटन मंत्री कौन है।जरा उस पर विचार करने की आवश्यकता है।यह सब विवाद उसी पर्यटन मंत्री की बजह से है। क्योंकि यह बिषेष समुदाय के लोग चाहते हैं कि पुरे मूल भारतीय समाज को आपस में लड़ाया जाए। ताकि देश को फिर से तोडा जा सके या इस देश के वजुद को ही खत्म कर दिया जाए।
Puri kahani nahi pata.. aadiwasi ka bahut purani bat hai Marang Buru ko mante aa rahe hai .aadivasi hone ke waja se aye bat aap logo ko pata nahi hoga sayed
Holy place
Politics ho rahi h ye sab
Here are the Proofs that Jains own the Sammed Shikharji.. The Jnatrdharmakatha, one of the twelve fundamental texts of Jainism, has the first mention of Shikharji as a tirth (place of pilgrimage). The Parsvanathacarita, a biography of Prva written in the eleventh century, also makes mention of Shikharji. An illustration of Parshavanatha's nirvana at Shikharji can be seen in a palm-leaf manuscript of the Kalpa Stra and Kalakacaryakatha from the thirteenth century CE.
In 1768 CE, Jagat Seth rebuilt the temples at Shikharji to their present configuration.
The idol itself is old, though. The 1678 CE date is written in Sanskrit at the bottom of the image.
One of the shrines is older than the century.
A number of vtmbara temples were
built in the 20th century.
Tribes were there beyond these time lines।।।😎
Please send this useful proofs and information to advocate vishnu shankarji. क्योंकि अगर जैनों के खिलाफ आदिवासी साथियों को भड़काकर अगर राजनीति हुई तो हमें न्याय के लिए माननीय न्यायालय जाना ही होगा "श्री सम्मेद शिखर जी" से "केवल इस काल के तीर्थंकर ही नहीं अनन्त काल से हर काल के चौबीस तीर्थंकर एवं अनंत मुनिराज इस पवित्रतम भूमि से मोक्ष प्राप्त करते हुए आये हैं।" सभी से निवेदन है कि धर्म में राजनीति नहीं लाएं नहीं तो विनाश ही होता है कर्म सिद्धांत किसी को नहीं छोड़ता!
@@sr-dt3pl 4000 sal se bhi pahle Jain muni or Jain vhaa jaa rhe hai .us time se le kar ab tak kisi adivasi ko koi pareshani nhi huyi ..tho is time q ho rhi hai.q ki tmhre jaise Kam akal jis ko na history pta or na or kuch or kuch chutiye netao k chakar mai aa rhe hai vha ke adivasi ...
@@abhishek4usty kiun ki Jain log ajki tarah harkat nahi ki thi
@@abhishek4usty hum Adibashi kisi ka sath kabhi nahi nafarat ki hai.. lekin hindu,Jain,muslim ,Christian dwara bar bar nafrat ka shikar huwa a Raha hu
Ae khel he BJP ka adiwasi hemant soren ke virod kar ne lage Or sarkar tut jaye.. Dusari bat jain bi sarkar ki bat me aay gae.. me bi adiwasi hu jain ka ejjat karta hu..
Ham aur hamare Jain neta saksham Hai hamari khud Ke awaaz uthane ke liye chahe BJP ho ya Jain Ho kisi ke aage nahin jhukane wale vah jagah hamari thi hamari rahegi aur ham vahan per apna Dharm ka palan karte rahenge jo ukhadna hai ukhad Lene do
Hemant Soren ko Adani ka Paisa chahie isiliye janu ke bad me a gaye
Do samuday me koi ladai nahi hai ye sab ek shajiz hai ye sab wahaa ke logo ka kaam hai ham jain ahinshak the hai or rahengeee hamari taraf se koi ladai nahi hai jain tirth bachao
दावा नहीं सच h Parasnath Adiwasi ka h
Kaise .....Jain dharm bhudh se bhi s bhi pahle ka hai ..3000 salo s bbi jada time se Jain muni vha jate rhe hai ....
@@abhishek4usty tumko kuch pata h nhi ..... Kabhi reply mai 3000 bol raha kahi 4000
Madhuban pura aadiwasi/mulwasi ka h to pahad kaise kissi aur ka hoga
Baap dada muni log jhuth kahani sunna diya aur tum log sun liya .
@@abhishek4usty Adibashi dharm budh se bhi purana dharm hai
Dawa nhi hak adhikar h
Hirla Marang buru 🙏🏽🙏🏽⛰️
Jai parshwnath bhagwan🙏🙏
आधा अधूरा न्युज
क्यो दिखा रहे हो ?
Bhatat me hospital bandh kar dijeye
जोहार मरांग बुरू
रहने दिए तो झारखंड तुम्हार
Jain se phela pahar adivasio ka tha .Hirlya Marnagburu ,Johar Gosai marnagburu.
Tumse pahle to jaanvar tha phir kyo marte ho unko
@@vaishalijain6885शेर हैं, शिकार तो करेगें ही।।।😎😎
@@vaishalijain6885 School me Food chain nahi padhe kya . Janwar ko kahne k leya marte hai . Waise bhi bhuk ka koe majab nahi hota . Tumlog apne dharam dusro pe kyu thopte ho. Mans nahi kahte toh mat Khao dusro ko kyu man kar rhe hu. Tumse lakh guna acha toh Meat kahne wala acha vivwar karta ha or dusro ko jabardasti meat nahi khilate
@@thegreatone899 to tum logo Ko mana Kiya bhi kisne bevakoofo sarkar ki bhadkane me lag kr khud ka nuksaan kar rahe 😁😁😁😁
@@thegreatone899 bada achcha vyavahar karta h Wah re Wah jaisa duniya bhar se Bura vyavar to bus Jain hi krte h aur konsi food chain me likha ki jaanvar Ko khane ke liye marte sach me aadiwasi logo ke pass sarkar ne resources na deke unka Shosan Kiya hai 🤔🤔🤔🤔
आदिवासी का ही है
Ye sab bjp ka khel hai
Dawa nhi hai..
Marangburu adiwasiyo ka hai or rahega..
मरांग बुरु
जैन अगर झारखंड में मरेगा तो क्या जैनी का झारखंड हो जाएगा।
Adivasi ko do immediately unki Jamin hai jo satyug se kalyug mte
प्राण देंगे prashnarh & मारांग बुरू नाही.
Adiwasi santal vilege koi jain kharid nahi sakta hai .pesa act.johar.
before 195q there was no other pilgrim space and place for other people, in 2018 babu lal marandi had inaugrated one place near parasnath pahadi, please check your facts, people want to earn money by selling land and grabbing forest land and produce, thats the only fact
Likha hua Had line he galat hi kuch research karka likha karo.
kese ka kahanna sa kuch V likh bol data ho?
I m with jain kick, these tribal hard
Jai Ram mahto se baat karna
Jharkhand adwasi ka hai parashnath uska pachan hai esko koi cheen nahe sakta hai jaan dange aur jaan Lange lakin parasnath ka jamin ek inch nahe dange
Tum log yahi kar sak to....
2000 saal se yeh Hara hai ....
Pir hum insaan hai....
Purna ricord me dekheye parasnath nam nahi bolte hei marang buru nam se hai
2000 saal se ye Jain ki hai ....
Just because you called moon by some name.
That does mean moon become your
@@Chen-gl9hm 2000 sal se jein ki rahta na to vahu(where) par jangal nahi rahata, adivasi to jahu par jangal pahad hai ,vahi par hi sadiyo se rahate aa raha hai,
Dawa thokne wala Jain samuday hai hum adivasi to yaha ka Malik hai
Oye bhai Adiwadhiyo ka kahani jain se bahut purana he.. Santhal samuday ka ..parampara marang buru bahut purana he..lekin santhal ka kahani koi nahi likha he..samjhe..Lekin santhal adiwashiyo ..santhal ke koi vi puja padhati me dekho parash nath,marang buru ke bare me jikra he samjhe..gana me he..puja mantra me he...samjhe lekin itihas kar ka chalaki to dekho..jain ka likha or adiwashi ka koi likha nahi..
Pabittra stal he to kis liye hospital log jate he korona samai pabittra kaha tha
Yeh sammed shikhar ji Parswanath pahar Jain dharm ka saswat anadi nidhan sab se bara prachin pavitra tirth sthal hai is pahar se 24th me se 20th Tirthankar bhagwan aur Anandya asankyas Jain muniyo ka nirman moksh bhumi hai aur is pura pahar,ko hame jaino ka bhagwan ke rup me pujya hai yeh pahar hame jaino ka pran hai.hame Jain is pahar ke vandana shudh vadhtra bahan kar karte hai aur kisi bi tarah ke hinshak vashdu,jute chappal adi pahar ke vandana me nahi lekar jate,jaino ki shirp yehi mang hai iss pavitra sthal ko pavitra sthal rahane diya chaye iss pahar ko gumne phirne ka sthan na ho jai jinendra, Jai parswanath
Yeh vivad ka karan rajkaran hi lagta hai.paryatak sthal na bananeka nirnay aane per politicians ne ye vivad bhadkaker dono jatiyo me fut dlneki chal hai aur aakhir me indirect paryatan sthal bananeki kapat niti dikhai de rahi hai.Kaha jaoge aisa bhayankar pap karke?
yaha sadiyo se marang buru ka vaas hai. aur aadiwasi sadiyon se pujte aa rahe hai marang buru ka .phir aaj aadiwasiyo ka itihas ko najarandaj kyu kiya ja raha hai.
tum log nature ko maante ho duasari taraf Animals ko maarte ho bina animals nature ki khoobsurati h kisi ki jaan ka paap leke tum konse bhagwan ko maanre ho konse bhagwan bolte h mujhe bali hi chaiye apne swarth k liye krte ho naam bhagwan pe daalre ho chlo maan liya wo pahad tumara bhagwan h toh wo pahad tumse bali mangta h wo ush bali ka kya krega karna h pooja path kro uski udhr ped podhe ughao wo pahad jayda khush hoga
Who are you to stop ...for 2000 saal se ye yeh hamara hai or rahega .....
Tum log jungle me the or rahoge .
Jalan or irsha ho rahi hai tum logo ko....
जैन शेठ है
. आदिवासी गुलाम. क्या दुनिया जमीन के मालिक को गुलाम
Jai jai gurudev...bharmata ki jai ho...virag sagar ji maharaj ki jai ho...24 tirthankar bhagwan ki jai ho..jaikara gurudev ka jai jai..gurudev
News report he jhuute phne kr chad rha tha saram h ya nhii
Dawa nhi kar rhe hain sir Jain kar rhe hain ye to phle se hi aadiwasi ka hai
Ji nahi pooja adivasi karte hain par bali pratha kabhi bhi pahad par nahi dekha pichhle 25 saal mei...aapki jaankari k liye bata dein...govt ko tourism banana hai...isiliye ye natak khada kar diya gaya hai...yahaan ki ashanti ka jawaabdaar sarkaar hai
maran buru johar
जोहार माराँग बुरु
India me jen samaj Keya hindu bhi nahi tha tab se marag buru adivasi ka jug jahe hi or jen samaj kuch din pahale aa ke bolta hi ki parsanat phad hamara hi ye kabhi nahi ho sakta
Kkya pata Jharkhand government jaan buzz kr jain or adivasi ko Lada rhe hai 🤷♂️
Tum chup hi raho kabhi ham jharkhandi ke andolan ko abhi dikhaya hai jo ye dikh rahe hai
Aadhi news dene se aapko kya milega sahi or acchi news karye sarkar ki taraph se news mat kariye
Parasnath suru se hee Aadiwasiyo ka hai ise Marang Buru name se jana jata hai
Hamne kabhi nhi suna
@@unknown_0.3 आज सुन लो,और पकड़ के झूल लो।।।😎
@@sr-dt3pl aap kya india ke PM hai ?
Ya jhule wale ??
Ye chenal se anurodh h ke pichle 1 saal se 1932 ka andolan chal rha h uska v covraj ko दिखाई जाय
Jain waha Aaye huwe log hai aur aadiwaasi-moolwasi yaha ke hi log hai ye parashnath jharkhandiyo ka hai..
Ye bibad is wajay se ho rh h ..q ki adiwasiono ne itna din khano hokar rh kerthe the or aab wo samay nhi h wo nhi chatah h kisi alag bekti unki. Biswas ko or tode
Ham Dava Nahin Karte Hai Hamara Astitva hai
Jaisa chal raha tha waisahe chalne dov .Neta log ke chhakar me koi mat pado
.jain log tirth yatra nhi..apne pap Dhone ke naam pr maza marna aate h...adivasiyo ko dutkarane aate hai..
Adivasiyo tumko kandhe baitha ke chaday or badle me usko sirf dutkar hi mila hai...
Sadiyon se pooja karate huye Adivasi santhaal samaj... Marang buru... Prakriti pujak adivasi.. Johar jharkhand...Adivasi ke bare jane... Privy council 1911 record of London.. Me Marang buru nam se pahad sthaapit hai..
Dawa pesh Nahi kr raha Hak ki Baat Aadiwasi kah rahe hain
Parasnath jain ka haiii adiwasiyo ko rojgar deta h jainsamaj apni had me rah0
Sabhi Jain ko jharkhand se bhagwo
Hum tumhare ye vicharon ko badal ke hi dum lenge
Tum logon ko uksaya jaa raha hai , par chinta mat karo hum jain log hai
Itne saalon se hum aur aap sath mein the , saath me hi rahenge !
Ye aadiwasiyon ka hi hai janam bhumi unka nhi to wo aaye kaha se aasman se kya
Ye jaino ka pavitra tirth tha hai or hmesha rhega
Aap log utna din mar gye the gya Jain balo se pess mila hai utna jharkhand ka new nahi bana are the
जयराम महतो ओर आपके समस्त आदिवासी समुदाय को मेरा जेमी जैन, साबरमती, अहमदाबाद , गुजरात से जय जिनेन्द्र ।
1 - एक बात समझलो जैनों की रैली की वजह एक ही थी कि समेद शिखर जी की जो पूजनीय पर्वत है उसकी रक्षा हो और उसका संरक्षण हो सबसे पहले ।
2 - दूसरी बात जो आप बोल रहे हो कि जैनों की अरबो रुपए की संपत्ति है जैसे कि जैन धर्मशाला है और जैन देरासर मंदिर है वहां जैन रहते नही है , हम जब जात्रा करने आते है तो मैक्सिमम 2 दिन या 3 दिन से ज्यादा कोई वहां रहता भी नही है , ओर तो ओर जैसे कि हर साल भाग्य कोई आता है पता नही हरेक जैन अपनी ज़िंदगी मे शायद 5 से 10 बार भी शायद आता होगा मेरे जयराम महते भाई कुछ समझे । और जो ये जैन देरासर ओर धर्मशाला ओर भोजनशाला है उसको मेन्टेन हम जैन करते है लेकिन वहां उसी स्थान में जो लोग नौकरी करते है वो आपके वहां के स्थानीय लोग है मेरे भाई । जरा सोचो ??
3 - वहां के जंगल मे से हम जैन कुछ लेकर नही जाते है, उल्टा हम अगर वहां कुछ रोक थाम कर रहे है तो वो पर्वत की रक्षा हो रही है जिससे वहां माइनिंग नही हो पा रही है , दूसरा कोई फैक्ट्री नही लग रही है , दूसरा रिसोर्ट ओर 5 स्टार होटल नही आ रही है जरा सोचो ??
4 - आप लोगो की जीवन जरूरियात वस्तु वहां से आप प्राप्त करते हो तो जैनों को कोई भी प्रॉब्लम नही है , हमको प्रॉब्लम ये है कि वहां आप सिर्फ मांस न खाए ओर शिकार न करे क्योंकि आप भी पारसनाथ पर्वत को पूजनीय मानते हो इसलिए भाई ।
5 - रही बात वहां आप बोल रहे हो जैनों की अरबो रुपए की संपत्ति है तो भाई हमने अपना कमाया हुआ धन देकर वहां ज़मीन खरीदी है न कि फ्री में ली है कुछ समझो । ओर उस जमीन पे जो अरबो रुपयों का स्ट्रक्चर बनाया है वो जैनों के पैसों से बनाया है किसीसे लेकर या आदिवासी को लूटकर नही बनाया है भाई । और हमने जितना डेवलोपमेन्ट किया है उस वजह से वहां की कीमत कितनी बढ़ी है आपको पता भी है जरा सोचो ???? आज हम आते है तो सिर्फ झारखंड में प्रवेश करते है और अपने घर जाते जाते कम से कम हरेक जैन 15,000 से 25,000 रुपये खर्च करता है तब जाकर इतना पैसा उस पारसनाथ के क्षेत्र में आता है जरा सोचो ????
Bilkul sahi keh rhe ho bhai👍
6 - आप बोल रहे हो कि जैन 2400 साल पहले आए थे , भाई कुछ भी बिना ज्ञान मत बोलो जैनों के 24 वे जो तीर्थकर है भगवान महावीर स्वामी वहां से जैनों का धर्म स्टार्ट नही हुआ है । जैनों इस आरे में जो प्रथम तीर्थंकर है भगवान आदिनाथ उनसे इस जैनों का धर्म स्टार्ट हुआ है जो अनादिकाल से चल रहा है , जैन कोई 2400 सालो से नही है जैन भी जबसे इस धरती उत्पन्न हुई है हम भी तबसे ही है ।
7 - आपने एक बात और कही की जैनों के पास इतना पैसा है धनी है मेरे भाई जयराम महतो हमने मेहनत करके कमाया है किसीसे छीना नही है न कि चोरी करि है न कि लुटफात करि है अपने पुरुषार्थ से पैसे कमाए है । हमने आदिवासी को थोड़ी मना बोला है कि , आप पैसा मत कमाओ न कि आप बिज़नेस मत करो । मेहनत जो करेगा अच्छी नीति और नियत से वो सब पैसे कमाएगा फिर चाहे वो आदिवासी हो या मुस्लिम या जैन या ओर कोई अन्य समाज का ।
8 - भगवान ने सबको बनाया है जैनों को भी आदिवासी को भी मुस्लिम को भी हिन्दुओ को भी हमने जाती और धर्म के बंटवारे किये है । अब जो जिस धर्म मे पैदा हुआ है वो उस धर्म को फॉलो कर रहा है तो कोनसी गलत बात है । लेकिन इंसानियत सभी मे होनी चाहिए फिर वो कोई भी धर्म का हो भाई ।
9 - जयराम भाई न आपके आदिवासी कोई हमारे दुश्मन है न हम जैन आपके दुश्मन है लेकिन आस्था के नाम पर जो ये खेल चलता है पोलिटिकल इसका कुछ करना चाहिए क्योंकि ये अपनी वोट के खातिर सबको बर्बाद कर देंगे हम कोई बलि के बकरे नही है । समझदारी पूर्वक दोनो समुदाय मिलकर बात करो और इसका फैसला लाओ । क्योंकि जैन समाज कोई ये पहाड़ को गुजरात या राजस्थान नही लेकर जाएगा, सिर्फ पूरी दुनिया से जैन समाज के लोग सिर्फ जात्रा करने आएंगे और पूजा और दर्शन करके चले जायेंगे । प्लीज कुछ समझो , आपस मे हम सभी साथ मे रह रहे है फिर क्यों इतना बेर ये राजनीति को समझो ।
Jain logo jyada Mandir banana band kero
Bhai saheb aap jo bhi hai please aapko agar pata nahi hai toh kyu beech mein aa rahe ho
Apna I'd change kar lijiye plz
Aapko apne I'd mein jain shabd istal karne par sharam aani chahiye
Jab saare jain ek ho kar sabka saath de rahe hai aap jaise hi asamajik tatvon ki vajah se ye sab ho raha hai
Dawa nhi ..... Pehla haq aadiwasi/mulwasi ka hi h
Yeh log building pe building bana ke apna haq jata rahe h . aadiwasi apne puja astal pe koi development nhi krte isi waja se kissi ko nazar nahi aaya
Paisa ka dum dikha ke haq jata rahe ....
MARAN BURU (PARASNATH) SANTAL Adibasi ka PAVITRA STHAL THA,HAI AUR RAHEGA --'PRIVY COUNCIL OF LONDON AND SANTAL RAIYAT SETTLEMENT
Ye jaino ka pavitra tirth tha hai or rhega