@@ranag8014Koi Fake Vanshavali bnakr kisi ka Vanshaj bata skta hai Chhatrapati Shivaji Maharaj ne Sabka Support lene ke liye Sisodiya Rajput ka Fake Vanshavali banaya tha aaj Maratha esko Openly batata hai vo Sisodiya Rajput nahi the Rajput ka matalab hota hai Raja ka Putr Rajput koi bhi bn skta tha Rajput kai Jaatiyon ke Mixing se bana hai Gujjar se bhi Rajput ka Janam hua hai esko Humlog bhi accept karte hai kai Rajput Maurya ko bhi Apna Purvaj bataya mgr Maurya Dynasty ko Kushwaha se Chhinane ka Koshish karna galat hai Maurya se bhi kuch Rajput Janam liya hoga Raja ke Awaidh Relationship se jo Paida hua usko Rajput Naam diya gaya Rajput ka History mai koi Important Role nahi raha hai Jis Ratan Singh pe Rajput Proud karta hai Movie bhi banaya gaya vo Apni Biwi Padmavati ko Nahi Pandit Raghav Chetan se bacha paya naahi Khilji se
@@ranag8014 Shuruaat kisne kiya Gujjar ko Gaali kyon diya Gujjar aur Yadav Rajputs ke Janam lene se phle tha Lord Shree Krishna Yaduvanshi the espe koi vivaad nahi hai mgr Kuch Rajput Waha bhi koshish kar raha hai Chandra Gupta Maurya ko kuch Rajput Apne Jaati ka bataya kya ye sahi hai Tumlogo mai Maan Singh Ratan Singh Jodha Bai jaisa Hi Example jayada milata hai esliye Dusre Jaati ke logo ko apna batata hai Mai Kurmi hoon Bihar se UP mai Humlogo ko Sisodiya Rajput apne Jaati ka batata hai ye Mujhe Mere Uncle ne bataya Humlogo ko Rajput kahlane ka Jarurat nahi hai Rajput Humlogo ke liye Gaali jaisa Word hai Bhumihaar bhi usi trh ka Word hai Bhumihaar bhi Jaatiye Unmaad krke apne ko Great dikhata hai jabki Stage pe Performance dene mai sabse aage Bhumihaarin rhti hai Aara famous hai kai Bhumihaar Contractors Apni Biwi ko Bhejta hai Thekedaari lene ke liye Mere Area mai bhi ek hai sabko pata hai
@@ranag8014 Vaise Rajput Humlogo se apni Beti ka Shaadi karwakr Proud Feel karta hai Ek Cousin Rajput Ladki se Shaadi kar liya vo bhi Arrange Mere ko apni Sister ka picture bheji thi tab Mujhe Rajputs ka History achchhe se nahi pata tha Rajput se Love Marriage ya Arrange Marriage Mai Naa Karu mujhe jarurat nahi hai samjha Bharat mai Jaati Father ke Anusaar chalata hai tab bhi ydi Rajput ladki se Shaadi kar lunga tab Baad mai Mere Vanshajo ko bhi Rajput bola jayega mai Nahi Chahta koi Mere Vanshajo ko Gaali de
क्षत्रीय थे प्रतिहार / परिहार कुल से थे गुर्जर एक क्षेत्र है संस्कृति है और गुर्जर नाम वहा की हर एक जाति के साथ लगा है जिनमे से कोई जाति अपने को गुज्जर नही मानती गुजरात पर राज करने वाले क्षत्रीय के अलावा मुस्लिम शासक मराठा गायकवाड राजाओं यहां तक कि महात्मा गांधी जी जिन्ना और खुद नरेंद्र मोदीजी को भी गुर्जर संबोधित किया गया है तो क्या सब गुज्जर हो गए किसीको गुज्जर बनने का शोक नही बस इन्ही को अपनी जात बदलनी है
Beta pehle gujar jaati ka itihaas jan le , Jaati bhaskar padh le waha gujar ko kis varn me likha hai woh jan le aur waise toh gujarat ke brahman ko bhi gujar likhte hai woh bhi janle , aur beta asli kshatriyo ka gotra brahmano ke gotra se milte hai uski jankari prapt karo kshatriyo ka rishi gotra hota sirf
@imvishwaraj रही बात तो मेरी जाति का इतिहास मैं नहीं जानती यह कौन जाने का भाई तू जो भी बात कर रहा है मैंने सब कुछ पढ़ रखा है सब कुछ जान रखा है मैं कोई अनपढ़ नहीं हूं या नासमझ नहीं हूं जो आप मुझे इतना ज्ञान दे रहे हैं। जाति का उदय कहां से हुआ सब कुछ पता है ।
@@a.g.khatana me tuje aur teri jaati ko sachai bata raha hu pehle aur aaj bhi apke kai gujar bhai khudko rajputo se nikala mante hai jisne gujar ladki se shaadi karli aur pratihar vansh pehle se hi Rajput vansh he jiska apki jaati se koi lena dena nhi hai
सम्राट मिहिर भोज गुर्जर समाज के थे है और रहेंगे। गोत्र अनेक जातियों में एक जैसी है लेकिन गुर्जर शब्द सिर्फ गुर्जर समाज के लिए है । इतिहास एवं सम्पूर्ण अभिलेख में तो गुर्जर प्रतिहार वंश ही लिखा है ।
beta asli kshatriya aur nakli me gotra ka hi fark hota hai , kisi asli brahman, kshatriya aur vaishya ko uska gotra puchna woh hamesha rishi gotra bolega jese ki goutam,vasisth,atri,kashyap,bhardwaj , aur wahi dusri caste ko puchega toh woh clan ka nam, purvaj ka nam, gaon ka nam bolega. Agar tuje gujar jaati ka varn jan na ho to jaati bhaskar padh lena beta aur koi ek proof dikhade jaha 1990 ke pehle kisi gujar ko Gurjar likha ho aur ek book bhi me bata ta hu tuje Jats, Gujars and Ahirs by AH bingley published in 1918 yeh padhle tuje sab pata lag jayega
अगर हिन्दू जातिया एसे ही आपस में लड़ती रहेगी तो तो मूस्लमानो से राष्ट्र को कौन बचाएगा इसलिए अब समय आगया है चार वर्णों का क्षत्रिय ब्राह्मण वैश्य शूद्र आज प्रत्येक हिन्दू को अपनी जाति के साथ वर्ण को भी लगाना चाहिए जैसे क्षत्रिय राजपूत क्षत्रिय गुर्जर क्षत्रिय अहीर क्योंकि आज जीतनी भी मार्शल कोम है इन सभी का निकास क्षत्रिय वर्ण से ही हुआ है इन सब के तार क्षत्रिय महापुरुषों से ही जूडे मिलेंगे किसी के बीस पीढ़ी पहले किसी के पचास पीढ़ी पहले किसी का सौ पीढ़ी पहले इसलिए क्षत्रियों आपस में मत लड़ो एक रहोगे तो नेक रहोगे बटोगै तो कटोगे बंग्लादेश न बनजाये भारत
स्याणी ये बता 😂😂 राजपूत, राजपूताना, ठाकुर ये एक ही जाति हैं या अलग अलग है 😂😂,, बेटा राजपूत शब्द 13 वी सताब्दी के बाद आया,, गुर्जर जाति का नाम कब से एक बार पढ़ ले,, गुर्जर सम्राट मिहिरभोज जी का कितने प्रमाण दिखाऊं तेरे को शिलालेख दिखाऊं,,, सच को हजम करना सीख लो बेटा,, कल एक न्यूज में देख रहा था मै उसमे तुम वीर तेजाजी महाराज को राजपूत बता रहे थे 😂😂😂,, जो पूरी जनता जानती है ये जाट समाज से है 😂😂😂,, कुछ महीने पहले तुम राणा पूंजा को अपना बाप बता रहे थे जो भील समाज से आते है,, किस किस बाप बनाओगे ये बता
@@जय_जवान_जय_किसान गुजर कहा लिख हे ओर जहा पर भी गुर्जर शब्द आया है वह अकेला नहीं है उसके साथ गुर्जर नरेश या गुर्जर राज और गुर्जर अधिपति लिख हे कोई राजा आपनी जाति के लिए इस शब्दो का प्रयोग नही करता है
@@जय_जवान_जय_किसान ओर स्वयं प्रतिहारो ने कभी भी आपने लिए चाहे स्थान के लिए हो प्रतिहारो के किस अभिलेख में गुर्जर लिखा हुआ नही है यह भी बता दे अन्य देश के राजाओं ने उने गुर्जर देश राजा हे गुजर जाति का राजा नही कहा
सभी इतिहासकार एक मत से स्वीकार करते हैं कि भारतीय क्षत्रिय वर्ण "आर्य हूणो",,,, "आर्य कुषाणो" और "आर्य शको" से बना है, इन ट्राइब्स से ही गुर्जर, जाट, यादव जैसी क्षत्रिय जातियाँ बनी,, और बाद में तेरहवीं शताब्दी में बनें "राजपूत समूह" का कुछ हिस्सा इन क्षत्रिय जातियो के वंशजों के नेतृत्व से अन्य सभी भारतीय जनजातियों के मिश्रण से बना,,,तभी सभी राज्यों में राजपूत मिलते हैं जो डीएनए, रहन-सहन,,खान-पान और रीति रिवाजो से बिल्कुल भिन्न है।
1857 केबाद गुर्जरों के किले तोड़े गए गुर्जरों की जमीन जमीन हड़प्पी गई जो अंग्रेजों का और मुगलों का कहना मानते थे हुकुम मानते थे उनके किले रखे गए थे और गुर्जर बागी हो गए थे अपना जीवन व्यापन करने के लिए चरवाहा बन गए भैंस गाय चरानेलग गए थे और इधर राजपूत ने अपनाहक जमा लिया सत्य है पर कड़वा है राजपूत भाइयों को मान लेना चाहिए कि मिहिर भोज गुर्जर थे ❤❤❤
राजपूत नाम की कोई जाति नहीं है राजपूत शब्द तो 1600 ई बाद आया है कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान को राजपूताना कहा वहां से ही इन लोगों ने अपने आप को राजपूत कहने लग गए
अब गुर्जर समाज को 500 साल बाद याद ये याद आया की मिहिर भोज और प्रथ्वी राज चौहान गुर्जर है?? दोनों राजाओं के वंसज अभी भी है और उनके वंसजो के पास पृथ्वी राज चौहान और मिहिर भोज के वंसज होने का सबूत है और वे वंसज खुद को राजपूत कहते है, दूसरी बात जो लाखों राजपूत अपने नाम के आगे चौहान लगाते हैं वो पृथ्वी राज चौहान से नही है, हद है झुट बोलकर इन महान हिदुआ सूरज प्रतापी राजाओं की जाति बदलने की कोशिस की
@@ghanshyamrathore2856 और लाखो चौहान गुर्जर है खुद पृथ्वी राज चौहान की नगरी अजमेर में सभी चौहान गुर्जर है। वहा कोई चौहान राजपूत नही है उसका क्या । और। गुर्जरों द्वारा गोरी को पराजित करने का प्रमाण है । अब अपने चौहानों से पूछ जाके की वो राजपूत क्यों है ।
@@ghanshyamrathore2856 Mihirbhoj ji 2020 tak to Gurjar hi the achanak tumhe yaad aaya kam se kam koi shilalekh to bta do jise dekhkar tumhe yaad aaya hoga 😃🤣
@@ghanshyamrathore2856 Gurjar samaj khud ke astitv ki ladai lad raha tha chahe to bikaner ke gangasingh ke samay dekh lo bikaner me Gurjar naganya hone ka karan yahi hai kyunki bhopa baba bagdawat padh rahe the us samay Gurjaro ki veerta sunkar gangasingh ke aag lgi or unhone devnarayanji ka fad ka vachan rajya me ben karwa diya jiske karan Gurjar samaj ke log vaha se aa gye
इतिहास में गुर्जर प्रतिहार वंश का उल्लेख ईस्वी सन् 730 से प्रामाण है 8 शताब्दी से है और राजपूत 13 वी शताब्दी में अस्तित्व में आया मतलब तेरहवीं शताब्दी से पहले राजपूत शब्द ही नहीं था तो फिर विवाद क्यों
गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज गुर्जर जाति से हैं इसमें कोई दो राय नहीं है जिस कॉलेज में आप गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति से गुर्जर शब्द हटाने की बात कर रहे हैं उसे कॉलेज का नाम ही गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज कॉलेज है और वह कॉलेज जब यह देश आजाद नहीं हुआ है हुआ था उससे कई साल पहले से ही वह कॉलेज गुर्जर की है और गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से है उसी में गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति पहले से ही लगी हुई लेकिन वह प्रतिमा छोटी थी तो सभी ने मिलकर बड़ी प्रतिमा बनवाई गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की दादरी कॉलेज के अंदर और उसे मूर्ति के उद्घाटन में सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाया था और जितने भी सब गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के समकालीन शिलालेख तमपत्र विदेशी राइटर इन सब का इशारा एक ही तरफ जाता है वह है गुर्जर जाति गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को हर जगह गुर्जर जाति का ही लिखा हुआ है नोट योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति का अनावरण किया है उत्तराखंड के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री नेवी गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया है ऐसी कहानी सारी मूर्तियां लगी है जो कई वर्षों पुरानी है गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से कई राजमार्ग के नामकरण भी हुए हैं चीन में कई मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री शामिल थे उद्घाटन के अंदर अब 2-3 साल से गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज के ऊपर कुछ लोग झूठा दावा कर रहे हैं अपनी जाति का होने का और सरासर गलत है इतिहास में स्थापित है कि गुर्जर सम्राट मिहिर भोज गुर्जर जाति के थे और रहेंगे Jay Jay Gurjar Samrat Mihir Bhoj mahan
गुर्जर प्रतिहारो पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पीएचडी हो चुकी जिसमे उन्हें गुर्जर जाति का बताया है राष्ट्रकूट और पालो के शिलालेख और ताम्र पत्रों में प्रतिहारो को गुर्जर जाति का बताया गया है
माली जाति में भी चौहान होते हैं कल के दिन माली जाति के भी कहेंगे कि वह ना गुर्जर थे ना राजपूत वह तो माली थे तेली जाति के लोग राठौर लिखने लगे काछी जाति के लोग कुशवाहा लिखने लगे- .... कल यह भी कहेंगे कि राष्ट्रकूट राजपूत नहीं तेली जाति से संबंधित है.... फिर काछी जाति के लोग कहेंगे .... किमान सिंह राजपूत नहीं वह तो काछी थे ..... भील जाति के लोगों ने तो बुक लिख दी है की महाराणा प्रताप राजपूत नहीं भील थे... राजपूतों के 36 वंश को 36 जातियों से जोड़ दो और जब गाली देने की बारी आए तब राजपूत शब्द को गाली दो
@@ThakurNahushSingh बेटा समकालीन प्रमाण शिलालेख और ताम्र पत्र भी कोई चीज होती है उनके बारे में पढ़ना लगता है तूने इनका नाम ही नही सुना इसलिए कुछ भी लिख रहा है तुम बोल रहे हो मालियो में चौहान होते हैं होते होंगे लेकिन पृथ्विराज चौहान और उसके दरबारी कवियों द्वारा माली नही लिखा गया ना ही राजपुत ना ही कुछ और गुर्जर लिखा है तो गुर्जर ही तो होंगे अगर राजपुत होते तो राजपुत लिखते ना बेवकूफ कही का 😃🤣
@@ThakurNahushSingh तुम भी कन्फ्यूजन वाली हिस्ट्री पढ़े हो ,,,,कोई भी "क्षत्रिय जातियां" पुरातन नहीं है,,, "क्षत्रिय गोत्र" पुरातन है,,,, और उन्ही "क्षत्रिय गोत्रो" के लोग अलग-अलग कालखंड में इकठ्ठे होकर अलग-अलग "क्षत्रिय जातियाँ" बनाते रहें हैं ,,,,,,लेकिन हम कालखंड को देखे बिना, किसी एक गोत्र जाति के राजा को उस तेरहवीं शताब्दी की राजपूत जाति में नहीं रख सकते जो कि उस कालखंड में अस्तित्व ही नहीं रखती थी,,बल्कि राजपूत तो कोई जाति ही नहीं है ये एक क्लास है जिसमें सभी जातियों जनजातियों यहाँ तक कि दलित कहे जाने वाले दक्षिण भारत के क्षत्रप(लोकल लीडर) भी जुड़ते रहें हैं आजादी मिलने के कुछ सालों पहले तक भी लोग जुड़े हैं जैसे सिंधिया परिवार जो एक मराठी समूह से आता था और बाद में राजपूत कहलाने लगा ,,,,,अब जैसे मानो कुछ सौ सालो बाद राजपूतो से एक जनसमूह अलग हो जाये और वह कुछ और जाति के लोगो के साथ मिलकर अपने समूह का नाम "बीटापूत" रख ले और कहने लगे कि कि महाराणा प्रताप राजपूत समूह के नहीं बल्कि बीटापूत समूह के राजा है तो ये तो गलत होगा ना।,,,,क्योंकि महाराणा प्रताप बीटापूत शब्द को सुने ही नहीं तो उनकी आत्मा खुद को बीटापूत कहलाने में दुखी नहीं होगी क्या ?,,,,,,प्राचीन गुर्जर जाट यादव आदि ये सभी "क्षत्रिय जातियाँ" इन "आर्य क्षत्रिय गोत्रो" से बनी है-- चौहान,,परमार, चंदेल,हूण,चौहान,प्रतिहार,सोलंकी,चेची,कुषाण ,,रावल ,,रावत,,भाटी आदि।और सभी इतिहासकार मानते हैं कि ये सभी गोत्र मुख्यतया गुर्जर जाति में थे जो बाद में तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में मिल गये ।अधिकांश राजपूत भी गुर्जरो से निकले भाई ही है(केवल वे राजपूत जो क्षत्रिय गोत्रो से बने अन्य अनार्य नहीं),,,,,लेकिन दिक्कत ये है कि इस सच्चाई को यदि गुर्जरो से निकले हुए राजपूत भाई मानना भी चाहे, तो जो राजपूत गुर्जरो से नहीं निकले बल्कि अन्य अनार्य जातियों से निकले उनको इससे एतराज़ होगा।,,,,और इसलिए ही राजपूतो का सभी क्षत्रिय जातियो के राजाओं को लेकर विवाद रहता है क्योंकि उन जातियों के कुछ अंश तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में शामिल हो गये थे।,,,,भाई इतिहास को सामायिक तरिके से देखो तो सारे भ्रम और भ्रांतियाँ समाप्त होकर भाईचारा स्थापित हो सकता है, झूठ की बुनियाद पर नहीं ।बाकि सभी समान गोत्रो और ट्राइब्स से निकले लोग हैं केवल खुद को क्षत्रिय वर्ण का और क्षत्रिय राजाओं को ठेकेदार न मानकर सबको उनका वशंज मानकर ही समस्या का निदान होगा।
तुम्हारे कहे गए 36 राज कुलो में जाट क्यू लिखा हुआ ? दहिया क्यू लिखा हुआ है ? तक्षक क्यू लिखा हुआ है ? है कोई जवाब तेरे पास ....? ये भी बता देना के राजपूतों के डीएनए में जाट अहिर गुर्जर भील गोंड मीना ब्राह्मण और थाईलैंड कंबोडिया वाले लोगो का भी डीएनए क्यू मिलता है ... मिक्सपूट क्यू बोला जाता है तुम्हे? ना तो क्षत्रिय कोई जाति है ना ही राजपूत कोई जाति है और न ही ठाकुर कोई जाति है तो तुम्हारी जाति क्या है...क्या बहाना बनाओगे अब ?
कुछ लोग राजस्थान में शासन का क्षेत्र और किले गिनवाने की कह रहें हैं तो उनकी जानकारी के लिए 1. गुर्जरों द्वारा निर्मित राजस्थान के किले और एरिया = राजस्थान के मंडोर भीनमाल मेड़ता अजमेर मांडलगढ़ मांडल आसींद बदनौर गोरमघाट आधी दौसा और राजौरगढ़ वाले क्षेत्र में गुर्जर प्रतिहारो ने शासन किया सुवर्णगिरीदुर्ग, कुचामन किला, राजौरगढ़ वाला क्षेत्र मांडलगढ़ दुर्ग का निर्माण चानणा गुर्जर ने मांडिया भील की याद में गंगरार दुर्ग का निर्माण खटाना गुर्जरों ने पहले पहाड़ी पर गणेश मंदिर बनवाया इसके बाद में दुर्ग का निर्माण करवाया अजयमेरू दुर्ग का निर्माण बाबा अजयराज चौहान गुर्जर ने बदनौर दुर्ग का निर्माण महाराजा बाघसिंह गुर्जर ने नुआ जागिरि किले का निर्माण लोहमोड गुर्जरों ने 2. मीणा जाति का शासन =आमेर जमवा रामगढ़ आधी दौसा बूंदी वाला क्षेत्र आमेर दुर्ग का प्रारंभिक निर्माण आमा मीण ने करवाया 3. जाट समाज का शासन= जांगलदेश अर्थात उत्तरी राजस्थान बीकानेर वाला क्षेत्र+धौलपुर भरतपुर लोहागढ़ भरतपुर का निर्माण जाटों ने ही करवाया 4. भीलों का शासन क्षेत्र=वागड़ ईडर और कोटा वाला क्षेत्र में डूंगरपुर को भीलों की पाल बांसवाड़ा बांसिया भील कोटा कोटिया भील और भीलवाड़ा का नाम भीलों के कारण ही पड़ा 5. मालव जाति का क्षेत्र= नगर रेड टोंक वाला 6 शिवि जाति का मेवाड वाले क्षेत्र में 7. मेवाड नाम पड़ा मेद/मेर जनजाति के कारण 8. योधेयो का शासन=जाटों से पहले गंगानगर हनुमानगढ़ में इतना काफी है और बताऊं और ये सब प्रमाण सहित है इसके लिए वाट्सअप का ज्ञान देने मत आ जाना 😃🤣 जय श्री देव जय गुर्जरात्रा
पृथ्वीराज चौहान भी गुज्जर थे तो तो उनके पोते गोपाल जी ने रणथंभोर के की स्थापना की ओर वहां के सभी शासक भी गुज्जर होंगे.....पर यह सभी शासक खुद को राजपूत क्यों कहते है......इनकी सभी ऐतिहासिक किताबों को उठाकर देख लो
@@yogendrasinghrathore2551 prithviraj chauhan ne Gurjar likhwaya hai apne aap ko Rahi baat ranthambore walo ki jo tum agnivansh kahte ho na vo 13 vi sadi me Gurjar se rajput bne is karan agni vansh utpatti hai vo agni me se paida nahi huye balki yagya karwakar Gurjar se rajput bne the
@@yogendrasinghrathore2551 भाई पहले यह बता कहां बता रखा है । कि वह राजपूत है। किसी शिलालेख में राजपूत जाति का नहीं बताया गया है। रणथंभौर और जालोर आदि जगह इनकी शाखाएं गई है। पर इने चौहान के नाम से ही पुकारा गया लिखा गया ना कि राजपूत।
@@Upcomingfauji36 chalo sthanvachak hai maan lete hai phir tumhare titkali kyu chal rahi Gurjar shabd ko raat me chori se mitane ki tum sthanvachak maan kar khush raho
@@rggurjargaming2843राजपूतों में प्रतिहार/परिहार वंश होता जो कि गुज्जरों में नहीं पाया जाता हैं। राजपूतों में प्रतिहार वंश के बहुत सारे रियासत अभी भी है लेकिन गुज्जरों में एक भी नही हैं। गुज्जर एक जनजाति जो पशुपालन से संबंधित हैं।
रही बात गुर्जर का नाम गुर्जरात्रा से पडने का, तो भाई पहले स्थान का नाम जो खाली एक भूखण्ड है जिसका कोई नाम नहीं होता तो वहाँ बसने वाले लोग उस बिना नाम वाले भूखण्ड का नाम अपने समूह या मैथोलाॅजी के हिसाब से रखते हैं,,,,,बाद में उस क्षेत्र में रहने वाले अन्य या दूसरे समूह के लोग भी उस समूह के दिये नाम को स्वीकार करते हैं और बाहर कहीं जाकर खुद को उस क्षेत्र के नाम से परिचय देते हैं,,,,,,जैसे पहले आर्यो के वर्चस्व के कारण इस देश का नाम आर्यव्रत पड़ा, जबकि यहाँ अनार्य लोग भी रहते थे,लेकिन आर्य अस्तित्व रगते थे तो आर्यव्रत नाम पड़ा यदि आर्य ना होते तो आर्यव्रत नाम कैसे पडता? दूसरा उदाहरण राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा जबकि राजा भरत के समुदाय से अन्य समुदायों के राजा चाहे छोटे क्षेत्र के राजा थे लेकिन वे भी भारत में मौजूद तो थे ,,,लेकिन आज उन दूसरे समुदायों के राजाओं के वंशज भी खुद को गर्व से भारती कहते हैं। ऐसे ही जाहिर सी बात है गुर्जरो की वजह से उस क्षेत्र का नाम गुर्जरात्रा पड़ा बाद में चाहे अन्य समुदायों के लोग भी खुद को वहाँ का निवासी होने के कारण गुर्जर बनिया या गुर्जर ब्राह्मण कहने लगे हो।
मैंने सभी भाइयों के कमेंट देखें हैं कोई कहता है गुर्जर क्षेत्र का कोई कहता है वह गुर्जर नहीं थी पहले तो आपको मैं जानकारी दे दूं कि वह गुजर थे दूसरी बात बताऊं मैं आपको जब गुर्जर कोई जाति नहीं थी तो गुर्जर कहां से आया गुर्जर क्षेत्र का नाम कैसे निकाला राजस्थान में जैसे मेवाड़ मारवाड़ को राजपूताना घोषित किया था वह राजपूत राजा थे तभी तो किया था इस प्रकार से पहले गुर्जरों का शासक था इसलिए गुर्जर प्रदेश का नाम पड़ा था और अभिलेख शिलालेख देखो आप उसमें सब सामने आ जाएगा
गुर्जर देश के पास ही लाट देश भी उसी समय था, अब तू ये बता कि लाट जाति तो थी नहीं अब लाट देश कैसे हैं इतिहास में मगध देश भी था इनके राजा को गुर्जर नरेश लाट नरेश मगध नरेश बोला जाता है तो अब इसके हिसाब ये इनकी जाति हुई इतिहास चोरों भैंस चोरी करने के बाद अब इतिहास चोरी शुरू कर दी। सुधर जाओ हरामियों बेशर्म हो तुम😂
@@a.g.khatana bhi gujjar ho hame koi atraaj nhi but jab tak coat ka fesla nhi aata tab tak na vo rajput hai na gujjar kyo ki patihaar ko rajput bataya gaya hai ithaas me but hum hindu hai hame jaati me baat kar agraj muslim ne hum par raaj kiya hai jo ki ab hum hindu nhi hone dege esliye bola coat ka fesla aane do
@@uditsingh1193 भाई साहब हां मैं गुर्जर हूं। हमारे महापुरुषों ने अपने धर्म अपने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया है। हम सब एक हैं यह भी बात सत्य है। क्षत्रिय कोम में जाट गुर्जर राजपूत यादव या अहीर आते हैं। देखना भगवान राम के वंशज जाट गुर्जर राजपूत है । यह तीनों जाति रघुवंशी सूर्यवंशी हैं। और तीनों जाति में देखना आपस में गोत्र हैं मिलते हैं। में इतिहास का अध्ययन कर चुका हूं। हम तीनों एक ही हैं। हम लोग अनेक शाखाएं में बंटे हुए हैं। अब हमें अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा करनी है। जय श्री राम
@@NeerajTomar17 गुर्जर समाज ने आज से 50 साल पहले दादरी मे मिहिर भोज कॉलेज व चौराहों का नाम रखा ,, delhi highway का नामकरण ,, अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा अक्षर धाम मन्दिर मे murti इस्थापन करना,,तब आपको नहीं पता चला
Tab Tum Logon mein se ek ne bhi yah Nahin kaha ki Mihir Bhoj Rajput hai aur ab Mihir Bhoj ke Rajput Kahane Ki Baat Aaye To Baat Man Ki Ho Gai aur Man ke liye Gujar Marte Hain Karte Hain Sab Kuchh Karne Ko taiyar Ho Jaate Hain
इनके फूफा कर्नल जेम्स टॉड ने भी ये लिखा है की इस विशाल राजपुताना कहे जाने वाले प्रदेश पर प्राचीन समय से ही राजपुत जाति का उल्लेख नहीं मिलता बल्कि यहा तो सिंह समान गर्जने वाली गुर्जर जाति का उल्लेख मिलता है तो इनका रिश्तेदार झूठ बोला और लिखा था क्या 😃🤣🤣
राजपूताना नाम राजपुतो से हाड़ौती नाम हड़ाओ से शेखावाटी नाम मोमिन शेख के वंशज शेखावत राजपुतो से मेवाड मेर/मेद जनजाति से लेकिन गुर्जरात्रा जिसका अर्थ होता है गुर्जरों द्वारा रक्षित क्षेत्र वहा पर आते ही ये लोग वो गुर्जर अलग थे तुम अलग अरे ऐसा दोगला पन कहा से लाते हो 😃🤣
मिहिर भोज के समकालीन शासकों राष्ट्रकूट और पालो ने अपने अभिलेखों में उन्हें गुर्जर कहकर संबोधित किया है। 851 ईसवी में भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री सुलेमान ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जरदेश कहा है
गुर्जर स्थानवाचक शब्द नही था गुर्जरों के कारण ही गुर्जर प्रदेश कहा गया इसके कई प्रमाण है। जैसे गुर्जरों द्वारा मालेचो का विनाश करना इससे पता चलता है गुर्जर इस धरती के क्षत्रिय है ।
@@Ramughodrok-pr1ov सही बात है भाई , रहा मसला गुर्जर का नाम गुर्जरात्रा से पडने का, तो भाई पहले स्थान का नाम जो खाली एक भूखण्ड है जिसका कोई नाम नहीं होता तो वहाँ बसने वाले लोग उस बिना नाम वाले भूखण्ड का नाम अपने समूह या मैथोलाॅजी के हिसाब से रखते हैं,,,,,बाद में उस क्षेत्र में रहने वाले अन्य या दूसरे समूह के लोग भी उस समूह के दिये नाम को स्वीकार करते हैं और बाहर कहीं जाकर खुद को उस क्षेत्र के नाम से परिचय देते हैं,,,,,,जैसे पहले आर्यो के वर्चस्व के कारण इस देश का नाम आर्यव्रत पड़ा, जबकि यहाँ अनार्य लोग भी रहते थे,लेकिन आर्य अस्तित्व रगते थे तो आर्यव्रत नाम पड़ा यदि आर्य ना होते तो आर्यव्रत नाम कैसे पडता? दूसरा उदाहरण राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा जबकि राजा भरत के समुदाय से अन्य समुदायों के राजा चाहे छोटे क्षेत्र के राजा थे लेकिन वे भी भारत में मौजूद तो थे ,,,लेकिन आज उन दूसरे समुदायों के राजाओं के वंशज भी खुद को गर्व से भारती कहते हैं। ऐसे ही जाहिर सी बात है गुर्जरो की वजह से उस क्षेत्र का नाम गुर्जरात्रा पड़ा बाद में चाहे अन्य समुदायों के लोग भी खुद को वहाँ का निवासी होने के कारण गुर्जर बनिया या गुर्जर ब्राह्मण कहने लगे हो।
@@SunilKumar-xk7ol बिलकुल सही बात है भाई गुर्जरों को भी सूर्यवंशी तथा रघुवंशी ही कहते है। 1801 में जातिगत डीएनए 🧬 टेस्ट हुआ था । उसमे भी गुर्जरों को आर्य की संतान घोषित किया गया था । गुर्जर की नाक का इंडेक्स 66.8 था जो की भारत की किसी भी जाति का नही है । और गुर्जरों का उल्लेख पुराणों में भी है इससे पता चलता है गुर्जर एक संस्कृति है जिससे अंग्रेजों और तथा कथित जलने वाले के द्वारा इतिहास में जगह नहीं दी । इसका फायदा असामाजिक तत्वों ने उठाया है। गुर्जर ने जितना भू भाग पर सासन किया है उतना तो किसी ने भी नही किया ।
" 🕉️🕉️ हिन्दू क्षत्रिय सम्राट मिहिर भोज 🕉️🕉️🚩🚩 " लिखना चाहिए, गुर्जर/राजपूत/इत्यादि जातियों का नाम नही लिखना चाहिए , हिन्दू समाज को राजनीतिक षडयंत्र/बहकावे में नही आना चाहिए और समझदारी से काम लेना चाहिए । 🚩🚩
राजपूत गुर्जर राजाओं के द्वारा अन्य रानियों से पैदा हुए पुत्र राजपुत्र , गोला, बांदा अन्य नामों से जाना था और अब बात राजपूत शब्द 13वी शताब्दी के आसपास उत्पति हुई
सभी इतिहासकार एक मत से स्वीकार करते हैं कि भारतीय क्षत्रिय वर्ण "आर्य हूणो",,,, "आर्य कुषाणो" और "आर्य शको" से बना है, इन ट्राइब्स से ही गुर्जर, जाट, यादव जैसी क्षत्रिय जातियाँ बनी,, और बाद में तेरहवीं शताब्दी में बनें "राजपूत समूह" का कुछ हिस्सा इन क्षत्रिय जातियो के वंशजों के नेतृत्व से अन्य सभी भारतीय जनजातियों के मिश्रण से बना,,,तभी सभी राज्यों में राजपूत मिलते हैं जो डीएनए, रहन-सहन,,खान-पान और रीति रिवाजो से बिल्कुल भिन्न है।
@@shyampratapshekhawat7194 मुगलों के हरम की पैदाइश दूसरों को ही अपनी तरह बेटीबेचा साबित करने की कोशिश से खुश होते हैं,,,और तुम्हारे हिसाब से तो तेरहवीं शताब्दी में गुर्जर सत्ता में नहीं थे तो गुर्जरो की लड़की से कोई बादशाह शादी क्यो करता 😂,,,तुम भी सैकड़ो प्रमाणित राजपूतनीयो के मुगलों से विवाह के जवाब में गुजरी महल की काल्पनिक अवधारणा को लिए घूम रहा है 😂😂,,,,,पर अफसोस ये एकमात्र किस्सा जो गढ़ा गया है वो भी फर्जी है क्योंकि इस महल के आर्कियोलॉजीकल सर्वे की रिपोर्ट में ये छठी शताब्दी में गुर्जर राजाओं के द्वारा बनवाया गया गुर्जर महल था जिसे लगभग "सात सौ" साल बाद आये तुगलक वंश का कब्जा हो गया था😂😂,,,,जिसे कालांतर में गुर्जरो द्वारा बनवाये जाने के कारण गुर्जरी महल कहा जाने लगा।जैसे किसी राजपूत द्वारा बनवाये गये महल को "राजपूती महल" कहेंगे इसका ये मतलब नहीं कि ये राजपूती के लिए बना महल है,,,मराठा द्वारा बनवाये गये महल को मराठी महल कहेंगे इसका मतलब ये नहीं कि ये किसी मराठी लड़की के लिए बना महल है। ,,,,बेचारे अपने जैसे नीच ढूंढते फिरते हैं फिर भी नहीं मिलते ऐसे ⬇️⬇️ 💃जनवरी 1562, अकबर ने राजा भारमल की बेटी से शादी की (कछवाहा-अंबेर) 💃नवंबर 1569, महारावल हरिराज सिंह ने अपनी पुत्री राजकुमारी नाथी बाई का विवाह अकबर से किया (भाटी-जैसलमेर)[11][12][13][14] 💃जनवरी 1299, अल्लालुुुदीन खिलजी का विवाह गुजरात के वाघेला राजपूत राजा कर्ण की पत्नी कमलादेवी के साथ विवाह। 💃15 नवंबर 1570, राय कल्याण सिंह ने अपनी भतीजी का विवाह अकबर से किया (राठौर-बीकानेर) 💃1570, मालदेव ने अपनी पुत्री रुक्मावती का अकबर से विवाह किया (राठौर-जोधपुर) 💃1573, नगरकोट के राजा जयचंद की पुत्री से अकबर का विवाह (नगरकोट) 💃मार्च 1577, डूंगरपुर के रावल की बेटी से अकबर का विवाह (गहलोत-डूंगरपुर) 💃1581, केशवदास ने अपनी पुत्री का विवाह अकबर से किया (राठौर-मोरता) 💃16 फरवरी, 1584, राजकुमार सलीम (जहांगीर) का भगवंत दास की बेटी से विवाह (कछवाहा-आंबेर) 💃1587, राजकुमार सलीम (जहांगीर) का जोधपुर के मोटा राजा की बेटी से विवाह (राठौर-जोधपुर) 💃2 अक्टूबर 1595, रायमल की बेटी से दानियाल का विवाह (राठौर-जोधपुर) 💃28 मई 1608, जहांगीर ने राजा जगत सिंह की बेटी से विवाह किया (कछवाहा-आंबेर) 💃1 फरवरी, 1609, जहांगीर ने राम चंद्र बुंदेला की बेटी से विवाह किया (बुंदेला, ओर्छा) 💃अप्रैल 1624, राजकुमार परवेज का विवाह राजा गज सिंह की बहन से (राठौर-जोधपुर) 💃1654, राजकुमार सुलेमान शिकोह से राजा अमर सिंह की बेटी का विवाह (राठौर-नागौर) 💃17 नवंबर 1661, मोहम्मद मुअज्जम का विवाह किशनगढ़ के राजा रूप सिंह राठौर की बेटी से (राठौर-किशनगढ़) 💃5 जुलाई 1678, औरंगजेब के पुत्र मोहम्मद आजाम का विवाह कीरत सिंह की बेटी से हुआ. कीरत सिंह मशहूर राजा जय सिंह के पुत्र थे (कछवाहा-आंबेर) 💃30 जुलाई 1681, औरंगजेब के पुत्र काम बख्श की शादी अमरचंद की बेटी से हुए (शेखावत-मनोहरपुर)[15][16][17]
राजपूत और क्षत्रिय सेनीक और सेनापति राजा और प्रजा अन्तर साफ है क्षत्रिय का योग्य बालक ही राजा बनता है सेनिक से ही सेना पती है और प्रजा से ही राजा निकलता है गुर्जर का अर्थ भी क्षत्रिय है और प्रतिहार वंश भी क्षत्रिय है दोनों क्षत्रिय है यह जाती कि लड़ाई है न कि वंश परम्परा कि वंश तो सबके है
सर में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज गुर्जर थे है और रहेंगे ये बोल रहे थे ना की up में एक समाज में मूर्ति स्थापित की ओर गुर्जर नाम लिखा तो में इनसे भी पूछना चाहता हूं आप महाराणा प्रताप के आगे राजपूत क्यू लिखते हैं और गुर्जर किसी के गुलाम नही रहा, ना मुगलों से, ना अग्रेजो से, ना आज सरकार से
बेटा एक भी मुर्ति के आगे राजपूत नाम दिखा में तु बोलेगा वो करने के लिए तेयार हु महाराणा प्रताप सिंह जी के आगे हो या सम्राट पृथ्वीराज सिंह जी चौहान के आगे हो या वीर दुर्गादास सिंह जी राठौड़ के आगे हो या सम्राट मिहिरभोज जी के आगे हो दिखा दे बेटा
मेरा मानना ये है कि पहले गोत्र प्रणाली ज्यादा प्रभावि थीं और कुछ गोत्र जो युद्ध मे निपुण थे चाहे वो आज की किसी भी ज़ाती ( अहीर, गुर्जर, जाट , कुर्मी, पंडित) से रहे हों उनका एकत्रीकरण होकर जातियां बनि। जो उन प्रभावी गोत्र के सरदार बने वे राजपूत कहलाये और बाद मे एक अलग जाती बन गए। 4 वर्ण और जातीय प्रणाली दोनों अलग अलग है। आज भी बहोत से समाज मे कुछ गोत्र समान मिल जायेगे जो इस बात को सिद्ध करता है ।
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट कनिष्क महान 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट मिहिरकुल हूण 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट मिहिरभोज 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट भोज परमार 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट अनंगपाल तंवर 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट विद्याधर चंदेल 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट दिद्दा चालुक्य 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट भीमदेव 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट सवाई भोज बगड़ावत 🚩🚩 जय भगवान् देवनारायण चौहान बगड़ावत 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर बगड़ावत वंशी पृथ्वीराज चौहान 🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट कनकपाल चौहान 🚩🚩 जय क्षत्रानी रामप्यारी गुर्जरी चौहान 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट हीरालाल चौहान 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सेनानायक प्रतापराव🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट राव उमराव भाटी 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट कासम सिंह भाटी 🚩🚩 जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट नैनसिंह नागर 🚩🚩💯💯
@@MR.Balveerediting लेकिन तु भोज परमार का वशंज है तो तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में क्यों गया ? लड़की देकर जागीर लेने के लिए 🤧,,,जो असली भोज परमार जी के वशंज हैं वो आज भी स्वाभिमानी वीर गुर्जर समाज में डट कर जी रहे हैं तुम्हारी तरह मुगलो के डर से कन्वर्ट होके राजपूत नहीं बने।,,,,,जय देशभक्त गुर्जर समाज,,, जय गुर्जरात्रा,,, जय देवनारायण 🙏🏼🗡🚩🚩
@@MR.Balveerediting तुम भी कन्फ्यूजन वाली हिस्ट्री पढ़े हो ,,,,कोई भी "क्षत्रिय जातियां" पुरातन नहीं है,,, "क्षत्रिय गोत्र" पुरातन है,,,, और उन्ही "क्षत्रिय गोत्रो" के लोग अलग-अलग कालखंड में इकठ्ठे होकर अलग-अलग "क्षत्रिय जातियाँ" बनाते रहें हैं ,,,,,,लेकिन हम कालखंड को देखे बिना, किसी एक गोत्र जाति के राजा को उस तेरहवीं शताब्दी की राजपूत जाति में नहीं रख सकते जो कि उस कालखंड में अस्तित्व ही नहीं रखती थी,,बल्कि राजपूत तो कोई जाति ही नहीं है ये एक क्लास है जिसमें सभी जातियों जनजातियों यहाँ तक कि दलित कहे जाने वाले दक्षिण भारत के क्षत्रप(लोकल लीडर) भी जुड़ते रहें हैं आजादी मिलने के कुछ सालों पहले तक भी लोग जुड़े हैं जैसे सिंधिया परिवार जो एक मराठी समूह से आता था और बाद में राजपूत कहलाने लगा ,,,,,अब जैसे मानो कुछ सौ सालो बाद राजपूतो से एक जनसमूह अलग हो जाये और वह कुछ और जाति के लोगो के साथ मिलकर अपने समूह का नाम "बीटापूत" रख ले और कहने लगे कि कि महाराणा प्रताप राजपूत समूह के नहीं बल्कि बीटापूत समूह के राजा है तो ये तो गलत होगा ना।,,,,क्योंकि महाराणा प्रताप बीटापूत शब्द को सुने ही नहीं तो उनकी आत्मा खुद को बीटापूत कहलाने में दुखी नहीं होगी क्या ?,,,,,,प्राचीन गुर्जर जाट यादव आदि ये सभी "क्षत्रिय जातियाँ" इन "आर्य क्षत्रिय गोत्रो" से बनी है-- चौहान,,परमार, चंदेल,हूण,चौहान,प्रतिहार,सोलंकी,चेची,कुषाण ,,रावल ,,रावत,,भाटी आदि।और सभी इतिहासकार मानते हैं कि ये सभी गोत्र मुख्यतया गुर्जर जाति में थे जो बाद में तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में मिल गये ।अधिकांश राजपूत भी गुर्जरो से निकले भाई ही है(केवल वे राजपूत जो क्षत्रिय गोत्रो से बने अन्य अनार्य नहीं),,,,,लेकिन दिक्कत ये है कि इस सच्चाई को यदि गुर्जरो से निकले हुए राजपूत भाई मानना भी चाहे, तो जो राजपूत गुर्जरो से नहीं निकले बल्कि अन्य अनार्य जातियों से निकले उनको इससे एतराज़ होगा।,,,,और इसलिए ही राजपूतो का सभी क्षत्रिय जातियो के राजाओं को लेकर विवाद रहता है क्योंकि उन जातियों के कुछ अंश तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में शामिल हो गये थे।,,,,भाई इतिहास को सामायिक तरिके से देखो तो सारे भ्रम और भ्रांतियाँ समाप्त होकर भाईचारा स्थापित हो सकता है, झूठ की बुनियाद पर नहीं ।बाकि सभी समान गोत्रो और ट्राइब्स से निकले लोग हैं केवल खुद को क्षत्रिय वर्ण का और क्षत्रिय राजाओं को ठेकेदार न मानकर सबको उनका वशंज मानकर ही समस्या का निदान होगा।
गुर्जर ( rajput राजवंश) गुज्जर ( गोपाल, गोचर) आज से 20 साल पहले ye sare , गुज्जर सरनेम lagate the , ab गुर्जर lagana suru kiya hai, Varna koi गुज्जर royal family kha hai indian me , कहीं ऐसा तो nhai ki 13 ईस्वी ke bad sare गुज्जर राजाओं ne raj राजपूतों ko dediya Muje गाली dene से Acha hoga गुज्जर भाई muje logic de , ladne se कुछ nhai hoga , bas नेताओं ko फायदा होगा, ham ek hi सनातन धर्म के भाई hai
सर इंपॉर्टेंट यह है कि दादामिहिर भोज वैसे तो सबके हैं परंतु वह गुर्जर जाति से विलोम करते हैं परंतु राजपूत समाज के भाई उनको बता रहे हैं उनकी समाज का बतारहे हैं महाराणा प्रताप वीर शिवाजी महाराज उन पर तो हमने कभी आवाज नहीं उठाई राजस्थान की प्रसिद्ध मीराबाई पर भी हमने कभी आवाज नहीं उठाई मिहिर भोज गुर्जर सम्राट वह गुर्जर जातिके हैं सत्य तो सत्य ही रहेगा 1857 में क्रांति करने वाले भी गुर्जर थे सर आप भी अंदर सेसोचिए बात में सत्य है इतिहास में सत्य है तभी तो हम लड़ रहे हैं 🙂
उस समय गुज्जर शब्द परचलित था अरबी यात्री सुलेमान जो 850 ईस्वी लगभग उस टाइम भारत आया था उसने उनको गुर्जररात्रा व गुर्जरों द्वारा रक्षित परदेश कहा था आप का आज का सो कोई तथ्य पर नही
गुर्जर देश एक स्थान वाचक गुज्जर -- गोचर गौचर ,गूजर गूजर एक घुमंतू यायावर चरवाहा जाति इनके राजा महाराजा केवल वही है जो राजपूतों में है। जबकि गूजरों के अन्य कितने ही गोत्र है उन गोत्र में कोई राजा क्यों नहीं है कोई। और एंकर बिना किसी होमवर्क के बिना पढ़ाई के ही एंकरिंग करने बैठ गया है। भाई एंकर सूर्य वंश, चंद्र वंश,, अग्निवंश, , ऋषि वंश,, ये क्षत्रिय समाज के चार वंश हैं क्षत्रिय समाज के अलावा किसी भी जाति में वंश व्यवस्था नहीं होती एंकर बोल रहा है कि सूर्य वंश गूजरों में भी पाया जाता है। बकवास बोल रहा है गूजरों में सूर्य वंश बता रहा है। भाई एंकर इतिहास पर बोलने से पहले पढाई करे आया करों। क्षत्रिय समाज में चार वंश,और 36 कुल है
लकन जी का आप दिमाक खराब है की बात 7-8 सदी की चल रही है आप पर्तविराज रासो पे जा रहे हो उस टाइम पे जाओ ना तमाम ताम्रपात्र बुक्स में ,सिलालेक, इस समय के यात्री, भाषा आदि देको पीर , इतियास का विस्लेसक बनो thank you Ram ram sa
👉👉👉 वराह अभिलेख, ग्वालियर प्रशस्ति, दौलतपुरअभिलेख, घटियाला शिलालेख, एहोल अभिलेख, मंडोर शिलालेख, 👉इसे सम्राट मिहिर भोज के गुर्जर प्रतिहार होने की जानकारी मिलती है 👉👉 अरब यात्री सुलेमान गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज के समय भारत यात्रा पर आया था इसने मिहिर भोज को अरबों का अमित्र एवं इस्लाम का शत्रु बताया है 👉 यह जानकारी अरब यात्री सुलेमान की किताब उल_सिंध_दल_हिंद मैं मिलती है। 🙏🙏
bhinmal me gurjar prtihar ka raj raha prtihar me dewal, solanki, or parmar vansh aaj bhi hai or unke thikane bhi hai par gurjar ka ghar ek bhi nhi mandor me gurjar pratihar rahe jisme inda shaka raj karti hai par gurjar ek bhi nhi hai bhai yah faltu ki bate chodo or bhes chori karo
@@ChiragParihar-o3i तू प्रतिहार है तो हम भी तो प्रतिहार है पृथ्वी राज चौहान का इतिहास पड़ तब पता चलेगा तुझे की वो गुर्जर ही थे न की मुगलपुर बनाने का काम तुम कर रहे हो हमारे पास समकालीन प्रमाण है । अभी भी
दादा मिहिर भोज गुर्जर वंश से थे इसके बहुत सारे प्रमाण आज भी विद्यमान है
@@ranag8014Koi Fake Vanshavali bnakr kisi ka Vanshaj bata skta hai
Chhatrapati Shivaji Maharaj ne Sabka Support lene ke liye Sisodiya Rajput ka Fake Vanshavali banaya tha aaj Maratha esko Openly batata hai vo Sisodiya Rajput nahi the
Rajput ka matalab hota hai Raja ka Putr Rajput koi bhi bn skta tha
Rajput kai Jaatiyon ke Mixing se bana hai Gujjar se bhi Rajput ka Janam hua hai esko Humlog bhi accept karte hai kai Rajput Maurya ko bhi Apna Purvaj bataya mgr Maurya Dynasty ko Kushwaha se Chhinane ka Koshish karna galat hai Maurya se bhi kuch Rajput Janam liya hoga
Raja ke Awaidh Relationship se jo Paida hua usko Rajput Naam diya gaya
Rajput ka History mai koi Important Role nahi raha hai Jis Ratan Singh pe Rajput Proud karta hai Movie bhi banaya gaya vo Apni Biwi Padmavati ko Nahi Pandit Raghav Chetan se bacha paya naahi Khilji se
@@ranag8014 Shuruaat kisne kiya Gujjar ko Gaali kyon diya Gujjar aur Yadav Rajputs ke Janam lene se phle tha Lord Shree Krishna Yaduvanshi the espe koi vivaad nahi hai mgr Kuch Rajput Waha bhi koshish kar raha hai Chandra Gupta Maurya ko kuch Rajput Apne Jaati ka bataya kya ye sahi hai Tumlogo mai Maan Singh Ratan Singh Jodha Bai jaisa Hi Example jayada milata hai esliye Dusre Jaati ke logo ko apna batata hai
Mai Kurmi hoon Bihar se UP mai Humlogo ko Sisodiya Rajput apne Jaati ka batata hai ye Mujhe Mere Uncle ne bataya Humlogo ko Rajput kahlane ka Jarurat nahi hai Rajput Humlogo ke liye Gaali jaisa Word hai Bhumihaar bhi usi trh ka Word hai Bhumihaar bhi Jaatiye Unmaad krke apne ko Great dikhata hai jabki Stage pe Performance dene mai sabse aage Bhumihaarin rhti hai Aara famous hai kai Bhumihaar Contractors Apni Biwi ko Bhejta hai Thekedaari lene ke liye Mere Area mai bhi ek hai sabko pata hai
@@ranag8014 Vaise Rajput Humlogo se apni Beti ka Shaadi karwakr Proud Feel karta hai Ek Cousin Rajput Ladki se Shaadi kar liya vo bhi Arrange Mere ko apni Sister ka picture bheji thi tab Mujhe Rajputs ka History achchhe se nahi pata tha Rajput se Love Marriage ya Arrange Marriage Mai Naa Karu mujhe jarurat nahi hai samjha Bharat mai Jaati Father ke Anusaar chalata hai tab bhi ydi Rajput ladki se Shaadi kar lunga tab Baad mai Mere Vanshajo ko bhi Rajput bola jayega mai Nahi Chahta koi Mere Vanshajo ko Gaali de
@@ranag8014 Unke Aur bhi Vanshaj hai jo Apne ko Gujjar bataya hai
गुर्जर ही थे और रहेंगे
Ham tumhare baap the aur rahenge😂
Padhai kar ja pehle vaise toh gujarat ke brahmano ko bhi gujar bolte hai
Gurjar❤
शिलालेख और किताब मे पढो गुर्जर पृतिहार सम्राट मिहिर भोज
Jai ho Rajput Samrat Mihirbhoj Ki 🚩🇮🇳💪⚔️🫡😍
क्षत्रीय थे प्रतिहार / परिहार कुल से थे गुर्जर एक क्षेत्र है संस्कृति है और गुर्जर नाम वहा की हर एक जाति के साथ लगा है जिनमे से कोई जाति अपने को गुज्जर नही मानती गुजरात पर राज करने वाले क्षत्रीय के अलावा मुस्लिम शासक मराठा गायकवाड राजाओं यहां तक कि महात्मा गांधी जी जिन्ना और खुद नरेंद्र मोदीजी को भी गुर्जर संबोधित किया गया है तो क्या सब गुज्जर हो गए किसीको गुज्जर बनने का शोक नही बस इन्ही को अपनी जात बदलनी है
Rajput Samrat Mihir Bhoj Pratihar vansh jindabad ❤
क्षत्रिय सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार जी की जय
जय माँ भवानी जय राजपूताना🚩🚩
Rajput samrat hi rahenge mihir bhoj pratihar 🔱🚩
Mugalput
@@gurjargwaliorpage5983 तुगलक खान ओर गुजरी महल का भी इतिहास पढ़ ले बेटा 😃😃
@@gurjargwaliorpage5983 gwalior ki gujjari mahal wale tuglak put😆
😅😅
gurjar Mihir bhoj
गुर्जर जाति के हैं। में खुद इतिहास का अध्ययन कर रखा है। गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिरभोज गुर्जर जाति से ही हैं।
Beta pehle gujar jaati ka itihaas jan le , Jaati bhaskar padh le waha gujar ko kis varn me likha hai woh jan le aur waise toh gujarat ke brahman ko bhi gujar likhte hai woh bhi janle , aur beta asli kshatriyo ka gotra brahmano ke gotra se milte hai uski jankari prapt karo kshatriyo ka rishi gotra hota sirf
@imvishwaraj रही बात तो मेरी जाति का इतिहास मैं नहीं जानती यह कौन जाने का भाई तू जो भी बात कर रहा है मैंने सब कुछ पढ़ रखा है सब कुछ जान रखा है मैं कोई अनपढ़ नहीं हूं या नासमझ नहीं हूं जो आप मुझे इतना ज्ञान दे रहे हैं। जाति का उदय कहां से हुआ सब कुछ पता है ।
@@a.g.khatana me tuje aur teri jaati ko sachai bata raha hu pehle aur aaj bhi apke kai gujar bhai khudko rajputo se nikala mante hai jisne gujar ladki se shaadi karli aur pratihar vansh pehle se hi Rajput vansh he jiska apki jaati se koi lena dena nhi hai
सम्राट मिहिर भोज गुर्जर समाज के थे है और रहेंगे। गोत्र अनेक जातियों में एक जैसी है लेकिन गुर्जर शब्द सिर्फ गुर्जर समाज के लिए है । इतिहास एवं सम्पूर्ण अभिलेख में तो गुर्जर प्रतिहार वंश ही लिखा है ।
beta asli kshatriya aur nakli me gotra ka hi fark hota hai , kisi asli brahman, kshatriya aur vaishya ko uska gotra puchna woh hamesha rishi gotra bolega jese ki goutam,vasisth,atri,kashyap,bhardwaj , aur wahi dusri caste ko puchega toh woh clan ka nam, purvaj ka nam, gaon ka nam bolega. Agar tuje gujar jaati ka varn jan na ho to jaati bhaskar padh lena beta aur koi ek proof dikhade jaha 1990 ke pehle kisi gujar ko Gurjar likha ho aur ek book bhi me bata ta hu tuje Jats, Gujars and Ahirs by AH bingley published in 1918 yeh padhle tuje sab pata lag jayega
गुर्जर समाज से
अगर हिन्दू जातिया एसे ही आपस में लड़ती रहेगी तो तो मूस्लमानो से राष्ट्र को कौन बचाएगा इसलिए अब समय आगया है चार वर्णों का क्षत्रिय ब्राह्मण वैश्य शूद्र आज प्रत्येक हिन्दू को अपनी जाति के साथ वर्ण को भी लगाना चाहिए जैसे क्षत्रिय राजपूत क्षत्रिय गुर्जर क्षत्रिय अहीर क्योंकि आज जीतनी भी मार्शल कोम है इन सभी का निकास क्षत्रिय वर्ण से ही हुआ है इन सब के तार क्षत्रिय महापुरुषों से ही जूडे मिलेंगे किसी के बीस पीढ़ी पहले किसी के पचास पीढ़ी पहले किसी का सौ पीढ़ी पहले इसलिए क्षत्रियों आपस में मत लड़ो एक रहोगे तो नेक रहोगे बटोगै तो कटोगे बंग्लादेश न बनजाये भारत
गुर्जर प्रतिहार मिहिर भोज की जय
सारे अभिलेख में गुर्जर की भरमार है
किताबो में गुर्जर प्रतिहार लिखा हैं उसी के अनुसार गुर्जर प्रतिहार लिखा जाता हैं तो किसी को आपत्ति क्यों होती हैं
बुद्धिजीव वर्ग को सब पता है लेकिन पता होते हुए भी लोग मौन है
सारे अभिलेख शिलालेख में गुर्जर शब्द की भरमार है
बावली बुच गुर्जर स्थान वाचक शब्द है
स्याणी ये बता 😂😂 राजपूत, राजपूताना, ठाकुर ये एक ही जाति हैं या अलग अलग है 😂😂,, बेटा राजपूत शब्द 13 वी सताब्दी के बाद आया,, गुर्जर जाति का नाम कब से एक बार पढ़ ले,, गुर्जर सम्राट मिहिरभोज जी का कितने प्रमाण दिखाऊं तेरे को शिलालेख दिखाऊं,,, सच को हजम करना सीख लो बेटा,, कल एक न्यूज में देख रहा था मै उसमे तुम वीर तेजाजी महाराज को राजपूत बता रहे थे 😂😂😂,, जो पूरी जनता जानती है ये जाट समाज से है 😂😂😂,, कुछ महीने पहले तुम राणा पूंजा को अपना बाप बता रहे थे जो भील समाज से आते है,, किस किस बाप बनाओगे ये बता
@@जय_जवान_जय_किसान गुजर कहा लिख हे ओर जहा पर भी गुर्जर शब्द आया है वह अकेला नहीं है उसके साथ गुर्जर नरेश या गुर्जर राज और गुर्जर अधिपति लिख हे कोई राजा आपनी जाति के लिए इस शब्दो का प्रयोग नही करता है
@@जय_जवान_जय_किसान ओर स्वयं प्रतिहारो ने कभी भी आपने लिए चाहे स्थान के लिए हो प्रतिहारो के किस अभिलेख में गुर्जर लिखा हुआ नही है यह भी बता दे अन्य देश के राजाओं ने उने गुर्जर देश राजा हे गुजर जाति का राजा नही कहा
@@virendrasingh1947गुर्जर आधिपत्य का मतलब पता हे पढ़े लिखे अनपढ़ गुर्जर आधिपत्य गुर्जरों का राजा गुर्जरों द्वारा रक्षित परदेश
सभी इतिहासकार एक मत से स्वीकार करते हैं कि भारतीय क्षत्रिय वर्ण "आर्य हूणो",,,, "आर्य कुषाणो" और "आर्य शको" से बना है, इन ट्राइब्स से ही गुर्जर, जाट, यादव जैसी क्षत्रिय जातियाँ बनी,, और बाद में तेरहवीं शताब्दी में बनें "राजपूत समूह" का कुछ हिस्सा इन क्षत्रिय जातियो के वंशजों के नेतृत्व से अन्य सभी भारतीय जनजातियों के मिश्रण से बना,,,तभी सभी राज्यों में राजपूत मिलते हैं जो डीएनए, रहन-सहन,,खान-पान और रीति रिवाजो से बिल्कुल भिन्न है।
1857 केबाद गुर्जरों के किले तोड़े गए गुर्जरों की जमीन जमीन हड़प्पी गई जो अंग्रेजों का और मुगलों का कहना मानते थे हुकुम मानते थे उनके किले रखे गए थे और गुर्जर बागी हो गए थे अपना जीवन व्यापन करने के लिए चरवाहा बन गए भैंस गाय चरानेलग गए थे और इधर राजपूत ने अपनाहक जमा लिया सत्य है पर कड़वा है राजपूत भाइयों को मान लेना चाहिए कि मिहिर भोज गुर्जर थे ❤❤❤
गुर्जर गुर्जर गुर्जर गुर्जर है तो है
गुर्जर राजा है
गुर्जर है 🚩⚔️🚩🦅💪
राजा मिहिर भोज गुर्जर थे वंश में कई जातियां आती है
गुर्जर पृतिहार सम्राट मिहिर भोज
राजपूत नाम की कोई जाति नहीं है राजपूत शब्द तो 1600 ई बाद आया है कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान को राजपूताना कहा वहां से ही इन लोगों ने अपने आप को राजपूत कहने लग गए
Jai क्षत्रिय smrat mihir bhoj
अब गुर्जर समाज को 500 साल बाद याद ये याद आया की मिहिर भोज और प्रथ्वी राज चौहान गुर्जर है?? दोनों राजाओं के वंसज अभी भी है और उनके वंसजो के पास पृथ्वी राज चौहान और मिहिर भोज के वंसज होने का सबूत है और वे वंसज खुद को राजपूत कहते है, दूसरी बात जो लाखों राजपूत अपने नाम के आगे चौहान लगाते हैं वो पृथ्वी राज चौहान से नही है, हद है झुट बोलकर इन महान हिदुआ सूरज प्रतापी राजाओं की जाति बदलने की कोशिस की
@@ghanshyamrathore2856 और लाखो चौहान गुर्जर है खुद पृथ्वी राज चौहान की नगरी अजमेर में सभी चौहान गुर्जर है। वहा कोई चौहान राजपूत नही है उसका क्या । और। गुर्जरों द्वारा गोरी को पराजित करने का प्रमाण है ।
अब अपने चौहानों से पूछ जाके की वो राजपूत क्यों है ।
@@ghanshyamrathore2856 Mihirbhoj ji 2020 tak to Gurjar hi the achanak tumhe yaad aaya kam se kam koi shilalekh to bta do jise dekhkar tumhe yaad aaya hoga 😃🤣
@@ghanshyamrathore2856 Gurjar samaj khud ke astitv ki ladai lad raha tha chahe to bikaner ke gangasingh ke samay dekh lo bikaner me Gurjar naganya hone ka karan yahi hai kyunki bhopa baba bagdawat padh rahe the us samay Gurjaro ki veerta sunkar gangasingh ke aag lgi or unhone devnarayanji ka fad ka vachan rajya me ben karwa diya jiske karan Gurjar samaj ke log vaha se aa gye
Chouhan to nai chude chamar bhi h to kya ab vo unke ho gye@@Ramughodrok-pr1ov
ये डीएनए नहीं करा लेते हैं जो हिमाचल में महाराज रहते हैं मिहिर भोज वंश के हैं
जय मां भवानी जय राजपुताना हुकुम मिहिर भोज प्रतिहार राजपूत है थे और रहेंगे
Gurjar 🎉
इतिहास में गुर्जर प्रतिहार वंश का उल्लेख ईस्वी सन् 730 से प्रामाण है 8 शताब्दी से है और राजपूत 13 वी शताब्दी में अस्तित्व में आया मतलब तेरहवीं शताब्दी से पहले राजपूत शब्द ही नहीं था तो फिर विवाद क्यों
पवित्र गुर्जर को भी पढ़ना चाहिए 😂❤❤ बाकी मिहिर भोज गुर्जर थे
गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज गुर्जर जाति से हैं इसमें कोई दो राय नहीं है जिस कॉलेज में आप गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति से गुर्जर शब्द हटाने की बात कर रहे हैं उसे कॉलेज का नाम ही गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज कॉलेज है और वह कॉलेज जब यह देश आजाद नहीं हुआ है हुआ था उससे कई साल पहले से ही वह कॉलेज गुर्जर की है और गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से है उसी में गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति पहले से ही लगी हुई लेकिन वह प्रतिमा छोटी थी तो सभी ने मिलकर बड़ी प्रतिमा बनवाई गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की दादरी कॉलेज के अंदर और उसे मूर्ति के उद्घाटन में सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाया था और जितने भी सब गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के समकालीन शिलालेख तमपत्र विदेशी राइटर इन सब का इशारा एक ही तरफ जाता है वह है गुर्जर जाति गुर्जर सम्राट मिहिर भोज को हर जगह गुर्जर जाति का ही लिखा हुआ है नोट योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति का अनावरण किया है उत्तराखंड के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री नेवी गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया है ऐसी कहानी सारी मूर्तियां लगी है जो कई वर्षों पुरानी है गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के नाम से कई राजमार्ग के नामकरण भी हुए हैं चीन में कई मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री शामिल थे उद्घाटन के अंदर अब 2-3 साल से गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज के ऊपर कुछ लोग झूठा दावा कर रहे हैं अपनी जाति का होने का और सरासर गलत है इतिहास में स्थापित है कि गुर्जर सम्राट मिहिर भोज गुर्जर जाति के थे और रहेंगे Jay Jay Gurjar Samrat Mihir Bhoj mahan
गुर्जर प्रतिहारो पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पीएचडी हो चुकी जिसमे उन्हें गुर्जर जाति का बताया है
राष्ट्रकूट और पालो के शिलालेख और ताम्र पत्रों में प्रतिहारो को गुर्जर जाति का बताया गया है
राष्ट्रकूटो और पालो ने भी प्रतिहारो को गुर्जर कहा है
जय गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिरभोज जी की
बाकी जलने वाले ब्रह्मवर्त पुराण पढ़े तुम्हारी सचाई बताई गई हैं उत्पति के संबंध में 😃🤣🤣
गुर्जर
माली जाति में भी चौहान होते हैं कल के दिन माली जाति के भी कहेंगे कि वह ना गुर्जर थे ना राजपूत वह तो माली थे तेली जाति के लोग राठौर लिखने लगे काछी जाति के लोग कुशवाहा लिखने लगे- .... कल यह भी कहेंगे कि राष्ट्रकूट राजपूत नहीं तेली जाति से संबंधित है.... फिर काछी जाति के लोग कहेंगे .... किमान सिंह राजपूत नहीं वह तो काछी थे ..... भील जाति के लोगों ने तो बुक लिख दी है की महाराणा प्रताप राजपूत नहीं भील थे... राजपूतों के 36 वंश को 36 जातियों से जोड़ दो और जब गाली देने की बारी आए तब राजपूत शब्द को गाली दो
@@ThakurNahushSingh बेटा समकालीन प्रमाण शिलालेख और ताम्र पत्र भी कोई चीज होती है उनके बारे में पढ़ना लगता है तूने इनका नाम ही नही सुना इसलिए कुछ भी लिख रहा है
तुम बोल रहे हो मालियो में चौहान होते हैं होते होंगे लेकिन पृथ्विराज चौहान और उसके दरबारी कवियों द्वारा माली नही लिखा गया ना ही राजपुत ना ही कुछ और गुर्जर लिखा है तो गुर्जर ही तो होंगे अगर राजपुत होते तो राजपुत लिखते ना बेवकूफ कही का 😃🤣
@@ThakurNahushSingh राष्ट्रकूट यादव थे उन्होने यदुवंशी लिखा है अपने आपकों पहले पढ़ लेते 😃🤣
Aur Ahir yadav nahi hote 😂@@sitarambki2182
@@ThakurNahushSingh तुम भी कन्फ्यूजन वाली हिस्ट्री पढ़े हो ,,,,कोई भी "क्षत्रिय जातियां" पुरातन नहीं है,,, "क्षत्रिय गोत्र" पुरातन है,,,, और उन्ही "क्षत्रिय गोत्रो" के लोग अलग-अलग कालखंड में इकठ्ठे होकर अलग-अलग "क्षत्रिय जातियाँ" बनाते रहें हैं ,,,,,,लेकिन हम कालखंड को देखे बिना, किसी एक गोत्र जाति के राजा को उस तेरहवीं शताब्दी की राजपूत जाति में नहीं रख सकते जो कि उस कालखंड में अस्तित्व ही नहीं रखती थी,,बल्कि राजपूत तो कोई जाति ही नहीं है ये एक क्लास है जिसमें सभी जातियों जनजातियों यहाँ तक कि दलित कहे जाने वाले दक्षिण भारत के क्षत्रप(लोकल लीडर) भी जुड़ते रहें हैं आजादी मिलने के कुछ सालों पहले तक भी लोग जुड़े हैं जैसे सिंधिया परिवार जो एक मराठी समूह से आता था और बाद में राजपूत कहलाने लगा ,,,,,अब जैसे मानो कुछ सौ सालो बाद राजपूतो से एक जनसमूह अलग हो जाये और वह कुछ और जाति के लोगो के साथ मिलकर अपने समूह का नाम "बीटापूत" रख ले और कहने लगे कि कि महाराणा प्रताप राजपूत समूह के नहीं बल्कि बीटापूत समूह के राजा है तो ये तो गलत होगा ना।,,,,क्योंकि महाराणा प्रताप बीटापूत शब्द को सुने ही नहीं तो उनकी आत्मा खुद को बीटापूत कहलाने में दुखी नहीं होगी क्या ?,,,,,,प्राचीन गुर्जर जाट यादव आदि ये सभी "क्षत्रिय जातियाँ" इन "आर्य क्षत्रिय गोत्रो" से बनी है-- चौहान,,परमार, चंदेल,हूण,चौहान,प्रतिहार,सोलंकी,चेची,कुषाण ,,रावल ,,रावत,,भाटी आदि।और सभी इतिहासकार मानते हैं कि ये सभी गोत्र मुख्यतया गुर्जर जाति में थे जो बाद में तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में मिल गये ।अधिकांश राजपूत भी गुर्जरो से निकले भाई ही है(केवल वे राजपूत जो क्षत्रिय गोत्रो से बने अन्य अनार्य नहीं),,,,,लेकिन दिक्कत ये है कि इस सच्चाई को यदि गुर्जरो से निकले हुए राजपूत भाई मानना भी चाहे, तो जो राजपूत गुर्जरो से नहीं निकले बल्कि अन्य अनार्य जातियों से निकले उनको इससे एतराज़ होगा।,,,,और इसलिए ही राजपूतो का सभी क्षत्रिय जातियो के राजाओं को लेकर विवाद रहता है क्योंकि उन जातियों के कुछ अंश तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में शामिल हो गये थे।,,,,भाई इतिहास को सामायिक तरिके से देखो तो सारे भ्रम और भ्रांतियाँ समाप्त होकर भाईचारा स्थापित हो सकता है, झूठ की बुनियाद पर नहीं ।बाकि सभी समान गोत्रो और ट्राइब्स से निकले लोग हैं केवल खुद को क्षत्रिय वर्ण का और क्षत्रिय राजाओं को ठेकेदार न मानकर सबको उनका वशंज मानकर ही समस्या का निदान होगा।
तुम्हारे कहे गए 36 राज कुलो में जाट क्यू लिखा हुआ ? दहिया क्यू लिखा हुआ है ? तक्षक क्यू लिखा हुआ है ?
है कोई जवाब तेरे पास ....?
ये भी बता देना के राजपूतों के डीएनए में जाट अहिर गुर्जर भील गोंड मीना ब्राह्मण और थाईलैंड कंबोडिया वाले लोगो का भी डीएनए क्यू मिलता है ... मिक्सपूट क्यू बोला जाता है तुम्हे?
ना तो क्षत्रिय कोई जाति है ना ही राजपूत कोई जाति है और न ही ठाकुर कोई जाति है तो तुम्हारी जाति क्या है...क्या बहाना बनाओगे अब ?
तीज को मनाई जाती है जयंती तारीख कोई भी पडे
कुछ लोग राजस्थान में शासन का क्षेत्र और किले गिनवाने की कह रहें हैं तो उनकी जानकारी के लिए
1. गुर्जरों द्वारा निर्मित राजस्थान के किले और एरिया = राजस्थान के मंडोर भीनमाल मेड़ता अजमेर मांडलगढ़ मांडल आसींद बदनौर गोरमघाट आधी दौसा और राजौरगढ़ वाले क्षेत्र में गुर्जर प्रतिहारो ने शासन किया
सुवर्णगिरीदुर्ग, कुचामन किला, राजौरगढ़ वाला क्षेत्र
मांडलगढ़ दुर्ग का निर्माण चानणा गुर्जर ने मांडिया भील की याद में
गंगरार दुर्ग का निर्माण खटाना गुर्जरों ने पहले पहाड़ी पर गणेश मंदिर बनवाया इसके बाद में दुर्ग का निर्माण करवाया
अजयमेरू दुर्ग का निर्माण बाबा अजयराज चौहान गुर्जर ने
बदनौर दुर्ग का निर्माण महाराजा बाघसिंह गुर्जर ने
नुआ जागिरि किले का निर्माण लोहमोड गुर्जरों ने
2. मीणा जाति का शासन =आमेर जमवा रामगढ़ आधी दौसा बूंदी वाला क्षेत्र
आमेर दुर्ग का प्रारंभिक निर्माण आमा मीण ने करवाया
3. जाट समाज का शासन= जांगलदेश अर्थात उत्तरी राजस्थान बीकानेर वाला क्षेत्र+धौलपुर भरतपुर
लोहागढ़ भरतपुर का निर्माण जाटों ने ही करवाया
4. भीलों का शासन क्षेत्र=वागड़ ईडर और कोटा वाला क्षेत्र में
डूंगरपुर को भीलों की पाल बांसवाड़ा बांसिया भील कोटा कोटिया भील और भीलवाड़ा का नाम भीलों के कारण ही पड़ा
5. मालव जाति का क्षेत्र= नगर रेड टोंक वाला
6 शिवि जाति का मेवाड वाले क्षेत्र में
7. मेवाड नाम पड़ा मेद/मेर जनजाति के कारण
8. योधेयो का शासन=जाटों से पहले गंगानगर हनुमानगढ़ में
इतना काफी है और बताऊं और ये सब प्रमाण सहित है इसके लिए वाट्सअप का ज्ञान देने मत आ जाना 😃🤣
जय श्री देव जय गुर्जरात्रा
बाप एक मांए अनेक तो क्यों बेस कर रहे हो बाप तो एक ही हे मां का क्या जातीं बाप से ही जानी जाती हे मां से नहीं
Tbhi tho bol rye h rajputo k baap kai the ma b bhot thi eso ko mix m rajput bola gya@@chandarveersinghtanwarramd2352
पृथ्वीराज चौहान भी गुज्जर थे तो तो उनके पोते गोपाल जी ने रणथंभोर के की स्थापना की ओर वहां के सभी शासक भी गुज्जर होंगे.....पर यह सभी शासक खुद को राजपूत क्यों कहते है......इनकी सभी ऐतिहासिक किताबों को उठाकर देख लो
Veer gurjar samaj
@@yogendrasinghrathore2551 ये प्रश्न तो उनसे पूछ जाके गुर्जरों से क्यू पूछ रहा है।
@@yogendrasinghrathore2551 prithviraj chauhan ne Gurjar likhwaya hai apne aap ko
Rahi baat ranthambore walo ki jo tum agnivansh kahte ho na vo 13 vi sadi me Gurjar se rajput bne is karan agni vansh utpatti hai vo agni me se paida nahi huye balki yagya karwakar Gurjar se rajput bne the
@@sitarambki2182 jabardasti ab rajao ko sikhaoge ki unke bap kya the
@@yogendrasinghrathore2551 भाई पहले यह बता कहां बता रखा है । कि वह राजपूत है। किसी शिलालेख में राजपूत जाति का नहीं बताया गया है। रणथंभौर और जालोर आदि जगह इनकी शाखाएं गई है। पर इने चौहान के नाम से ही पुकारा गया लिखा गया ना कि राजपूत।
सतयुग में पुष्कर का राजा कर्ण गुर्जर चेची जिसके दरबार में रहने वाले ब्रह्मण समाज के लोग गुर्जर गौड़ ब्राह्मण कहलाए लेकिन इन गोलों का कुछ नही हो सकता
Gurjar kanjar ka kuch nahi ho sakta... fokat ki bakwas karte yeah jungle mein rahne wale caste hai
अरबी यात्री और चीनी यात्रियों ने भी उन्हें गुर्जर बताया है
Jai Gurjar samrat mahir bhoj 🚩🚩🚩🚩🚩
Gurjjar 👑
पहले यह बताओ राजपूत किसके वंशज हैं बाद में मिहिरभोज जी बारे में बात करेंगे ❤
@@KRGurjar.. पहले tu बता की tu कुषाण हो या हुण हो
@@virendrasingh1947 कोनसे इतिहासकार के अनुसार बताऊं
@@KRGurjar.. किसी भी इतिहासकार nhi तुमरे अनुसार तुम किसके वशज हो वह तो तुम पता है तुम किसके वंशज हो इतिहास कार क्या करेगा इसमें
@@KRGurjar.. तूमे अपना पता नहीं ओर किसी पर भी दबा कर देते हो चंद इतिहास कारो कारण
@@KRGurjar.. अब बात किसका वशज ही तू
गुर्जर शब्द स्थान वाचक है ना की जातिवाचक और ग्वालियर किला भी राजपूत का ही है
राजपूत तो कहीं लिखा ही नहीं है तो आप उन्हें अपना क्यों बता रहे हो
@@Upcomingfauji36 chalo sthanvachak hai maan lete hai phir tumhare titkali kyu chal rahi Gurjar shabd ko raat me chori se mitane ki tum sthanvachak maan kar khush raho
@@rggurjargaming2843राजपूतों में प्रतिहार/परिहार वंश होता जो कि गुज्जरों में नहीं पाया जाता हैं। राजपूतों में प्रतिहार वंश के बहुत सारे रियासत अभी भी है लेकिन गुज्जरों में एक भी नही हैं। गुज्जर एक जनजाति जो पशुपालन से संबंधित हैं।
@@ScionofMallas भाई बातें मत बनाओ कहीं लिखा हो तो बताओ
भगवान देवनारायण जी का जन्म विक्रम संवत 968 मे हुआ उससे भी पहले गुर्जर जाति मौजूद थी
@@sitarambki2182 महाभारत काल मे भी गुर्जर थे गोकुल गांव पुरा गुर्जर समाज का था आज भी हमारे राव पोथी गोकुल गांव से ही शुरु करते हे
रही बात गुर्जर का नाम गुर्जरात्रा से पडने का, तो भाई पहले स्थान का नाम जो खाली एक भूखण्ड है जिसका कोई नाम नहीं होता तो वहाँ बसने वाले लोग उस बिना नाम वाले भूखण्ड का नाम अपने समूह या मैथोलाॅजी के हिसाब से रखते हैं,,,,,बाद में उस क्षेत्र में रहने वाले अन्य या दूसरे समूह के लोग भी उस समूह के दिये नाम को स्वीकार करते हैं और बाहर कहीं जाकर खुद को उस क्षेत्र के नाम से परिचय देते हैं,,,,,,जैसे पहले आर्यो के वर्चस्व के कारण इस देश का नाम आर्यव्रत पड़ा, जबकि यहाँ अनार्य लोग भी रहते थे,लेकिन आर्य अस्तित्व रगते थे तो आर्यव्रत नाम पड़ा यदि आर्य ना होते तो आर्यव्रत नाम कैसे पडता? दूसरा उदाहरण राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा जबकि राजा भरत के समुदाय से अन्य समुदायों के राजा चाहे छोटे क्षेत्र के राजा थे लेकिन वे भी भारत में मौजूद तो थे ,,,लेकिन आज उन दूसरे समुदायों के राजाओं के वंशज भी खुद को गर्व से भारती कहते हैं। ऐसे ही जाहिर सी बात है गुर्जरो की वजह से उस क्षेत्र का नाम गुर्जरात्रा पड़ा बाद में चाहे अन्य समुदायों के लोग भी खुद को वहाँ का निवासी होने के कारण गुर्जर बनिया या गुर्जर ब्राह्मण कहने लगे हो।
Nice gurjar
मैंने सभी भाइयों के कमेंट देखें हैं कोई कहता है गुर्जर क्षेत्र का कोई कहता है वह गुर्जर नहीं थी पहले तो आपको मैं जानकारी दे दूं कि वह गुजर थे दूसरी बात बताऊं मैं आपको जब गुर्जर कोई जाति नहीं थी तो गुर्जर कहां से आया गुर्जर क्षेत्र का नाम कैसे निकाला राजस्थान में जैसे मेवाड़ मारवाड़ को राजपूताना घोषित किया था वह राजपूत राजा थे तभी तो किया था इस प्रकार से पहले गुर्जरों का शासक था इसलिए गुर्जर प्रदेश का नाम पड़ा था और अभिलेख शिलालेख देखो आप उसमें सब सामने आ जाएगा
गुर्जर देश के पास ही लाट देश भी उसी समय था, अब तू ये बता कि लाट जाति तो थी नहीं अब लाट देश कैसे हैं इतिहास में मगध देश भी था
इनके राजा को गुर्जर नरेश
लाट नरेश
मगध नरेश बोला जाता है तो अब इसके हिसाब ये इनकी जाति हुई
इतिहास चोरों भैंस चोरी करने के बाद अब इतिहास चोरी शुरू कर दी।
सुधर जाओ हरामियों बेशर्म हो तुम😂
Gurjar Samrat mihir bhoj 🚩
Always Gurjar samrat Mihir Bhoj jai ho
क्षत्रिय राजपूती हो या आवश्यक नहीं क्षत्रिय कोई भी जाती हो सकती है
Gurjar samrat mihirbhoj prtihar Mahan
राजपूत सम्राट मिहिरभोज की जय
Rajput samrat Mihirbhoj ki jai ho
पत्रकार मोहदे अगर गुर्जर गलत होते तो दिल्ली कोर्ट का फैसला गुर्जरों के हक में ना आता
Abe kab aaya fesla kyo jhout bolta hai pata link daal es par jhout mat bol
🤣🤣🤣🤣🤣
@@uditsingh1193 गुर्जर थे । और क्या भाई इतिहास में उने गुर्जर जाति का बताया गया है। मैं खुद इतिहास का अध्ययन करता हूं।
@@a.g.khatana bhi gujjar ho hame koi atraaj nhi but jab tak coat ka fesla nhi aata tab tak na vo rajput hai na gujjar kyo ki patihaar ko rajput bataya gaya hai ithaas me but hum hindu hai hame jaati me baat kar agraj muslim ne hum par raaj kiya hai jo ki ab hum hindu nhi hone dege esliye bola coat ka fesla aane do
@@uditsingh1193 भाई साहब हां मैं गुर्जर हूं। हमारे महापुरुषों ने अपने धर्म अपने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया है। हम सब एक हैं यह भी बात सत्य है। क्षत्रिय कोम में जाट गुर्जर राजपूत यादव या अहीर आते हैं। देखना भगवान राम के वंशज जाट गुर्जर राजपूत है । यह तीनों जाति रघुवंशी सूर्यवंशी हैं। और तीनों जाति में देखना आपस में गोत्र हैं मिलते हैं। में इतिहास का अध्ययन कर चुका हूं। हम तीनों एक ही हैं। हम लोग अनेक शाखाएं में बंटे हुए हैं। अब हमें अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा करनी है।
जय श्री राम
मिहिर भोज जी की 78 वी पीढ़ी अभी जिंदा है तो उसने 20 साल पहले कोई मिहिर जी की जयन्ती या मूर्ति क्यों ना लगवाई???
नागौद जा कर देख ले कितनी lgi h
@@NeerajTomar17 गुर्जर समाज ने आज से 50 साल पहले दादरी मे मिहिर भोज कॉलेज व चौराहों का नाम रखा ,, delhi highway का नामकरण ,, अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा अक्षर धाम मन्दिर मे murti इस्थापन करना,,तब आपको नहीं पता चला
Tab Tum Logon mein se ek ne bhi yah Nahin kaha ki Mihir Bhoj Rajput hai aur ab Mihir Bhoj ke Rajput Kahane Ki Baat Aaye To Baat Man Ki Ho Gai aur Man ke liye Gujar Marte Hain Karte Hain Sab Kuchh Karne Ko taiyar Ho Jaate Hain
मिहिरभोज जी की जयंती भाद्रपद शुक्ल तृतीया को आती है लेकिन पूरे माह को जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है गुर्जर समाज की तरफ से
GURJAR
Rajput smarth mihirbhoj ji
Koi bhi book ho sabme mihirbhoj ko rajpit kaal ka btaya gya hai
इनके फूफा कर्नल जेम्स टॉड ने भी ये लिखा है की इस विशाल राजपुताना कहे जाने वाले प्रदेश पर प्राचीन समय से ही राजपुत जाति का उल्लेख नहीं मिलता बल्कि यहा तो सिंह समान गर्जने वाली गुर्जर जाति का उल्लेख मिलता है तो इनका रिश्तेदार झूठ बोला और लिखा था क्या 😃🤣🤣
Tere fufa reservation kyu lete hai gujjar
गुर्जर सम्राट मिहिरभोज
राजपूताना नाम राजपुतो से हाड़ौती नाम हड़ाओ से शेखावाटी नाम मोमिन शेख के वंशज शेखावत राजपुतो से मेवाड मेर/मेद जनजाति से लेकिन गुर्जरात्रा जिसका अर्थ होता है गुर्जरों द्वारा रक्षित क्षेत्र वहा पर आते ही ये लोग वो गुर्जर अलग थे तुम अलग अरे ऐसा दोगला पन कहा से लाते हो 😃🤣
मिहिर भोज के समकालीन शासकों राष्ट्रकूट और पालो ने अपने अभिलेखों में उन्हें गुर्जर कहकर संबोधित किया है। 851 ईसवी में भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री सुलेमान ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जरदेश कहा है
गुर्जर स्थानवाचक शब्द नही था गुर्जरों के कारण ही गुर्जर प्रदेश कहा गया इसके कई प्रमाण है। जैसे गुर्जरों द्वारा मालेचो का विनाश करना इससे पता चलता है गुर्जर इस धरती के क्षत्रिय है ।
@@Ramughodrok-pr1ov सही बात है भाई , रहा मसला गुर्जर का नाम गुर्जरात्रा से पडने का, तो भाई पहले स्थान का नाम जो खाली एक भूखण्ड है जिसका कोई नाम नहीं होता तो वहाँ बसने वाले लोग उस बिना नाम वाले भूखण्ड का नाम अपने समूह या मैथोलाॅजी के हिसाब से रखते हैं,,,,,बाद में उस क्षेत्र में रहने वाले अन्य या दूसरे समूह के लोग भी उस समूह के दिये नाम को स्वीकार करते हैं और बाहर कहीं जाकर खुद को उस क्षेत्र के नाम से परिचय देते हैं,,,,,,जैसे पहले आर्यो के वर्चस्व के कारण इस देश का नाम आर्यव्रत पड़ा, जबकि यहाँ अनार्य लोग भी रहते थे,लेकिन आर्य अस्तित्व रगते थे तो आर्यव्रत नाम पड़ा यदि आर्य ना होते तो आर्यव्रत नाम कैसे पडता? दूसरा उदाहरण राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा जबकि राजा भरत के समुदाय से अन्य समुदायों के राजा चाहे छोटे क्षेत्र के राजा थे लेकिन वे भी भारत में मौजूद तो थे ,,,लेकिन आज उन दूसरे समुदायों के राजाओं के वंशज भी खुद को गर्व से भारती कहते हैं। ऐसे ही जाहिर सी बात है गुर्जरो की वजह से उस क्षेत्र का नाम गुर्जरात्रा पड़ा बाद में चाहे अन्य समुदायों के लोग भी खुद को वहाँ का निवासी होने के कारण गुर्जर बनिया या गुर्जर ब्राह्मण कहने लगे हो।
@@SunilKumar-xk7ol बिलकुल सही बात है भाई गुर्जरों को भी सूर्यवंशी तथा रघुवंशी ही कहते है। 1801 में जातिगत डीएनए 🧬 टेस्ट हुआ था । उसमे भी गुर्जरों को आर्य की संतान घोषित किया गया था । गुर्जर की नाक का इंडेक्स 66.8 था जो की भारत की किसी भी जाति का नही है । और गुर्जरों का उल्लेख पुराणों में भी है इससे पता चलता है गुर्जर एक संस्कृति है जिससे अंग्रेजों और तथा कथित जलने वाले के द्वारा इतिहास में जगह नहीं दी । इसका फायदा असामाजिक तत्वों ने उठाया है। गुर्जर ने जितना भू भाग पर सासन किया है उतना तो किसी ने भी नही किया ।
प्रतिहार क्यों बोल रहे हो पूरा 👉 गुर्जर प्रतिहार बोलो
गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ❤❤
" 🕉️🕉️ हिन्दू क्षत्रिय सम्राट मिहिर भोज 🕉️🕉️🚩🚩 " लिखना चाहिए, गुर्जर/राजपूत/इत्यादि जातियों का नाम नही लिखना चाहिए , हिन्दू समाज को राजनीतिक षडयंत्र/बहकावे में नही आना चाहिए और समझदारी से काम लेना चाहिए । 🚩🚩
इस पवित्र गुर्जर को कुछ बोलना नहीं आता किसने बैठा दिया इसको गुर्जर समाज में एक से एक प्रवक्ता हैं
राजपूत गुर्जर राजाओं के द्वारा अन्य रानियों से पैदा हुए पुत्र राजपुत्र , गोला, बांदा अन्य नामों से जाना था और अब बात राजपूत शब्द 13वी शताब्दी के आसपास उत्पति हुई
पाड़ी चोर ओर किसी को भी बाप बना लो
महिरभोज के वंसज कहा है
Ahe bhai Raj khon he kahe se
Tumari kab hui
गुर्जरप्रदेश के सम्राठ मिहिरभोज प्रतिहार राजपूत / क्षत्रिय 💪🚩🚩🚩
सभी इतिहासकार एक मत से स्वीकार करते हैं कि भारतीय क्षत्रिय वर्ण "आर्य हूणो",,,, "आर्य कुषाणो" और "आर्य शको" से बना है, इन ट्राइब्स से ही गुर्जर, जाट, यादव जैसी क्षत्रिय जातियाँ बनी,, और बाद में तेरहवीं शताब्दी में बनें "राजपूत समूह" का कुछ हिस्सा इन क्षत्रिय जातियो के वंशजों के नेतृत्व से अन्य सभी भारतीय जनजातियों के मिश्रण से बना,,,तभी सभी राज्यों में राजपूत मिलते हैं जो डीएनए, रहन-सहन,,खान-पान और रीति रिवाजो से बिल्कुल भिन्न है।
Gurjaro ka baap banana h toh wese hi bol de 😂😂😂
जिनको सम्राट नहीं लिखना आता हो ll वो क्या हमारे गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर जी अपना बना पाएंगे
यह सब गुजरी महल से निकले हैं
@@shyampratapshekhawat7194 मुगलों के हरम की पैदाइश दूसरों को ही अपनी तरह बेटीबेचा साबित करने की कोशिश से खुश होते हैं,,,और तुम्हारे हिसाब से तो तेरहवीं शताब्दी में गुर्जर सत्ता में नहीं थे तो गुर्जरो की लड़की से कोई बादशाह शादी क्यो करता 😂,,,तुम भी सैकड़ो प्रमाणित राजपूतनीयो के मुगलों से विवाह के जवाब में गुजरी महल की काल्पनिक अवधारणा को लिए घूम रहा है 😂😂,,,,,पर अफसोस ये एकमात्र किस्सा जो गढ़ा गया है वो भी फर्जी है क्योंकि इस महल के आर्कियोलॉजीकल सर्वे की रिपोर्ट में ये छठी शताब्दी में गुर्जर राजाओं के द्वारा बनवाया गया गुर्जर महल था जिसे लगभग "सात सौ" साल बाद आये तुगलक वंश का कब्जा हो गया था😂😂,,,,जिसे कालांतर में गुर्जरो द्वारा बनवाये जाने के कारण गुर्जरी महल कहा जाने लगा।जैसे किसी राजपूत द्वारा बनवाये गये महल को "राजपूती महल" कहेंगे इसका ये मतलब नहीं कि ये राजपूती के लिए बना महल है,,,मराठा द्वारा बनवाये गये महल को मराठी महल कहेंगे इसका मतलब ये नहीं कि ये किसी मराठी लड़की के लिए बना महल है। ,,,,बेचारे अपने जैसे नीच ढूंढते फिरते हैं फिर भी नहीं मिलते ऐसे ⬇️⬇️
💃जनवरी 1562, अकबर ने राजा भारमल की बेटी से शादी की (कछवाहा-अंबेर)
💃नवंबर 1569, महारावल हरिराज सिंह ने अपनी पुत्री राजकुमारी नाथी बाई का विवाह अकबर से किया (भाटी-जैसलमेर)[11][12][13][14]
💃जनवरी 1299, अल्लालुुुदीन खिलजी का विवाह गुजरात के वाघेला राजपूत राजा कर्ण की पत्नी कमलादेवी के साथ विवाह।
💃15 नवंबर 1570, राय कल्याण सिंह ने अपनी भतीजी का विवाह अकबर से किया (राठौर-बीकानेर)
💃1570, मालदेव ने अपनी पुत्री रुक्मावती का अकबर से विवाह किया (राठौर-जोधपुर)
💃1573, नगरकोट के राजा जयचंद की पुत्री से अकबर का विवाह (नगरकोट)
💃मार्च 1577, डूंगरपुर के रावल की बेटी से अकबर का विवाह (गहलोत-डूंगरपुर)
💃1581, केशवदास ने अपनी पुत्री का विवाह अकबर से किया (राठौर-मोरता)
💃16 फरवरी, 1584, राजकुमार सलीम (जहांगीर) का भगवंत दास की बेटी से विवाह (कछवाहा-आंबेर)
💃1587, राजकुमार सलीम (जहांगीर) का जोधपुर के मोटा राजा की बेटी से विवाह (राठौर-जोधपुर)
💃2 अक्टूबर 1595, रायमल की बेटी से दानियाल का विवाह (राठौर-जोधपुर)
💃28 मई 1608, जहांगीर ने राजा जगत सिंह की बेटी से विवाह किया (कछवाहा-आंबेर)
💃1 फरवरी, 1609, जहांगीर ने राम चंद्र बुंदेला की बेटी से विवाह किया (बुंदेला, ओर्छा)
💃अप्रैल 1624, राजकुमार परवेज का विवाह राजा गज सिंह की बहन से (राठौर-जोधपुर)
💃1654, राजकुमार सुलेमान शिकोह से राजा अमर सिंह की बेटी का विवाह (राठौर-नागौर)
💃17 नवंबर 1661, मोहम्मद मुअज्जम का विवाह किशनगढ़ के राजा रूप सिंह राठौर की बेटी से (राठौर-किशनगढ़)
💃5 जुलाई 1678, औरंगजेब के पुत्र मोहम्मद आजाम का विवाह कीरत सिंह की बेटी से हुआ. कीरत सिंह मशहूर राजा जय सिंह के पुत्र थे (कछवाहा-आंबेर)
💃30 जुलाई 1681, औरंगजेब के पुत्र काम बख्श की शादी अमरचंद की बेटी से हुए (शेखावत-मनोहरपुर)[15][16][17]
राजपूत और क्षत्रिय सेनीक और सेनापति राजा और प्रजा अन्तर साफ है क्षत्रिय का योग्य बालक ही राजा बनता है सेनिक से ही सेना पती है और प्रजा से ही राजा निकलता है गुर्जर का अर्थ भी क्षत्रिय है और प्रतिहार वंश भी क्षत्रिय है दोनों क्षत्रिय है यह जाती कि लड़ाई है न कि वंश परम्परा कि वंश तो सबके है
सर में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज गुर्जर थे है और रहेंगे ये बोल रहे थे ना की up में एक समाज में मूर्ति स्थापित की ओर गुर्जर नाम लिखा तो में इनसे भी पूछना चाहता हूं आप महाराणा प्रताप के आगे राजपूत क्यू लिखते हैं और गुर्जर किसी के गुलाम नही रहा, ना मुगलों से, ना अग्रेजो से, ना आज सरकार से
देश के आजाद होने की 5 साल बाद तक वेश्यावृत्ति वाली जाति में शामिल थे
बात करता है गुलाम की
बेटा एक भी मुर्ति के आगे राजपूत नाम दिखा में तु बोलेगा वो करने के लिए तेयार हु महाराणा प्रताप सिंह जी के आगे हो या सम्राट पृथ्वीराज सिंह जी चौहान के आगे हो या वीर दुर्गादास सिंह जी राठौड़ के आगे हो या सम्राट मिहिरभोज जी के आगे हो दिखा दे बेटा
Gujjar hoon ki santaan hai jo ki 600 AD me iran se aaye. Pure mulle hai gujjar
मेरा मानना ये है कि पहले गोत्र प्रणाली ज्यादा प्रभावि थीं और कुछ गोत्र जो युद्ध मे निपुण थे चाहे वो आज की किसी भी ज़ाती ( अहीर, गुर्जर, जाट , कुर्मी, पंडित) से रहे हों उनका एकत्रीकरण होकर जातियां बनि। जो उन प्रभावी गोत्र के सरदार बने वे राजपूत कहलाये और बाद मे एक अलग जाती बन गए। 4 वर्ण और जातीय प्रणाली दोनों अलग अलग है। आज भी बहोत से समाज मे कुछ गोत्र समान मिल जायेगे जो इस बात को सिद्ध करता है ।
मिहिर भोज के पुत्र महेंद्रपाल के समय दरबारी राजशेखर ने महेंद्रपाल के लिए गर्जन्ती गुर्जर मेघ समाना लिखा हुआ है
Jai Veer Gurjar pratihara samrat mihir bhoj ki 🙏🚩
राजपुत तो पृथ्वीराज चौहान को भी राजपुत बताते थे पर कोर्ट ने फेसला कर दिया था
बेटा पढ़ ले जिंदगी सफल हो जायगी अभी से अपने पत्रक चोरी के काम मे मत पड! 😂😂
खैर छोड़ो जैसा खुन मे हीं चोरी और झूठ मिला है तो तेरी भी क्या गलती है!
@@hindisongs273 मां पन्नाधाय गुर्जरी जिंदाबाद चंदन जिंदाबाद
यह फैसला कब हुआ कोर्ट कब बोली
@@Lokeshgujjar86534 हाँ अब आ गया ना okkat पर दास और नौकर थे हिस्ट्री मे तुम राजा बनने की कोशिश मत किया करो 😎😎
गुर्जर प्रतिहारो की बोली गुर्जरी थी जो आज गुर्जर समाज की खुद की लैंग्वेज है लेकिन राजपूतों की राजपूतनी बोली कहा मिलती है 😃🤣🤣
Pawan gurjar ko jawab nehi mila to bhag gaya sala 💩jar
हिंदी = देवनागरी
देव यानि श्री राम + श्री कृष्ण यानी क्षत्रिय 💪🚩
@@greatkaafir7478 abe Pagal devnagari to lipi hai😅
@@greatkaafir7478 devnagri lipi hai bevkuf jo kewal tum mugalputo ki nahi Balki ham sanataniyo ki hai 😃🤣
पगलेते लिपि ही भाषा की मूल होती है@@rggurjargaming2843
Gujrat ka naam pahle saurashtra tha Gurjaro ke karan Gurjaratra naam pda jiska arth hota hai Gurjaro dwara rakshit kshetra
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट कनिष्क महान 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट मिहिरकुल हूण 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट मिहिरभोज 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट भोज परमार 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट अनंगपाल तंवर 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट विद्याधर चंदेल 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट दिद्दा चालुक्य 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट भीमदेव 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट सवाई भोज बगड़ावत 🚩🚩
जय भगवान् देवनारायण चौहान बगड़ावत 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर बगड़ावत वंशी पृथ्वीराज चौहान 🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट कनकपाल चौहान 🚩🚩
जय क्षत्रानी रामप्यारी गुर्जरी चौहान 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट हीरालाल चौहान 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सेनानायक प्रतापराव🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट राव उमराव भाटी 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट कासम सिंह भाटी 🚩🚩
जय क्षत्रिय गुर्जर सम्राट नैनसिंह नागर 🚩🚩💯💯
Sabko apna baap banalo
Are Me RAJA BHOJ PARMAR ka vanshaj hu Chor 😂😂⚔️⚔️🚩🚩❤❤jay rajputana
@@MR.Balveerediting लेकिन तु भोज परमार का वशंज है तो तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में क्यों गया ? लड़की देकर जागीर लेने के लिए 🤧,,,जो असली भोज परमार जी के वशंज हैं वो आज भी स्वाभिमानी वीर गुर्जर समाज में डट कर जी रहे हैं तुम्हारी तरह मुगलो के डर से कन्वर्ट होके राजपूत नहीं बने।,,,,,जय देशभक्त गुर्जर समाज,,, जय गुर्जरात्रा,,, जय देवनारायण 🙏🏼🗡🚩🚩
@@MR.Balveerediting तुम भी कन्फ्यूजन वाली हिस्ट्री पढ़े हो ,,,,कोई भी "क्षत्रिय जातियां" पुरातन नहीं है,,, "क्षत्रिय गोत्र" पुरातन है,,,, और उन्ही "क्षत्रिय गोत्रो" के लोग अलग-अलग कालखंड में इकठ्ठे होकर अलग-अलग "क्षत्रिय जातियाँ" बनाते रहें हैं ,,,,,,लेकिन हम कालखंड को देखे बिना, किसी एक गोत्र जाति के राजा को उस तेरहवीं शताब्दी की राजपूत जाति में नहीं रख सकते जो कि उस कालखंड में अस्तित्व ही नहीं रखती थी,,बल्कि राजपूत तो कोई जाति ही नहीं है ये एक क्लास है जिसमें सभी जातियों जनजातियों यहाँ तक कि दलित कहे जाने वाले दक्षिण भारत के क्षत्रप(लोकल लीडर) भी जुड़ते रहें हैं आजादी मिलने के कुछ सालों पहले तक भी लोग जुड़े हैं जैसे सिंधिया परिवार जो एक मराठी समूह से आता था और बाद में राजपूत कहलाने लगा ,,,,,अब जैसे मानो कुछ सौ सालो बाद राजपूतो से एक जनसमूह अलग हो जाये और वह कुछ और जाति के लोगो के साथ मिलकर अपने समूह का नाम "बीटापूत" रख ले और कहने लगे कि कि महाराणा प्रताप राजपूत समूह के नहीं बल्कि बीटापूत समूह के राजा है तो ये तो गलत होगा ना।,,,,क्योंकि महाराणा प्रताप बीटापूत शब्द को सुने ही नहीं तो उनकी आत्मा खुद को बीटापूत कहलाने में दुखी नहीं होगी क्या ?,,,,,,प्राचीन गुर्जर जाट यादव आदि ये सभी "क्षत्रिय जातियाँ" इन "आर्य क्षत्रिय गोत्रो" से बनी है-- चौहान,,परमार, चंदेल,हूण,चौहान,प्रतिहार,सोलंकी,चेची,कुषाण ,,रावल ,,रावत,,भाटी आदि।और सभी इतिहासकार मानते हैं कि ये सभी गोत्र मुख्यतया गुर्जर जाति में थे जो बाद में तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में मिल गये ।अधिकांश राजपूत भी गुर्जरो से निकले भाई ही है(केवल वे राजपूत जो क्षत्रिय गोत्रो से बने अन्य अनार्य नहीं),,,,,लेकिन दिक्कत ये है कि इस सच्चाई को यदि गुर्जरो से निकले हुए राजपूत भाई मानना भी चाहे, तो जो राजपूत गुर्जरो से नहीं निकले बल्कि अन्य अनार्य जातियों से निकले उनको इससे एतराज़ होगा।,,,,और इसलिए ही राजपूतो का सभी क्षत्रिय जातियो के राजाओं को लेकर विवाद रहता है क्योंकि उन जातियों के कुछ अंश तेरहवीं शताब्दी में राजपूत समूह में शामिल हो गये थे।,,,,भाई इतिहास को सामायिक तरिके से देखो तो सारे भ्रम और भ्रांतियाँ समाप्त होकर भाईचारा स्थापित हो सकता है, झूठ की बुनियाद पर नहीं ।बाकि सभी समान गोत्रो और ट्राइब्स से निकले लोग हैं केवल खुद को क्षत्रिय वर्ण का और क्षत्रिय राजाओं को ठेकेदार न मानकर सबको उनका वशंज मानकर ही समस्या का निदान होगा।
गुर्जर ( rajput राजवंश)
गुज्जर ( गोपाल, गोचर)
आज से 20 साल पहले ye sare , गुज्जर सरनेम lagate the , ab गुर्जर lagana suru kiya hai,
Varna koi गुज्जर royal family kha hai indian me , कहीं ऐसा तो nhai ki 13 ईस्वी ke bad sare गुज्जर राजाओं ne raj राजपूतों ko dediya
Muje गाली dene से Acha hoga गुज्जर भाई muje logic de , ladne se कुछ nhai hoga , bas नेताओं ko फायदा होगा, ham ek hi सनातन धर्म के भाई hai
अच्छा 😂 ठाकुर और ठाकर भी अलग अलग होते है ब्राह्मण और बामण भी और अहीर और हीर भी मुगलपुत्र
जोधा बाई सा का वंश😂
@@lekhrajsingh1374 rajasthan ja kar bagdawat itihas pado
hisar gujari mahal tughlaq dvara banaya gaya kotha😂😂😂😂
@@gheesushekhawat6491 मुगल तुम्हारे क्या है बताना जरा 😂🤣
ग्वालियर प्रशस्ति में सम्राट मिहिरभोज को गुर्जर प्रतिहार लिखा गया है
सर इंपॉर्टेंट यह है कि दादामिहिर भोज वैसे तो सबके हैं परंतु वह गुर्जर जाति से विलोम करते हैं परंतु राजपूत समाज के भाई उनको बता रहे हैं उनकी समाज का बतारहे हैं महाराणा प्रताप वीर शिवाजी महाराज उन पर तो हमने कभी आवाज नहीं उठाई राजस्थान की प्रसिद्ध मीराबाई पर भी हमने कभी आवाज नहीं उठाई मिहिर भोज गुर्जर सम्राट वह गुर्जर जातिके हैं सत्य तो सत्य ही रहेगा 1857 में क्रांति करने वाले भी गुर्जर थे सर आप भी अंदर सेसोचिए बात में सत्य है इतिहास में सत्य है तभी तो हम लड़ रहे हैं 🙂
उस समय गुज्जर शब्द परचलित था अरबी यात्री सुलेमान जो 850 ईस्वी लगभग उस टाइम भारत आया था उसने उनको गुर्जररात्रा व गुर्जरों द्वारा रक्षित परदेश कहा था आप का आज का सो कोई तथ्य पर नही
सूर्यवंशी वीर गुर्जर है
मैं खुद भगवान राम के पुत्र लव का वंशज लोर गुर्जर हू
😂
Suryavanshi nahi shudar keh sale chor
Haha suryavanshi nhi shudar keh 😂
गोचर वो भी सूर्यवंशी .? 😂😂😂😂😂
@@greatkaafir7478 जोधा बाई वंसी
जातीयता सिर्फ कर्म कि पहिचान है लेकिन वंश सभी के महान है समान है
Gurjar gurjar
गुर्जर देश एक स्थान वाचक
गुज्जर -- गोचर गौचर ,गूजर
गूजर एक घुमंतू यायावर चरवाहा जाति
इनके राजा महाराजा केवल वही है जो राजपूतों में है।
जबकि गूजरों के अन्य कितने ही गोत्र है उन गोत्र में कोई राजा क्यों नहीं है कोई।
और एंकर बिना किसी होमवर्क के बिना पढ़ाई के ही एंकरिंग करने बैठ गया है। भाई एंकर सूर्य वंश, चंद्र वंश,, अग्निवंश, , ऋषि वंश,, ये क्षत्रिय समाज के चार वंश हैं
क्षत्रिय समाज के अलावा किसी भी जाति में वंश व्यवस्था नहीं होती एंकर बोल रहा है कि सूर्य वंश गूजरों में भी पाया जाता है।
बकवास बोल रहा है गूजरों में सूर्य वंश बता रहा है। भाई एंकर इतिहास पर बोलने से पहले पढाई करे आया करों।
क्षत्रिय समाज में चार वंश,और 36 कुल है
Gurjar se hi Raja का पूत सपूत निकला है
Gurjar pratihar Samrat mihirbhoj Gurjar they
लकन जी का आप दिमाक खराब है की बात 7-8 सदी की चल रही है आप पर्तविराज रासो पे जा रहे हो उस टाइम पे जाओ ना तमाम ताम्रपात्र बुक्स में ,सिलालेक, इस समय के यात्री, भाषा आदि देको पीर , इतियास का विस्लेसक बनो thank you Ram ram sa
जय गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज
Jai Gurjar samaj ❤🚩
Jai samrat Gurjar Mihir bhoj 🚩
Jai gurjar Prithviraj Chauhan 🚩
Mohammad Ghori ne bhi apne aap ko gujjar pati bola hai 😂
👉👉👉 वराह अभिलेख, ग्वालियर प्रशस्ति, दौलतपुरअभिलेख, घटियाला शिलालेख, एहोल अभिलेख, मंडोर शिलालेख, 👉इसे सम्राट मिहिर भोज के गुर्जर प्रतिहार होने की जानकारी मिलती है
👉👉 अरब यात्री सुलेमान गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज के समय भारत यात्रा पर आया था
इसने मिहिर भोज को अरबों का अमित्र एवं इस्लाम का शत्रु बताया है
👉 यह जानकारी अरब यात्री सुलेमान की किताब उल_सिंध_दल_हिंद मैं मिलती है।
🙏🙏
😂 ab ye khega ki bedhm m rhne bale sab गुज्जर है। नगर mla 500 vote se जीता है ।याद rkh।yhi ko hu m।
मंत्री हे वो ताऊ जी है अपने भाई 🎉
नगर में कहा से हो
60000 vot h नगर में गुर्जरो की
और
ठाकुरों की 8000 है
bhinmal me gurjar prtihar ka raj raha prtihar me dewal, solanki, or parmar vansh aaj bhi hai or unke thikane bhi hai par gurjar ka ghar ek bhi nhi
mandor me gurjar pratihar rahe jisme inda shaka raj karti hai par gurjar ek bhi nhi hai
bhai yah faltu ki bate chodo or bhes chori karo
Gadri gurjar full support to our gujjar caste
भाई सभी 9 खापो को एक होने की जरूरत है हम नो नंगली गुर्जर एक थे एक है और रहेगें जय बगड़ावत जय देव दरबार की ❤
मुगलपुत्रो ने पूरी धरती पर कब से राज किया मुगलों और अंग्रेजो से जागीर मिली रोजी बेटी का संबंध करके 😃🤣🤣🤣
किसने तेरी मां ने
तुगलक को क्यों दी और मृगनैनी गुजरी कोन थी 😅 तुगलक और मान सिंह को भूल गए
@@ChiragParihar-o3i गुर्जर सवाईभोज और पृथ्वी राज चौहान को भूल गया
@@Ramughodrok-pr1ov anpadh rahe gye yr arakshan ke bad bhi , muje bata kyuki m khud pratihar hu , prithivi Raj bhi gochar bana diya kya ,
@@ChiragParihar-o3i तू प्रतिहार है तो हम भी तो प्रतिहार है पृथ्वी राज चौहान का इतिहास पड़ तब पता चलेगा तुझे की वो गुर्जर ही थे न की मुगलपुर बनाने का काम तुम कर रहे हो हमारे पास समकालीन प्रमाण है । अभी भी
Samrat Mihir Bhoj Ji Kay Vansaj Ha Unsay Kau Nahi Puanch Letay 🙏🙏🙏 Rajput Ha 🙏🙏🙏
गुर्जर नाम से इतनी चीड़ क्यों , तुम्हारे राजपूत हो सकते हैं हमारे गुर्जर नहीं
जय हो वीर गुर्जर सम्राट मिहिर भोज