कुल ऋषिकेश देवता को ध्याणियों द्वारा स्वर्ण छत्तर भेंट व भव्य शोभा यात्रा 17 अप्रैल 2024

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 เม.ย. 2024
  • ध्याणियों ने ऋषिकेश देवता को स्वर्ण छत्तर किया भेंट
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    देवताधार ( गरखेत जौनपुर)- जहाँ कभी महिलाओं को केवल गौण रूप में आँका जाता रहा है वहीं आजकल विशेष रूप से जौनपुर क्षेत्र की रैणी व ध्याणियों द्वारा धार्मिक आयोजनों में स्वैच्छिक आर्थिक सहयोग के द्वारा मिशाल पेश की जा रहीं हैं। जिनमें न केवल स्वर्ण- चाँदी के छत्तर व ढोल भेंट किये जा रहे बल्कि धार्मिक संस्कृति को पहाड़ों में एक नया आयाम दिया जा रहा है। इस प्रकार के आयोजन सामाजिक समरसता व सद्भाव को पिरोने में एक महत्वपूर्ण कदम कहा जा सकता है। आज जब एक परिवार हमारी मोबाइल संस्कृति की वजह से एक ही घर में अलगाव पैदा कर रहे हैं तो कहीं न कहीं ये आयोजन भौतिक रूप से भावनाओं को सामूहिक अभिव्यक्ति में सहायक तो बन ही सकते हैं। ये आयोजन एक जैसी पौशाक के साथ शालीन व आकर्षक तो हैं पर इससे भी ज्यादा ये अपने में गहन सामाजिक निहितार्थ लिए हुए हैं।
    इसी के तहत छौती, खास कुदाऊँ, ठक्कर कुदाऊँ,ठाल,बुराड़ी व परोगी की ध्याणियों द्वारा अपने कुल ऋषिकेश देवता देवताधार की पालकी को स्वर्ण छत्तर भेंट किया गया व साथ ही भव्य शोभा कलश यात्रा भी ढोल -दमाउ के साथ निकाली गयी। इस अवसर पर जसपाल सिंह पंवार द्वारा अपने कुल के श्री चरणों में एक भजन हारूल 'कुल प्यारो ऋषिकेश' भी समर्पित की गयी।मन्दिर समिति द्वारा सभी ध्याणियों को मन्दिर का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया व ब्राह्मणों द्वारा पूजा अर्चना कर सभी कुलवासियों की सुख -समृद्धि की कामना ऋषिकेश देवता से की गयी। मन्दिर समिति देवताधार द्वारा भंडारे की भी व्यवस्था की गयी थी। ....... जसपाल सिंह पंवार' जलज'
    17/04/2024( ५ गते बैसाख)

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